Mahesh Singh Naag Profile picture
Ideal Rashtrapita Mahatma Jotirao Fule, Rajashri Sahu Ji Maharaj, Periyar E.V.Ramasami Nayakar, WORLD JEWEL Babasaheb Dr.Ambedkar,Studied @BAMCEFinfo University
Dec 10 4 tweets 1 min read
BAMCEF & Rashtriya Mulnivasi Sangh 41st Joint National Convention and Bharat Mukti Morcha 14th National Convention.

Date:-18th December, 2024 to 22nd December, 2024,
Venue:-Magadh University Campus Ground,Opposite Health Center,Bodh Gaya, Bihar
Presided by:-Hon.Waman Meshram Image (National President, BAMCEF & Bharat Mukti Morcha, New Delhi)

#जॉइन_BAMCEF_भारतमुक्तिमोर्चा_बहुजनक्रांतिमोर्चा
#RMMS_राष्ट्रीयमूलनिवासीमहिलासंघ
#RAEP_राष्ट्रीयआदिवासीएकतापरिषद
#RPVM_राष्ट्रीयपिछडावर्गमोर्चा

#18दिसंबरचलोबोधगया #18DecemberChaloBodhGaya

#BanEVM #ईवीएम_हटाओ
Dec 6 4 tweets 1 min read
बहोत ही महत्वपूर्ण सूचना
राष्ट्रीय अधिवेशन के स्थान मे बदलाव

बामसेफ एवं राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ 41वां तथा14वां भारत मुक्ति मोर्चा का संयुक्त राष्ट्रीय अधिवेशन
दिनांक:18 से 22दिसंबर2024(बुधवार से रविवार तक)
स्थान:मगध विश्वविद्यालय कैम्पस मैदान,हेल्थ सेंटर के सामने बोधगया,बिहार🇮🇳 Image
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#जॉइन_BAMCEF_भारतमुक्तिमोर्चा_बहुजनक्रांतिमोर्चा
#RMMS_राष्ट्रीयमूलनिवासीमहिलासंघ
#RAEP_राष्ट्रीयआदिवासीएकतापरिषद
#RPVM_राष्ट्रीयपिछडावर्गमोर्चा

#18दिसंबरचलोबोधगया #18DecemberChaloBodhGaya

#BanEVM #ईवीएम_हटाओ
#BringBallotPaper #बेलोट_पेपर_लाओ
#SaveConstitution #संविधान_बचाओ
Dec 6 4 tweets 1 min read
*ये है तीनो माॅं के लाल*

*जिन्होने आज ही के दिन (बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस) 6दिसम्बर1978 को मूलनिवासी बहुजन समाज को जागरूक और संगठित करने के उद्देश्य से बामसेफ संगठन की स्थापना की..*

*1-जयपुर,राजस्थान के मान्यवर दीनाभाना जी*
*2-रोपड, पंजाब के मान्यवर कांशीराम जी* Image *3-पुणे,महाराष्ट्र के मान्यवर डी.के.खापर्डे जी*

*आज मूलनिवासी बहुजन समाज मे जो भी एकता और जागरूकता दिखाई दे रही वह प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से बामसेफ संगठन के सकारात्मक कार्य की बदौलत ही है|*

*जय संविधान-जय भारत-जय मूलनिवासी*

#जॉइन_BAMCEF_भारतमुक्तिमोर्चा_बहुजनक्रांतिमोर्चा
Dec 6 4 tweets 1 min read
*"समाज मे अनपढ़ लोग है ये हमारे समाज की समस्या नही है लेकिन जब समाज के पढ़े-लिखे लोग भी गलत बातो का समर्थन करने लगते है और गलत को सही दिखाने के लिए अपने बुद्धि का उपयोग करते है यही हमारे समाज की समस्या है|"*
-✍️बाबासाहब डॉ.बी.आर.आंबेडकर

*विश्वरत्न, Image
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महामानव बाबासाहब डॉ.बी.आर.आंबेडकर जी के 68वें महापरिनिर्वाण दिवस पर विनम्र अभिवादन..*

#जॉइन_BAMCEF_भारतमुक्तिमोर्चा_बहुजनक्रांतिमोर्चा
#RMMS_राष्ट्रीयमूलनिवासीमहिलासंघ
#RAEP_राष्ट्रीयआदिवासीएकतापरिषद
#RPVM_राष्ट्रीयपिछडावर्गमोर्चा

#18दिसंबरचलोबोधगया #18DecemberChaloBodhGaya
Nov 13 4 tweets 1 min read


*एलन मस्क भी बुद्ध को बेहद चाहता है| इलोन मस्क बुद्ध के मध्यम मार्ग का अनुयायी हैं|*

*मनुष्य के जीवन का उद्देश्य क्या है? क्या केवल बच्चे पैदा करना और अपने वर्चस्व के लिए साधनो का दुरूपयोग करना, यही मनुष्य जीवन का उद्देश्य है? बुद्ध ने मनुष्य जीवन को Image प्राणी जीवन से उन्नत समझा है, जिसमे विनाश और क्रुरता की बजाए जीवो का सम्मान और खुशहाली को जादा महत्व है| विज्ञान का इस्तेमाल विनाश के लिए करना मुर्खतापूर्ण होगा, विज्ञान के साथ धम्म की नैतिकता तथा मानवता जोडने पर ही धरती पर वैश्विक बंधुत्व और स्वर्ग जैसा खुशहाल जीवन बनाने मे हम
Nov 1 4 tweets 1 min read
मराठा-ओबीसी-बौद्ध जागरूकता सम्मेलन
छत्रपती शिवाजी महाराज के दूसरे राज्याभिषेक के अवसर पर छत्रपति क्रांति सेना, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा और बुध्दिस्ट इंटरनॅशनल नेटवर्क के सहयोग से 03नवंबर 2024 (रविवार) को सुबह 11:00 बजे से शाम 05:00 बजे तक Image स्थान: रामचन्द्र हॉल, बीड बाईपास, एमआईटी कॉलेज के सामने, छ.संभाजीनगर

#छत्रपति_क्रांति_सेना #राष्ट्रीय_पिछडावर्ग_OBC_मोर्चा #बुध्दिस्ट_इंटरनॅशनल_नेटवर्क
#जॉइन_BAMCEF_भारतमुक्तिमोर्चा_बहुजनक्रांतिमोर्चा
#RMMS_राष्ट्रीयमूलनिवासीमहिलासंघ
#RAEP_राष्ट्रीयआदिवासीएकतापरिषद
Oct 11 4 tweets 1 min read
#WamanMeshram
#महत्वपूर्ण_सूचना👈
MPTमूलनिवासी पब्लिकेशन ट्रस्ट ने अब तक 200 से ज्यादा विविध विषयो पर और बहुजन समाज के अनेक लेखको की किताबे प्रकाशित की है और आगे भी करते रहेंगे| अभी दिनांक 12अक्टूबर2024 के धम्मचक्र प्रवर्तन दिन के अवसर पर MPTमूलनिवासी पब्लिकेशन ट्रस्ट का बुक Image स्टॉल दीक्षाभूमि, नागपुर पर लगने जा रहा है और स्टॉल 11 से 14अक्टूबर तक रहेगा| हमारे स्टॉल का नंबर G 42, G 43 है| स्टॉल पर 200 से ज्यादा विविध टाइटल के किताबे उपलब्ध रहेंगे| आप दीक्षाभूमि आ रहे है तो जरूर MPTमूलनिवासी पब्लिकेशन ट्रस्ट के स्टॉल पर विजिट करे और विविध विषयो के किताबो
Sep 4 8 tweets 2 min read
महत्वपूर्ण सूचना:
"छत्रपति शिवाजी महाराज का बौद्ध धर्म से संबंध" के शीर्षक का एक एतिहासिक शोधग्रंथ 24 सितंबर के दिन प्रकाशित होने जा रहा है। भाजपा प्रणित सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रथम राज्याभिषेक के नाम पर उनका ब्राम्हणीकरण कर रहे है।लेकिन द्वितीय राज्याभिषेक अर्थात दूसरे

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अवैदिक तांत्रिक शाक्त राज्याभिषेक के 350वर्ष पर चुप्पी साधे हुए है।इस दूसरे राज्याभिषेक पर भी यथोचित चर्चा,संगोष्ठी करनी चाहिए।लेकिन फडणवीस को चर्चा से डर लग रहा है।इससे मराठा तथा देशभर के कुर्मियो को शाक्त परंपरा क्या है उसका संदर्भ और अर्थ क्या है इसके बारे में लोग चर्चा करेंगे
Aug 20 4 tweets 1 min read
*सर जेम्स प्रिंसेप ने धम्म लिपि को पढ़ लिया| उनके इस महान कार्य के कारण सम्राट अशोक और तथागत बुद्ध के एतिहासिक, पुरातात्विक प्रमाण सामने आए और भारत की वास्तविक पहचान बौद्ध भारत के रूप मे दुनिया ने जान ली|*

*आज जेम्स प्रिंसेप जी की 225वीं जन्मजयंती है| आज सांम को 8 बजे Live आकर Image उनके जन्मजयंती पर कुछ महत्वपूर्ण बात रखूंगा|*

*जेम्स प्रिंसेप जी के जन्मजयंती को ही ध्यान मे रखकर आज दैनिक जागरण मे शिवकांत शर्मा नामक ब्राह्मण ने एक शरारत पूर्ण लेख लिखा है| उसपर साइंस जर्नी पर हम एक डिबेट करवाने वाले है और चर्चा के लिए शर्मा को ही बुलाने वाले है, देखते है कि
Aug 14 5 tweets 1 min read
बामसेफ एवं राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ का केन्द्र शासित संघ प्रदेश दीव मे 4था राज्य अधिवेशन

दि. 25/08/2024 रविवार,
समय- दोपहर 2 से 6 बजे तक,
स्थान- बुचरवाडा कम्यूनिटी हॉल, विश्वास होटल के सामने, बुचरवाडा सर्कल, दीव

उद्धाटक- मा. इलेना मेडम (रिटायर्ड असिस्टेंट मेट्रन, गवर्नमेंट Image हॉस्पिटल, दीव)

मुख्य अतिथि- मा. के.एल.पासी (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, बामसेफ, नई दिल्ली)

अध्यक्षता- मा. किशोर सोलंकी (सी.ई.सी. मेंबर, बामसेफ, नई दिल्ली)

विषय- OBC की जाति आधारित जनगणना किये बगैर उनके संवैधानिक सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजकीय हक अधिकारो को दिलाना मुमकिन नही--- एक
Aug 9 4 tweets 2 min read
विज्ञान के अकाट्य प्रमाण DNA Test जिसकी रिपोर्ट Times of India मे 21 मई, 2001 को छपी, जिसके अनुसार SC/ST/OBC और इनसे धर्म परिवर्तित अल्पसंख्याक ही भारत के मूलनिवासी है| लेकिन ब्राह्मणवादी सरकारो ने मूलनिवासी बहुजन समाज को टुक़डो मे बांटने के लिए साजिश के तहत जातियां बनाई, जिससे


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की इनमे आपस मे ही टकराव हो जाए और यह आपस मे ही बटे रहे और ब्राह्मणवादी शासक बरकरार रहे|
अंतर्राष्ट्रीय मूलनिवासी दिवस के अवसर पर देश के सभी मूलनिवासी बहुजनो को बहोत बहोत बधाई|
#विश्व_मूलनिवासी_दिवस
#WorldMulnivasiDay

#जॉइन_BAMCEF_भारतमुक्तिमोर्चा_बहुजनक्रांतिमोर्चा
Aug 7 4 tweets 1 min read
महत्वपूर्ण सूचना
सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओ को सूचित किया जाता है कि दि.23सितम्बर2024 से दि.27सितम्बर2024 तक होने वाले राष्ट्रीय 05 दिवसीय संगठनात्मक प्रशिक्षण शिविर मे आने वाले पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओ ने यदि अपना टिकट बुक करवा लिया है तो उनको जल्द से जल्द मा.डी.डी.अंबादे, Image राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, बामसेफ, बामसेफ भवन, पूना इनसे मोबाईल नं.7798918574 / 9890711848 पर संपर्क करना होगा और तुरंत प्रभाव से अपना-अपना रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया शुरू करना होगी| अगर आप लोगो ने रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भारत मे ही पूरी नही की तो आपको राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर मे
Jul 5 4 tweets 1 min read
क्या मुग़ल शासक अकबर ब्राह्मण है? या ब्राह्मण ही "मुग़ल शासक अकबर" है? कॅंनफुजन ही कॅंनफुजन समझमे नही आ रहा कौन है? ब्राह्मण लोग कहते है राम के मंदिर को तोडकर बाबर ने बाबरी मस्जिद बनवाई ऐसा प्रचार किया जाता है| जबकि इसका कोई सबूत उपलब्ध नही है| लेकिन ब्राह्मण लोग ""भविष्य पुराण""
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मे लिखते है कि, बाबर का पोता अकबर हमारे शंकराचार्य के गोत्र का पिछले जन्म मे मुकुंद ब्राह्मण है| अब आप लोग जवाब दो कि यदि अकबर मुकुंद ब्राह्मण है, तो उसके पूर्वज भी ब्राह्मण रहे होंगे| फिर एक ब्राह्मण ने राम मंदिर क्यों तोड़ा? क्योंकि वहां पर कोई राम मंदिर नही था|
वहां पर बुद्ध
Jun 14 8 tweets 2 min read
"मनुस्मृति का धिक्कार" नामक किताब महात्मा फुले जी द्वारा 1जनवरी1854 को प्रकाशित किया था| लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने उसे समग्र महात्मा फुले जी के साहित्य मे उसे जोड़कर प्रकाशित नही किया| यह षडयंत्र फड़के, जोशी, मालशे और कीर ने किया| राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत महाराष्ट्र तथा
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केंद्र सरकार मनुस्मृति को सरकारी पाठ्यक्रमो मे जोड़कर भारतीय समाज पर थोप रहे है| उस संदर्भ को ध्यान मे रखते हुए यह क्रांतिकारी किताब 22जून2024 को पुणे मे प्रकाशित किया जा रहा है|
इस किताब को फिलहाल मराठी मे प्रकाशित किया जा रहा है| हिंदी भाषा मे थोड़े ही दिनो मे प्रकशित किया
Jun 12 6 tweets 1 min read
#चलो_पुणे
महात्मा राष्ट्रपिता जोतिराव फुले लिखित "मनुस्मृति का धिक्कार" ग्रंथ का प्रकाशन (जिसे महात्मा फुले समग्र साहित्य मे महाराष्ट्र सरकार ने जानबूझकर प्रकाशित नही किया था) और राष्ट्रीय शिक्षा नीति मनुस्मृति आधारित है उसके खिलाफ जाहिर परिसंवाद

22जून2024, ज्ञानज्योती सावित्री Image बाई फुले सभागृह,गंज पेठ, पूना

समय: दोपहर 4 बजे से रात 10 बजे तक

उद्घाटक: मा.डा.बाबा आढाव (सुप्रसिद्ध विचारवंत, सत्यशोध्क, पूना)

प्रमुख मार्गदर्शक: डा.विलास खरात, राष्ट्रिय महासचिव, भारत मुक्ति मोर्चा,नई दिल्ली

मा.गोरखनाथ वेताल,राष्ट्रीय प्रभारी, प्रोटॉन,नई दिल्ली
Jun 7 7 tweets 2 min read
इत्सिंग ने अपने यात्रा विवरण के आरंभ मे लिखा है कि चीन से भारत और उसके पड़ोसी देशो मे अब तक 56 बौद्ध यात्री आ चुके है| इत्सिंग कोई 400 और ह्वेनसांग 657 बौद्ध ग्रंथो की पांडुलिपि भारत से चीन ले गए थे| विचार कीजिए कि जब दो बौद्ध यात्री 1000 से अधिक बौद्ध पांडुलिपि चीन ले गए थे, तब
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56 बौद्ध यात्री कितनी बौद्ध पांडुलिपि चीन ले गए होंगे?

विक्रमशिला, उद्दण्डपुर, तेलहाड़ा को छोड़िए, सिर्फ नालंदा विश्वविद्यालय मे 3 बड़े बड़े पुस्तकालय थे| सबसे बड़ा पुस्तकालय 9 मंजिला था| अंदाज कीजिए कि बौद्ध विश्वविद्यालयो के पास कितनी किताबे रही होंगी?

गुणभद्र, धर्मरुचि,
Jun 5 6 tweets 2 min read
बौद्ध सभ्यता और कला ने कई राजवंशो तथा राजाओ के इतिहास को गर्त मे डूबने से बचा लिया है|
उदाहरण के लिए, एक था इखाकु राजवंश (इक्ष्वाकु राजवंश)
इखाकु राजवंश का शासन तीसरी-चौथी सदी मे पूरबी कृष्णा नदी की घाटी मे (आंध्रप्रदेश) था|
इनकी राजधानी विजयपुरी मे थी| विजयपुरी को ही आज
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नागार्जुनकोंडा कहा जाता है|
यह नागार्जुनकोंडा है, जहाँ से पहली बार चीन के होने का पहला पुरातात्विक सबूत मिलता है|
नागार्जुनकोंडा बौद्ध स्थल है| इखाकु राजाओ ने यहाँ अनेक बौद्ध स्तूप और विहार बनवाए है|
इखाकु राजपरिवार की सभी स्त्रियाँ बौद्ध थी, जिनके नाम के अंत मे " सिरि (श्री) "
Jun 3 4 tweets 2 min read
पाकिस्तान मे तक्षशिला से कुछ दूरी पर बौद्ध स्थल मोहरा मुराडु है|

मोहरा मुराडु दो भागो मे है, पश्चिम मे बड़ा सा स्तूप है (चित्र 1) और पूरब मे बौद्ध विहार है (चित्र 2)

बौद्ध विहार मे 27 कमरे है, कभी यह विहार दो मंजिला था, सीढ़ियो के अवशेष आज भी है|

एक कमरे से वोटिव स्तूप मिला है


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कमरे एक बड़े - से प्रांगण के चारो ओर बने हुए है, जिनमे एक बड़ा सा उपासना हाॅल भी है|

उपासना हाॅल के पीछे पत्थर का बना हुआ कुआँ है (चित्र 4)

कुआँ लगभग 2000 साल प्राचीन है, आज भी चालू हालत मे है तथा आस पास के सैकड़ो परिवार को पानी मुहैया कराता है|

कुएँ का पानी कभी सूखता नही है
May 31 4 tweets 2 min read
जर कोठे पडलि दुष्काळ|
सत्वर पाठवी अन्नधान्य लागू न देई वेळ||
प्रतिपालक राजमाता स्वजवळ|
लवकीका नसे उपमा||
यदीकही पर भी प्राकृतिकआपदा आने से किसानो का नुकसान होता है तो तत्कालप्रभाव से उन्हे अनाज पहुचाने की व्यवस्था की जाती थी|ऐसी प्रजा प्रतिपालक राजमाता अहिल्याबाईहोलकर की नीति थी|


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राजमाता, लोकमाता अहिल्यामाई होलकर जी के 299वें जन्मजयंती के अवसर पर देश के सभी मूलनिवासी बहुजनो को बहोत बहोत बधाई|
#जॉइन_BAMCEF_भारतमुक्तिमोर्चा_बहुजनक्रांतिमोर्चा
#RMMS_राष्ट्रीयमूलनिवासीमहिलासंघ
#RAEP_राष्ट्रीयआदिवासीएकतापरिषद
#RPVM_राष्ट्रीयपिछडावर्गमोर्चा
May 31 4 tweets 1 min read
चपड़ बनाम चाणक्य 👈

ज्ञात सबूतो के आधार पर कहा जाएगा कि सम्राट असोक के दरबार का सबसे बड़ा लेखक चपड़ था| ब्रह्मगिरी और जटिंग- रामेश्वर जैसे शिलालेखो को लिखने का श्रेय लेखक चपड़ को ही प्राप्त है| बाकायदे अभिलेखो के नीचे लेखक चपड़ का नाम दर्ज है|

आश्चर्य कि लेखक चपड़ का नाम किसी Image किताब मे विस्तार से दर्ज नही है| इतिहासकारो ने मौर्यकालीन लेखको मे चाणक्य की गणना गाजे-बाजे के साथ किया है, मगर चपड़ को छोड़ दिया है| मौर्यकाल का जो ऐतिहासिक लेखक है, वह गायब है और जो नही है, वही धाक जमाए हुए है|

आज इस पोस्ट के माध्यम से मौर्यकाल के सबसे बड़े लेखक चपड की प्रतिभा
May 30 10 tweets 3 min read
श्रवण कुमार अंधे माता पिता की सेवा करने वाले हिंदू नही बल्कि बौद्ध थे| पोस्ट अंतिम तक ध्यान से पढे|
सवाल है कि अगर भारतीय, समन बौद्ध थे तो हिंदू अचानक से कैसे बन गये?
जवाब जानने के लिए अंतिम तक पढे फिर कन्फ़्यूशन नही रहेगा|
बौद्ध जातक कथाये जिनके पुरातत्व सबूत अवैलेबल है उन्हे


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मुस्लिम शासन और अंग्रेजो के काल मे ब्राह्मणीकरण कर दिया गया फिर आज़ादी के बाद टीवी सीरियल के माध्यम से भोले भाले भारतीयो के दिमाग मे फिट कर दिया गया|
जब सभी बौद्ध थे तब भी इन कहानियो से परिचित थे जब हिंदू कहा गया तब भी कहानियो के मूल नायक नायिका से परिचित रहे नतीजा हम बदलाव Image