#करनाल की GOVT.ITI में एक युवक का #पेपर था,तो गेट पर ही #चेकिंग के दौरान उससे कहा कि "ये #धागा निकाल दो" उसके बाद ही एंट्री मिलेगी।
युवक ने कहा ये धागा नही है "#जनेऊ" है और मैं इसको नही उतारूंगा,आपके जो #बड़े_अधिकारी है उनको बुलाइए उनसे बात करूंगा।
वहाँ पर मौजूद #पुलिस_अधिकारी 👇
ने कहा कि बहस मत करो,#जनेऊ उतार दो।
युवक ने बड़े स्पष्ट शब्दों में उनको कह दिया इस "जनेऊ" के लिए तो "#वीर_हकीकत_राय" ने अपनी #गर्दन #कटवा दी थी तो मेरे लिए पेपर छोड़ना कोई बड़ी बात नहीं है,"जनेऊ" नहीं उतरेगा चाहे पेपर क्यों न छोड़ना पड़ जाए।
काफ़ी बहस होने के बाद वहाँ "
#सुपरिडेंट" पहुंचे और कहा कि कोई भी #धागा,#ताबीज आदि #Allowed नहीं है।
युवक ने सिर्फ एक बात कही कि अगर कोई "#सरदार_जी" पेपर देने आता है और आप उसकी #पगड़ी खुलवा के भेज देते हो तो मैं सहर्ष "जनेऊ" उतार दूंगा अन्यथा मैं "जनेऊ" नही उतारूंगा।
उनके पास कोई जवाब नही था,,उन्होंने युवक को
मुस्कुराते हुए अंदर जाने की #अनुमति दी।
"गर्दन के उतरने पर ही उतरेगा ये यज्ञोपवीत,

ये है हम आर्यों की सबसे पुरानी रीत"


मंदोदरी की कहानी आज का नया वीडियो हमारे यूट्यूब चैनल धर्म ज्ञान पर अवश्य देखें और चैनल से जुड़े

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Dec 18
सन् 1840 में काबुल में युद्ध में 8000 पठान मिलकर भी 1200 राजपूतो का मुकाबला 1 घंटे भी नही कर पाये।
वही इतिहासकारो का कहना था की चित्तोड की तीसरी लड़ाई जो 8000 राजपूतो और 60000 मुगलो के मध्य हुयी थी वहा अगर राजपूत 15000 राजपूत होते तो अकबर भी जिंदा बचकर नहीं जाता।इस युद्ध में👇
48000 सैनिक मारे गए थे जिसमे 8000
राजपूत और 40000 मुग़ल थे वही 10000 के करीब
घायल थे।और दूसरी तरफ गिररी सुमेल की लड़ाई में 15000
राजपूत 80000 तुर्को से लड़े थे, इस पर घबराकर शेरशाह सूरी ने कहा था "मुट्टी भर बाजरे (मारवाड़)की खातिर हिन्दुस्तान की सल्लनत खो बैठता"
उस युद्ध से पहले
जोधपुर महाराजा मालदेव जी नहीं गए होते तो शेर शाह ये बोलने के लिए जीवित भी नहीं रहता।🙏इस देश के इतिहासकारों ने और स्कूल कॉलेजों की किताबों में आज तक सिर्फ वो ही लड़ाई पढ़ाई जाती है जिसमें हम कमजोर रहे,वरना बप्पा रावल और राणा सांगा जैसे योद्धाओं का नाम तक सुनकर मुगल की औरतों के
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Dec 18
"या तो #किले पर कब्जा करो या एक तोप के अंदर मेरे #शरीर को भर दो और किले के अंदर आग लगा दो!" - #चिमाजी_पेशवा (1707-1740)

#श्रीभीमाशंकर_ज्योतिर्लिंग दर्शन हेतु लाइन में था, अचानक सामने लगे #घंटे पर नज़र गई... देखने में कुछ अलग सा था...!! दर्शन के बाद उत्सुकतावश उधर भी गये. वह 👇 Image
घंटा #महादेव गर्भगृह से ठीक सामने एक छोटे से #शनि_मंदिर पर लगा था... जाकर देखा... तो उसपे #चर्च का निशान और 1729 लिखा था..!!!
मन में उत्सुकता और बढ़ गई.

आईये पूरी बात बताता हूँ .... अजीब कहानियां हैं इतिहास की भी ?? आज एक कहानी "युद्ध और घंटियों" की .. बात एक एक वॉर-स्टोरी ..??
बहुत कम को जानकारी होगी ..!!
करीब पौने तीन सौ साल पहले .. 1739.!! चिमणाजी अप्पा (#चिमाजी_अप्पा #बाजीराव के छोटे भाई) ने वसई (#Vasai )की लड़ाई में पुर्तगालियों को हरा .पश्चिमी तट को #पुर्तगाली शासन से मुक्त करा लिया.

#BattleOFVasai.किले में सभी #चर्च और इमारतों पर मराठों ने
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Dec 18
रचयिता कौन है पता नहीं, पर रचना है बड़ी सुंदर..

"मन्दिर लगता आडंबर ,
और मदिरालय में खोए हैं ,"
"भूल गए कश्मीरी
पंडित ,
और अफजल पे रोए हैं......"

"इन्हें गोधरा नहीं दिखा ,
गुजरात दिखाई देता है ,"
"एक पक्ष के लोगों का ,
जज्बात दिखाई देता है....."

"हिन्दू को गाली देने का👇
मौसम बना रहे हैं ये ,"
"धर्म सनातन पर हँसने को ,
फैशन बना रहे हैं ये..."

"टीपू को सुल्तान मानकर ,
खुद को बेच कर फूल गए ,"
"और प्रताप की खुद्दारी की ,
घास की रोटी भूल गए.."

"आतंकी की फाँसी इनको ,
अक्सर बहुत रुलाती है ,"
"गाय माँस के बिन भोजन की ,
थाली नहीं सुहाती है....."
होली आई तो पानी की ,
बर्बादी पर ये रोते हैं ,"
"रेन डाँस के नाम पर ,
बहते पानी से मुँह धोते हैं."

"दीवाली की जगमग से ही ,
इनकी आँखें डरती हैं ,"
"थर्टी फर्स्ट की आतिशबाजी ,
इनको क्यों नहीं अखरती है."

"देश विरोधी नारों को ,
ये आजादी बतलाते हैं ,"
"राष्ट्रप्रेम के नायक संघी
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Dec 18
महाभारत का वो प्रसंग मैने पढ़ा है जहां से गांधी ने तीन बंदर चुराए हैं। असल में युधिष्ठिर युद्ध समाप्त होने के बाद इतना बड़ा नरसंघार देखकर विचलित हो गए और उन्होंने गंगा स्नान के बाद गंगा के तट पर ही सन्यासी बन जाने की इच्छा जताई। वे ऐसा सन्यासी बनना चाहते थे जो बुरा न देखे, बुरा👇
न सुने और बुरा न बोले.यहीं से गांधी के तीन बंदर पैदा हुए
जबकि युधिष्ठिर के बंदरवाद की भीम अर्जुन के साथ मुनि वैशंपायन ने जमकर भर्सना की और बताया कि बंदर बन जाने से क्या धर्म का राज्य स्थापित हो पाएगा? और यदि धर्म का राज स्थापित होगा ही नहीं तो वो सारी हत्यायें निरुदेश्य हो जाएंगी
जाएंगी जो उन्होंने भीम अर्जुन से धर्मराज स्थापित करने के लिए करवाईं। और तब युधिष्ठिर के सर ही ये पाप भी जाएगा। साथ ही युधिष्ठिर के सर पे ये पाप भी होगा कि प्रजा को अधर्मराज में ढकेल दिया। सन्यास लेने के बाद तो युधिष्ठिर पर और दोहरा पाप लगने वाला था। ये बात युधिष्ठिर को जब समझ आई
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Dec 18
हिंद, हिंदू, हिंदुस्तान करने वालों क्या कभी आपने सोचा है कि अभी भी आप पूर्णतया अल्पमत में हो.

बीजेपी के पास 29 में से सिर्फ 6 राज्यों में स्पष्ट बहुमत है. वहीं बीजेपी के पास...

सिक्किम में 0 सीटें
मिजोरम में 0 सीटें
तमिलनाडु में शून्य सीटें
आंध्र में 4/175
केरल मे👇
1/140
3/117 पंजाब में
74/294 बंगाल में
5/119 तेलंगाना में
दिल्ली में 8/70
10/147 ओडिशा में
नागालैंड में 12/60
मेघालय में 2/60
बिहार में 53/243
25/87 जम्मू-कश्मीर में
गोवा में 20/40 सीटें
इस प्रकार पूरे देश में भाजपा के पास केवल 1516 सीटें हैं जबकि कुल विधानसभा
सीटें 4139 हैं!!

उसमें भी 950 सीटें 6 राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, यूपी, एमपी, राजस्थान की ही हैं।

अर्थ बहुत स्पष्ट है

आज भी देश में 66 फीसदी सीटों पर बीजेपी की हार हुई है

इसलिए (बीजेपी) केंद्र सरकार एक समान नागरिक संहिता और अन्य आवश्यक आवश्यक सामान्य कानूनों
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Dec 17
वृन्दावन का लाल❤️

एक दिन जब मैया ताने सुन सुनकर थक गयी तो उन्होंने
भगवान को घर में ही बंद कर दिया जब आज गोपियों ने

कन्हैया को नहीं देखा तो सब के सब उलाहना देने के
बहाने नंदबाबा के घर आ गयी और नंदरानी

यशोदा से कहने लगी- यशोदा तुम्हारे लाला बहुत
नटखट है, ये असमय ही बछडो को 👇
खोल देते है
और जब हम दूध दुहने जाती है तो गाये दूध तो
देती नहीं लात मारती है
जिससे हमारी कोहनी भी टूटे
और दुहनी भी टूटे.घर मै
कही भी माखन छुपाकर रखो, पता
नहीं कैसे ढूँढ लेते है यदि इन्हें माखन
नहीं मिलता तो ये हमारे सोते हुए बच्चो को
चिकोटी काटकर भाग जाते है,ये माखन तोखाता
ही है
साथ में माखन की
मटकी भी फोड़ देता है।

यशोदा जी कन्हैया का हाथ पकड़कर गोपियों के
बीच में खड़ा कर देती है और

कहती है कि ‘तौल-तौल लेओ वीर, जितनों
जाको खायो है, पर गली मत दीजो, मौ गरिबनी को जायो है’.

जब गोपियों ने ये सुना तो वे कहने
लगी - यशोदा हम उलाहने देने नही
आये है आपने आज
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