भारत मे स्वच्छता अभियान के जनक, व्यवस्था परिवर्तक, मानवता के प्रेरक, महान राष्ट्रसंत गाडगे बाबा (जन्म;23फरवरी1876-मृत्यु;20दिसंबर1956) के 66वें स्मृति दिन पर उन्हे सादर नमन
तिलक कहे, संसद मे न लिये जाए तेली-तंबोली-कुणभट|
गाडगे महाराज दहाडे, तो फिर करदो हमे भी बामन-भट||
#हमे_बामण_बना_दो : #संत_गाडगे_बाबा भारतमंत्री लॉर्ड मांटेग्यू ने 20अगस्त1917 को ब्रिटिश संसद मे यह घोषणा की कि ब्रिटिश सरकार का उद्देश्य भारत मे उत्तरदायी शासन की स्थापना करने के लिए भारतीय लोगो को और अधिक राजनैतिक अधिकार देने होंगे| इस संबंध मे भारतीयो से विचार विमर्श हेतु एक
आयोग का गठन किया गया जिसका अध्यक्ष लॉर्ड साउथब्रो को बनाया गया| इस आयोग की रिपोर्ट के फलस्वरूप ही भारत सरकार अधिनियम 1919 बना जिसे मांटेग्यु-चेम्सफोर्ड सुधार भी कहा जाता है क्योंकि उस समय लॉर्ड मांटेग्यू भारत सचिव (17/07/1917 - 19/07/1922) तथा लॉर्ड चेम्सफ़ोर्ड भारत के वायसराय
(04/04/1916 - 02/04/1921) थे| आयोग के समक्ष रखने के लिए अपनी अपनी मांगो के समर्थन मे जनमत तैयार करने हेतु सभी वर्गों के लोग जगह जगह जनसभाएँ कर रहे थे| इसी संदर्भ मे बाबासाहेब डॉ.आंबेडकर और भास्करराव विठोजीराव जाधव (कोल्हापुर नरेश छत्रपति शाहूजी महाराज के प्रमुख व्यक्ति एवं
सत्यशोधक समाज के अध्यक्ष) एससी-एसटी व ओबीसी के लिए विधिमंडल मे प्रतिनिधित्व की मांग कर रहे थे| इन मांगो के विरोध मे, भटमान्य बाल गंगाधर तिलक ने 14फरवरी1918 को गांव-अथनी, जिला-बेलगाम, कर्नाटक की आम सभा मे भाषण दिया कि "तेली, तंबोली और कुणभटो को विधिमंडल मे जाकर क्या हल चलाना है|"
इसके बाद उन्होने गांव-पंढरपुर, जिला सोलापुर, महाराष्ट्र मे सभा ली और वहाँ भी वही बाते कही| ज्ञातव्य हो कि कोल्हापुर, बेलगाम और सोलापुर, यह सभी एक दूसरे के पड़ोसी जिले है| इस सभा मे ‘राष्ट्रसंत गाडगे बाबा’ भी उपस्थित थे किन्तु तिलक को इस बात का पता नही था| तिलक ने उन्हे स्टेज से
देख लिया तथा उनसे अनुरोध किया कि गाडगे महाराज हमे मार्गदर्शन करे| भारी भीड के सामने अनुरोध करने पर गाडगेबाबा मना नही कर पाये और स्टेज पर गए| माईक हाथ मे लेकर बोले, "तिलक महाराज गलती मेरी है, मैं परीट, मैं धोबी, पीढ़ी-दर-पीढ़ी आपके कपड़े धोना मेरा काम है, मैं मार्गदर्शन कैसे करूँ"
अर्थात मार्गदर्शन करना मेरी जाति का काम ही नही है| गाडगेबाबा ने ऐसा प्रश्न पूछ कर तिलक के मुंह पर एक जूता जैसा दे मारा| इतना ही नही बल्कि इससे आगे बढकर उन्होने तिलक से विनती की, "तिलक महाराज कुछ भी करो लेकिन हमे ‘बामण’ बना दो|’’ ऐसा कहकर उन्होने तिलक के मुंह पर दूसरा जूता भी दे
मारा| गाडगेबाबा ने ऐसा इसलिए कहा कि तिलक का मतलब था कि ब्राह्मणो के अलावा कोई भी विधिमण्डल मे जाने की हिमाकत न करे| इसलिए गाडगेबाबा ने उनसे कहा हमे विधिमंडल मे जाना है, लेकिन हम बामण नही है| मगर आप कहते है कि बामण के अलावा ब्राह्मणेत्तर लोगो को विधिमंडल मे नही जाना चाहिए, इसलिए
उन्होने कहा, तिलक महाराज हमे बामण बना दो|
लगभग सौ साल बाद, मार्च 2017 मे RSSसंचालितBJP से निर्वाचित तिलक घराने की पूना की महापौर "मुक्ता तिलक" ने कहा कि आरक्षण की वजह से ब्राह्मण समाज के लडको को विदेश जाने की नौबत आयी है| इसका मतलब है कि जैसे तिलक बहुजनो को अधिकार देना नही चाहते
थे, आज उनकी औलादे भी हमारे संवैधानिक अधिकारो को खत्म कर मनुस्मृति लागू करना चाहती है| पाठशाला से अंजान एक अनपढ राष्ट्रसंत गाडगे बाबा को तिलक का स्वतंत्रता आंदोलन और उनके स्लोगन 'स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है' का मतलब समझ मे आता था किन्तु आज एक शताब्दी बाद भी हमारे
मूलनिवासी संत व सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरु घासीदास जी (जन्म;18दिसंबर1756-मृत्यु;20फरवरी1850) की स्मृति मे निर्मित यह जैतखाम स्तंभ उनकी जन्मस्थली व तपोभूमि ग्राम- गिरौदपुरी, तालुका- कसडोल, जिला- बालौदा बाजार, छत्तीसगढ मे स्थित है| यहाँ
सतनामी समाज का सबसे बडा धार्मिक स्थल है| इसकी ऊंचाई कुतुबमीनार से भी 6 फीट अधिक है और इसका लोकार्पण उनकी 259वीं जन्मजयंती पर 18दिसंबर2015 को हुआ था| भारत सरकार ने 01सितम्बर1987 को उनके सम्मान मे 60पैसे का एक डाक टिकट जारी किया था|
सतनाम पंथ मे सात सिद्धांत प्रचलित है;-
1.)मानव मानव एक,
2.)जीव हत्या पाप,
3.)नशा व मांस भक्षण निषेध,
4.)सदा सच बोलो,
5.)प्रकृति के 5 तत्व (जल, जमीन, हवा, आकाश, अग्नि) ही स्मरण योग्य,
6.)मूर्ति पूजा व्यर्थ,
7.)कर्म की पूजा
घासीदास गुरूजी की 266वीं जयंती पर देश के सभी मूलनिवासी बहुजनो को बहोत बहोत बधाई व उन्हे सादर नमन
साई बाबा ही दूसरे नाना साहब पेशवा है👈
नाना साहब पेशवा की मृत्यु हुई थी इसके एक भी सबूत उपलब्ध नही है और न ही उन्हे सूली या फांसी पर चढाया गया|
उत्तरप्रदेश सरकार ने 1961 मे डॉ.मोतीलाल भार्गव का जो किताब प्रकाशित किया है, दूसरे नाना साहब पेशवा ही साई बाबा है यह बात 19जुलाई1994 को
सह्याद्रि के अंक मे लिखा था कि साई बाबा यह कोई और नही बल्कि दूसरे नाना साहब पेशवा ही है| दीपक तिलक इसके संपादक थे|
डॉ.मोतीलाल भार्गव ने किया संशोधन को पढकर चित्र स्पष्ठ हो गया कि दूसरे नाना साहब ही साई बाबा है|
अच्छा हुआ यह लोग न ही वारकरी परंपरा या संतो की परंपरा मे घुसे और न ही
उन्हे घुसने दिया|
भंडारकर संस्था के वी.एल.मंजुल अब इस साई को नाथ परंपरा मे जोर जबरदस्ती से घुसेड रहे है| इसलिए यह सब लिखना पड रहा है|
- @VilasProf, राष्ट्रीय महासचिव, भारत मुक्ति मोर्चा, नई दिल्ली
बौद्ध धम्म के अंदर बने अलग अलग पंथ वास्तव मे धम्म के विभाजनकारी नही थे, बल्कि यह धम्म का विस्तार था|
वृक्ष बडा बनने के बाद उसे अनेक शाखाएँ पैदा होती है लेकिन वो शाखाएँ पेड से भिन्न नही होती, बल्कि पेड की शाखाओ के साथ पेड अधिक विशाल और समृद्ध दिखाई देता है| उसी तरह, बुद्ध के
महापरिनिर्वाण के बाद धम्म मे जो अलग अलग 18 पंथ बन चुके थे, वह धम्म का विभाजन नही था बल्कि वह धम्म का विस्तार था|
जिस तरह MBBS के बाद कोई डाक्टर उच्चशिक्षा लेकर नेत्ररोग तज्ञ, स्त्रीरोग तज्ञ, बालरोग तज्ञ, जैसे अलग अलग तज्ञ बनते है, उसी तरह धम्म के अंदर उच्चशिक्षित अरहत भिक्खु
अपनी अपनी शाखा के तज्ञ समझे जाते थे| धम्म के विद्वान भिक्खुओ को धम्मधर कहा जाता था, विनयपिटक के विद्वानो को विनयधर, धम्म के विद्वान प्रचारक भिक्खुओ को धम्मकथिक कहा जाता था| इसी तरह संपुर्ण सुत्तो को याद रखनेवाले सुत, सुत्तो को समझानेवाले सुत्तांतिक (सौतांत्रिक), पिटको को याद
RSS के बामनो द्वारा रखा हुआ व RSS संचालित BJP प्रचारमंत्री मोडी का देश के लोगो को गुमराह व भ्रमित करने व सरासर झूठ परोसने पिछले 8-9 साल मे 6491 करोड रुपये सिर्फ विज्ञापनो पर खर्च किये|
RSSसंचालितBJP ने 2014 मे सत्ता संभालने से लेकर अब तक सरकार ने विज्ञापनो पर 6491 करोड से ज्यादा
रुपये खर्च किए है|
ये जानकारी संसद मे सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी है| अनुराग ठाकुर ने बताया की, ''इलेक्ट्रॉनिक मीडिया(TV-Radio) पर 3260 करोड रुपये के और प्रिंट मीडिया(अखबार-मेगजीन) पर 3230 करोड रुपये के विज्ञापनो दिये गए|''
इससे आप जागरूक लोग आसानी से समज सकते है
कि देश के लोगो के Tax के रुपयो का किस तरह उपयोग किया जा रहा, अब तो आप लोगो को समज जाना चाहिए कि, लोकतंत्र के चारो स्तंभो(मीडिया-पार्लियामेंट-ब्यूरोक्रेसी-ज्यूडिशरी) पर बामनो का अनियंत्रित कब्जा है,वर्तमान मे यह कब्जा EVM मशीन से हो रहे चुनावो की वजह से और पक्का हो रहा है, आनेवाले
#WamanMeshram
चलो कोरेगांव भीमा, चलो कोरेगांव भीमा विजय स्तंभ
भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा और छत्रपति क्रांति सेना द्वारा आयोजित भव्य राज्य स्तरीय अभिवादन सभा
दि.1जनवरी2023, सुबह 11 बजे से
प्रमुख मार्गदर्शक:-डॉ.विलास खरात (राष्ट्रीय महासचिव,भारतमुक्तिमोर्चा,नई दिल्ली)
अध्यक्षता:- मा.वामन मेश्राम (राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारत मुक्ति मोर्चा, नई दिल्ली)
विषय:-
1.)ब्राह्मणो ने छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज की हत्या की| -प्रबोधनकार ठाकरे
अथवा
2.)छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज प्रतापसिंह भोसले महाराज को बालाजी पंत नातू ने पदच्युत कराकर वाराणसी मे
(वनवास मे) सडाकर मारा क्या इससे मराठा तथा बहुजन समाज सबक लेगा?
अथवा
3.)आरएसएस के माधव गोलवकर, पुरंदरे और कोश्यारी ने छत्रपति के घराणे की बदनामी तथा चरित्र हनन कर पेशवाई का खुलकर समर्थन किया|
अथवा
4.)कोरेगाव भिमा विजय स्तंभ के स्मारक का विकास तथा सुरक्षा हेतु 267 एकड जमीन ब्रिटीश