जम्मू कश्मीर के शोपियां के पास एक गांव के पास महार रेजिमेंट की एक बटालियन तैनात थी। उन दिनों भी दुश्मन देश अफगानीयों को आतंकी तालीम दे कर हमारे यहाँ दहशतगर्दी फैलाने भेजता था ।
स्थानीय कश्मीरियों में +
आतंकियों का काफी डर फैला हुआ था । भारतीय सेना से भागते फिर रहे इन दहशतगर्दों को आसरा न देने पर वे गाँवों में निर्दोषों की हत्याएं कर दिया करते थे । पलटन में उस दिन नायक जे एस जाडेजा गार्ड कमांडर ड्यूटी पर तैनात थे। सुबह के करीब तिन बजे होंगे । छावनी के मुख्य दरवाज़े पर तैनात +
संतरीयों में से एक, जाडेजा के पास आया । उसने बताया की छावनी के गेट पर सलवार सूट पहने दो कश्मीरी लड़कियां आई हुई है और वह हमारे कमान अधिकारी से मिलना चाहती है । जाडेजा संतरी के साथ गेट पर गए । उन्होंने देखा तो दोनों लडकियां काफी डरी सहमी सी लग रही थी । जाडेजा ने विनम्रता से +
दोनों से पूछा, इस समय क्या बात हो गयी दीदी? यदि आप मुझे बताएंगे के आपको क्या काम है, तो मैं अपने कमान अधिकारी को सूचित कर पाऊंगा । आप दोनों चिंता न करें यहाँ आप लोग बिलकुल सुरक्षित है । लेकिन वह दोनों कमान अधिकारी से ही मिलने की जिद पर अड़ी रहीं। कमान अधिकारी राउंड पर थे ।
जाडेजा दोनों बहनों को कैंप के अंदर ले गए और कमान अधिकारी के कार्यालय में उनके बैठने की व्यवस्था की। कश्मीर का बच्चा-बच्चा जानता है कि एक बार आप सेना के कैंप में घुस गए तो दुनिया की कोई ताकत आपका बाल भी बांका नहीं कर सकती।
एक घंटे बाद जब कमान अधिकारी लौटे तो दोनों लड़कियों ने +
उन्हें अपनी आपबीती सुनाई।
कहा कि, कल देर रात से, पड़ोस में उनकी दोस्त के घर में तीन दहशतगर्द घुसे है। उन्हों ने पहले नॉनवेज खाने की मांग की और कुछ ही मिनटों के बाद इन आतंकी यों को आश्रय देने वाले कश्मीरी की बेटी (हमारी दोस्त) की अस्मत पर अपनी बुरी नजर डालने लगे। पड़ोस में कुछ +
संदेह होने पर, दोनों बहनों ने जांच की और आतंकवादियों की मौजूदगी का पता चलते ही, वे अपनी दोस्त की अस्मत बचाने सेना की मदद लेने के लिए यहां आ गईं।
उन बहनों की सूचना सही थी । पलटन ने ऑपरेशन चलाया । एक आतंकी मारा गया, एक भागने में सफल रहा और एक दहशतगर्द गिरफ्तार कर लिया गया।
कहते है ना, जाको राखे साईंयां मार सके ना कोई.. वैसे ही उस दिन, कश्मीर में सेना के जवानों ने उस कश्मीरी बेटी की इज्जत और गांववालों के जीवन की रक्षा के लिए के लिए, खुद की जान की परवा न की और आतंकीयों के विरुद्ध सफल कारवाई की ।
#UntoldStoryNavy by #MananBhatt of a fuelling operation gone wrong.
It was in the months of May-June 2005, #IndianNavy Ships Delhi, Trishul, Ganga and Fleet Tanker Aditya of the Western Fleet were on an Overseas Deployment (OSD) to the South Indian Ocean+
They had visited Moroni (Comoros) Durban, Cape Town (South Africa), Port Victoria (Seychelles), Port Louis (Mauritius), Reunion (France).The fleet had their last exercise with the South African Navy off Cape Town. While on the way back to our Home Port, Mumbai, INS Trishul+
, #IndianNavy ’s guided missile frigate was scheduled to take fuel from Aditya.That was a tough day for the fleet as the sea was very rough, having a Sea State of about 4-6. INS Aditya had suffered steering gear failure and ship’s MEs were steering the 24000 ton gigantic tanker+
It's #NavyDay today!! 🧵
Happy Navy day to those who served and those who are serving.
Navy is traditionally a mixture of extremes. It is the navy which won territories for the nations. Spain, England, Holland, Portugal, France and India were all successful colonial powers only+
because of their respective navies.
On the other hand, sailors - as against the navy - bring to mind fun and frolic. More than any group of people in the world, it is the sailors who are associated with deeds that usually gets shunted by the general conscience: +
Getting drunk at the slightest pretext in any bar or shack, engaging in brawls for no reason at all while there, rushing to the places where girls await with outstretched hands.
Indian Navy is different.
We dutifully send money home as soon as we get the salaries +
#NavyDay2022
The first destroyer of India INS RAJPUT D141, an R class destroyer which was acquired in 1949 from Royal Navy (It also served in world war II as HMS Rotherham H09) During 1971 Indo Pak war Rajput was deployed in eastern coast to pretend as INS Vikrant to misguide +
Pakistani Submarine PNS Ghazi to keep her away from INS Vikrant. This ploy eventually led to downing of Pakistan’s pride PNS Ghazi.
That time India had three destroyers in same R class Rajput, Rana and Ranjit. Old INS Rajput was decommissioned in 1976 #IndianNavy. #NavyDay2022
In the early seventies INS Rana, Ranjit and Rajput used to be berthed near boat jetty/ pontoon. R-Class destroyers as the name suggests used to present a very scary look as pre-1971 conflict all naval ships were painted in dark grey while their chimney used to be black.
I pay homage to Hav Manubhai Bhaojabhai Dayattar of 11 Grenadiers who made supreme sacrifice at LAC on 29 Nov 22. #RememberAndNeverForget🇮🇳🙏🏻💐
His mortal remains are being taken to Chichod Vill, Dhoraji, Dist Rajkot today at 7pm from RJT airport for last rites.
Correction - He was posted at Drass.
ESMs from the city and the Guards from Maratha Li paid our respects to the mortal remains of the departed soul Hav Manubhai. Representatives from Rajkot Collector office were present to pay homage to the Jawan.
Bas itna yaad rahe, ki ek sathi aur bhi tha!!🙏🏻💐🇮🇳🌼
Jai Hind.
26 years have passed since the bizarre incident but it is still afresh in the memory. In the blistering heat of May 99, in the middle of Kargil War, Lance Dafedar Hari Ram of Indian Army’s Armoured Corps was forward deployed somewhere in d mighty Thar Desert+
Thar Desert of Rajasthan. Hari Ram’s Sentry duty was till 12 o’clock, midnight. Those days, every soldier in the Desert carried a Desi water bottle made of thick cotton cloth – locally known as “मशक”. It kept the water cool. As the Sun set, the desert began to cool, Hari Ram and+
Hari Ram & the rest of the soldiers were joking & chit-chatting almost till midnight. Hari Ram’s “मशक” was hanging on the branch of a Khajri tree.
Laughing in the middle of a typical ‘Fauji Joke’ Hari Ram took the “मशक”, sipped a bit of water +
रक्षा मंत्रालय की प्रेस रिलीज:
भारतीय सेना ने वीर नारियों के कल्याण और शिकायतों के निवारण के लिए "वीरांगना सेवा केंद्र" (वीएसके) नामक एकल खिड़की सुविधा शुरू की। VSK भारतीय सेना के वेटरन्स पोर्टल indianarmyveterans.gov.in
पर सेवा के रूप में उपलब्ध होगा। +
यह प्रणाली आवेदक को ट्रैकिंग, निगरानी और फीडबैक के साथ शिकायतें दर्ज करने की सुविधा प्रदान करती है। वीर नारियों / निकटतम परिजन के पास phone, SMS, POST, EMAIL और सहायता प्राप्त करने के लिए वॉक-इन के माध्यम से वीरांगना सेवा केंद्र से संपर्क करने के लिए कई साधन होंगे। +
कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (सीआरएम) सॉफ्टवेयर के माध्यम से शिकायतों की स्थिति की निगरानी कर सकते हैं और आवेदक को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से नियमित स्थिति अपडेट प्राप्त होगी। यह परियोजना विभिन्न हितधारकों यानी रिकॉर्ड ऑफिस, ऑफिसर रिकॉर्ड ऑफिस, ईसीएचएस, एडब्ल्यूडब्ल्यूए,+