सेवा में,
चैनल सेट मैक्स(सोनी मैक्स),
कार्यालय मुम्बई, महाराष्ट्र।
विषय: जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत सूचना प्राप्त करने के सम्बन्ध में।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि आपके चैनल को सूर्यवंशम फीचर फिल्म के प्रसारण का ठेका प्राप्त हुआ है, आपकी
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कृपा से हम और हमारा परिवार हीरा ठाकुर और उनके परिवार(राधा,गौरी व अन्य) को अच्छे से जान चुके है,हमलोगों को सूर्यवंशम नामक फिल्म की एक्स्ट्रा इनिंग देख-देख कंठस्थ हो चुकी है,मैं आपके चैनल से ये जानना चाहती हूँ कि आपका चैनल अबतक कितनी बार इस फिल्म का प्रसारण कर चुका है? भविष्य में
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कितनी बार और इस फिल्म का प्रसारण किया जाएगा?यदि हमारी मानसिक स्थिति पे इसका विपरीत असर (पागलपन) आता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
कृपया सूचना देने का कष्ट करें।
एच. जी.वेल्स का कहना था कि अख़बार ऐसा यंत्र है जो साइकिल दुर्घटना और सभ्यता के विनाश में अंतर नहीं कर पाता।
अखबार यानि मीडिया।
अगर आज वो जीवित होते तो देखते कि भारतीय टॉमी मीडिया अपनी मर्ज़ी से (अपने आकाओं की मर्ज़ी से)साइकिल दुर्घटना को सभ्यता का अंत दिखा और प्रूव कर सकता है
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तथा सभ्यता के अंत को साइकिल दुर्घटना बता सकता है।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लाखों किसानों को आतंकवादी, देशद्रोही साबित करने में इन्हें एक पल नहीं लगता,
भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दों की बात छोड़कर एडिटेड विडियोज को चलाते हैं।
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वहीं बड़े से बड़े अपराधों जैसे रेप,हत्या, देशद्रोह ,पाकिस्तान के लिए जासूसी,इकोनॉमी का बंटाधार,चरम बेरोजगारी की ख़बरों को फुस्स बता देते हैं।
मेरे कई मित्र और जान पहचान वाले , तथाकथित निष्पक्ष लोग, जो पहले यूपीए सरकार के विरुद्ध दिन रात पोस्ट करते, फिर कुछ सालों तक मोदी चालीसा
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ठंड है भाई ठंड है,यह बड़ी प्रचंड है,,
कक्ष शीत से भरा,है बर्फ से ढकी धरा,,
यत्न कर संभाल लो,ये समय निकाल लो,,
*वीर तुम अड़े रहो,रजाई में पड़े रहो।।*
चाय का मजा रहे,पकोड़ा दल सजा रहे,,
मुंह कभी थके नहीं,रजाई भी हटे नहीं,,
लाख मिन्नतें करे,
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स्नान से बचे रहो,,
वीर तुम अड़े रहो,रजाईमें पड़े रहो
एक प्रण किए हुए,है कंबलों को लिए,,
तुम निडर डटो वहीं,पलंग से हटो नहीं,,
मम्मी की लताड़ हो,या डैडी की दहाड़ हो,,
वीर तुम अड़े रहो,रजाई में पड़े रहो
शब्दों के बाण से,या बेलनों की मार से,,
पत्नी जी भड़क उठे,या चप्पलें खड़क उठे,,
लानतें हज़ार हों, धमकियां या प्यार हो,,
*वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो*
बधिर बन सुनो नहीं, कर्म से डिगो नहीं,,
प्रातः हो कि रात हो, संग हो न साथ हो,,
पलंग पर पड़े रहो, तुम वहीं डटे रहो,,
*वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो*
अर्नब गोस्वामी से फ्लाइट में कुछ सवाल पूछने पर कुणाल कामरा पर एयर इंडिया ने 6 महीने का बैन लगाया था , उसके बाद कई दूसरी एयरलाइंस ने भी कुणाल कामरा पर बैन लगाया था । बैन लगाने की एयरलाइंस में ऐसी होड़ लगी थी कि लग रहा था कि कहीं भारतीय रेलवे और सरकारी बसों में बैठने तक पर
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कुणाल कामरा पर रोक ना लग जाए ।
अब सुन रहे हैं कि एयरइंडिया में एक पैसेंजर ने महिला पैसेंजर के ऊपर पेशाब कर दिया । एयरइंडिया ने पैशाब करने वाले पर मात्र एक महीने का बैन लगाया है ।
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मतलब एयरइंडिया वाले भी समझते हैं कि उक्त महिला को भी इतनी शर्मिंदगी नहीं हुई होगी जितनी कुणाल कामरा के सवालो से अर्नब गोस्वामी को हुआ था । उसने तो केवल पैशाब ही किया था , कुणाल कामरा ने तो अर्नब गोस्वामी को नंगा कर दिया था ।
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WAR, DEATH, LOSS OF LAND IN PALESTINE: A NEW WORLD ENERGY ORDER (NWEO)WILL TAKE SHAPE SOON
14 फरवरी 1945 को राषट्रपति रूज़वेल्ट और शाह अबदुल अज़ीज़ के बीच पानी के जहाज़ USS Quincy पर तेल डॉलर मे बेचने का समझौता हुआ जिस को बाद मे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पेट्रो-डौलर अर्थव्यवस्था
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कहा जाने लगा।
1973योम-कपूर वार ने तेल को हथियार बना दिया और उस के बाद वेस्टर्न पावर ने मानवाधिकार और जलवायु परिवर्तन का नारा लगा कर तेल उत्पादक देशो को घेरने की कोशीश किया और उधर फिलिस्तीन मे लडाई, मार-काट और जमीन कब्जा करने का अभियान चलता रहा,अफगानिस्तान और अफ्रिका मे हर मूल्क
अपना आतंकवादी संगठन पैदा करता रहा और मुस्लिम के माथे पर आतंकी होने का ठप्पा लगाता रहा।
इस शताब्दी का बीस साल मुस्लिम को आतंकी साबित किया जाता रहा मगर15अगस्त2021 को फौल ऑफ काबुल ने पूरी दुनिया से आतंकवाद का ठप्पा मुस्लिम के माथा से हटा दिया। रूस-यूक्रेन संघर्ष अब यूरोप के माथा
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WILL RAHUL’S BHARAT JODO YATRA DEFINE DISASTER-RIDDEN INDIAN POLITICS?
हम ने अपने कई पोस्ट मे पिछले साल लिखा है कि वर्ष 2022 ने सौ साल की दुनिया बदल दी।राहुल गांधी का 2022 का “भारत जोडो यात्रा” भी आपदा-ग्रस्त (disaster-ridden) देश को बदलने के पहल के लिए याद रखा जाये गा।
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भारत जोडो यात्रा मे राहुल गांधी चालीस साल से किसी“संगठन विशेष”द्वारा समाज मे लगातार घोले जा रहे ज़हर को हर जगह पहली बार परिभाषित(define)कर रहें जो कांग्रेस या समाजवादी या कम्युनिस्ट पार्टी मे किसी के कहने की हिम्मत नही थी क्येकि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सभी उसी संगठन विशेष
की सोंच के थे
संगठन विशेष के बुद्धिजीवि9/11के बादके बदली दुनियाको समझ नही पाए और अपने सौ सालकी सोंच पर कायम रह कर यूरोप और अमेरिकाकी आंखसे विश्वगुरू बननेका सपना देखते और देखाते रहे और देशको आपदा ग्रस्त कर दिया
फरवरी2022मे रूस द्वारा यूरोप को आपदामे झोंकनेके6महीना बाद कांग्रेसियो