पानीपत का तीसरा युद्ध समाप्त हो चुका था। मराठे हार चुके थे और अहमदशाह अब्दाली विजयी हुआ था। मराठों की तरफ से मशहूर तोपची इब्राहिम गार्दी ने अफगानी सेना को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाया था। दुर्भाग्य से उसे जख्मी हालत में कैद कर लिया गया।
अब्दाली ने आदेश दिया- ‘इब्राहिम को पेश किया जाए।’
सैनिक शुजाउद्दौला के शिविर में कैद इब्राहिम को लेने पहुंचे और वे अब्दाली की कठोरता का हवाला देकर उसे ले गए और अब्दाली के सामने पेश कर दिया। अब्दाली गरजा- ‘हैदराबाद के निजाम की नौकरी क्यों छोड़ी? इब्राहिम ने जवाब दिया-
‘उसका रवैया मेरे उसूलों के खिलाफ था।’ अब्दाली गुर्राया- ‘मुसलमान होकर फिरंगी जबान पढ़ी, निजाम की नौकरी छोड़ी और मराठों का साथ दिया? खैर, चलो मैं तुम्हें माफ करता हूं, तौबा कर लो।’ इब्राहिम ने कहा- माफी किस बात की? अब्दाली गरजा- ‘गुस्ताख! जानते हो किससे मुखातिब हो?’
‘जानता हूं, आप एक लुटेरे हो, खुदा के फरिश्ते कतई नहीं’- इब्राहिम ने जवाब दिया।
अब्दाली ने कहा, ‘ताज्जुब है, मुसलमान होकर तुमने अपनी जिंदगी बर्बाद की!’ इब्राहिम ने कहा- ‘तब तो आपको मालूम नहीं कि मुसलमान किसे कहते हैं। जो अपने मुल्क से घात करे, बेगुनाहों का खून बहाने में साथ दे,
वह मुसलमान हरगिज नहीं!’ अब्दाली गुस्से से बोला- ‘क्या कुफ्र बकता है, तौबा कहो, नहीं तो तेरे जिस्म के हजारों टुकड़े होंगे। इब्राहिम ने मुस्कराते हुए कहा- ‘मेरे जिस्म के हजारों टुकड़े करके भी मेरी आत्मा को छू तक न पाओगे।’ अब कुछ नरमी दिखाते हुए अब्दाली ने कहा-
‘अच्छा हम तुम्हें तौबा करने लिए कुछ वक्त देते हैं। तुम्हें छोड़ देंगे और फौज में तुम्हें ऊंचा ओहदा भी दे देंगे।’ इब्राहिम ने कहा- ‘इंसानियत के लिए शहीद होने वाले कहीं तौबा करते हैं।’ इब्राहिम हिंदुस्तान की आन के लिए शहीद हो गया।
यह वही इब्राहिम था
जिसकी वफादारी पर सदाशिवराव भाऊ के अतिरिक्त तमाम मराठा सरदारों को भरोसा न था यहां तक कि पेशवा को भी नही
लेकिन इतिहास गवाह है
पानीपत की लड़ाई में अहमदशाह अब्दाली की सेना को इसी इब्राहिम गार्दी की तोपो ने भयंकर नुकसान पहुंचाया था,
मराठे युद्ध अवश्य हार गए लेकिन जबरदस्त प्रतिरोध के बाद...
शत्रु पक्ष को भी अपनी बहादुरी से मुरीद बनाने के बाद..
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परमात्मा का साक्षात्कार कर चुके थे। भूत भविष्य वर्तमान सबका ज्ञान था। सिर्फ जरूरत भर बोलते थे। ख्याति दूर दूर तक फैली हुई थी। मन की शंका का समाधान करने लोग दूर दूर से आते थे।
और एक दिन वे भी पहुचे। चरणों मे बैठ गए, हाथ जोड़ा और कहा- प्रभु, मैं कौन हूँ?
मेरे अंदर कौन है, मेरे बाहर कौन है? मेरी वास्तविक पहचान क्या है, इस चराचर जगत के बीच मैं आखिर कौन हूँ गुरुदेव?गुरु ने कहा- वास्तविक पहचान वही है वत्स,जो तुम्हे पता है।जो तुम खुद को महसूस करते हो। जो तुम्हारा हृदय स्वीकारता है..जिसे सुनकर तुम प्रतिक्रिया देते हो, पलटकर देखते हो।
- मैं समझा नही गुरुदेव..!!
अब गुरु ने उत्तर न दिया, आंखे मूंद मौन हो गए। उन्होंने फिर से सवाल किया। गुरु का उत्तर नही आया। कुछ देर रुक फिर पूछा , लेकिन उत्तर न आया।
काफी देर तक उत्तर न आने पर वो निराश हुए। अंततः उठ गए और वापस जाने लगे। दरवाजे
1.#पहली बात यह कि इस देश के मंदिरों में भगवान नहीं, बेईमान बैठे हैं !
और #दूसरी
2.इस देश के बड़े-बड़े दुर्गों में राजा नहीं, कायर रहते हैं!
पर आज भी हम इन बेईमानों में चमत्कार ढूंढ रहे हैं, ये हमारी आस्था नहीं, हमारा अज्ञान है!
1025 में महमूद गजनवी ने देवसोमनाथ को लूटा,तब इस देश में यही सब हो रहा था, जो 2019 हो रहा है!एक हजार साल बीत गये, पर हम नहीं सुधरे!
आज भी यज्ञ और हवन हो रहे हैं, मन्त्र जाप हो रहे हैं, तंत्र-साधना चल रही है !
बताते हैं कि "महमूद" जब गजनी से चला तो गुप्तचरों ने गुजरात के राजा को बताया कि महमूद "देवसोमनाथ" को लूटने आ रहा है,तो गुजरात के राजा ने अपने राजपुरोहित और सोमनाथ के पुजारियों से सलाह की कि
बिजली का नया नया अविष्कार हुआ था, लेकिन अभी अमेरिका के पॉश इलाकों के बाद धीरे- धीरे मिडिल क्लास तक पहुंच ही रही थी। बिजली से चलने वाली महीनों के आविष्कार की होड़ लगी थी। घर में उनका होना शान की बात थी। इस दौरान एक मिडिल क्लास परिवार मार्केट जाता है।
एक सेल्समैन परिवार की महिलाओं को कुछ मशीन दिखाता है।
महिला : ये क्या है ?
सेल्समैन: ये वाशिंग मशीन है
महिला : क्या और कैसे धोती है ये ?
सेल्समैन: कपड़े। इसके सिलेंडर में मोटर से जुड़ा एक पहिया लगा है । सिलेंडर में पानी भर के बिजली से पहिया घूमता है जिससे स्ट्रेस
उत्पन्न होती है और मैल निकल जाता है।
महिला : वो क्या है ?
सेल्समैन: रेफ्रिजरेटर। इसमें दो कंपार्टमेंट हैं, एक खाना फ्रीज करके रखने के लिए दूसरे में 38 डिग्री पे रखने के लिए।
महिला : ये भी बिजली से चलती है ?
सेल्समैन: जी हां। इसके बहुत फायदे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के डेलावेयर के विलमिंगटन स्थित निजी आवास की तलाशी लेकर गोपनीय दस्तावेज बरामद किये गये हैं। ये दस्तावेज ओबामा प्रशासन के कार्यकाल के हैं। बाइडेन तब उप राष्ट्रपति थे। इसके अलावा वाशिंगटन थिंक टैंक में भी गोपनीय दस्तावेज मिले हैं,
जो बाइडेन का कार्यालय हुआ करता था। ह्वाइट हाउस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि कम मात्रा में गोपनीय दस्तावेज मिले हैं।
राष्ट्रपति बाइडेन ने गोपनीय दस्तावेजों के मिलने पर हैरानगी जताई है और कहा है कि वह जांच में सहयोग करने को तैयार हैं। अमेरिकी अटार्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने
गुप्त दस्तावेजों की जांच के लिए एक विशेष वकील रॉबर्ट हूर की नियुक्ति की घोषणा की है।
अमेरिकी मीडिया में कहा जा रहा है कि बाइडेन के घर और दफ्तर से मिले दस्तावेजों ने उनके लिए बड़ी शर्मिंदगी की घड़ी पैदा कर दी है।
इससे पहले अगस्त 2022 में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के घर पर
गंगा विलास क्रूज़ वाराणसी के रविदास घाट से रवाना होगी और बिहार बंगाल के रास्ते बांग्लादेश के रास्ते होते हुए असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगी. पूरी यात्रा कुल 51 दिनों की होगी.
इस क्रूज़ पर एक रात गुज़ारने का किराया है $ 300 यानि 24692 /- ₹ मात्र प्रति व्यक्ति । यानि पूरी यात्रा का करीब 12.5 लाख प्रति व्यक्ति । सपत्नीक जाइए तो 25 लाख खर्चने होगे । जगह भी केवल 30 व्यक्तियों भर की है । टिकट Antara Luxury River Cruises की बेवसाइट से बुक होगी और
देशी - विदेशी पर्यटकों के लिए किराया बराबर है ।
2. बनारस में गंगा जी के किनारे बसाई गई टेंट सिटी भी विकास का अद्भुत माडल है , तम्बू के बाहर बैठ कर मस्त गंगा घाट का नज़ारा ले सकते है ।
इस टेंट सिटी में एक रात गुज़ारने के अलग अलग पैकेज है । 7500/- , 10000/- , 12000/- और 20000/-