2007 में एक फिल्म आई थी- "चक दे इण्डिया" जिसके नायक थे 'शाहरुख खान'। फ़िल्म में उनका नाम था 'कबीर खान' और हॉकी कोच बने थे।
*यह एक सच्ची घटना पर आधारित फ़िल्म थी।* पूरी फिल्म में हीरो को "खास कौम" का होने के कारण 'प्रताड़ित होते तथा देशभक्त बनते हुए' दिखाया गया था।
जिस वास्तविक पात्र पर यह फ़िल्म बनी है, वह हॉकी के खिलाड़ी श्री "मीर रंजन नेगी" जी हैं जो कि "हिन्दू" हैं।
*अब प्रश्न सिर्फ यह है कि इस पात्र को फ़िल्म में हिन्दू ही क्यों नहीं रहने दिया गया?*
दूसरा उदाहरण, फ़िल्म छपाक (2020). *यह फ़िल्म भी एक सत्य घटना पर फिल्मायी गई है*
जो 'लक्ष्मी अग्रवाल' के जीवन पर आधारित है। असल दुर्घटना में लक्ष्मी के ऊपर एसिड फेंकने वाले अपराधी का नाम नईम खान है, जिसे फ़िल्म में बदल कर “राजेश” कर दिया गया है। *फिर से प्रश्न वही है कि इस कुपात्र को फ़िल्म में मुस्लिम ही क्यों नहीं रहने दिया गया?*
*वर्षों से, एक सोचे समझे षड्यन्त्र के अंतर्गत, नैरेटिव का खेल, इतिहास तथा फिल्मों के माध्यम से वामपंथी खेल रहे हैं।*
*भाईयों इनका खेल (नैरेटिव), साज़िश, एजेंडा अब तो समझो,*
*बॉयकोट बॉलीवुड,*
*बॉयकॉट पठान।*

#BoycottBollywoodMovies #BoycottPathan #boycottshahrukhkhan

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Jan 21
ये कहानी आपके दिल को टच कर लेगी दोस्तों

एक आदमी की कार पार्किंग से चोरी हो गयी। दो दिन बाद देखा तो कार वापस उसी जगह पार्किंग में ही खड़ी थी।

अंदर एक लिफाफा था उसमे एक माफीनामा था

माँ की तबियत अचानक बिगड़ जाने से रातों रात बड़े अस्पताल लेकर जाना आवश्यक था।
लेकिन इतनी रात में और छुट्टियों के सीजन में गाडी मिली नहीं इसी वजह से आपकी गाड़ी को उपयोग में लेना पड़ा।

आपको तकलीफ देने के लिये खेद है....गाडी में जितना पेट्रोल था उतना ही है। उसका लाक भी ठीक करा दिया है।
आपको गाड़ी की मदद के एवज में कल रात "पठान फिल्म" की 5 टिकेट्स आपके परिवार के लिए कार में रखें हैं।

मुझे बड़े दिल के साथ माफ़ करिये ये विनती है आपसे.!!

चिट्ठी में स्टोरी ओरिजिनल लगने से और गाड़ी जैसी की तैसी वापस सही सलामत मिलने से परिवार शांत हो गया और
Read 6 tweets
Jan 21
गुलामी के दिन थे। प्रयाग में कुम्भ मेला चल रहा था। एक अंग्रेज़ अपने द्विभाषिये के साथ वहाँ आया। गंगा के किनारे एकत्रित अपार जन समूह को देख अंग्रेज़ चकरा गया।

उसने द्विभाषिये से पूछा, "इतने लोग यहाँ क्यों इकट्टा हुए हैं?"
द्विभाषिया बोला, "गंगा स्नान के लिये आये हैं सर।"
अंग्रेज़ बोला, "गंगा तो यहां रोज ही बहती है फिर आज ही इतनी भीड़ क्यों इकट्ठा है?"

द्विभाषीया: - "सर आज इनका कोई मुख्य स्नान पर्व होगा।"
अंग्रेज़ - " पता करो कौन सा पर्व है ?"

द्विभाषिये ने एक आदमी से पूछा तो पता चला कि आज बसंत पंचमी है।
अंग्रेज़- "इतने सारे लोगों को एक साथ कैसे मालूम हुआ कि आज ही बसंत पंचमी है?"

द्विभाषिये ने जब लोगों से पुनः इस बारे में पूछा तो एक ने जेब से एक जंत्री निकाल कर दिया और बोला इसमें हमारे सभी तिथि त्योहारो की जानकारी है।
Read 7 tweets
Jan 21
मौनी अमावस्या आज
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है। ज्योतिष के अनुसार हिंदी महीने के कृष्णपक्ष में पड़ने वाली पंद्रहवी तिथि को अमावस्या कहा जाता है। इस अमावस्या का तब और भी ज्यादा महत्व बढ़ जाता है जब यह जप-तप के लिए अत्यंत ही फलदायी माघ में पड़ती है।
हिंदू धर्म में माघ मास में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या या फिर माघी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। मौनी अमावस्या का पर्व इस साल 21 जनवरी 2023 को पड़ने जा रहा है।

क्यों कहते हैं मौनी अमावस्या

हिंदू धर्म में प्रत्येक मास में पड़ने वाली अमावस्या और पूर्णिमा को अलग-अलग
नाम से जाना जाता है। माघ मास की अमावस्या जिस मौनी अमावस्या कहते हैं, उसके पीछे मान्यता है कि इसी पावन तिथि पर मनु ऋषि का जन्म हुआ था और मनु शब्द से इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाने लगा। हालांकि धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन मौन रहकर ईश्वर की साधना की जाती है,
Read 10 tweets
Jan 21
*बागेश्वर धाम और धीरेंद्र शास्त्री*

बागेश्वर धाम बुंदेलखंड का एक typical गांव जो मुख्य सड़क से लगभग 6 से 7km अंदर है,

आज से चार पांच साल पहले तक, खुद उस गांव (गड़ा) के लोगों और उनके रिश्तेदारों के अलावा उस गांव और उस हनुमान मंदिर को कोई नहीं जानता था,
फिर उसी ठेठ गांव का एक इक्कीस बाइस साल का ठेठ बुंदेलखंडी नौजवान जो श्री श्री रामभद्राचार्य महाराज का शिष्य है और कलयुग में सर्वाधिक पूजे जाने वाले भगवान श्री हनुमान जी का अनन्य भक्त है अपनी शास्त्री की शिक्षा दीक्षा पूरी करके अपने गांव लौटता है।
ठेठ गांव का ठेठ लड़का जिस गांव को कोई नहीं जानता था उसने पिछले चार पांच साल में अपने Aura, वाकपटुता, धर्म ज्ञान, कथा करने का रोचक अंदाज, और भगवान हनुमान के आशीर्वाद से लोगों के मन में भगवान, हिंदू धर्म, सनातन और राष्ट्रवाद की एक ऐसी अलख जगानी शुरू की जिसमें न कोई अगड़ा था न कोई
Read 12 tweets
Jan 21
Ant and Grosshopper - Indian Version of story - too good and fact

must read...

Original Story:

The Ant works hard in the withering heat all summer building its house and laying up supplies for the winter. The Grasshopper thinks the Ant is a fool and laughs dances plays the
summer away. Come winter, the Ant is warm and well fed. The Grasshopper has no food or shelter so he dies out in the cold.

Indian Version:

The Ant works hard in the withering heat all summer building its house and laying up supplies for the winter. The Grasshopper thinks the
Ant's a fool and laughs dances plays the summer away.

Come winter, the shivering Grasshopper calls a press conference and demands
to know why the Ant should be allowed to be warm and well fed while others are cold and starving.

NDTV, BBC, CNN show up to provide pictures of the
Read 12 tweets
Jan 21
From a begger who makes 40k per month to a street vendor who makes 6-9 lacs per month, poverty and unemployment is only a state of mind.

Poverty is sold as it sells well in western world

Rahul Gandhi was once right. Poverty is state of mind
So what I always say, GDP calculation in India using western method is wrong. If GDP projection is 8, add 4 more to it totaling to 12 which comes from street vendors

Chai Pakoda, Modi is not a fool. He walked streets and villages across India for 40 years of his life
But it is also true that most start up fail and the biggest reason is personal greed. The moment u have funding you try to invest on you not business

India is not poor, it is land of opportunities for those who want to work.
Read 4 tweets

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