One committee of UN (United Nations Military Observer Group in India and Pakistan) was operating since 74yrs in India by the blessing of Nehru govt.
This group was in India since 1948 observing dispute of JK between India and Pakistan.
All these years India was bearing their all expenditure of office and staff including their Food, Transportation, Accomodation, and all other expenses.
Last week the same committee declared JK dispute is not bilateral between India and Pakistan but also with China and India is blocking them in their work in India.
They also Complained that whatever finance is given by India is not sufficient and India should increase their financial assistance.
It is like tamed dog who barkes at the person who feeds it.
Immediately Modi govt swung into action and cancelled the Visas of their all 40 staff members and asked them to leave India within 10 days .
This is Modi doctrine where action speaks louder than words..
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BBC , सारे antinationals और सारे मोदीविरोधी की वजह से जहा देखो वहा गुजरात के दंगो के बारे में ही सुनने और देखने को मिल रहा है ..रोज रोज नए खुलासे हो रहे हैं | रोज गुजरात की सरकार को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। @narendramodi
सबका निशाना केवल एक नरेन्द्र मोदी | जिसे देखो वो अपने को को जज दिखाता है| हर कोई सेकुलर के नाम पर एक ही स्वर में गुजरात दंगो की और मोदीजी की निभर्त्सना कर रहे हैं
लेकिन हम तो इनसबको धन्यवाद देना चाहेंगे।
क्योंकि इनकी वजह से हमे फिर याद आया के नरेंद्र मोदी ही वो आग है जो भारत और हिंदुत्व की ज्योत को तेजोमय रखने के लिए बहोत बहोत ज़रूरी है..
कारसेवको को मारने के लिए ट्रेन को जलाने की कई दिनों से योजना बन रही थी।
A complete and immediate ban on BBC it is needed because BBC has exposed itself time and again and has lost the credibility of reporting on India and in India. #BanBBCInIndia
The The news that it provides are so subtly fake that sometimes it becomes hard to separate news from propaganda. But if you think that it is an exaggerated deduction, let me remind you few anti-India narratives created by BBC to promote hostility in the masses.
Long maligned history of BBC
There is a long list of anti-India propaganda by BBC. Let us catch up to some of them. Starting with the 2019 incident when Yogi Adityanath was completing 4 years of his tenure as a CM and presented his report card..
मे २०२२ मध्ये शिवसेनेचे आमदार रमेश लटके यांचे निधन झाल्यावर शिवसेना उबाठा गटाने रमेश लटके यांच्या पत्नी श्रीमती ऋतुजा लटके यांना त्या विधानसभा पोटनिवडणूकीसाठी उमेदवारी जाहीर केली तर भाजप ने मुरजीभाई पटेल यांना उमेदवारी जाहीर केली.
भाजप ने उमेदवार उभा केल्याबरोबर लगेच महाराष्ट्राची संस्कृती जागी झाली.निधन पावलेल्या आमदाराच्या पत्नीसमोर उमेदवार देणे हे महाराष्ट्राच्या संस्कृतीत बसत नाही वगैरे लेक्चरबाजी विशेष करून महा विकास आघाडी चे पुढारी करू लागले.हा उपदेश करण्यात शरद पवार अर्थातच आघाडीवर होते.
अखेर मराठी संस्कृतीच्या या माऱ्याच्या दबावाने म्हणा किंवा अन्य कोणत्या कारणामुळे म्हणा,भाजपच्या मुरजीभाई पटेल यांनी त्यांची उमेदवारी मागे घेतली.
आमिर एक बहुत ही बुद्धिमान ऑपरेटर है। सलमान खान या शाहरुख खान के विपरीत, उन्होंने अपने रोल को शुरू से ही बहुत अच्छी तरह से निभाया। #BoycottbollywoodCompletely
उन्होंने सरफरोश, लगान और मंगल पांडे जैसी सुपर-देशभक्ति फिल्में बनाईं और देशभक्त भारतीयों की स्वीकृति और विश्वास हासिल किया। फिर उन्होंने चुपके से और सूक्ष्मता से अपनी फिल्मों में अपना एजेंडा डालना शुरू कर दिया।
रंग दे बसंती का ही उदाहरण लें। हर कोई जिसने इसे देखा वह जॉर्ज फर्नांडीस और भाजपा सरकार से नफरत करता था.. क्योंकि उसने रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार के साथ पैसा कमाया। सोनिया गांधी ने तहलका घोटाले में तरुण तेजपाल जैसे लोगों का इस्तेमाल करके यही साबित करने की कोशिश की थी।
कोल्हापूर गादीच्या छत्रपतींना, धर्मवीर छत्रपती संभाजी महाराजांचे नाव महापुरूषांच्या पंगतीत समाविष्ट केलेलं रुचलेलं दिसत नाही.
शिंदे - फडणवीस सरकार कडून धर्मवीर छत्रपती संभाजी महाराजांचे नाव महापुरुषांच्या यादीत समाविष्ट करण्यात आले. @YuvrajSambhaji
या निर्णयाचे सगळीकडून स्वागत होत आहे पण, काहीं जणांना ते रुचलेलं दिसत नाही.
आज, कोल्हापूर गादीचे युवराज संभाजीराजे भोसले यांनी मोदजीवर, भाजपवर टीका करताना म्हटले की, महाराजांचे नाव घेऊन राजकारण करता, गड किल्ल्यांचे संवर्धन का करत नाहीत?
माझा प्रश्न एवढाच आहे, कोल्हापूर गादीचे छत्रपती संभाजी महाराजांना ( Yuvraj Sambhajiraje Chhatrapati ) आज गड किल्यांची आठवण का आली?
राज्य सरकारने घेतलेल्या कालच्या निर्णयाचे स्वागत तर सोडा ब्र शब्द देखील तुम्ही काढला नाहीत. किमान चांगल्या कामाचे कौतुक करण्याचे धारिष्ट तरी दाखवा?
#PATHAN यानी पश्तून 350 से अधिक जनजाति और वंशावली में विभाजित हैं। 1989 में जब सोवियत रूस अफ़ग़ानिस्तान से चले गए, तब सवाल उठा अब पश्तून पठान किससे लड़ेंगे ? जवाब आया अपने भाइयों और पड़ोसियों से। #Boycott_Pathan
1989 के बाद पठानों ने गृहयुद्ध की शुरुवात कर अफ़गानिस्तान को बर्बाद करना शुरू कर दिया। अफ़गानिस्तान बर्बाद होने से पहले 2500 साल पहले आबाद मुल्क था।
अफ़ग़ानिस्तान में बौद्ध सभ्यता थी, वहां के लोग बौद्ध थे। बौद्ध सभ्यता के दौरान आज का अफ़ग़ानिस्तान मौर्य साम्राज्य का हिस्सा था। हेरात से लेकर पेशावर तक स्तूप, बौद्ध विहार प्राचीन अवशेष आज भी हैं।