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👉आज 26जनवरी को कन्याकुमारी से शुरू होने वाली EVMभंडाफोडराष्ट्रीयपरिवर्तनयात्रा को वहा के पुलिसप्रशासन द्वारा रोके जाने के विरोध मे वहा कन्याकुमारी के SP के विरुद्ध धरनाप्रदर्शन कर रहे मूलनिवासी लोगो को पुलिस पकड कर ले जा रही है, तब हमारे लोगो ने EVM खिलाफ
सुत्रोचार किया व कैसे लोकतंत्र का हनन हो रहा बताया|👈
भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा वामन मेश्राम साहब के द्वारा 26 जनवरी 2023से कन्याकुमारी से दिनाँक 26 जनवरी 2024 कश्मीर तक -- लोकतंत्र को बचाने के लिए एवम मूलनिवासी समाज को शासन-कर्ता जमात बनाने के लिए EVM भंडाफोड़ राष्ट्रीय परिवर्तन यात्रा निकालने का निर्णय किया था
( क्योंकि EVM से हमारे वोटो की चोरी हो रही है उसे रोकने के लिए ) जिसकी सम्पूर्ण तैयारी हो चुकी थी लेकिन तमिलनाडु के पुलिस प्रशासन के द्वारा परिवर्तन यात्रा की अनुमति अभी तक नही दी है|
यह हमारे संविधान मे मिले मौलिक अधिकारो का हनन है| अभी तो देश मे बाबा साहब का संविधान लागू है
बाउजूद आर्टिकल 19 मे मिले मौलिक अधिकारो का हनन किया जा रहा है?
मा.वामन मेश्राम साहब ने अनुमति न मिलने के कारण दिनाँक 31 जनवरी 2023 को देश व्यापी जेलभरो आन्दोलन की घोषणा की है| अतः राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद मा वामन मेश्राम साहब के द्वारा घोषित किए गए जेलभरो आन्दोलन का जाहिर
24जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जन्मजयंती
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर जी (जन्म;24जनवरी1924 - मृत्यु;17फरवरी1988) ने करीब 41 साल पहले मुंगेरी लाल आयोग की सिफारिशो के अनुरूप OBCअन्य पिछडे वर्ग को नौकरियो व शिक्षा मे आरक्षण देने की घोषणा 11नवंबर1978 को की थी|
इसलिए सबसे
ज्यादा अश्लील और भद्दी गालियाँ भी कर्पूरी जी ने सुनी थी|
इनके बाद वी.पी.सिंह, लालू प्रसाद, अर्जुन सिंह, मायावती वगैरह के नाम आते है|
पिछडे वर्ग के इस आरक्षण के खिलाफ ब्राह्मण, भूमिहार और राजपूत जातियो के लंपट और लफंगे सडको पर उतर आए और कर्पूरी जी को माँ बहन की गंदी-गंदी गालियाँ
देने लगे|
जैसे👇
रिज़र्वेशन कहाँ से आई, कर्पूरी की माँ...
कर्पूरी की माई चढी खजूर,
बेटा माँगे...
कर्पूरी कर्पूरा छोडो गद्दी, पकड़ौ छूरा
जैसी गालियाँ पढे लिखे उच्च वर्णों ने दी👈
लेकिन कर्पूरी जी तो इतिहास लिख चुके थे|
वे इतिहास मे जननायक के तौर पर दर्ज हो चुके थे|
आज बिहार के
आदिवासी समाज के लोगो को मा.डॉ.भंवर सिंह पोर्ते, मा.शिवभानू सिंह सोलंकी और मा.दिलीप सिंह भूरिया के विकास और पतन का इतिहास जानने की जरूरत है|
इसके अलावा मा.जयपाल सिंह मुंडा और इंजी. कार्तिक उराँव साहब के द्वारा आदिवासियो के लिए किए गए संघर्ष और उनके साथ हुये
सडयंत्रो के इतिहास को जानना चाहिए ?
क्योंकि जो कौम अपने इतिहास से सबक नही सीखती है, वह अपने भविष्य का निर्माण नही कर सकते है| -बाबासाहेब डॉ.आंबेडकर
ब्राह्मण एवम तत्सम ऊंची जातियो की राजनीतिक पार्टियो कांग्रेस एवम भाजपा ने आदिवासी समुदाय के लडने-भिडने एवम समाज के लिए कुछ करने की
सामाजिक सोच रखने वाले नेताओ के साथ कैसा सलूक किया ?
जानने के लिए वीडियो सुने
ब्राह्मणो की राजनीतिक पार्टियो मे गुलामी करके आदिवासी समुदाय को बेचने वाले नेताओ को भी सबक लेना चाहिये ?
के.आर.शाह, संपादक, आदिवासी सत्ता पत्रिका, भिलाई, दुर्ग छत्तीसगढ
छत्रपति शिवाजी महाराज के सच्चे एवं कर्तबगार वारिस प्रतापसिंह भोसले महाराज 1जनवरी1818 के युद्ध के कारण प्रताप सिंह भोसले महाराज यह बाजीराव (द्वितीय) पेशवा के कैद से मुक्त हुए और सातारा गद्दी के अधिकृत राजा घोषित किए गए| छत्रपति प्रताप सिंह भोसले महाराज ने बहुजनो के लिए शिक्षा के
लिए द्वार खोलकर लडको एवं खरकर लडकियो के लिए विद्यालय शुरू किए|
सन1832 मे उन्होने लडकियो के लिए विद्यालय शुरू किया| उनका वास्तविक शिवराज्य की स्थापना का उदात्त हेतु था|सूबेदार रामजी सपकाल जी सातारा मे मिल्ट्री मे कार्यरत थे तब उन्होने भीमरावआंबेडकर (बाबासाहेब) को प्रताप सिंह भोसले
महाराज की पाठशाला मे दाखिला करवाया| फिर वही बच्चे ने आगे चलकर देश का तथा बहुजन आंदोलन का नेतृत्व किया जिन्हे डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर नाम से जाना जाता है| उन्होने भारतीय संविधान के माध्यम से स्वराज्य अर्थात शिवशाही को पुनर्जीवित किया|
मराठासाम्राज्य के 8वें छत्रपति प्रताप सिंह भोंसले
छत्रपति शिवाजी महाराज के वारिस जिन्होने बहुजन समाज के लिए प्रथम शिक्षा के लिए अपना राजमहल खोला| जिन्होने बाजीराव राघोबा पेशवा के साथ खुले तौर पर दुश्मनी मोल ली, क्योंकि इसी बाजीराव ने छत्रपति के वारिस प्रतापसिंह भोसले महाराज को कैद करके रखा था| जो 1जनवरी1818 के लडाई के बाद
बाजीराव के कैद से आज़ाद हुए| प्रतापसिंह भोसले महाराज ने ब्राह्मणो के वर्चस्व को नकारा, बालाजी पंत नातू ने उन्हे बहुत कष्ट-यातनाएं दी लेकिन प्रतापसिंह भोसले महाराज ब्राम्हणो के सामने झुके नही| प्रतापी, शूरवीर अपने पूर्वजो के सिद्धांतो पर अडे रहने वाला महान राजा प्रतापसिंह भोसले
महाराज (जन्म;18जनवरी1793) की आज जन्मजयंती है| सभी मूलनिवासी बहुजनो को उनके जयंती पर बहोत बहोत बधाई|
इस वीडियो को जरूर देखिए 5G नेटवर्क आम आदमी के लिए नही है यह सरकारो का एक बहुत बडा हथियार है जिसके माध्यम से वह हमे भविष्य मे कंट्रोल करना चाहते है| एजेंडा 2030 के तहत एक ऐसी दुनिया बनाने की तैयारी है जिसमे सब कुछ सरकारो के नियंत्रण मे होगा स्वचालित मशीनो
द्वारा बहुत आसानी से कार्य होगा इन मशीनो को चलाने के लिए हाई स्पीड नेटवर्क चाहिए इसके लिए ही पूरी दुनिया मे 5G टावर लगाए जा रहे है लेकिन इससे पशु पक्षियो और इंसानो पर क्या दुष्प्रभाव पड रहे है इस पर कही भी कोई चर्चा नही हो रही है, 5G टावर के नजदीक जो भी व्यक्ति रहेगा वह कुछ समय
मे निश्चित ही फेफडो की बीमारी से कैंसर से और मानसिक बीमारी से ग्रसित हो जाएगा| जागो और जगाओ, जो जागेगा वही बच पायेगा|