वो बारह दिन
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बात 2002 की है। बीएससी सेकण्ड ईयर में था। कोचिंग में एक घंटे और एक होम ट्यूशन कुल मिलाकर महीने का खर्चा आराम से निकल जाता था। नाम तो दो धंटे का था पर दोनों जगह निपटाने में कमसे कम तीन घंटे लग ही जाते थे लेकिन पढ़ाई ठीक ठाक चल रही थी तो उन
परिस्थितियों से कोई गिला शिकवा नही है।
कोचिंग का पैसा कभी -कभी लेट भी हो जाता था लेकिन होम ट्यूशन जो कि जिस मैडम के यहां था वो ऐसी थीं कि हमेशा एक तारीख को ही बिना नागा पैसे दे देती थीं।
अक्टूबर महीने का आखिरी दिन था और ठंड अभी धीरे धीरे अपना पाँव पसार ही रही थी।
एक फेरी वाला गरम कपड़े बेचने आ गया। मैं जहाँ किराये पर कमरा लेकर रहता था वहाँ आसपास में भी कुछ हमउम्र लड़के थे जो पढ़ते तो नही थे पर दोस्त थे। उन्होंने जैकेट पसंद की ... खुद लिया, तो मुझे भी लेने के लिए बोलने लगे उस समय मैं कोचिंग के लिए निकल ही रहा था।
जेब टटोला तो उसमें ढाई सौ रुपये थे। जैकेट सिर्फ दो सौ बीस की थी। हाथ एक बार रुके तो... लेकिन दूसरे दिन ही पैसे मिल जाने की उम्मीद में हौसला बढ़ा और मैंने वो जैकेट खरीद लिया....
पीले रंग की वो जैकेट पहनकर एक बार खुद को आईने में देखा और अपने काम पर निकल गया।
वापस लौटते समय दस रुपये की सब्जी की लाया, कमरे पर आया तो बल्ब फ्यूज था दूसरे दस रुपये का वो लाना पड़ा अब जेब मे सिर्फ दस रुपये बचे थे।
अगली सुबह उठा तो बल्ब फिर से फ्यूज था, कमरे में रोशनी इतनी नही होती थी कि बिना बल्ब के पढ़ सकें इसलिए सुबह सुबह ही फिर बल्ब लाना पड़ा।
अब जेब बिल्कुल खाली हो चुकी थी।
शाम को पैसे मिल जाने की उम्मीद में शाम तो हो गई लेकिन आज वहां भी धोखा हुआ और फीस नही मिली। आदतन मैं कभी फीस मांगता नही था तो सोचा शायद आज भूल गई होंगी कल मिल जाएगा।
इस कंगाली में ही नमक का पैकेट भी खत्म होना था। वो भी खत्म हो गया।
आटा चावल दाल घर से लेकर जाता था वो तो प्रचुर मात्रा में था।लेकिन बिना नमक के सब बेकार था। किसी दुकानदार से उधार मिल जाने भर की जान पहचान भी नही थी।अब बिना नमक के खाने का सिलसिला शुरू हुआ जो पूरे बारह दिन चला। गनीमत ये रही कि कोई और मुसीबत खड़ी नहीं हुई और दिन जैसे तैसे काट लिया
सुबह होती दिन गुजरता और हर शाम इस उम्मीद के साथ आती कि आज तो फीस मिल ही जाएगी पर नही मिलती। अंत में एक तारीख की शाम से बिना नमक के खाने वाला सिलसिला बारह तारीख की शाम को समाप्त हुआ। उसी दिन मुझे कोचिंग सेंटर से भी पैसे मिल गए और होम ट्यूशन के यहाँ से भी ( दोनों जगह से एक साथ
पैसे न मिलना और फिर मिल जाना भी अजब संयोग ही था)
इस घटना से मैंने दो बातें सीखी ... पहली तो ये कि अपनी जेब कभी फिजूल की चीजों में खाली मत करो बिना जैकेट के मैं रह सकता था। स्वेटर था जिसे पहनकर काम चल जाता पर दोस्तों की देखा देखी में ले लिया जिसका खामियाजा भी खुद ही उठाया।
... और दूसरी बात ये कि किसी की देनदारी नही रखता
दोनों बेटों को पढ़ाने वाले ट्यूटर का आज महीना पूरा हो रहा था। मैं बाहर गया हुआ था वापस आया तब तक वो पढ़ाकर जा चुके थे। मुझे चैन नही आया तो उनके घर जाकर देकर आया। वापस आने पर पिता जी बोल रहे थे कि वो कही भागे जा रहे थे क्या?
कल दे देना था...
मैं उनसे तो कुछ नहीं बोला पर अपने मन ही मन बुदबुदाया कि हो सकता है उसके घर मे भी नमक न हो...
मास्टरजी - होमवर्क करके क्यों नहीं आये ?
छात्र - गुरुजी , पड़ोस में गाय ने बछड़ा जना है । परदेसी कल जंगल गया था , वहां से मुर्गा लाया ....
मास्टरजी - उससे क्या ? होमवर्क क्यों नहीं किया ये बता ।
छात्र - गुरुजी ,सुरेश क्लास से भागकर कंचे खेल रहा था इत्ते में उसके चच्चा आये
और उसे मारते घर ले गए , सुरतु का चप्पल बड़े महराज के घर से चोरी चले गए....
मास्टर जी - अबे चुप ये बता होमवर्क कईं नहीं किया ?
छात्र - गुरुजी , कमला के घर में पुलिस आई थी सुना है उसके पति ने गहने चोरी .....
मास्टरजी- सारे जहान की बात करता है गधे , होमवर्क क्यों नहीं किया ?
बता नई तो डंडे मारूंगा ।
छात्र - गुरुजी , आपको मेरी पढ़ाई पे शक है ? मुझको गरीब जान कर धमका रहे हो । मैं सेठ बांकेलाल के बेटे के साथ घूमता हूँ तो क्या हुआ , रोज इस्कूल की ड्योढ़ी में माथा टेकता हूँ मेरी नियत पे शक करते हो आप ? समे लाल भी होमवर्क नई किया ,
सूत जी बोले, "हे ऋषि गण! कामदेव ने नारद मुनि को बताया कि वेलेंटाइन व्रत को करने के लिए प्रथम दिवस गुलाब सप्तमी, फिर प्रस्ताव अष्टमी, फिर चॉकलेट नवमी, फिर भालू दशहरा, फिर वचन एकादशी, फिर आलिंगन द्वादशी, फिर चुम्बन त्रयोदशी और अंतिम दिन
प्रेम चतुर्दशी मनाई जाती है। पूरे आठों दिन कठोर व्रत करना होता है। ऋषि गण ने यह सुनकर आतुरता से पूछा, "हे सूत जी! मृत्यु लोक में इस कथा को किसने किया, किसने उसका लाभ लिया हमको विस्तारपूर्वक कहिए हम सुनना चाहते हैं।
सूत जी ने कहना आरंभ किया। पौराणिक नदी कोसी के किनारे एक अत्यंत ही अकेला ब्राह्मण युवक रहा करता था। वह इतना प्रेमातुर था कि किसी भी अकेली कन्या को पाते ही उसको प्रेम प्रस्ताव थमा देता था। किन्तु दुर्भाग्यवश सभी कन्याएं उसके प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा देती थी।
वैलेंटाइन डे विदेशी त्योहार है हिंगुओं। इतना धैर्य सच्चा हिंगू नही रखता है। सीधे सेक्स मांगता है। हमारे तो ऋषि मुनि भी सुंदर लड़की देख फौरन सीधे सेक्स मांगते थे। सात दिन सिर्फ आई लव यू कहने मे बर्बाद करोगे तो धर्मरक्षा के लिए समय कब बचेगा।
मै तुम्हे ब्राह्मण धर्म की कथा सुनाता हूं
एक दिन ऋषि पराशर मत्स्यगंधा की नाव में बैठे और मत्यगंधा को देखकर मोहित हो गए। ऋषि पराशर ने मत्स्यगंधा से प्रेम निवेदन किया (ब्राह्मण भाषा वाला प्रेम मतलब केवल सेक्स, वन नाइट स्टैंड, शादी वादी नहीं) और कहा कि मैं तुमसे एक पुत्र उत्पन्न
करना चाहता हूं (मतलब बिना कंडोम के यौन संबंध)। मत्स्यगंधा ने अपना कौमार्यभंग होने की बात ऋषि से कही (लड़की ने मना नहीं किया, ना अंकल/बुड्ढे/खूसट कहा)। ऋषि ने मत्स्यगंधा से कहा कि संतान उत्पन्न करने के बाद भी तुम कुंवारी ही रहोगी इसलिए चिंता मत करो (कैसे ये मत पूछना)।
हर नैतिक, इमानदार, गरीब, व्यवस्था विरोधी, कटु सत्य बोलने वाला, चापलूसी से दूर रहने वाला, प्रतिभावान , संवेदनशील मानव की अंतिम जगह जेल में ही होती है , चाहे तंत्र कोई हो ? कल राजाओं , बादशाहों का राज था, फिर क्रूर अंग्रेज आये सभ्यता का मुखौटा लगाकर, लोकतंत्र दिये ।
लोकतंत्र के लिये आजादी की लड़ाई के हीरो गांधी का हश्र क्या हुआ? नेहरू जैसा महामानव था कि जानवरों की बस्ती में कुछ दिन लोकतंत्र दिखाई दिया लेकिन हम तो सदियों से जंगलराज के आदि रहे हैं , पैर छूने वाले को सभ्यता और संस्कृति कहते हैं, गरदन काटने वालों को शेर । गददारों को देशभक्त ।
नेहरू गये ,उन्हीं के साथ लोकतंत्र गया, फिर आजादी के लड़ाई के हीरो ,अहिंसा के पुजारी की हत्या करने वाले मर्यादा पुरूषोत्तम राम के उत्तराधिकारी बनकर राज पर कब्जा कर लिये । गांधी के हत्यारे रामराज्य की बातकर रहे हैं, चारो तरफ राम का मंदिर बनाया जा रहा है, जो इनसे असहमत है
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वक़्त वक़्त की बात है, कभी 2G घोटाला से सरकार बदली थी और आज ब्रिटेन के गुजरात वीडियो ने ब्रिटेन की Vodafone कम्पनी के $2 billion से अधिक के व्याज और spectrum कर्ज को भारत सरकार वापस
न लेकर वोडाफ़ोन का शेयर 10 रूपया प्रति शेयर (equity) मजबूरन ले कर 33.3% का मालिक हो गया।आज वोडाफ़ोन के शेयर का दाम दस रूपया से कम रू० 7.25 है।
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कर दिया और ब्रिटिश वीडियो ने भारत मे Vodafone को जीवित कर मुकेश के Jio साम्राज्य को ख़त्म करने की क़वायद शुरू कर दिया।अनील का Reliance Communication कर्ज के कारण ख़त्म हो गया मगर वोडाफ़ोन का क़र्ज़ भारत सरकार ने ले लिया।