ADANI FACED MARGIN CALL OF $500 MILLION ON HIS FOREIGN BANKS LOAN: INDIA LOST GEOPOLITICS & GEOECONOMICS

"तेरी दवा न जेनिवा मे है न लंदन मे
फ़िरंग की रगे जॉन पंजह यहूद मे है"
"تیری دوا نہ جنیوا میں ھے نہ لندن میں
فرنگ کی رگ جاں پنجہ یہود میں ھے "
इक़बाल ने मुसलमानो को सौ साल पहले Geopolitics समझाने के लिए एक शेर कहा था कि तुम लंदन और जेनेवा (Geneva) जहॉ प्रथम विश्वयुद्ध (WWI) के बाद अंग्रेजों ने League of Nation बनाया था वहॉ अपनी बर्बादी की दवा खोजने क्यो जा रहे हो?अंग्रेजों (फिरंगयों) की जान तो यहूद के हाथ (पंजह) मे है
आज हम इक़बाल का यह शेर अपने आदरणीय विश्वप्रख्यात दार्शनिक संघ प्रमुख मोहन जी और दूसरे कथित भारतीय बूद्धिजीवियों और पत्रकारों के नज़र कर याद देलाते हैं कि 'अब की बार कैमरून सरकार', 'अब की बार ट्रम्प सरकार' तथा 'नेतनयाहू की दोस्ती' भारत को विश्वगुरू नही बना सकी मगर अब अर्थव्यवस्था
को भी ले डूबा।
कल की खबर है कि अदानी ने विदेशी बैंक Barclays (London), Citigroup (USA), Deutsche Bank (Germany) से $1.1 billion का कर्ज शेयर गिरवी कर लिया था।अब जब अदानी का शेयर का दाम आधा से ज्यादा गिर गया तो Banking Law के आधार पर बैंक लोन का आधा पैसा क़र्ज़दार को Cash जमा
करने को कह सकता है, जिस को मार्जिन मनी (Margin money) कहा जाता है।लंदन के Barclays बैंक ने कल अदानी को मार्जिन मनी जमा करने को कहा।

यूरोप का अधिकतर बैंक अभी घाटा मे है और Barclays मे क़तर का $11.1 billion निवेश है, Citigroup मे सऊदी प्रिंस वलीद का शेयर है,
Standard Chartered (London) को दुबई खरीद रहा है।Manchester United Football Club को क़तर के बिजनेसमैन खरीद रहे हैं, अरब लोग Manchester City और New Castle Club पहले से खरीद कर बैठे हैं।

चीन के शेयर बाजार मे पिछले दो हफ्ता मे $26 billion विदेशी लोगो ने पैसा लगाया है
क्योकि चीन की अर्थव्यवस्था बेल्ट और रोड (BRI) देशो के कारण फिर तीन साल बाद मज़बूत होती नजर आ रही है।
#नोट: इस सदी की बदली दुनिया मे, हमारे तथाकथित बुद्धिजीवियों तथा हिन्दी वरिष्ठ पत्रकारों को भारत का इतिहास और भूगोल को सही से
अध्ययन करना होगा और झूठा इतिहास और भूगोल बोलना और लिखना बंद करना होगा क्योकि आप की दवा न लंदन मे है, न जेनेवा मे है, न वाशिंगटन या यूएनओ मे है बल्कि #मुग़ल_गार्डेन मे है।जय अल हिन्द।

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Feb 11
रतन टाटा से एक सवाल पूछा गया था कि "आप लोगों के रहते हुए भी अंबानी देश के सबसे अमीर आदमी कैसे है?"

टाटा ने जवाब में कहा था कि "हम यानी टाटा ग्रुप व हमारे जैसे अन्य लोग इंडस्ट्रलिस्ट है जबकि अंबानी, अडानी लोग बिजनेसमैन है।
हमारी कोशिश सुपर पावर बनने की नहीं रही बल्कि भारत को एक खुशहाल देश बनाने की कोशिश रही है।"

अब समझिए कि इंडस्ट्रलिस्ट को हिंदी में उद्योगपति कहते हैं और बिजनेसमैन को धंधेबाज।
भारत की आम सोच के हिसाब से समझा जाय तो उद्योगपति वो होता है जो फैक्ट्री लगाए, चीजें बनाए, रिसर्च करवाए जबकि धंधेबाज वो होता जो इधर उधर तिकड़म कर के बनी बनाई चीजों को बेचे।
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Feb 10
Soumitra Roy
लोकतंत्र के ग्राउंड ज़ीरो, यानी संसद के उच्च सदन में आज प्रधानमंत्री ने जो कहा और जो नहीं सुना गया–दोनों को मिलाकर अगर एक वाक्य में कहें तो कहा जा सकता है–न खाता न बही, जो सत्ता कहे वही सही।
सत्ता यानी वह एक शख़्स जो देश के पीएम हैं और जो तमाम सवालों, आरोपों और मुद्दों से अकेले लड़ रहे हैं।

वे अकेले ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके इर्द–गिर्द बहुमत की सत्ता का जाल बुना जाता है, जीत की इबारत लिखी जाती है और हारी हुई बाज़ी भी जीत ली जाती है।
वे अगर कहें कि न कोई घुसा, न घुसकर बैठा है–तो समूचा सिस्टम उसे सही साबित करेगा, फिर चाहे वह संवैधानिक संस्थाएं हों या खुद सुप्रीम कोर्ट।

यानी, समूचा देश सत्ता के आतंक में उस एक व्यक्ति की मुट्ठी में बंधक है, जिसे ना पसंद नहीं। तालियां, मेज़ की थपथपाहट और वाहवाही खूब भाती है।
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Feb 10
नेहरू का गिरेबां और शहाबुद्दीन का काला झंडा
डरपोक आदमी को देश का पीएम नही होना चाहिए। नरेंद्र दास अडानी डरपोक है। संसद में आज उन्हें देखकर बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के कुछ अंश याद आये।पढ़िए-
नेहरू प्रधानमंत्री थे। लोहिया के कहने पर एक महिला संसद परिसर में आ गईं और नेहरू जैसे ही गाड़ी से उतरे, महिला ने नेहरू का गिरेबान पकड़ लिया और कहा कि "भारत आज़ाद हो गया, तुम देश के प्रधानमंत्री बन गए, मुझ बुढ़िया को क्या मिला." इस पर नेहरू का जवाब था,
"आपको ये मिला है कि आप देश के प्रधानमंत्री का गिरेबान पकड़ कर खड़ी हैं."
एक कहानी 1955 की है. बिहार में छात्रों पर पुलिस ने फ़ायरिंग की थी. बाद में जब नेहरू पटना पहुंचे तो उस समय 20 साल के एक नौजवान सैय्यद शहाबुद्दीन ने 20 हज़ार छात्रों के साथ पटना हवाई अड्डे पर नेहरु के ख़िलाफ़
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Feb 10
गर्म जल: एक आयुवर्धक टॉनिक
पानी जीवन है। हम जिस दुनिया में रहते हैं उसका भी 70% हिस्सा पानी ही है और हमारे शरीर का भी लगभग इतना ही प्रतिशत हिस्सा पानी से बना है इसलिए हम समझ सकते हैं कि यह कितना महत्वपूर्ण है। हवा के बाद जीवन के लिए सबसे ज़रूरी चीज पानी ही है।
हम रोज़ाना 5 से 10 गिलास पानी पीते हैं। हम पीते वक़्त इस पानी के तापमान की ज्यादा परवाह नहीं करते, जहां तक संभव होता है हम ठंडे पानी को पीना चाहते हैं जबकि सेहत की दृष्टि से शीतल जल घातक है। हमारे शरीर के तापमान के बराबर के तापमान वाला जल हमारे लिए श्रेष्ठ है।
हमें दिन भर में 2 से 3 गिलास गर्म पानी (कुनकुना) पीना चाहिए। गर्म पानी पीने का सबसे अच्छा समय सुबह उठकर, रात में सोते समय और भोजन के 40 मिनट बाद होता है। पानी का इस्तेमाल हम नहाने और दूसरे सफाई के कामों में भी करते हैं इसमें भी अगर हम गर्म पानी का प्रयोग करलें
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Feb 10
अडानी जी घाटा पूर्ण करण योजना के अंतर्गत वर्तमान भारत सरकार के बैंक जबरदस्ती ऋण योजना के अंतर्गत उगाही हेतु लोगों के पास चिट्ठीयां भेज रही है, कि किसी तरह से भूल बस या जबरदस्ती जनता से पैसे उगाही करके अडानी का घाटा पूरा किया जाए, इस योजना के अंतर्गत मुझे तीन दिन पहले, स्टेट बैंक
ऑफ इंडिया की एक चिट्ठी डाक द्वारा प्राप्त हुई कि मैंने उनसे ऋण लिया था और उनका ₹141+ ब्याज, बाकी है स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कभी मैंने खाता चालू नहीं रखा जो खाते मैंने खोले थे वह भूतकाल में ही बंद कर दिए, और फिर इस चिट्ठी के अंतर्गत, धन ना जमा करने पर लोक अदालत में बुलाया गया
मैंने बैंक जाकर पता किया तो बैंक पैसे जमा कराने की बात कह रहा है यह बता पाने में भी असमर्थ है कि मैंने खाता कब खोला वा ऋण के लिए कब अप्लाई किया, बैंक तक मेरा जाने आने का खर्चा कौन देगा बैंक कह रहा है आप चिट्ठी द्वारा जवाब भेजिए उसका डाक खर्च व टाइप कराई पैसा कौन देगा वर्तमान की
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Feb 10
◆ एक नेहरू सबके दुःखहारी ◆

~ मोदी के पास 1.9 लाख की LIC है
~ तड़ीपार अमित शाह के पास 7.26 लाख की LIC है
~ श्रीमती अमित शाह के पास 7.62 लाख की LIC है
अमित शाह में LIC and Others लिखा है
तो LIC के अलावा और पॉलिसी भी हो सकती है..
ये डेटा चुनाव आयोग की वेबसाइट पर है
LIC मुल्क की पहली पसंद है क्योंकि LIC या'नि आपके पैसे का महफ़ूज़ होना, भारत सरकार की गारंटी है कि आपके पैसे आपको वापिस मिलेंगे..और किसी इन्शुरन्स में सरकारी गारंटी नहीं है..
"LIC बिना सरकार भिकारी" : मोदी की जो सरकार चल रही है उसे अगर LIC क़र्ज़ नहीं दे तो कल से सरकार चलनी बंद हो जाएगी..बीजेपी का शायद ही कोई ऐसा नेता होगा जिसने LIC में निवेश नहीं किया होगा..
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