बुलडोज़र को लोग न्याय का प्रतीक क्यों मानते हैं ?? बुलडोज़र चलने पर पीड़ित की पीड़ा का लोग आनंद क्यों लेते हैं ??
आप सोचिये आपके मोबाइल पर दिन में रोज़ 25-30 व्हाट्स ऐप मेसेज आते हैं जिसमें सिर्फ़ यह लिखा होता है कि कैसे हज़ारो साल से आपके ऊपर ज़ुल्म हो रहा है और किस तरह से यह
सरकार आपके ऊपर हुए ज़ुल्मो का हिसाब ले रही है । यह मेसेज कोई आम मेसेज नहीं होते , इन्हें तैयार करने के काम एक पीआर कंपनी करती है जिसके पास वेल क्वालिफ़ाइड लोगों की टीम है ।बड़े बड़े तथाकथित खिलाड़ी , फ़िल्मस्टार , पत्रकार इन मैसेजेस को ट्वीट करते हैं जिनसे जनता के दिमाग़ में यह
2
झूठ पूरी तरह भरा जा सके। ऐसे में किसी का भी दिमाग़ ख़राब हो जाना स्वाभाविक है ।
हक़ीक़त में परपीड़ा पर सुखी होने वाले यह मासूम लोग अपनी सारी दिक्कतों, परेशानियों और महरूमियों के लिये सरकार को ज़िम्मेदार ना मानकर दूसरे समाज के लोगों को ज़िम्मेदार इसलिए मानने लगे हैं क्योंकि
3
यहां एक भारी भरकम शिला को भगतों की भगति के पाइप के सहारे टेक दे कर रोका गया है.जैसे कृष्ण ने अपनी कर उंगली पर गोवर्धन को धारण कर लिया था.
इस दौर की तकनीक और विज्ञान को त्याग के जब से हमने हिन्डू राष्ट्र और भिस्वगुरु बनने का संकल्प किया है,
ऐसे चमत्कार तब से आम हो गये हैं .वैज्ञानिक और तकनीशियन हैरान हैं और भकत निश्चिंत.
गौर से देखिये इस 350 लाख साल पुरानी शिला को और इसे थामने वाले पंच पाइपों को.जिसको भी ये जल निगम के मामूली पाइप दिखाई दे रहे हों समझ जाइये वो हिन्डू नहीं है, वो शर्तिया कांगी बामी और सैकुलर होगें.
ये पंचपाइप दर असल हमारे पंचदेव हैं जो भकतों की पुकार पर भिस्वगुरु के भरदान से पाइप योनि को प्राप्त हुए हैं .
ऐसे ही पंच प्रपंच पाइप पूरे दरकते धंसते जोशीमठ को थामने रोज ढिल्ली ढ़ेरादून से आते हैं और थाम कर चले जाते हैं .
अदाणी समूह का कर्ज़ 3.39 लाख करोड़ हो चुका है, यानी भारत की अर्थव्यवस्था का 1.2%.
आईएमएफ के मुताबिक अक्टूबर में भारत की अर्थव्यवस्था 273 लाख करोड़ रुपए थी।
देश की मूर्ख अवाम को इसका मतलब समझ नहीं आएगा।
लेकिन अगर इसे यूं कहें कि अदाणी की 10 कंपनियों की कुल परिसंपत्तियां
4/1
4.8 लाख करोड़ है, जबकि उसका लोन 3.39 करोड़ रुपए है तो उनका दिमाग ठनकेगा।
हिन्डेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद यह साबित हो गया है कि अदाणी ने पैसा घुमाया, फर्जी कंपनियों से काला धन शेयर बाज़ार में निवेश किया और अपनी कंपनियों का मूल्य 800 गुना दिखाया।
अब जबकि रिपोर्ट ने अदाणी को
4/2
धूल चटा दी है तो क्या अभी भी आप उसकी जायदाद 4.8 लाख करोड़ मानेंगे?
वैसे भी अदाणी के लोन का यह आंकड़ा विश्वसनीय नहीं है, क्योंकि अदाणी ग्रुप में और भी कई छोटी कंपनियां शामिल हैं।
किसी रईस के अस्तबल से बेशकीमती घोड़ा चोरी हो गया।स्कॉटलैंड यार्ड कोई सुराग न लगा पाई तो उसने शर्लक होल्मस से मदद मांगी।
●●
शर्लक नें मौका ए वारदात पर चौकस तफ्तीश की। घुड़साल बड़ी थी,चारो ओर से सुरक्षित। रात को हर दरवाजे पर गार्ड्स लगते थे।
4/1
भयंकर कुत्ते खुले छोड़ दिये जाते थे।
तमाम तफ्तीश के बावजूद सुराग नही लगा
इंस्पेक्टर बेचैन हो रहा था,बार बार शर्लक को देखता। वाटसन भी चुप थे।शर्लक के चेहरे पर रंग बदल रहे थे
एकाएक वो ठहर गए।पास रखी तिपाई पर बैठकर,पाइप सुलगाया।एक गहरा कश लिया और धुएँ का गहरा बबूला छोड़ते हुए बोले
- तुम्हें कुछ अजीब नही लगता वाटसन??
- है तो। मुझे लगता है चोरी के वक्त घोड़े को हिनहिनाना तो चाहिए था।
- नही वॉटसन। दरअसल बड़ा सवाल ये है कि कुत्ते क्यो नही भौंके??
- ओह,ओह, ओह। इसका मतलब कुत्ते चोर को पहचानते थे??
- नाउ यू आर देयर..शर्लक मुस्कुराए।तो अब बताओ,चोरी किसने की।।
4/3
बदनाम होंगे तो क्या नाम ना होगा !
मछुआरे की कहानी तो सुनी होगी जिसमे सुनहरी मछली उसको वरदान देती जाती है ।
पहले वो अच्छा घर मांगता है, फिर महल और जब सुरज चाँद की गति पर भी अपना अधिकार चाहता है तो फिर से गरीब होने का आशीर्वाद मिल जाता है ।
आज वैश्विक मीडिया मे भूतपूर्व बड़े सेठ
और क्रोनी केपिटलिज्म छाई हुई है।
टाइम्स मैगजीन और न्यूयोर्क टाइम्स ने विशेष स्टोरी पब्लिश की है जिसका लब्बोलुबाब ये है कि ये और इसका गुलाम जिओ पॉलिटिक्स मे ज्यादा टांग अडा रहा था
जब हम मुख्यालय में बैठते हैं तो हमारे पास कभी कभी लोकल लीडर आते है जो अनपढ़ भी होते है और जाहिल भी।
वो ख्वाब लेकर आते है कि आइंदा चुनाव मे उनसे बेहतर मुख्यमंत्री हो ही नहीं सकता बेशक अपने चार मूर्ख भक्तो की जिंदाबाद सुनकर स्वयंभू विश्वगुरु बन जाते हो ।
श्रीलंका, ग्रेट निकोबार द्वीप और ऑस्ट्रेलिया मे दखल की धूर्त/अनैतिक कोशिशो के कारण इसे इसके पायजामे मे वापिस घुसाया गया है।
3