अडानी समूह ने अपनी कुछ कंपनियों की स्वतंत्र ऑडिट कराने और, इस बात की पुष्टि करने के लिए कि, क्या समूह के, तीसरे पक्ष के साथ हुए लेन-देन, कॉरपोरेट गवर्नेंस मानदंडों का अनुपालन करते हैं या नही, ऑडिट फर्म GrantThornton - जिसकी भारतीय शाखा, GTBharat है को नियुक्त किया है।
पिछली बार अडानी समूह ने जिस 'स्वतंत्र ऑडिटर' को, इस काम के लिए रखा था, वह Shah Dhandharia ऑडिट कंपनी थी, जिसका Hindenburg Research रिपोर्ट में, जिक्र है। हिंडनबर्ग ने, उक्त ऑडिट फर्म के चार भागीदारों का उल्लेख किया है।
उनके से दो, जिन्होंने Adani Enterprises और Adani Total Gas के ऑडिट पर हस्ताक्षर किए थे, फ्रेशर्स थे और उनकी उम्र केवल, 23 और 24 वर्ष की थी। उनके पास कुल 11 कर्मचारी थे। उनका अनुभव केवल एक कंपनी की ऑडिट का था, जिसका बाजार पूंजीकरण $7.8 मिलियन है।
Grant Thornton LLP के कुछ ऑडिट पर भी सवाल उठाए गए हैं। दुनिया की सबसे बड़ी स्वतंत्र ऑडिट, टैक्स और सलाहकार फर्मों में से इस एक फर्म को भी, अक्सर इसको ऑडिट की चूको के लिए पहले दंडित भी किया किया गया है। #AdaniEnterprise#अडानीसमूह
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हैकिंग, सोशल मीडिया के जरिए दुष्प्रचार और चुनाव प्रक्रिया में रुकावट डालकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है , इस कुकर्म में इजरायली कंपनी की संलिप्तता उजागर हुयी है।
इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीजे) के अंतर्राष्ट्रीय महासंघ की रिपोर्ट के अनुसार हैकिंग, सोशल मीडिया के जरिए दुष्प्रचार और चुनाव प्रक्रिया में रुकावट डालकर 30 देशों में चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया जा रहा है। भारत भी इन देशों में शामिल है।
द गार्जियन में छपी रिपोर्ट में बताया गया है कि- कॉन्ट्रैक्टर्स की इस टीम के संचालक 50 वर्षीय ताल हनान हैं, जो तेल अवीव में रहते हैं। वे इस्राइल के एक स्पेशल फोर्स के पूर्व कर्मचारी हैं। वे ‘जोर्ज’ के नाम से काम करते हैं। उन्होंने विभिन्न देशों में चुनावों को प्रभावित किया है।
अदानी ने अपने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि वह अपनी कंपनियों का स्वतंत्र ऑडिट करवाएगा। कुछ खबरें भी मिलीं कि उन्होंने इसका ऑडिट करने के लिए ग्रांट थॉर्नटन ऑडिट फर्म से संपर्क किया था। पर अब खबर है कि अडानी ने कभी भी इसका ऑडिट करने के लिए ग्रांट थॉर्नटन से संपर्क नहीं किया।
खबर है कि हिंडनबर्ग के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए अडानी द्वारा तय की गई कानूनी फर्म ने मशविरा दिया है कि अदालत जाने के बजाय, वे अदालत के बाहर समझौता करें। क्या कानूनी फर्म की सेवा लेने का निर्णय लिया भी गया था या नहीं? अदालत के बाहर समझौता तभी हो सकता है जब कोई मामला शुरू हो।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के अनुसार, अडानी कॉरपोरेट जगत के इतिहास की सबसे बड़ी ठगी कर रहा है। समूह के शेयरों की कीमत कम हो गयी हैं और अडानी समूह कीमतों को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है। पहले ही 10,50,000 करोड़ रुपए के वैल्यूएशन का नुकसान हो चुका है और यह गिरावट अब भी जारी है।
2.50 अरब डॉलर के एफपीओ को रद्द करने के बाद, अब अडानी को निवेशकों का भरोसा बहाल करने के लिए एक विश्वास पूंजी प्रवाह की जरूरत है। संयुक्त अरब अमीरात UAE को छोड़कर किसी अन्य स्थान से, कोई भी फंड, अडानी के निवेश अनुरोध को पूरा करने के लिए फिलहाल तैयार नहीं दिखता है।
भले ही यूएई फंड देने को सहमत हो, पर वे केवल संपत्ति-आधारित कोलेटेरल आश्वासन पर ही निवेश करेंगे, क्योंकि अडानी के शेयर और बांड प्रतिदिन स्टॉक मार्केट में नीचे गिरते जा रहे हैं। सरकार ने, हरित हाइड्रोजन के लिए ₹19700 करोड़ का जो नकद अनुदान दिया है वह अडानी के लिए नाकाफी है।
लगता है अब पीएसबी/एफआई भी शेयरों के आधार पर अब और निवेश नहीं करेंगे। LIC SBI और अन्य FIs को चाहिए कि,अपना नुकसान बचाने के लिए, वे बंदरगाहों, हवाई अड्डों, राजमार्गों आदि गिरवी रखकर, अपने शेयर-आधारित कोलेटरल को समतुल्य वर्तमान मूल्य के परिसंपत्ति-आधारित कोलेटरल में बदल लें।
अडानी के सरकारी इंस्टीट्यूशन से क़र्ज़ पर वित्त राज्यमंत्री भगवत करड़ के लोकसभा में दिए गए बयान 31/01/2023 के अनुसार
347.64 करोड़ का क़र्ज़ है।
- न्यू इंडिया एसयूरेन्स
- यूनाइटेड इंडिया इन्शुरन्स
- नेशनल इन्शुरन्स
- ओरिएंटल इन्शुरन्स
- जनरल इन्शुरन्स कार्प
★ मंत्री भगवत करड़ ने बैंकों का अडानी को दिए क़र्ज़ का ब्यौरा देने से इनकार कर दिया..मंत्री ने कहा कि क़ानूनी तौर पर अडानी को दिए गए क़र्ज़ की जानकारी नही दे सकते..
★ मंत्री ने कुछ सरकारी इंस्टीट्यूशन से अडानी को दिए गए क़र्ज़ का ब्यौरा देने से भी इंकार किया..नाम है
- SIDBI
- EXIM बैंक
- NHB
- नेशनल बैंक फ़ॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
- नेशनल बैंक फ़ॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट।
अडानी की कंपनियों में पैसा लगा रहीं शेल कंपनियों का एक विवरण... 1. इलारा नाम की कंपनी ने अडानी की कंपनी में 24,766 करोड़ निवेश किया है जो उसकी कुल पूंजी का 99% है। 2. Monterosa Investment Holdings ने अडानी की कंपनियों में लगभग 37,000 करोड़ रुपया निवेश किया।
3. Emerging Market Investment नाम की कंपनी जिसमें एक भी कर्मचारी नहीं है, अडानी पॉवर में 8,200 करोड़ रुपये का निवेश करती है। 4. क्रिस्टा फंड्स ने 674 मिलियन डॉलर गौतम अडाणी की कंपनी में निवेश किया जो उसकी कुल कैपिटल का 89.5% है।
5. एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड ने 18,986 करोड़ रुपया गौतम अडाणी की कंपनी में निवेश किया जो उसकी कुल पूंजी का 99.4% है। 6. न्यू लियाना इन्वेस्टमेंट ने 420 मिलियन डॉलर अडाणी की कंपनी में निवेश किया जो उसकी कुल कैपिटल का 95% है।
कल मैने एक ट्वीट थ्रेड किया था कि झारखंड की कोयला खदान से कोयला पहले उदीसत के पारादीप बंदरगाह भेजा जायेगा, फिर वहां से शिप द्वारा से श्रीलंका होते हुए मुंद्रा पोर्ट गुजरात आयेगा, फिर, मुंद्रा पोर्ट से वह कोयला रेल द्वारा पंजाब आयेगा। इसे RSR कहा गया है।
इस पर कुछ मित्रों ने कहा कि
० इंपोर्टेड कोयला बेहतर होता है, और उसकी ढुलाई सागर मार्ग से सस्ती पड़ती है।
पहली बात,
मैने जिस कोयले बात की है, वह आयातित कोयला नहीं है और पचवारा कोयला खदान जो, झारखंड में है से ही, उसे पंजाब भेजा जा रहा है।
दूसरी बात,
कोयला रेल मार्ग से ही, पहले पारादीप बंदरगाह भेजा जायेगा,
फिर उसे समुद्र से मुंद्रा पोर्ट और
फिर मुद्रा पोर्ट से रेल मार्ग से ही पंजाब।
इस प्रकार, यह कोयला पहले पचवारा खदान से रेल पर लादा जायेगा फिर उसे पारादीप पोर्ट पर रेल से उतार कर शिप पर दुबारा लादा जायेगा।