रात के खाने और शराब की एक बोतल पीने के बाद, वे कैम्प में लेटे और सो गए।
कुछ घंटे बाद, होम्स जागा और उसने अपने दोस्त को जगाया..
"वाटसन, आकाश की ओर देखो और मुझे बताओ कि तुमने क्या देखा..?"
वाटसन ने उत्तर दिया, "मुझे लाखों तारे दिखाई देते हैं।"
"इससे तुम्हे क्या पता चलता है..?"
वाटसन ने एक मिनट के लिए सोचा,
फिर कहा,
"खगोलीय रूप से, यह मुझे बताता है कि लाखों आकाशगंगाएँ और संभावित रूप से अरबों ग्रह हैं।"
"ज्योतिषीय रूप से, मैं देखता हूं कि शनि सिंह राशि में है।"
"होरोलॉजिकली इस समय लगभग सवा तीन बजे है।"
"धार्मिक रूप से, मैं देख सकता हूँ कि ईश्वर सर्वशक्तिशाली है और हम छोटे और महत्वहीन हैं।"
"मौसम विज्ञान से, मुझे लगता है कल एक सुंदर दिन होगा।"
कहने के बाद वाटसन ने घूरते होम्स को देखा और पूछा_"और आपको ये क्या बताता है..होम्स?"
होम्स एक मिनट के लिए चुप रहा,
फिर बोला: "वाटसन, तुम मूर्ख हो। किसी ने हमारा तम्बू चुरा लिया है!"
अब इसे इस तरह पढ़िए:-
जोम्बी और मैं चर्चा कर रहे हैं, देश के हालात पर..
मैं:- "आप को अपने देश के हालात को देखकर क्या लगता है?"
जोम्बी:- अद्भुत! ऐसा भारत पहले कभी नहीं था।
ऐतिहासिक रूप से कहूं तो ऐसा दमदार और विश्वगुरु का रूप पहले हमारे पास कभी नहीं था।
राजनैतिक रूप से कहूं तो दूर दूर तक मोदी जी के अलावा कोई नहीं है।
कूटनीतिक रूप से बताऊं तो चीन और पाकिस्तान थर थर कांप रहे हैं।
यूक्रेन और रूस भारत से पूछ कर युद्ध बंद और शुरू करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति रोज़ सुबह मोदी जी को कॉल करके अपना दिन भर का एजेंडा तय करते हैं।
आर्थिक रूप से समझाऊं तो भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
कानूनी रूप से दिखता है कि अपराध खतम हो चुके हैं।
(धीरे से फुसफुसाते हुए:-मुल्ले एकदम टाइट हैं)
गर्व से मेरी ओर देखते हुए zombie ने कहा_
"अब आप बताओ..आपको क्या लगता है..?"
मैंने जोम्बी के हाथ से फोन लेकर व्हाट्स एप डिलीट कर दिया। उसका टेलीविजन उठाकर फेंक दिया
और कहा
" जोंबी, मूर्ख। सपने देखना बंद कर, तेरा ब्रेन वाश करके देश का तंबू उखाड़ कर बेच दिया गया है।"
अचानक प्याज़ के भाव इतने गिर गये कि किसानों को खड़ी फसल पर ट्रेक्टर घुमाने मे कम नुकसान लगा ।
गेंहू की तैयारी हो रही है, किसान का खुन पसीना इससे पहले कि मंडी पहुंचे सरकार ने अपने रिजर्व से गेंहू जारी कर दिया ।
यदि फसल कमजोर या कम हुई ( जो बताई जा रही है) तो सरकार के गोदाम खाली होंगे और गेंहू बेचने वाले आटे के लिए हाथ पसारते नज़र आएंगे ।
सुना है कि बदनाम जमाना सूक्ष्म ( माइक्रो ) खिड़की वाला दरवाजा भारत आ रहा है! क्यों आ रहा है?
दुनियां में सबका विकल्प है या हो सकता है लेकिन जमीन का कोई विकल्प नहीं है । सोना आज जितना है कल नई खदाने मिल सकती है, उद्योग धंधे भी नये लग सकते है किन्तु मिट्टी और भूमि का निर्माण नहीं हो सकता ।
इसलिए सबसे ज्यादा कीमती जमीन है और उसमे भी खेती की जमीन क्योंकि खेती ही एकमात्र
इसकी टोपी उसके सर- वाली कहावत तो सुनी ही होगी। मोदी राज के 8 साल में यह भारत में भयानक रूप से बढ़ी है।
अंधे पूंजीवाद का इस दौरान एक ही काम रहा है- बैंकों से लोन लेकर पूंजी बनाओ और घाटा होने पर सरकार को ही टोपी पहना दो।
लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद तमाम बड़े कॉर्पोरेट्स ही नहीं, बल्कि सरकार खुद भी डरी हुई है।
ताजा मामला वेदांता का है। अदानी सेठ की तरह ही वेदांता भी एक बड़ी डूबती नाव है। उस पर 7.7 बिलियन डॉलर का कर्ज है। बीते दिनों जब एसएंडपी ने कंपनी की माली हालत पर चिंता जताई
तो वेदांता ने फट से झूठ बोला कि पिछले 11 माह में कंपनी ने 2.2 बिलियन डॉलर का लोन चुकाया है।
दरअसल, ऐसा कुछ हुआ नहीं है। हुआ यह कि वेदांता अफ्रीका में तांबे की एक खदान को बेचना चाहती है। उसने मोदी सरकार से खरीदे हिंदुस्तान जिंक को टोपी पहनाने की सोची और
पाकिस्तान में आटा 250 रुपए किलो , चाय 75 रुपए, चना दाल 450 रुपए किलो जैसी पोस्टें डालने वाले अंडभक्त अपना ये राग पाकिस्तानी बंद करें…
उनके दम है तो वो 75 रुपए की एक रोटी भी खा रहे हैं, 1600-1800 रुपए किलो बकरे का गोश्त भी खरीद रहे हैं और खा रहे है ।
टमाटर और नींबू वहां साल भर 400 से 450 रुपए किलो, अदरक और लहसुन 600 रुपए किलो आराम से बिकते रहते हैं, और जनता खरीदती रहती है । मोबाइल आने से पहले जब भारत में लोग STD-PCO से 2 रूपये में लोकल कॉल किया करते थे, तब पाकिस्तानी 6 से 8 रुपए में लोकल कॉल किया करते थे ।
आज जब भारत में लोग 5 से 10 या अधिक से अधिक 12 रुपए में पान ठेलों में पान लगवाते और खाते हैं, तो वहां 25 से 75 रुपयों में लोग पान खाते हैं, और जी भर कर खाते हैं । यहां तुम्हारी 40 रुपए किलो अमरूद खरीदने की औकात नहीं छोड़ी मोदी ने ।
जिन्हें दूध अच्छा नहीं लगता , उनके लिए दही एक रुचिकर और सेहतमंद माध्यम है.दही में अच्छी किस्म के बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं.
- दही के नियमित सेवन से आंतों के रोग और पेट की बीमारियां नहीं होती हैं तथा कई प्रकार के विटामिन बनने लगते हैं।
दही में जो बैक्टीरिया होते हैं, वे लेक्टेज बैक्टीरिया उत्पन्न करते हैं।मोटापा कम करने के लिए दही प्रभावशाली है।- दही में हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और गुर्दों की बीमारियों को रोकने की अद्भुत क्षमता है। यह हमारे रक्त में बनने वाले कोलेस्ट्रोल नामक घातक पदार्थ को बढ़ने से रोकता है,
जिससे वह नसों में जमकर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित न करे और हार्टबीट सही बनी रहे।
- दही में कैल्शियम की मात्रा अधिक पाई जाती है, जो हमारे शरीर में हड्डियों का विकास करती है। दांतों एवं नाखूनों की मजबूती एवं मांसपेशियों के सही ढंग से काम करने में भी सहायक है।
गुरजिएफ कहता था एक कहानी बार—बार कि एक जादूगर के पास बहुत सी भेड़ें थीं। और उसने पाल रखा था भेड़ों को भोजन के लिए। रोज एक भेड़ काटी जाती थी, बाकी भेड़ें देखती थीं, उनकी छाती थर्रा जाती थी। उनको खयाल आता था कि आज नहीं कल हम भी काटे जाएंगे।
उनमें जो कुछ होशियार थीं, वे भागने की कोशिश भी करती थीं। जंगल में दूर निकल जाती। जादूगर को उनको खोज—खोज कर लाना पड़ता। यह रोज की झंझट हो गई थी। और न वे केवल खुद भाग जातीं, और भेड़ों को भी समझातीं कि भागो, अपनी नौबत भी आने की है। कब हमारी बारी आ जाएगी पता नहीं!
यह आदमी नहीं है, यह मौत है! इसका छुरा देखते हो, एक ही झटके में गर्दन अलग कर देता है!
आखिर जादूगर ने एक तरकीब खोजी, उसने सारी भेड़ों को बेहोश कर दिया और उनसे कहा, पहली तो बात यह कि तुम भेड़ हो ही नहीं। जो कटती हैं वह भेड़ है, तुम भेड़ नहीं हो।
"ठाकुर जी का छत्तर"
क्या हाँकता है बे "दलिदरी", तेरी औरत क्या सच्ची कलसा उठाएगी, पीला साड़ी, सिंगार, नारियल,कलश और पाँच सौ रुपया ऊपर से, सारे ताम- झाम का , तेरा और तेरी औरत की दिहाड़ी का हर्ज़ा, कुल जमा पंद्रह सौ का खर्च तो है मेरे भाई, फिर इस पे ब्याज बट्टा अलग,
अबे इत्ते में तो "बच्चा-खुरचन" का "कपडा-लत्ता,मेला-चुस्की", या फिर "बहिन-पाहून,दामाद की इज्जत फिज्ज्त को साड़ी-बुरशट, और नहीं तो अपन दोनों भाई, कम से कम ,दो महीने, कच्ची का सुख भोग सकते हैं, सोच तो गधहे, कहाँ मठी "सुरानंद" जी के फेर में पड़ गया, उनका जोरू-बच्चा तो
सब बिदेस में रहा ना रे, फिर कौन को माता बना के प्रकट करा रहे हैं,
"सनम" भइया जो तुम कह रहे, ये सब की खबर हमें भी रही, मेरी मानो भौजी का भी नाम लिखवा दो, इस बार, ख़ुद लाला "अच्छे लाल" का ख़ास डिरेबर "हर्रा उस्ताज" चौखट आ खड़ा हुआ , अब वो अपनी ज़ात बिरादरी का आदमी रहा,