लोकेन्द्र कुमार कर्दम, उप स्टेशन अधीक्षक, मथुरा ज. को उनके विभाग ने एक कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
नोटिस में अंकित है,
"आपके द्वारा दिनांक 20.02.2023 को Social Media पर निम्न वक्तव्य पोस्ट किया:-
"रंगा, बिल्ला ने अपनी पेंशन का इंतजाम अंबानी से कर लिया और कर्मचारियों की पेंशन / नौकरी खाकर डकार भी नहीं ली #OPS हमारा अधिकार है जिसे हम लेकर रहेंगे,।"
आप भारत सरकार के अधीन कार्यरत एक जिम्मेदार रेल कमी है तथा आपके द्वारा किया गया उपरोक्त पोस्ट अशोभनीय तथा आपत्तिजनक की श्रेणी में आता है जोकि किसी सरकारी कर्मचारी के द्वारा किया जाना पूर्णतः अनपेक्षित है।
अतः आप इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण पत्र प्राप्ति के तीन दिन के अन्दर अधोहस्ताक्षरी को प्रस्तुत करें कि क्यों न आपके खिलाफ अनुशासन एवं अपील नियम के तहत कार्यवाही की जाए।"
यह नोटिस रंगा बिल्ला द्वारा अंबानी से अपनी पेंशन की व्यवस्था कर लेने के आरोप पर जारी की गई है या, OPS पुरानी पेंशन की मांग को लेकर, यह तो पता नहीं, पर यह सवाल जरूर उठता है कि, यह रंगा बिल्ला कौन है? #OPS#पुरानीपेंशन
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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी समूह 27 फरवरी से विदेशो में रोड शो करने जा रहा है। 27 फरवरी को सबसे पहला रोड शो, सिंगापुर में होगा। इसके बाद 28 फरवरी और 1 मार्च को हांग कांग में, रोड शो होने जा रहा है। इस रोड शो में अडानी समूह के दिग्गज हिस्सा लेने वाले हैं।
कंपनी की फाइनेंस टीम इस रोड शो के जरिए निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश करेगी। अडानी समूह ने, बार्कलेज पीएलसी, बीएनपी पारिबास एसए, डौचे बैंक एजी (DBS Bank) , एमिरेट्स एनबीडी कैपिटल आईएनजी ग्रुप एनवी, स्टैंडर्ड चार्टेड बैंक ने निवेशकों को शामिल होने के लिए न्यौता भेजा है।
अडानी समूह, ग्लोबल बाजार में, बॉन्ड की साख के लिए प्रयासरत है। स्टॉक मार्केट में जो स्थिति दिख रही है, उसमें इतनी जल्दी रिकवरी की उम्मीद नहीं दिख रही है। निवेशक जिन परियोजनाओं के आधार पर अडानी समूह में निवेश कर रहे थे, समूह ने कई परियोजनाओं ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं।
एक मार्च से खाते से कैश निकालने व जमा करने पर बैंकों में कैश हैंडलिंग चार्ज लगेगा। निजी बैंकों ने इसकी दरें भी जारी कर दी हैं। सरकारी बैंक भी इसकी तैयारी कर रहे हैं। नियम के मुताबिक हर महीने पहले चार लेनदेन मुफ्त रहेंगे उसके बाद चार्ज लिया जाएगा।
नए नियम के तहत न सिर्फ अपने खाते से कैश के लेन-देन बल्कि थर्ड पार्टी के कैश जमा करने में भी 150 रुपये कैश हैंडलिंग चार्ज के अलावा सर्विस टैक्स और सेस लगेगा। हालांकि इस नियम के दायरे में, होम ब्रांच में केवल दो लाख रुपये एक माह में कैश जमा किया जा सकता है।
एक व्यक्ति को खाते में कैश जमा करने या निकालने के लिए महीने में केवल चार मौके मुफ्त मिलेंगे। इसके बाद पांचवें ट्रांजेक्शन में 150 रुपये कैश हैंडलिंग चार्ज के अलावा सर्विस टैक्स और सेस मिलाकर करीब 173 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।
बांग्लादेश ने तो अपनी जनता के विरोध के कारण अडानी पर दबाव डालकर बिजली उत्पादन लागत में कोयले का दाम 400 डॉलर से 250 डॉलर प्रति टन करा लिया। बांग्लादेश द्वारा झरसुगुड़ा के अडानी बिजलीघर से बिजली खरीद के प्रति यूनिट दाम अब दूसरे कोयला आधारित बिजली घरों के बराबर हो जाएंगे।
भारत में भी केंद्र व सभी राज्य सरकारों, चाहे वो किसी भी दल की हों, सबको यह बताना चाहिए कि उनके द्वारा जो बिजली निजी पूंजीपतियों से खरीदी जा रही है, उसके दाम व लागत किस आधार पर तय किए गए हैं और उनमें कोयला, गैस, नैफ्था, आदि की खरीद कीमत क्या लगाई गई है।
सिर्फ बिजली खरीद ही क्यों केंद्र व राज्य सरकारों ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के नाम पर देशी विदेशी पूंजीपतियों के साथ जितने करार किए हैं उन सबकी शर्तों का खुलासा किया जाए तो बहुत बडी लूट सामने आएगी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एएनआई ANI से बातचीत में कहा था कि,
"बीबीसी ने गुजरात दंगो पर इसी समय की अपनी डॉक्यूमेंट्री क्यों जारी की और इस तरह की पहले भी घटनाएं हो चुकी हैं, उदाहरण के लिए 1984 का सिख विरोधी दंगे, तो क्या बीबीसी ने उस भयानक दंगे पर कोई डिक्यूमेंट्री बनाई ?"
मंत्री महोदय के संज्ञान में यह तथ्य लाना आवश्यक है कि, बीबीसी ने 1984 के दंगों पर भी एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। बीबीसी ने दिल्ली में, 31 अक्तूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के, सिख दंगों पर एक घंटे का एक वृत्तचित्र बनाया था।
डॉक्युमेंट्री का शीर्षक '1984 - ए सिख स्टोरी' है। यह डिक्यूमेंट्री, 2010 में जारी की गई थी। उस समय, केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सत्ता में थी और डॉ मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे।
31 दिसंबर 2022 को, अडानी समूह में LIC का निवेश मूल्य ₹82,970 करोड़ था, जो 23/02/23 तक कम होकर ₹33,242 करोड़ रह गया। इस हिसाब से देखें तो एलआईसी को इन 50 दिनों की अवधि में 49,728 करोड़ रुपये का झटका लगा है। LIC, अडानी की कंपनियों में निवेश करने वाली सबसे बड़ी शेयरहोल्डर है।
31 दिसंबर 2022 को खत्म तिमाही में LIC की अडानी पोर्ट्स में 9.14 फीसदी और अडानी टोटल गैस में 5.96 फीसदी हिस्सेदारी थी. इसी तरह अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज में 4.23 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन में 3.65 फीसदी और अडानी ग्रीन एनर्जी में 1.28 फीसदी हिस्सेदारी थी.
LIC ने अडानी की कंपनियों में उस समय भी निवेश किया, जब देश की म्यूचुअल फंड कंपनियों ने अडानी की कंपनियों से दूरी बना रखी थी। LIC ने दिसंबर 22 तक लगातार, अडानी की 7 सूचीबद्ध कंपनियों में से 4 में अपनी हिस्सेदारी तेजी से बढ़ाई, जबकि एक में तो मानो LIC , ने अपना निवेश 6 गुना बढ़ाया।
क्या अडानी समूह का वर्तमान संकट एनरॉन कंपनी की ही तर्ज पर है?
अडानी समूह का नाम लिए बिना ही अमेरिका के पूर्व वित्तमंत्री और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन ने, यह बात कही है।
एनरॉन कांड, अमेरिका में सबसे बड़ी लेखा धोखाधड़ी के परिणामस्वरूप हुआ था और कंपनी दिवालिया हो गई थी।
लैरी समर्स ने भारतीय समूह का नाम लिए बिना भारत में अडानी विवाद की तुलना अमेरिका में "संभावित एनरॉन मोमेंट" से की है, और कहा कि इसका खाका जी20 के वित्त मंत्रियों के दिमाग में होगा, जब वे, इस सप्ताह के अंत में बैंगलोर में बैठक करेंगे।
17/02/23 को ब्लूमबर्ग के वॉल स्ट्रीट वीक पर सवालों का जवाब देते हुए समर्स ने समूह का नाम लिए बिना अडानी का मुद्दा उठाया। यह पूछने पर कि वह जी20 बैठकों में क्या देखना चाहते हैं, समर्स ने कहा: "हम अभी इसके बारे में बात नहीं करेंगे, लेकिन भारत में यह एक तरह का संभावित एनरॉन जैसा है।