2019 के घटे घटनाक्रम में सोशल मीडिया में ट्रेंड "हैश-टैग-पीस" से रिलेटेड काफी कुछ ट्रेंड कर रहा था उसी पर,
अब तो पाकिस्तान बिल्कुल चौकन्ना हो गया है ....आने वाले समय मे हम कोई ठोस कदम उठाएंगे तो आखिर में क्या होगा मालूम ???
बिना सुने खुद ही जवाब देते हैं...
•Traditional war होगी दोनों तरफ हज़ारो बेगुनाह मारे जाएंगे, हमे पीस चाहिए जंग में सना भविष्य नही इससे क्या फायदा होगा
Blaah.. Blaah....
मेरा उत्तर उन महानुभावों से सिर्फ इतना है कि कभी #Turkey_shoot........!!!!!!! के बारे में सुना है...
अगर नही तो इस शब्दावली का इतिहास कुछ इस प्रकार है..
【थोड़ा धैर्य से पढ़ें..】
टर्की उत्तरी अमेरिका मे पाया जाने वाला एक #बत्तख जैसा प्राणी है, जिसको अमेरिका मे बेहद चाव से खाया जाता है। .......
छर्रे वाली राईफल से #कंपीटिशन भी होता है, जो फायरर ज्यादा से ज्यादा स्कोर करता है,मने Bulls Eye को हिट करता है , उनको अच्छे से फ्रिज मे जमाई गई टर्की पुरूस्कार स्वरूप मिलती है। पहले इस मे कंपीटिशन जिंदा टर्की को धागे से बाँधकर लटका दिया जाता था,
और फायर उन्हे 30-35 गज की दूरी से शूट करते थे।
कुछ लोग इनसे #स्नैप_शूटिंग भी किया करते थे, टर्की को किसी कंटेनर मे रख देते थे, जैसे ही वो अपना सिर बाहर निकालती , उसे सिर मे शूट करना होता था , इससे पहले कि वो वो फिर से कंटेनर मे दुबक जाये । .........
भारत मे भी ,भरतपुर के राजाओ द्वारा स्थापित "भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य" जिसे वर्तमान मे #केवलादेव_घना_पक्षी विहार के तौर पर जाना जाता है, एक समय मे वो वास्तव मे #Duck_Hunting के लिए ही मशहूर था। जहाँ #वाइसराय से लेकर किंग जाॅर्ज पंचम तक पक्षी आखेट मे हिस्सा ले चुके है। ...
#मिलिट्री की शब्दावली मे भी , "#टर्की_शूट" नामक Phrase बहुधा इस्तेमाल मे लायी जाती है। ये अचानक से पैदा हुआ ,वो मौका है, जिसमे एक सैन्य दल को किसी दूसरे सैन्य पर परिस्थितिवश बढत हासिल हो जाती है। और वो परिस्थियो का पूरा फायदा उठाकर विपक्षी सेना को तबियत से ठोकते -बजाते है।।। ...
ये कुछ उस तरह की कार्यवाही है , जब आप चिडियो के झुंड मे कंकर मारकर , एक छोटे से पत्थर से ही कई चिडियो का शिकार कर लेते है। चिडिया संगठित और अनुशासित नही होती। उनमे खलबली मच जाती है। डर और पैनिक मे बदहवास होकर इधर ऊधर भागती है। और आसान शिकार बनती है।......
भारत मे ही सन् 1971 मे #लोंगेवाला का युद्ध , इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। जिसमे मेजर कुलदीप सिंह के नेतृत्व मे , एक छोटी सी कंपनी ने एयरफोर्स की मदद से पूरी #पाकिस्तानी_ब्रिगेड और टैंक रेजीमेंट को रेगिस्तान मे रगेद रगेद कर , दौडा दौडा कर तबियत से ठोका था।
1991 मे #खाडी_युद्ध तब शुरू हुआ, जब सद्दाम हुसैन ने अचानक #कुवैत पर हमला बोलकर ,वहाँ अपनी फौजे घुसा दी , कुवैत को बचाने अमेरिका जंग मे उतर गया , और बहुराष्ट्रीय सेनाओ ने कुवैत से निकल रही इराकी फौजो को Highway 80 मने
#Death_Highway पर Air strike तथा ग्राउंड फोर्सेस के साथ दबोच लिया । और ऐसा भयानक तांडव मचाया कि , इराकी फौज , टैंक , ट्रक , आर्मड कैरियर , तथा सिविलियन ट्रको को जिनमे इराकी फौज कुवैत से लूटा हुआ सामान लेकर जा रही थी। Highway पर बडे काफिले की वजह से जाम की स्थिति बन गई थी।
अमेरिकियो ने हवाई और जमीनी फौज के बेहतरीन इस्तेमाल से ईराकी फौज को इस कदर रगेद रगेद कर मार लगाई ,कि वो Highway 80 आज तलक "Highway of Death " के नाम से जाना जाता है।
महीनो तक , सडको पर बिखरे ईराकी टैंक , ट्रक , बसे , आर्मर्ड कारे , और इंसानी लाशे , ईराक की बर्बादी
और रूसवाई की दास्तान के मुँह बोलते गवाह बनकर रह गये। अमेरिकियो ने अपने मित्र देशो के साथ मिलकर ऐसा "टर्की शूट " अंजाम दिया ,जिसमे हाईवे पर फंसे ईराकी Sitting lame duck बनकर रह गये, और अमेरिका ने चुन चुन कर उन्हे ऐसी मार लगाई , जिससे वो फिर कभी उबर ही नही सके।
कुवैत सिटी से 06 लेन का हाईवे, Highway-80 बाॅर्डर टाउन Safwan से होते हुए , ईराक के प्राचीन शहर #बसरा तक जाता है। कुवैत मे लडाई हारने के बाद , पकडे जाने से बचने के लिए , ईराकियो ने रात को चुपचाप कुवैत सिटी से निकलने का प्रयास किया ।
अमेरिकी जनरल ने भाँप लिया था कि राष्ट्रपति बुश किसी भी समय , #सीजफायर घोषित कर सकते है।
26 फरवरी 1991 की वो भयानक रात थी ,जब अमेरिकी कमांडर जनरल #Norman_Schwarzkopf ने कुवैत से निकलकर भागने का प्रयास करते 70000-80,000 सैनिको , टैंको, बसो , ट्रको, और अन्य वाहनो के
08 किलोमीटर लंबे काफिले को अपाचे हैलीकाॅप्टरो तथा रोड ब्लाॅक्स के जरिये रोक दिया ,और भयानक जाम की स्थिति बन गई। 26- 27 फरवरी की रात को कुवैत से निकलकर भाग रही ईराकी फौज पर US नेवी , मरीन , एयरफोर्स , ने टर्की शूट शुरू कर दिया । और आठ किमी लंबे हाइवे को कब्रिस्तान मे बदल दिया।
तबाही का मंजर आज भी आपके रोंगटे खडे कर देगा। अनुमानत: 10,000 इराकी सैनिक , 2700 वाहन , टैंक , ट्रक , तोपे , APC , और आर्मर्ड कारो को ध्वस्त कर दिया गया। सैनिक बडी मुश्किल से जान बचाकर भाग खडे हुए । 2000 से अधिक सैनिक कैद कर लिये गये। आश्चर्यजनक रूप से एक भी अमेरिकी अथवा
मित्र देश के सैनिक की कैजुल्टी नही हुई । ............
Highway 80 से अपने ,टैंको , ट्रको , और लूटे गये सामान की लारियां छोडकर पैदल ही भागे ईराकी सैनिक, दक्षिणी ईराक मे दूसरे Highway -8 पर Re-deploy होने का प्रयास कर ही रहे थे । यहाँ रूसी T-55, और T-72 से लैस उनकी
Armoured Division तैनात थी । उनके Re- Group होने से पहले ही , मात्र दो दिन बाद 02 मार्च 1991 को अमेरिकी इंफैंट्री , और #M-1एब्रम्स टैंको ने #बैटल_आॅफ_रूमैला मे , एक बार फिर से ईराकियो की नाक जमीन मे रगड दी । अपाचे हैलीकाॅप्टर गन शिप , आर्टिलरी और इंफैंट्री ने मिलकर फिर से
टर्की शूट स्टाईल मे 300 ईराकी टैंको मे से 247 नष्ट कर दिये, 700 -1000 ईराकी मारे गये । 400 ट्रक बर्बाद किये गये। 40 से ज्यादा ईराकी तोपे , और 4 हैलीकाॅप्टर भी बर्बाद कर दिये गये , और 3000 को जिंदा पकड लिया गया। ..........
फिर से एक चमत्कार हुआ, पूरी लडाई मे केवल
एक अमेरिकी M-1 टैंक ध्वस्त हुआ , और केवल एक सैनिक घायल हुआ था।
इस प्रकार आप देख सकते है, कि सैनिको, हथियारो , साजोसामान से कुछ नही होता, जंग मे जीत का दारोमदार , प्लानिंग , कोर्डिनेशन , ट्रैनिंग , सैनिको की दक्षता , और कमांडरो की हैंडलिंग पर टिका होता है।
हवाई ताकत और ग्राउंड फोर्सेस का आपसी समन्वय , और ट्रुप्स का Morale के साथ
भारत के परिपेक्ष्य में राजनैतिक इच्छाशक्ति भी बड़ी चीज है जो चुनावी साल में भी दिख रही है ये बड़ी चीज है ।।
पाकिस्तान से हमारी जंग के हालात बन रहे है।
आने दीजिए कायरो को , इस बार Turkey shoot का नया अध्याय हमारी फौजो द्वारा लिखा जायेगा।।
【ऐसे कई तरीके हैं हमारी सेना के पास वो अपना काम जानते हैं हमें अपने सैनिकों की कार्यकुशलता पर तनिक भी चिंतामग्न नही होना चाहिए
जो करेंगे सबसे बेहतर करेंगे वो!!】
सलाह के रूप में सिर्फ इतना कि..
राजनीति का दायरा इतना भी न बढ़ाएँ की सरहद पर खड़े जवान तक आँच पहुँचे, सेना के इर्द-गिर्द घूमती राजनीति 'नौजवान भारत' की सही दिशा तो नहीं हो सकती कम से कम..
बाकी आप ख़ुद सोंचें
जय हिन्द ...
वंदे मातरम...👮
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2019 में स्वीडन की एक न्यूज़ मैगज़ीन ने लिखा था -
F16 के जमीदोज होते ही अमेरिका को पता चल गया था, #भारत पर इसके इस्तेमाल से #अमरीका गुस्से में था पर उस समय पाक को भारत के गुस्से से बचाना भी था। क्योकिं भारत का एक पायलट पाक कब्जे में जाते ही भारत बड़ी कार्यवाई के लिये ब्रम्होस
मिसाइलें तैयार कर ली थी। प्लान यही था कि #पाकिस्तान एयर फोर्स को रात में ही तहस नहस कर दिया जाये। जिसकी भनक अमेरिका को लग गयी। अमेरिका ने तुरन्त पाकिस्तान को चेता दिया कि कब्जे में रखे भारत के पायलट को कोई नुक्सान नहीं होना चाहिये, नहीं तो भारत को रोकना नामुमकिन होगा,
और चेताया कि युद्घ की स्थिति में वो F16 के इंजन को लॉक कर देगा। भारत की सम्भावित कठोर कार्यवाई से घबराये खुद बाजवा ने UAE से बात की ,और उधर अमेरिका ने #अरब और #रूस से बात की। अरब ने भारत से एक रात रुकने की सलाह दी। अरब ने करीब दोपहर में ही pmo नयी दिल्ली से सम्पर्क साध लिया था
राहुल गांधी और कांग्रेस क्यों बार-बार कहते हैं कि मोदी सरकार सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है क्योंकि सीबीआई के दुरुपयोग की पूरी हिस्ट्री कांग्रेस के पास है
और इनके पास इतने गंदे रिकॉर्ड हैं जिसे जानकर आप चौक जायेंगे
1983 में बिहार में और केंद्र में दोनों जगहों पर कांग्रेस सत्ता में थी बिहार के मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र थे और केंद्र में इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी उस वक्त बिहार विधान परिषद की सभापति थी राजेश्वरी सरोज दास उन्होंने एक लड़की गोद ली हुई थी जिसका नाम था श्वेतनिशा त्रिवेदी
उन्होंने कभी यह खुलासा नहीं किया कि उस लड़की के असली मां बाप कौन थे वह लड़की बेहद खूबसूरत थी राजेश्वरी सरोज दास ने अपने प्रभाव से अपनी गोद ली हुई बेटी को बिहार विधानसभा में टेलीफोन ऑपरेटर बना दिया
मुझे यह कविता बहुत पसन्द आई आपको कैसी लगी खुद बताए
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आंखे जिस पल को तरसी थीं,
वह दृश्य दिखाया योगी ने।
उस सदन बीच खुलकर हिन्दू
उत्कर्ष दिखाया योगी ने।।
निज धर्म, कर्म पर गौरव है,
ये सिखा दिया है योगी ने।
जो मोदी नहीं दिखा पाये,
वो दिखा दिया है योगी ने।।
बेशर्म जनेऊ धारी थे,
जो इफ़्तारो में जाते थे।
हाथों से तिलक मिटा करके जो,
टोपी गोल लगाते थे।।
वोटों की भूख जिन्हें मस्ज़िद
दरगाहों तक ले जाती थी।
खुद को हिन्दू कहने में जिनकी
रूह तलक शर्माती थी।।
उन ढोंगी धर्म कपूतों की
छाती पर चढ़कर बोल दिया।
क्यों ईद मनाऊं? हिन्दू हूं,
ऐलान अकड़कर बोल दिया।।
जड़ दिया तमाचा, और लिखी
इक नयी कहानी योगी ने।
लो डूब मरो, बंटवा डाला,
चुल्लू भर पानी योगी ने।।
कम ही लोगों को पता होगा कि United Kingdom में टीवी देखने के लिए लाइसेंस लेना पड़ता है। यह लगभग 159 pound सालाना होता है। महीने के हिसाब से देखें तो करीब 13 pound पड़ता है.
यह cost Colored टीवी की है, Black and White की कम होती है... और यह सारा पैसे जाता है BBC को fund करने में.
अब आप सोचेंगे कि यह तो सामान्य सी प्रक्रिया है। सरकार टीवी लाइसेंस का पैसा ले रही है और उसे सरकारी Broadcaster BBC को दे रही है। हमारे यहाँ भी ऐसा ही होता है। Tax का पैसा BSNL, All India Radio आदि को दिया जाता है.
लेकिन United Kingdom में एक फर्क है.
अगर किसी के पास टीवी है तो
उसे लाइसेंस लेना ही पड़ेगा अन्यथा उसे सजा हो सकती है Penalty और जेल भी.
हर साल लाखों लोगों को इस जुर्म में गिरफ्तार किया जाता है, हजारों लोग जेल जाते हैं। उनसे जबरन Penalty वसूली जाती है ताकि BBC का पेट भरा रहे.... और इन लोगों में से अधिकांश Middle class या गरीब लोग ही होते हैं।