#WamanMeshram #ParivartanYatra#Day17
भारत मुक्ति मोर्चा व बहुजन क्रांति मोर्चा EVM भंडाफोड राष्ट्रव्यापी परिवर्तन यात्रा पार्ट-2 के द्वारा मंगरुळपिर मे भव्य स्वागत किया गया, बाद छ.शिवाजी महाराज व डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर को फूलमाला पहनाकर अभिवादन किया गया|
*भारत मुक्ति मोर्चा व बहुजन क्रांति मोर्चा EVM भंडाफोड राष्ट्रव्यापी परिवर्तन यात्रा पार्ट2 के द्वारा यवतमाल के आर्नी मे जाहिर जनसभा प्रबोधन कार्यक्रम मे लोगो द्वारा राष्ट्रव्यापी जनआंदोलन निर्माण निधी दिया गया |*
*भारत मुक्ति मोर्चा व बहुजन क्रांति मोर्चा EVM भंडाफोड राष्ट्रव्यापी परिवर्तन यात्रा पार्ट2 के द्वारा यवतमाल के आर्नी मे जाहिर जनसभा प्रबोधन कार्यक्रम मे लोगो द्वारा राष्ट्रव्यापी जनआंदोलन निर्माण निधी दिया गया |*
*भारत मुक्ति मोर्चा व बहुजन क्रांति मोर्चा EVM भंडाफोड राष्ट्रव्यापी परिवर्तन यात्रा पार्ट2 के द्वारा यवतमाल के आर्नी मे जाहिर जनसभा प्रबोधन कार्यक्रम मे लोगो द्वारा राष्ट्रव्यापी जनआंदोलन निर्माण निधी दिया गया |*
EVM घोटाले के दुष्परिणाम -
2004 के पहले EVM नही था तो किसान आत्महत्या नही करते थे| 2004 के बाद जब EVM आया, तब से किसानो की आत्महत्याएँ शुरू हुई और सरकार ने किसानो के ऊपर ध्यान देना बन्द कर दिया| इसलिए ‘EVM और किसानो के आत्महत्या’ का बहुत गहरा संबंध है| कैसे? क्योंकि कांग्रेस
और बीजेपी जो सरकार मे चुनकर जा रहे है, उनको अन्दर से मालूम है कि हमको किसानो के वोटो से थोड़े ही चुनकर आना है, हमको तो EVM के द्वारा चुनकर आना है| किसानो के वोटो से चुनकर जाना नही है| इसलिए किसानो के समस्याओ का समाधान करने की कोई जरूरत नही है|
EVM घोटाले का सबसे भयंकर परिणाम
यह है कि अब एससी, एसटी, ओबीसी और माइनॉरिटी के किसी भी समस्या का समाधान नही होगा बल्कि जिन समस्याओ का समाधान हो चुका था, अब वो समस्याऐ नई रूप से खड़ी होगी| उदाहरण स्वरूप एससी, एसटी और ओबीसी के विद्यार्थियो को स्कालरशिप (छात्रवृत्ति) मिलती थी| अब भारत सरकार ने स्कालरशिप बन्द
बुद्ध की मुद्रा मे बैठी हुई यह मूर्ति कोणागमन बुद्ध की है|
चौकी पर दक्षिणी धम्म लिपि मे कोणागमन बुद्ध का नाम लिखा हुआ है और नाम को मैंने लाल घेरे मे कर रखा है| ( चित्र 1 )
कोणागमन की यह मूर्ति कर्नाटक के कनगनहल्ली से मिली है|
कोणागमन की ऐतिहासिकता पर कोई शक नही| कारण कि सम्राट
असोक ने कोणागमन की स्मृति मे नेपाल के निगलिहवा मे स्तंभ खड़ा कराया है|
पिछले दिनो मैंने कोणागमन बुद्ध के गाँव निगलिहवा की यात्रा की थी और उस स्तंभ को देखा था तथा स्तंभ पर लिखा हुआ उनका नाम भी पढ़ा था| ( चित्र 2 )
भारत का मौर्य कालीन इतिहास जब असोक के स्तंभो और अभिलेखो के आधार पर
लिखा गया है, तब कोणागमन की ऐतिहासिकता पर सवाल खड़ा करना नाइंसाफ़ी होगी|
बुद्ध के पहले बुद्ध रहे है और भारत हजारो साल बौद्ध भारत रहा है| @563Rajendra
EVM को लेकर मीडिया की राष्ट्रद्रोही भूमिका–
सुप्रीमकोर्ट के द्वारा EVM के विरोध मे 08अक्टूबर2013 को जो निर्णय दिया, इसकी कोई खबर या कोई जानकारी सारे देश के लोगो को या मतदाताओ को नही है| इसकी कोई जानकारी देश के लोगो को क्यों नही है? EVM के विरोध मे सुप्रीमकोर्ट का यह एक लैण्डमार्क
जजमेन्ट और ऐतिहासिक जजमेन्ट है| इसकी खबर अखबार वालो को अपने-अपने अखबार मे फ्रंट पेज पर लीड न्यूज मे छापनी चाहिए थी और इस पर एडिटोरियल लिखना चाहिए था|
इस जजमेंट पर एक्सपर्ट्स लोगो के ओपेनियन लिखे जाने चाहिए थे| इस खबर को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मे प्रमुखता से प्रसारित करना चाहिए था,
मगर भारत के प्रिन्ट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने इस खबर को ब्लैक आउट किया| इस खबर को ना ही प्रिंट मीडिया ने छापा और न ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने इसे प्रसारित किया| जिस देश मे सुप्रीम कोर्ट के लैण्डमार्क जजमेंट की खबर मीडिया नही छापता है, वह मीडिया कितना एरोगेन्ट हो गया होगा,