#बड़े नेताओं के साथ 🔹फोटो, पुलिस👮♂️ से सांठगांठ🪚 और करोड़ों रुपये💸 की ठगी✅💩
17 मार्च 2023 को ठग 🔹किरण पटेल🔹 को 15 दिनों की पुलिस हिरासत पूरी करने के बाद जम्मू-कश्मीर की एक अदालत में पेश किया गया।
किरण पटेल पर खुद को PMO में अतिरिक्त सचिव के तौर पर झूठा पेश कर स्थानीय प्रशासन से सुरक्षा कवरेज और वीआईपी ट्रीटमेंट लेने का आरोप है.
इस चादर मोद को 3 मार्च 2023 को जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन यह घटना बहुत बाद में मीडिया में आई।
(आप लोग सोचिए क्यों..आखिर क्यों ये बात 14 दिनों तक छुपाई गई...))👹
👹अब ये धरती का बोझ सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना, ठग के बारे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
किरण पटेल पूर्व में धोखाधड़ी के एक मामले में #जेल भी जा चुका है.
एक ट्विटर यूजर **हर्षल पुरोहित** ने पिछले फ्रॉड की खबरों को ट्विटर पर शेयर किया और लिखा, "" किरण पटेल बहुत आत्मविश्वासी है। उसने 🔹78 लाख🔹 के चेक दे दिए, जबकि उसके अकाउंट में सिर्फ 113 रुपए ही थे।
अगस्त 2019 में इसी किरण पटेल और इसके सहयोगी दीपेश सेठ को वडोदरा पुलिस ने गिरफ्तार किया था.इस पर नवलखी गरबा ग्राउंड में कलानगरी गरबा महोत्सव 2018 में एक उप-ठेकेदार से 1 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप था।👹
किरण पटेल बड़े नेताओं को जानने का झांसा देकर अपना काम करवाता था और वीआईपी ट्रीटमेंट भी करवाता था..((क्या ये इतना आसान है आज के ज़माने में..आप लोग सोचिए..क्या बिना किसी बैक के ये काम संभव है))✅
फ्रॉड की लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती है। ट्विटर यूजर @keetliwado ने अपने सभी फ्रॉड के 🔹मामलों की एक पूरी थ्रेड🔹 बनाई और पोस्ट की है.
2019 में किरण पटेल और उनके भाई मनीष पटेल ने नरोदा में रिटायर्ड डीवाईएसपी एनके परमार से संपर्क किया.पटेल ने सेवानिवृत्त अधिकारी से लाखों रुपये की
ठगी की क्योंकि इसने यह कहकर उन्हें धोखा दिया कि वह वडताल स्वामीनारायण मंदिर को एक कार देना चाहते हैं।😁
इन दोनों भाइयों ने पहले 🔹किसानों को भी ठगा🔹 है। इन किसानों से लिए गए पैसे को अच्छी योजनाओं में लगाकर अच्छा रिटर्न देने के नाम पर गरीब किसानों के लाखों रुपये खर्च कर दिए गए।
जब किसानों ने पैसे वापस मांगे, तो ठग किरण पटेल ने उन्हें वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा FIR दर्ज करने की धमकी दी। इस दौरान इसने 🔹कई बड़े पुलिस अधिकारियों🔹 से भी किसानों की बात कराई। 👹🔔
किरण पटेल कई 💩बड़े नेताओं के साथ अपनी फोटो दिखाकर💩 लोगों को ठगता था।
कभी कहता था कि वह ▪️तत्कालीन गृह मंत्री जीतू वघानी▪️ के लिए काम करता है तो कभी कि वे RSS पदाधिकारी 🔹संजय जोशी के पीए🔹 हैं.
😂
किरण पटेल को 3 मार्च, 2023 को प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) में एक प्रमुख अधिकारी का रूप धारण करने और केंद्र शासित
प्रदेश के प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए श्रीनगर में हिरासत में लिया गया था। श्रीनगर के निशात पुलिस थाने में दर्ज एक FIR में कहा गया है कि
आरोपी ठग 'इस पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र और कश्मीर घाटी के अन्य हिस्सों में गतिविधियों में शामिल था'
( संवेदनशील क्षेत्र का मुद्दा है... चुनाव 2024 सिर पर हैं...कहीं ये पुलवामा टाइप तो कुछ ड्रामा करवाने की साजिश तो नहीं)))👹
इस क्यूटिए को आधिकारिक आतिथ्य, एक निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) और एक पॉश होटल में एक कमरा भी दिया गया।🔔
आप लोगों को क्या लगता है की ये बिना किसी बड़ी सांठ गांठ के संभव है..इतना बड़ा 🔹मोदियापा या 🔹तड़ीपराना ऐसे ही चल रहा था....
चूंकि भारत में मूर्खता का स्वर्णकाल चल रहा है तो स्वाभाविक रूप से थम्ब ग्रेजुएट यानी अंगूठा छाप लोग विद्वान बनकर न केवल ज्ञान बघार रहे हैं, बल्कि दुनियाभर में आजमाई हुई चिकित्सा पद्धति—ऐलोपैथी को 'जुगाड़ सिस्टम' बता रहे हैं।
और, कमाल तो यह कि जब खुद की जान पर बन आती है तो इसी आधुनिक चिकित्सा पद्धति के सामने दंडवत लेट जाते हैं।
आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार की झौंक में संन्यासियों जैसे कपड़े पहनने वाले कॉरपोरेट धंधेबाज राम किसन यादव उर्फ रामदेव ने एक बार फिर एलोपैथी चिकित्सा प्रणाली पर न सिर्फ सवाल
खड़े किये हैं, बल्कि इसे जड़ से खत्म करने का वचन भी दिया है।
उन्होंने कहा है कि लोग आयुर्वेद पर ज्यादा विश्वास कर रहे हैं जबकि एलोपैथी में केवल जुगाड़ से काम चलाया जा रहा है। एलोपैथी विदेशी गुलामी की संकेतक है। इसे मिटाना होगा।
नाम तो सुना ही होगा। वो जज, जिसने जवाहरलाल नेहरू के दांत खट्टे करके, उनका भ्रस्टाचार उजागर कर दिया। इसलिए न्यायमूर्ति छागला का नाम व्हाट्सप्प यूनिवर्सिटी में काफी लोकप्रिय ह।
आज हम व्हाट्सप की छागला डिश में रायता फैलाएंगे। तो आइए शुरू करते हैं।
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स्वाद खराब करने के लिए हम डिश में पहले पहले मुसलमान डालते हैं। तो भक्तजनों, छागला साहब का पूरा नाम मोहम्मद अलिकरीम छागला था।
बूहूहू..
और इतना ही नही, वो जिन्ना की मुस्लिम लीग से भी जुड़े थे। जिन्ना ब्रिलिएंट वकील थे, नेता थे, बाम्बे बार के मेम्बर थे ( व्हिस्की-रम वाला बार नहीं बे, वकील वाला बार) तो छागला साहब बचपन से ही जिन्ना बनना चाहते थे।
असफल देश ( Failure state ) और असफल सरकार का अंतर समझने के लिए पड़ोसी देश की गतिविधियों का अध्ययन करे फिर अपने गिरेबान मे झाँके।
सत्ता की हवस और सिर्फ चुनाव जीतने की ललक किसी काका ईदी अमीन को युगांडा के विनाश का कैसे जिम्मेदार बना सकता है।
पहला चुनाव अन्ना के फर्जीवाड़े से जीता गया और उससे पहले पशे पर्दा ताकतों से समझौते किये, उनकी तमाम शर्ते मानी विश्व बैंक के आगे घुटने टेके लेकिन पत्थर अक्ल असफल ही रहा।
अगली बार फिर वायदा किया, मुल्क बेचा, अलिफ़दानि के माध्यम से ट्रांसफर किया लेकिन किसी का भी भला नही कर सका
क्योकि समर्थक भी इनके जैसे थे और संस्थाओ मे भी अपने जैसे भर दिये।
ब्रिटेन में हमारे हाई कमीशन से हमारा तिरंगा उतारा गया, सरकार ने औपचारिक पत्र भेज कर फेक फोटो लगा दी जिसमे तिरंगे को बैनर की तरह दिखाया गया है ।
TMC, बसपा, YSR कांग्रेस, TRS, ओवैसी, BJD, AAP ये सारे दल विपक्ष है ही नही..इनका काम बीजेपी को मदद करना है..तो इनके बारे में जितनी कम बातें की जाए उतना बेहतर है..
अखिलेश यादव को इस "कैटेगरी" में नही डालना चाहता..अखिलेश यादव 60% विपक्ष है..
पर उनकी मजबूरियां भी है और उत्तरप्रदेश की राजनीति ज़रा अलग ढंग की है..वक़्त आने पर अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ ही रहेंगे..
क्या TMC या AAP या सपा एक दूसरे को अपने राज्य में 1 सीट भी देंगे? और दे भी क्यों? ये लोग अपने अपने राज्य में क़ाबिलियत रखते है और इनका विपक्ष कांग्रेस है..
विपक्षी एकता का कभी भी ये मतलब नही है कि एक दूसरे के साथ सीट का समझौता हो..विपक्षी एकता का सीधा सा मतलब है कि माहौल ऐसा बनाया जाए ताकि बीजेपी की शिकस्त हो..
इस माहौल को बनाने के लिए कांग्रेस, शिवसेना, राजद, नीतीश कुमार, शरद पवार काफ़ी है..UPA 2 ममताजी के बिना चली थी..
पुतिनबा वेस्ट को जीभ चिढ़ाने यूक्रेन में कार चला रहा है, आर्ट स्कूल खोल रहा है. दो महाशक्तियां और इनके बीच भारत बड़ी-छोटी आर्थिक महाशक्तियों की बकलोली में कैद ब्राह्मण महासभा, दलित समागम, बाबा का मंडप, विपक्ष को डंडा करो, बॉर्डर स्टेट में तमाशे करो के खेल तमाशे में डूबा हुआ है!
इतने खेल तमाशे, वो भी तब जब अगल-बगल खतरनाक मिजाज और शार्प पॉलिटिशियन बैठे हुए हैं! अड़ोस-पड़ोस में अनरेस्ट है, तब ऐसे पड़ोसियों के बीच ये तमाशे न जाने कितने गंभीर हैं! खैर, बिजनेसमैन जहां न डील कर आए हों! भयानक दौर में कमजोर सरकार से बड़ा कोई दूसरा खतरा क्या है?
चीन, रूस और ईरान अरब सागर में युद्धाभ्यास कर रहे हैं BRICS+ दुनियां का सबसे एक्टिव संगठन है और भारत quad की पूंछ पकड़ के घूम रहा है।
ऐसे ही चलता रहा तो मोदी अपने मालिक अडानी को भी नहीं बचा पाएंगे जनता का तो जो होना है वो तो होगा।