@BMM4India@RPVM2017 व BINबुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क के संयुक्त रुप से 97वें समता संगर दिन (चवदार तालाव सत्याग्रह) के अवसर पर राज्य स्तरीय बहुजन समाज जन जागृती परिषद सफलतापूर्वक संपन्न हुई, उसमे महाराष्ट्र राज्य युनिट के कार्यकर्ताओ ने 11 लाख रुपये का राष्ट्रव्यापी जनआंदोलन
निर्माण निधी दिया गया जो संगठन के पास सुपुर्द किया गया |
दिनांक:- 20मार्च2023, समय:- सांम 6:00 से 10:00 बजे तक
स्थान:- रावसाहेब भिलारे मैदान, काकरतळे, महाड, रायगड, महाराष्ट्र
उद्घाटक:- मा.प्रदिप लोखंडे (अध्यक्ष, कुणबी समाजोन्नती मंडळ, महाड, पोलादपूर)
अध्यक्षता:- मा.वामन मेश्राम,
ब्राह्मण इतिहासकारो ने सिंधु सभ्यता मे मिले महिला के मूर्ति को और उसके इतिहास को छिपाकर रखा क्यों कि ब्राह्मण जानते थे सिंधु सभ्यता उनकी नही है| ब्राह्मणो ने उस महिला को डांसिंग गर्ल कहकर उपहास किया| बुद्ध ने खोई हुई सिंधु सभ्यता को ही आगे चलाया है| एक ऐसा ज्ञान जो बहुजनो के हित
का ज्ञान है उसे धम्म के नाम से प्रस्तुत किया| यही वह धम्म है जिसे सम्राट अशोक ने दुनिया को बाटा तो बुद्ध धम्म विश्व धर्म हुआ| ब्राह्मणो ने पनि सिंधुजनो से जैसे घृणा की वैसे ही बुद्ध धम्म से घृणा की| ब्राह्मणो ने जैसे हिंसा के जरिये सिंधु सभ्यता खत्म की वैसे ही शुंग ने बृहद्रथ
मौर्य की हत्या की और हिंसा के जरिये ही ब्राह्मणवाद को थोपा| पटना ( प्राचीन नाम- पाटलिपुत्र) मे एक महिला की सुंदर मूर्ति नदी मे मिली| वह मूर्ति अब पटना संग्रहालय मे है| वह मूर्ति किसकी है और वह कौन है इसपर ब्राह्मण इतिहासकारो ने पर्दा डाला हुआ है| अब हमे खोजबीन करने के बाद वह
प्राचीन काल मे भारत विश्वगुरु था| विश्वगुरु कौन था ? किसने विश्व को शिक्षाएँ दी ? किस गुरु की प्रतिमाएँ विश्व भर मे स्थापित हुईं ?
विश्वगुरु कौन था ? किसकी शिक्षाएँ विश्व भर मे अनूदित हुईं ? किसे विश्व भर मे शिक्षा देने के लिए बुलाया गया ? जाहिर है कि वे बौद्ध थे|
गुणवर्मन,
गुणभद्र, प्रज्ञारुचि, उपशून्य, ज्ञानभद्र, बुद्धभद्र, कमलशील, ज्ञानप्रभ, चित्रगुप्त जैसे हजारो बौद्ध विद्वान यूनान, तुर्की और मध्य एशिया से लेकर समूचे पूर्वी एशिया के देशो मे शिक्षा देने के लिए बुलाए गए जिसमे एक भी बौद्धेतर विचारक शामिल नही है|
विश्वगुरु कौन था ?
बुद्ध और उनके
बुद्धिज्म से दुनिया ने बहुत कुछ सीखा है|
अरब के मुल्को ने बुद्धिज्म से ही अंक - प्रणाली सीखी है|
चीन ने मार्शल आर्ट सीखा है|
श्रीलंका ने शील सीखा है|
यूरोप ने कार्य - कारण सिद्धांत सीखा है|
जापान ने काताकाना और हिराकाना अक्षरमालाएँ बनाई है|
🎯1अप्रैल2023 को आजाद मैदान मुंबई मे🎯2अप्रैल2023 को दसरा चौक कोल्हापुर मे🎯4अप्रैल2023 को शनिवार बाजार परभणी मे
🎯7अप्रैल2023 को अल्पबचत भवन जलगांव मे
🎯9अप्रैल2023 को संविधान चौक नागपुर मे
खुद जुडे और अपने संपर्क के बेरोजगारो को जुडने की अपील करे इस संदेशकोकरोडोबेरोजगारोतकभेजे
*क्षत्रिय मूलनिवासी महासंघ की पहचान, क्षत्रिय मूलनिवासी महासंघ का गौरवशाली क्रांतिकारी झंडा जिसमे 24 आरे है जो यकीनन परशुराम और उनके आतंकी अनुयायियो को हराएगा, साथ मे क्षत्रिय मूलनिवासी महासंघ का घोषवाक्य के साथ प्रतीक भी है|*
*दांवपेंच से दुश्मनो से लडना होता है, आरएसएस,
भाजपा के ब्राह्मणो के हरेक दांवपेंच को हमने मात दी है, ब्राह्मण क्षत्रिय मूलनिवासी महासंघ से बहुत डरे हुए है, शंकराचार्य को आगे करके क्षत्रियो का ब्राह्मण संगठन बनाने की अब बात कर रहे है|*
*ब्राह्मण अब प्रतिक्रिया मे लग गए है|*
*ब्राह्मण परशुराम के पाप ब्राह्मणो को याद है|
ब्राह्मणो को अपराध बोध से पीड़ित होकर प्रतिक्रिया दे रहे है| लेकिन क्षत्रिय मूलनिवासी महासंघ का कारवां बहुत तेज़ी से देशभर मे और विदेशो मे भी बढ़ रहा है|*
#WamanMeshram
भारत मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय पिछड़ा (ओबीसी) वर्ग मोर्चा व बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क के संयुक्त रुप से 97वें समात संगर दिन (चवदार तालाब सत्याग्रह) के अवसर पर राज्य स्तरीय बहुजन समाज जन जागृती परिषद
दि.20 मार्च 2023, दोपहर 4 से रात 10 बजे तक
स्थान-रावसाहेब भिलारे
मैदान, काकरतळे, महाड, रायगड, महाराष्ट्र.
उद्घाटक - मा.प्रदिप लोखंडे (अध्यक्ष, कुणबी समाजोन्नती मंडळ, महाड, पोलादपूर)
अध्यक्षता - मा.वामन मेश्राम, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारत मुक्ति मोर्चा, नई दिल्ली.
मूलनिवासी समाज (समस्त पिछडी जातियो) के लोग समझते थे कि निचले स्तर पर गॉंवो मे रहने वाले अनपढ लोगो को ही भेदभाव का सामना करना पडता है लेकिन ब्राह्मण एवम तत्सम ऊंची जातियो के लोगो ने तो उच्च शिक्षित लोगो को भी नही छोडा|
क्या पढे लिखे लोगो को जानकारी नही है कि दिमागी कचरा किसके
दिमाग मे है और किसके द्वारा इस छूत की बीमारी को फैलाया गया है?
यदि बीमारी के कारण को जान गये है तो इसको खत्म भी किया जा सकता है| और खत्म करने की जिम्मेदारी उन्ही लोगो की है जिनके साथ यह भेदभाव सदियो से किया जा रहा है|
जिनके साथ यह भेदभाव किया जा रहा है वे बहुसंख्यक समुदाय है|
तथा जो करते है या जो बीमारी के जनक है वे मात्र---3.5% ब्राह्मण है|