आज पूरे दिन लोगों को आम आदमी पार्टी और भाजपा ने मुर्ख बनाया और 2-4 दिन और मुर्ख बनाया जाएगा कैसे आइए जानते हैं
दिल्ली की सड़कों पर फ्लेक्स और पोस्टर चिपकाये गए रात को, और सुबह पुलिस ने धर पकड़ चालू कर दी गई
अब मोदी विरोधी लोगों को बोलने का मौका मिल गया
पोस्टर और फ्लेक्स पर ऐसा कुछ नहीं लिखा था जो गलत हो, इससे पहले भी यही सब लिखा जाता रहा है, पिछली या मोदी सरकार के खिलाफ, और आज भी लोगों ने सोशल मीडिया पर खूब लिखा इसके बारे में
मोदी हटाओ देश बचाओ, पहले लिखा जाता था कांग्रेस हटाओ देश बचाओ,
अलग- अलग CM के खिलाफ भी लिखा जाता रहा है, और कर्नाटक में कांग्रेस ने ऐसे ही पोस्टर लगाए थे PayCM वाले, उनको भी पुलिस ने हटाया था, इन पोस्टर में और आज के पोस्टर में कोई अंतर नहीं था... अब आते हैं मूल सवाल पर की मुर्ख कैसे बनाया
आम आदमी पार्टी का चुनाव में और प्रचार में खर्च, भारत में भाजपा की विपक्षी पार्टियों में सबसे अधिक है, जैसे 2020-21 में आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने 500 करोड़ से ज्यादा विज्ञापन पर खर्च किए, जबकि पंजाब सरकार ने इससे भी अधिक किए हैं?
और इसी पार्टी ने पिछले 3 साल में चुनाव में जितना खर्च किया है, पंजाब, गुजरात, दिल्ली, गोवा और अन्य जगह उसका हिसाब लगाना एक सामान्य व्यक्ति जो चुनाव प्रचार के खर्च को नहीं समझता उसके लिए बहुत मुश्किल है
पर ख़र्च का हिसाब चुनाव के समय पार्टी और प्रत्याशी की जेब से जाता है ऐसे में सवाल कम होते हैं
पर दिल्ली वाले मामले में पुलिस ने 10 हजार पोस्टर और हजारों बैनर जप्त किए हैं तो इसका मतलब है, वो फ्री में तो प्रिंट हुए नहीं होंगे,
एक पोस्टर पर 2-5 पांच और बैनर पर 800-1000 खर्च हुआ होगा
मतलब पोस्टर पर 25 हजार + बैनर पर सड़े 4 करोड़
मोटे तौर पर 5 करोड़
अब यह 5 करोड़ किसके खाते से गए जिसका हिसाब किसी के पास नहीं है क्योंकि पोस्टर बैनर पर न प्रेस का नाम है न प्रिंट करवाने वाले का
अब एक और बात जान लीजिए कांग्रेस स्मृति ईरानी के सिलेंडर की रेट बढ़ने पर पोस्टर लगाती है वो पुलिस नहीं हटाती है क्योंकि उनमें नाम होता है, अभी BRS ने भी मोदी के पोस्टर लगाए थे पुलिस ने नहीं हटाए, कारण की नाम था तो खर्च भी जुडा होगा
पर दिल्ली वाले केस में ऐसा कुछ भी नहीं था ऊपर से G20 वाले साल में रोज कोई बाहरी मेहमान आता है, तो पुलिस कैसे छोड़ देती, इस कमी को भाजपा भी जानती है और आप भी, पर कार्यवाही के नाम पर मीडिया में मसाला और कवरेज के लिए यह नेरेटिव केजरीवाल चलता रहता है,
क्योंकि 15 दिन से केजरीवाल और ममता परेशान हैं, पूरा कवरेज सांसद में राहुल गांधी और कांग्रेस को मिल रहा है
अब चुनाव कौन- कौन से राज्यों में हैं मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, और वहां केजरीवाल को मोदी और भाजपा के खिलाफ दिखाना है, और कांग्रेस को गेम से बाहर करना है
ध्यान रखना दिल्ली सरकार घोषित तौर पर 500 करोड़ मीडिया को देती है, और उतना ही पंजाब सरकार, अघोषित तो छोड़ दो
अब ऐसे पढ़े-लिखे अनपढ़ तो नहीं हैं आम आदमी पार्टी वाले की पैसा भी जाए और नाम भी न आए की पोस्टर बैनर किसने लगाए
सिर्फ पांच करोड़ यहाँ और 10 करोड़ मीडिया को दिया एक दिन पूरा कवरेज मिला, यही तो केजरीवाल की मीडिया प्लानिंग है, मोदी तानाशाह है तो, यह व्यक्ति केजरीवाल भी अनारकिष्ट है, दोनों देश को 10 साल से मुर्ख बना रहे हैं
भारत एक ठग और मूर्ख प्रधान देश है 🤭
नोट- भाजपा के विषय में बोलने का मतलब नहीं है क्योंकि उनका खर्च तो सबको पता है, वो प्रचार छोड़ो सरकारे तक खरीद कर बनाते हैं, और वो मौका मिलने पर कार्यवाही तो करेंगे, जो इस मामले में लीगल है
ऐसा कोई पाप मत कीजिये जो आपके बच्चों को आने वाली पीढ़ी को भुगतना पड़े।
नहीं नहीं ये प्रभात प्रवचन नहीं बल्कि हमारे प्रधानमंत्री का सदन मे एक महीने पहले दिया बयान है जो देश विरुद्ध बताते उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के लिए कोंग्रेस राज्य सरकारों द्वारा ओल्ड पेंशन स्कीम लागू
करने के बारे मे दिया था।
लेकिन उसके बाद कर्नाटक के सरकारी कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए और कर्नाटक की खुद भाजपा सरकार को OPS लागू करने कमेटी बनानी पड़ी।
इसी तरह 14 मार्च को महाराष्ट्र के सरकारी कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए और 20 मार्च को खुद भाजपा सरकार के
मुख्यमंत्री शिंदे के OPS लागू करने के लिखित समझौते के बाद हड़ताल टूटी।
अब देखना ये है कि केंद्रीय कर्मचारी व अन्य राज्यों के कर्मचारी कब प्रधानमंत्री कथनानुसार देशविरोधी कदम उठाते हड़ताल पर जाते हैं।
एक बार हिम्मत जुटाएं तो सही, देशहित और देशविरोध खुद तय हो जाएगा।
*सलाह🖋️*
किसने दिया , किसने मेरे पास भेजा इसका बहुत मतलब नहीं ...
आप भी इस सलाह का आनंद लीजिये....
आनंद बाबू सचिवालय से सेवानिवृत्त हुए हैं।
वह और उनकी पत्नी राँची के एक फ़लैट में रहते हैं।
उन्होंने दशहरा में शिमला मनाली जाने की योजना बनाई।
बाहर जाने से पहले जयंत बाबू ने सोचा कि अगर उनकी गैरमौजूदगी में कोई चोर घुस गया तो वो घर की सारी अलमारी और पेटी तोड़ कर
क्षतिग्रस्त कर देंगे क्योंकि कोई नकद नहीं मिलेगा।
इसलिए उन्होने घर को बर्बाद होने से बचाने के लिए 1000 रुपये टेबल पर रख दिए।
एक संवाद के साथ जिसमें लिखा था:
*हे अजनबी, मेरे घर में प्रवेश करने के लिए आपने कड़ी मेहनत की इसके लिए मेरी हार्दिक बधाई।*
*लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है की हम शुरू से मध्यम वर्गीय परिवार हैं और हमारा परिवार पेंशन के थोड़े से पैसे से चलता है। इसलिए हमारे पास कोई अतिरिक्त नकदी नहीं है।*
मैंने काफी बुजुर्ग
दादा जी से पूछा
कि पहले लोग इतने
बीमार नही होते थे ?
जितने आज हो रहे है ....🤔
तो दादा जी बोले
बेटा पहले हम
हर चीज को कूटते थे👍
जबसे हमने कूटना
छोड़ा है, तबसे ही
हम सब बीमार
होने लग गए है.....
मैंने पूछा :- वो कैसे ?
दादा जी (मुस्कुराते हुए)
जैसे पहले खेत से अनाज को
कूट कर घर लाते थे ...
घर में मिर्च मसाला
कूटते थे .......
कभी कभी बड़ा भाई
छोटे भाई को
कूट देता था .......
और जब छोटा भाई
उसकी शिकायत
माँ से करता था .....
तो माँ.. बड़े भाई को
कूट देती थी ......
पुलिस पीछे पड़ी हो, आदमी को जान की पड़ी हो, पुलिस के दावों के अनुसार जिसके पास करोड़ों की फंडिंग हो...वो आदमी एक पुरानी पड़ चुकी Bike की परवाह करेगा ? Bike तो वैसे भी पुलिस ने जलंधर के पास बरामद की है... तो उस वक्त जब अमृतपाल को भागना था वो बाइक को जुगाड़ रिक्शा के ऊपर लाद कर
क्यों भागेगा... मैं खालिस्तान के खिलाफ हूँ, लगातार खालिस्तान के विचार के खिलाफ लिखता आ रहा हूँ लेकिन ये Fake Narrative साफ नज़र आ रहा है... अमृतपाल ने कोई कसाब की तरहं सैंकड़ों लोगों की हत्या नहीं की... उल्टा कोई एकाध हत्या भी नहीं की... उसने Debate के लिए Challange किया था...
हां अजनाला में जो थाने का घेराव किया गया था और पुलिस वालों को चोटें आईं थीं उनके अनुसार गिरफ्तारी बनती थी और उसे गिरफ्तार करने के बड़े आसान मौके पहले भी थे...
हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट जब आएगी तब की तब देखेंगे लेकिन कल अडानी ग्रुप पर यूके के फाइनेंशियल टाइम्स की यह रिपोर्ट देख लीजिए
दो महीने पहले जो हिंडन बर्ग ने अडानी की जो पोल खोली थी इस रिपोर्ट में दुनियां के जाने माने बिज़नेस अखबार फाइनेशियल टाइम्स ने उस पर मोहर लगा दी है
.......इस रिपोर्ट मे बताया गया है कि भारत के शेयर बाजार में पिछले पांच सालो में जितना भी विदेशी निवेश आया है उसमे से लगभग आधा अडानी ग्रुप में इन्वेस्ट हुआ है वो भी एक तरह की फर्जी कंपनियों से
एफटी के विश्लेषकों ने भारत के एफडीआई रेमिटेंस आंकड़ों का विश्लेषण किया है।
इससे पता चला है कि अडानी से लिंक्ड ऑफशोर कंपनियों ने साल 2017 से 2022 के बीच ग्रुप में कम से कम 2.6 अरब डॉलर का निवेश किया है। यह इस अवधि के दौरान आए कुल 5.7 अरब डॉलर के कुल एफडीआई का 45.4 फीसदी है।
Dynamic foreign policy वाले विदेश मंत्री एस. जयशंकर हमे चीन की बड़ी अर्थव्यवस्था का डर दिखाते है...
... परंतु विश्व गुरु तो Dominica और Antigua-Barbuda जैसे पिद्दी देशों के सामने भी लाचार नजर आता है।
Dominica दिल्ली से छोटा है और Antigua and Barbuda की आबादी है मात्र एक लाख।
मोदी सरकार इन पिद्दी देशों को मेहुल चोकसी, जो PNB को 13000 करोड़ का चूना लगा कर भागा था, को भारत को सौंपने के लिए मनाने में विफल रही है।
मेहुल Antigua and Barbuda का नागरिक है और Dominica में उसके खिलाफ अवैध प्रवेश का मुकदमा चला था।
परंतु Dominica के सरकारी वकील वहाँ के न्यायालय में यह सिद्ध करने में सफल रहे कि मेहुल ने कोई अवैध प्रवेश नहीं किया, और मुकदमा खारिज हो गया।
आज मेहुल के खिलाफ जारी किए गए Interpol के रेड कॉर्नर नोटिस के रद्द होने की खबर भी सुर्खियों में है। Interpol अदालत