यत्र तत्र विषयासक्तं मनः कृत्स्नविकल्पदृष्टये।
तदेवेत्यच्युतं स्मर्त्वा तस्मात्ते प्रतिगृह्यते॥
~इसमें कहा गया है कि जो व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित नहीं है,उसे उस लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकती।
जय श्री कृष्ण श्रीराध्ध्ध्य्य्य्य्य्य्यैll꧂श्रीराध्ध्ध्य्य्य्य्य्य्यैll꧂
यदाचरित कल्याणि!शुभं वा यदि वाऽशुभम्।
तदेव लभते भद्रे!कर्ता कर्मजमात्मनः॥
~मनुष्य जैसा भी अच्छा या बुरा कर्म करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है। कर्ता को अपने कर्म का फल अवश्य भोगना पड़ता है।
जय हो 🙏 जय श्री कृष्ण श्रीराध्ध्ध्य्य्य्य्य्य्यैll꧂श्रीराध्ध्ध्य्य्य्य्य्य्यैll꧂
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