@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @Cgwale_BABA @candrik111 @amarlal71 #तिलोत्तमा'परम रूपवती और सौन्दर्य से पूर्ण अप्सरा थी।इसे पाने केलिए दैत्य भाई 'सुन्द' और'उपसुन्द'आपस में लड़ पड़े और मारेगये।सुन्द तथा उपसुन्द केअंत हेतु ही तिलोत्तमा की उत्पत्ति हुई थी।कहा जाता है कि तिलोत्तमा की सृष्टि करने केलिए ब्रह्माजी को संसार भरकी सुन्दर वस्तुओं मेंसे👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @Cgwale_BABA @candrik111 @amarlal71 तिल तिल भर लेना पड़ा था।
तिलोत्तमा नाम की एक अप्सरा का पुराणों में कई स्थानों पर उल्लेख हुआ है। इसके बारे में अलग-अलग संदर्भ प्राप्त होते हैं।तिलोत्तमा के विषय में कहा जाता है कि वह परम सुन्दरी थी।माना जाता है कि तिलोत्तमा की रचना केलिए ब्रह्मा ने तिल-तिल भर संसार की सुंदरता👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @Cgwale_BABA @candrik111 @amarlal71 को इसमें समाहित किया था,इसीलिए इसका नाम 'तिलोत्तमा' पड़ा।सुन्द और उपसुन्द नाम के दो दैत्य,जो कि आपस में भाई थे और एक-दूसरे से बहुत प्रेम करते थे,वे भी तिलोत्तमा को पाने के लिए आपस में लड़ बैठे और मारे गये।
पुराणानुसार तिलोत्तमा अति रूपवती अप्सरा थी। कहा जाता है कि इसकी सृष्टि👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @Cgwale_BABA @candrik111 @amarlal71 करने केलिए ब्रह्माजी को संसार भरकी सुन्दर वस्तुओं मेंसे तिल-तिल भर लेना पड़ा था।तिलोत्तमा आश्विन मास(वायुपुराण के अनुसार माघ)में अन्य सात सौरगण के साथ सूर्य के रथ की मालकिन है।ब्रह्मा के हवनकुंड से इसका जन्म हुआ था।[१]
हिरण्यकशिपु के वंश में निकुंभ नामक एक असुर उत्पन्न हुआ था👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @Cgwale_BABA @candrik111 @amarlal71 जिसके सुन्द,उपसुन्द नामक दो पुत्र थे।[२]
विश्वविजय करने की इच्छा से सुन्दऔर उपसुन्द दोनों विन्ध्यांचल पर्वत पर तप करने लगे।जब ब्रह्मा प्रसन्न होकर वरदेने आये तोइन दोनों ने अमरत्व का वरदान माँगा।ब्रह्मा ने यह वरदान देने से इंकार कर दिया।तब दोनों भाइयों ने सोचा कि उनमें तो आपसी👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @Cgwale_BABA @candrik111 @amarlal71 प्रेम बहुतअधिक हैऔर वे कभीभी आपस मेंनहीं लड़सकते।इसीलिए उन्होंने ब्रह्माजीसे कहा कि उन्हें यह वरदान मिले कि एक-दूसरे को छोड़कर त्रिलोक में उन्हें किसीसे मृत्यु काभय न हो।ब्रह्मा ने उन्हें यहवरदान देदिया।ब्रह्मा से वरदान पाने केबाद सुन्दऔर उपसुन्द के अत्याचारों से संसार त्रस्त👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @Cgwale_BABA @candrik111 @amarlal71 हो उठा था। अत: इन दोनों भाइयों में विरोध उत्पन्न कराने के लिए ही ब्रह्मा ने तिलोत्तमा अप्सरा की सृष्टि की।
सुन्द, उपसुन्द के निवास स्थान विन्ध्य पर्वत पर तिलोत्तमा भेज दी गई। तिलोत्तमा को देखते ही दोनों भाई उसे पाने के लिए आपस में लड़ने लगे और एक-दूसरे के हाथों मारे गए।[३]👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @Cgwale_BABA @candrik111 @amarlal71 दुर्वासा ऋषि के शाप से यही तिलोत्तमा बाण की पुत्री हुई थी। माघ मास में यह सौर गण के साथ सूर्य के रथ पर रहती है। अष्टावक्र ने इसे शाप दिया था।[४]👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @Cgwale_BABA @candrik111 @amarlal71 तिलसमा"एक छोटे कण केलिए संस्कृत शब्द है और "उत्तम" का अर्थ है परम।इसलिए, तिलोत्तमा का अर्थ है वह प्राणी जिसका सबसे छोटा कण सबसे अच्छा है या जो बेहतरीन और उच्चतम गुणों से बना है। [1]
हिंदू महाकाव्य महाभारत में , तिलोत्तमा को दिव्य वास्तुकार विश्वकर्मा द्वारा ब्रह्मा के अनुरोध👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @Cgwale_BABA @candrik111 @amarlal71 पर,सामग्री के रूपमें हरचीज की सर्वोत्तम गुणवत्ता लेकर वर्णित किया गया है।वह असुरों (दुष्ट प्राणियों का एक वर्ग)सुंडा और उपसुंद के आपसी विनाश कोलाने केलिए जिम्मेदार है । यहां तक ​​कि इंद्र जैसे देवों (परोपकारी प्राणियों का एक वर्ग) को भी तिलोत्तमा के प्रति आसक्त बताया गया है👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @Cgwale_BABA @candrik111 @amarlal71 जबकि एक किंवदंती पूर्व जन्म के बारे में एक बदसूरत विधवा के रूप में बात करती है, एक अन्य बताती है कि कैसे उसे ऋषि दुर्वासा द्वारा एक दैत्य राजकुमारी उषा के रूप में जन्म लेने का श्राप दिया गया था।👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @Cgwale_BABA @candrik111 @amarlal71 स्रोत : ज्ञान पुस्तकालय: कथासरित्सागर
1) तिलोत्तमा (तिलोत्तमा) एक अप्सरा का नाम है,जिसने कथासरित्सागर,अध्याय 9 के अनुसार,राजा सहस्रानिका की अपील को अनदेखा करने के बाद उसे श्राप दिया था । श्राप इस प्रकार दिया गया था: "राजन, आप उससे (मृगावती) चौदह वर्ष के लिए अलग रहेंगे, जिसने👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @Cgwale_BABA @candrik111 @amarlal71 आपके मनको इतना वश में कर लिया है कि आप मेरी वाणी नहीं सुन सकते।"
2) कथासरित्सागर, अध्याय 15 के अनुसार, तिलोत्तमा (तिलोत्तमा) ब्रह्मा की आज्ञा पर विश्वकर्मा द्वारा बनाई गई एक स्वर्गीय महिला का नाम है, ताकि सुंद और उपसुंद को नष्ट किया जा सके । सुंद और उपसुंद दो असुर भाई हैं,जो👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @Cgwale_BABA @candrik111 @amarlal71 वीरता मेंतीनों लोकोंको पार करते हैं,जिनकीकहानी ऋषिनारद ने उदयन वत्स के राजाऔर यौगंधरायन को,एकशुभ मुहूर्त में,लावनक की यात्राशुरू करने सेपहले बताई थी।
कथासरित्सागर'कहानी की धाराओं का महासागर')तिलोत्तमा का उल्लेख करते हुए, एक प्रसिद्ध संस्कृत महाकाव्य कहानी है जो राजकुमार श👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @Cgwale_BABA @candrik111 @amarlal71 नरवाहनदत्त के इर्द-गिर्द घूमती है और विद्याधरों (आकाशीय प्राणियों) का सम्राट बनने की उनकी खोज है । ऐसा कहा जाता है कि यह कार्य गुणाढ्य के बृहतकथा का एक रूपांतर है जिसमें 100,000 छंद शामिल हैं, जो बदले में 700,000 छंदों वाले एक बड़े काम का हिस्सा है।👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @Cgwale_BABA @candrik111 @amarlal71 हिंदू महाकाव्य महाभारत में तिलोत्तमा एक स्वर्गीय अप्सरा के रूप में वर्णित है, जो ब्रह्मा के अनुरोध पर देव वास्तुकार विश्वकर्मा द्वारा बनाई गई थी , जिसको बनाने के लिए सबसे सूंदर सामग्रीयों के गुणों को लिया गया था।

कथा में कहा गया है कि दो राक्षस सुंद और उपसुंद राक्षस (दानव)👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @candrik111 @amarlal71 निकुंभ के पुत्र थे। उन्हें सगे भाईयों के रूप में वर्णित किया जाता है जो आपस में सब कुछ साझा करते थे । एक बार, दोनों भाइयों ने विंध्य पर्वत पर गंभीर तपस्या की, जिससे सृष्टि के देव ब्रह्मा को उन्हें वरदान देने के लिए मजबूर होना पड़ा । उन्होंने महान शक्ति और अमरता माँगा , लेकिन 👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @candrik111 @amarlal71 भगवन ने इसे देने से इंकार कर दिया , इसके बजाय ब्रह्मा ने उन्हें वरदान दिया कि कोई भी नहीं उनको मार सकता है जब तक की वो दोनों एक दूसरे को न मार दें । जल्द ही, राक्षसों ने स्वर्ग पर हमला किया और देवताओं को स्वर्ग से भगा दिया।पूरे ब्रह्मांड पर विजय प्राप्त करते हुए, राक्षसों ने👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @candrik111 @amarlal71 ऋषियों को परेशान करना शुरू कर दिया और ब्रह्मांड में तबाही मचा दी।
राक्षस सुंद और उपसुंद में अप्सरा तिलोत्तमा के लिए विवाद हो गया।
देवता और सिद्ध पुरुषों ने भगवन ब्रह्मा की शरण ली। तब ब्रह्मा ने देव वास्तुकार विश्वकर्मा को एक सुंदर महिला बनाने का आदेश दिया। विश्वकर्मा ने तीनों👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @candrik111 @amarlal71 लोकों (स्वर्ग, पृथ्वी, पाताल ) और संसार के सभी रत्नों में जो सुंदर था, एकत्र किया और एक अनुपम सुंदरी - अपूर्व सौंदर्य - से उत्पन्न किया। क्योंकि वह रत्नों से थोड़ा-थोड़ा करके बनाई गई थी,ब्रह्मा ने उसका नाम तिलोत्तमा रखा और उसे निर्देश दिया कि वह दानव भाइयों को इस हद तक रिझाए👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @candrik111 @amarlal71 की वह उनके बीच विवाद का कारन बन जाए।

जब सुंद और उपसुंद महिलाओं के साथ आलिंगन का आनंद ले रहे थे और विंध्य के पहाड़ों में एक नदी के किनारे शराब पीने में तल्लीन थे, तिलोत्तमा वहाँ फूलों को तोड़ती हुई दिखाई दीं। अपने प्रचंड आक्रोश और शक्ति और शराब के नशे में चूर, सुंद और उपसुंद👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @candrik111 @amarlal71 ने क्रमशः तिलोत्तमा को दाएं और बाएं हाथ में पकड़ लिया। फिर दोनों भाइयों ने तर्क दिया कि तिलोत्तमा को उसकी अपनी पत्नी होनी चाहिए, उन्होंने अपने गदा को हाथ में ले लिया और एक दूसरे पर हमला करने लगे , अंततः एक दूसरे को मार डाला। देवताओं ने तिलोत्तमा को बधाई दी और ब्रह्मा ने 👉✍️
@Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AnnapurnaUpad13 @SimpleDimple05 @Pratyancha007 @Prerak_Agrawal1 @Govindmisr @B55411232 @BablieVG @candrik111 @amarlal71 उसे ब्रह्मांड में स्वतंत्र रूप से घूमने का अधिकार दिया और उसे एक कभी नहीं ख़त्म होने वाला सौंदर्य प्रदान किया, जिससे उसकी चमक कभी फीकी नहीं पड़ेगी।
जयश्री राधै-कृष्ण l꧂🙏

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with श्री विट्ठल, श्री नामदेव

श्री विट्ठल, श्री नामदेव Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @babulal13072344

Apr 5
जिन्हें लड्डु बहुत प्रिय है,जो आनन्द और कल्याण को देनेवाले हैं,विद्या के अथाह सागर हैं,बुद्धि के विधाता हैं॥ऐसे श्रीगणेशजी से हाथ जोड़कर केवल यही वर माँगता है कि मेरे मन मन्दिर में श्रीसीतारामजी सदा निवास करें॥
@babu_laltailor
@TailorBabu
@cEYpvN9v5h63aqG
ॐ ग॑ गणपतये नमो नमः ॐ 🚩 Image
॥श्रीगणेश-स्तुति॥
गाइये गनपति जगबंदन।
संकर-सुवन भवानी नंदन॥
सिद्धि-सदन,गज बदन,बिनायक।
कृपा-सिंधु,सिंधुसुंदर सब-लायक॥
मोदक-प्रिय,मुद-मंगल-दाता।
बिद्या-बारिधि,बुद्धि बिधाता॥
माँगत तुलसिदास कर जोरे।
बसहिं रामसिय मानस मोरे॥
ॐ ग॑ गणपतये नमः ॐ 🔱🏹🙏
सुप्रभात वंदन मित्रों 🙏 Image
📿#जय_श्री_महाँकाल📿
🎪श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन🎪
आज_भस्म_आरती_के_अद्भुत_दर्शन
स्वयंभू दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग राजाधिराज मृत्युलोकाधिपति अवंतिकानाथ बाबा महाकाल का आज पावन दिव्य भस्म_आरती श्रृंगार दर्शन बुधवार5अप्रैल 2023
ॐ नमः शिवाय सचिदानंद स्वरुप शिवोऽहम् ॐll꧂ Image
Read 4 tweets
Apr 2
🎪श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन🎪
आज_भस्म_आरती_के_अद्भुत_दर्शन
स्वयंभू दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग राजाधिराज मृत्युलोकाधिपति भूतभावन अवंतिकानाथ बाबा महाकाल का आज पावन दिव्य भस्म_आरती श्रंगार दर्शन रविवार 2 अप्रैल 2023
@babu_laltailor
@TailorBabu
@cEYpvN9v5h63aqG Image
█▀🌻▀▀▀▀🌻▀▀▀▀🌻▀█
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते
अनुकंपयेमां भक्त्या,गृहाणार्घय दिवाकर:
#ॐ_आदित्याय_नमः
█▄🌻▄▄▄▄🌻▄▄▄▄🌻▄█ ⫷⫸⫷⫸⫷⫸⫷⫸⫷⫸⫷⫸⫷⫸⫷⫸
श्रीकृष्ण राधैll꧂राध्ध्ध्य्य्य्य्य्य्यैll꧂
❥❥❥════❥❥❥═══❥❥═══❥❥❥
यत्र तत्र विषयासक्तं मनः कृत्स्नविकल्पदृष्टये।
तदेवेत्यच्युतं स्मर्त्वा तस्मात्ते प्रतिगृह्यते॥
~इसमें कहा गया है कि जो व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित नहीं है,उसे उस लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकती।
जय श्री कृष्ण श्रीराध्ध्ध्य्य्य्य्य्य्यैll꧂श्रीराध्ध्ध्य्य्य्य्य्य्यैll꧂ Image
Read 4 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Don't want to be a Premium member but still want to support us?

Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal

Or Donate anonymously using crypto!

Ethereum

0xfe58350B80634f60Fa6Dc149a72b4DFbc17D341E copy

Bitcoin

3ATGMxNzCUFzxpMCHL5sWSt4DVtS8UqXpi copy

Thank you for your support!

Follow Us on Twitter!

:(