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जामुन की पैदावार में भारत दूसरे नंबर पर है....जामुन #औषधीय_गुणों का भण्डार होने के साथ ही किसानो के लिए भी उतना ही अधिक आमदनी देने वाला #फल है......ऊंचा और सदाबहार जामुन का पेड़ पूरी तरह से भारतीय जमीन की #उपज है.....यह पौधा हमारे देश के हर हिस्से में पाया जाता है....।
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जामुन की खेती में लाभ की असीमित संभावनाएं हैं......इसका प्रयोग #दवाओं को तैयार करने में किया जाता है, साथ ही जामुन से #जेली, #मुरब्बा जैसी खाद्य सामग्री तैयार की जाती है.... #मधुमेह_रोगियों के लिए जामुन का सेवन काफी अच्छा माना जाता है..... इसके कच्चे फल के रस से #सिरका तैयार
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किया जाता है.....
जामुन #किसानों के लिए बहुउपयोगी है,...इसका पूरा लाभ किसान तभी उठा सकता है जब वह पूरी जानकारी के साथ #जामुन_की_खेती शुरू करे...।।
जामुन के #पौधोरोपण के लिए #जून_जुलाई का महीना सबसे बेहतर माना जाता है....इस पौधे को #लवणीय, #क्षारीय,
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#आर्द्र_जलभराव वाले क्षेत्रों में भी उगाया जा सकता है..... #नदियों और #नहरों के किनारे #मिट्टी_का_क्षरण रोकने में जामुन का पेड़ काफी उपयोगी है.... इसे #बलुई_मिट्टी में नहीं ऊगाया जा सकता है अभी तक व्यवसायिक तौर पर योजनाबद्ध तरीके से जामुन की खेती बहुत कम देखने को मिलती हैं...
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देश के अधिकांश हिस्से में अनियोजित तरीके से ही किसान इसकी खेती करते हैं..अधिकतर किसान जामुन के लाभदायक फल और बाजार के बारे में बहुत कम जानकारी रखते हैं, शायद इसी कारणवश वो जामुन की व्यवसायिक खेती से दूर हैं..... जबकि सच्चाई यह है कि जामुन के फलों को अधिकतर लोग पसंद करते हैं
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और इसके फल को अच्छी कीमत में बेचा जाता है....।
तो आइये मित्रो इस बारिश से पूर्व जामुन की बागवानी स्वयं करे और ओरो को भी प्रेरित करे... ।।
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हर शुभ कार्य से पहले क्यों बनाया जाता है स्वास्तिक, जानिए इसका कारण और रहस्य?
स्वस्तिक अत्यन्त प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में मंगल और शुभता का प्रतीक माना जाता रहा है। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले स्वास्तिक का चिन्ह अवश्य बनाया जाता है। स्वास्तिक शब्द सु+अस+क
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शब्दों से मिलकर बना है।'सु' का अर्थ अच्छा या शुभ,'अस' का अर्थ 'सत्ता' या 'अस्तित्व' और 'क' का अर्थ 'कर्त्ता' या करने वाले से है। इस प्रकार 'स्वस्तिक' शब्द में किसी व्यक्ति या जाति विशेष का नहीं,अपितु सम्पूर्ण विश्व के कल्याण या 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की भावना निहित है। 'स्वस्तिक'
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अर्थात् 'कुशलक्षेम या कल्याण का प्रतीक ही स्वस्तिक है। स्वस्तिक में एक दूसरे को काटती हुई दो सीधी रेखाएँ होती हैं, जो आगे चलकर मुड़ जाती हैं। इसके बाद भी ये रेखाएँ अपने सिरों पर थोड़ी और आगे की तरफ मुड़ी होती हैं। स्वस्तिक की यह आकृति दो प्रकार की हो सकती है। प्रथम स्वस्तिक,
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केरल में कल एक चलती ट्रेन में एक युवक ने सहयात्रियों पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी, जिसमें कई लोग झुलस गए और जान बचाने के लिए तीन लोग चलती ट्रेन से कूदे तो मारे गए।
आरोपी युवक की पहचान शाहरुख के तौर पर हुई है जो कि यूपी के नोएडा के रहना वाला है। मरने वाले भी शायद मुस्लिम ही हैं,
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जिनमे एक बच्चा शामिल है।
अब आते हैं मुख्य बात पर, केरल (दक्षिण भारत का राज्य) जहाँ उत्तर भारतीय व्यक्ति अपराध कर के उसी राज्य के लोगों को मारना चाहता है, अर्थात ये घटना कहीं न कहीं स्क्रिप्टेड लगती है, केवल दक्षिण और उत्तर भारत के बीच खाई पैदा करने के लिए।
शक इसलिए गहरा हो
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जाता है क्योंकि आरोपी मुस्लिम है और फरार है। अब तमिलनाडु की तरह ही केरल में भी उत्तर भारतीयों की जान को खतरा उत्पन्न हो गया है, उनका मकसद भी यही है।
दूसरे केरल के पड़ोसी राज्य कर्नाटक में अगले माह चुनाव भी हैं, तो इस घटना का पॉजिटिव लाभ वहां भी विपक्ष लेना चाहेगा, और वहां भी
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मोदीजी !!
अब ये तो जांच का विषय बन गया है,जब नेहरू ने इतना पैसा और इतनी दौलत छोड़ी तो इंदिरा गांधी ने युद्ध के लिए भारत की जनता से,पैसे,सोना चांदी क्यू उघराया,उघरया तो वो गया कहां और कौनसे हथियार खरीदे थे इंदिरा गांधी ने,
नेहरू के पास इतनी दौलत आई कहा से वो कोई राजा तो था नही,
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-नेहरू वकील थे पर वकालत ज्यादा किए नहीं
-पिता मोतीलाल भी वकील थे
-दादा गंगाधर मामूली कोतवाल थे
-परिवार में कोई उद्योगपति या जमींदार नहीं रहा
-1947 में 200 करोड़ मतलब आज का 2 लाख करोड़
सवाल यह है की क्या कोई वकील ईमानदारी से सिर्फ वकालत करके इतने पैसे कमा सकता है?
1920 के बाद
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से कांग्रेस पर ज्यादातर नेहरू परिवार का ही कब्जा रहा, तो क्या वो भोले भाले देशवासियों को आजादी के नाम पर बहलाने के लिए अंग्रेजो द्वारा दिए गए पैसे थे?
इस गालीबाज बाई के झूठ का सच्चाई
1:- नेहरू ने अपना कोई भी दौलत देश को दान नहीं दिया
#UPIcharges #UPI पर बड़ा हल्ला मचा हुआ है। हाय मर गए, हाय मोदी ने 1.1% tax लगा दिया। हाय अब गरीब जनता का क्या होगा। हाय रे मोदी ने लूट लिया...
सूचना युग की सबसे बड़ी त्रासदी ही यह है कि अधिकांश लोग सूचना को सुनते हैं... उसे समझते या सही से Interpret करने की जहमत नहीं उठाते।
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ऊपर से रोने धोने में जो Sadistic Pleasure मिलता हैं... ओहोहो उसका तो क्या ही कहना
UPI सेवा मुफ्त में उपलब्ध हैं, लेकिन इसमें थोड़ा सा बदलाव किया गया हैं.
Technicalities में नहीं जाएंगे.....सीधी बात करते हैं।
->आपके लिए UPI एकदम मुफ्त है, अगर आप अपने Bank Account से किसी और के
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Bank Account में Direct Transfer कर रहे हैं।
-> आप अपने wallet (Paytm, Phonepay, Googlepay) से किसी भी Individual के Wallet में मुफ्त में पैसा Transfer कर सकते हैं।
अब सवाल है कि फिर यह 1.1% Fees किस बात की हैं?
मान लीजिये आप एक दुकान पर जाते हैं... आपने 2000 रूपए तक का सामान
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एक बार फिर से😍
""महंगाई से तंग आकर पत्नी ने पति को किराए पर देना शुरू किया""
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अखबार ये खबर पढ़ते ही झौलवी की बांछे खिल आई..सोचने लगा कि ऐसा कोई जुगाड़ अपना भी बैठ जाए तो वारे न्यारे हो जाएं...
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अब वो रोज रोज बीवी से कहने लगा...कमाई में कमी हो रही है...देखना आगे घरखर्च चलाना
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भी मुश्किल होने वाला है... जानबूझकर सकीना को कम पैसे देने लगा ताकि उसे यकीं हो जाए कि वाकई में पैसों की तंगी हो गई है..
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पर मासूम सकीना समझ न पाई... सो थक हारकर एकदिन झौलवी ने अखबार की कटिंग चाय की टेबल पर इस तरह रखी कि सकीना की नज़र उस पर पड़ ही जाए...
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शाम को अपनी मसाज से
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वापस आया तो देखा सकीना हाथ मे वही अखबार की कटिंग लिए खड़ी थी... बोली- दिल पे पत्थर रख के कह रही हूँ...अगर आपको ऐतराज न हो तो हम भी ऐसा ही कुछ ट्राई करें... चार पैसे आ जाएंगे घर पर...और तुम्हारा क्या घिस जाएगा...वैसे ही ईंट से घिस घिस पत्थर बना रखा है...
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झौलवी का दिल बल्लियों
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आज एक मित्र की दुकान पर बैठे थे...
दुर्भाग्य से सपाई मित्र है...
थोड़ी ही देर में वहां कुछ और लोग आ गए जो विपक्षी पार्टियों के समर्थक थे और कुछ निकाय चुनाव के पार्षद उम्मीदवार भी ...!
अब वहां चल रही बातचीत के अंश सुनिए
जिसके वजह से मुझे कुछ नई नई जानकारी मिली..
आप भी ज्ञान 6/1
6/2 अर्जित करिये....
वर्तमान सरकार पूंजीपतियों को संरक्षण देती है..
दुनिया का 25% पैसा भारत के 20 व्यापारियों के पास है..
अडानी अम्बानी देश लूट के पैसा वाले हुए हैं
भारत की अर्थव्यवस्था 120 वें नम्बर पर आती है
भारत मे सरकार अडानी अम्बानी चलाते हैं
देश का पूरा पैसा इन्ही के
6/3 पास है बैंक में कुछ नही है
इस देश मे विपक्ष कमजोर है इसलिए सरकार तानाशाह है
कोई विपक्ष का नेता डर के मारे सरकार के खिलाफ नही बोलता क्योंकि ये सरकार गिरा देते हैं सीबीआई लगा देते हैं जेल भेज देते हैं अब तो सदस्यता भी खाने लगे...
कोटा पर केरोसिन मिलना बंद हो गया है पूरा