।। #रुद्राक्ष ।।
त्रिपुर वध में रुद्रदेव की आंखों से जो आंसू गिरे वही प्रसिद्ध रुद्राक्ष बने -
त्रिपुरस्य वधे काले रुद्रस्याक्ष्णोऽपतंस्तु ये । अश्रुणो बिन्दवस्ते तु रुद्राक्षा अभवन् भुवि ॥
रुद्राक्ष एक से 14 मुखी तक उपलब्ध होते हैं फिर भी पंचमुखी रुद्राक्ष सबसे ज्यादा पेड़ पर
2...लगते हैं और उनकी सुंदरता और असली होना ज्यादा प्रमाणित है।
पंचमुखी रुद्राक्ष कालाग्नि नाम के कहे गए हैं ।
इनके धारण करने से अगम्यागमन अभक्ष्य भक्षण जैसे पापों से भी व्यक्ति मुक्त हो सकता है-
पञ्चवक्त्रः स्वयं रुद्रः कालाग्निर्नाम नामतः । अगम्यागमनाच्चैव अभक्षस्य च भक्षणात् ।
मुच्यते सर्व्वपापेभ्यः पञ्चवक्त्रस्य धारणात् ॥ #हूं_नमः इस मंत्र के प्रत्येक रुद्राक्ष को पुष्प से स्पर्श करते हुए 108 बार जप करें। फिर शिवलिंग के साथ रखकर अभिषेक करके धारण करें।
बिना मंत्र जप के रुद्राक्ष धारण करना पाप कहा गया--
हूं नमः इति प्रत्येकमष्टोत्तरशतं जप्ता
शिवाम्भसा प्रक्षाल्य धारणीयम् ।
“ विना मन्त्रेण यो धत्ते रुद्राक्षं भुवि मानवाः । स याति नरकं घोरं यावदिन्द्राश्चतुर्द्दश ॥
बिना रुद्राक्ष धारण किए जो भी जब तक किया जाता है वह व्यर्थ हो जाता है-
अरुद्राक्षधरो भूत्वा यद्यत् कर्म्म च वैदिकम् । करोति जपहोमादि तत् सर्व्वं निष्फलं
भवेत् ॥ “ स्कान्दे ।
रुद्राक्ष पहनने से मनुष्य देव स्वरूप हो जाता है-
रुद्राक्षधारणादेव नरो देवत्वमाप्नुयात् ॥
एक मुखी रुद्राक्ष साक्षात शिव है वह ब्रह्महत्या को दूर करता है तथा अग्नि स्तंभन और अमरता प्राप्त होती है -
एकवक्त्रः शिवः साक्षात् ब्रह्महत्यां व्यपोहति । अवध्यत्वं
प्रतिश्रोतो वह्निस्तम्भं करोति च ॥
2 मुखी रुद्राक्ष हरगौरी कहा गया है गोवध आदि पापों को वह दूर करता है-
द्विवक्त्रे हरगौरी स्यात् गोवधाद्यघनाशकृत् ।
तीन मुखी रुद्राक्ष तीन जन्मों के पापों को दूर करता है -
त्रिवक्त्रोऽग्निस्त्रिजन्मोत्थपापराशिं प्रणाशयेत् ॥
तुलाराशिं यथा
वह्निर्भस्मसात् कुरुते हर !। त्रिवक्त्रोऽपि चरुद्राक्षस्तथा दहति किल्विषम् ॥
4 मुखी रुद्राक्ष ब्रह्मा जी के समान कहां गया है वह नर हत्या को दूर करता है--
चतुर्व्वक्त्रस्तु धाता स्यात् नरहत्यां व्यपोहति ।
पंचमुखी रुद्राक्ष साक्षात्कालग्नि है उसका फल ऊपर लिखा गया है-
पञ्चवक्त्रस्तु
कालाग्निरगम्याभक्ष्यपापनुत् ॥
6 मुखी रुद्राक्ष साक्षात कार्तिकेय हैं। वह गर्भ हत्या आदि दोषों को दूर करता है तथा बालकों की रक्षा करता है--
षड्वक्त्रो यो गुहः साक्षात् गर्भहत्यां शमेदयम् ।
सात मुखी रुद्राक्ष अनंत है वह स्वर्ण चोरी आदि पापों को हटाता है --
सप्तवक्त्रो ह्यनन्तश्च
स्वर्णस्तेयाघनुत् सदा ॥
अष्ट मुखी रुद्राक्ष साक्षात गणेश जी है वह समस्त असत्य भाषण से उत्पन्न पापोंं को दूर करता है -
विनायकोऽष्टवक्त्रः स्यात् सर्व्वानृतविनाशकृत् ।
9 मुखी रुद्राक्ष साक्षात भैरव है वह शिव के साथ व्यक्ति को सायुज्यता प्रदान करता है--
भैरवो नववक्त्रः स्यात्
शिवसायुज्यदायकः ॥
10 मुखी रुद्राक्ष एवं विष्णु स्वरुप है भूत प्रेत पिशाच आदि को दूर हटाता है-
दशवक्त्रः स्वयं विष्णुर्भूतप्रेतपिशाचहा ।
11 मुखी रुद्राक्ष साक्षात् रूद्र स्वरूप है वह अनेक यज्ञों का फल प्रदान करता है-
एकादशमुखो रुद्रो नानायज्ञफलप्रदः ॥
12 मुखी रुद्राक्ष सूर्य
स्वरूप है वह समस्त तीर्थों के फल को प्रदान करता है--
द्वादशास्यो भवेदर्कः सर्व्वतीर्थफलप्रदः ।
13 मुखी रुद्राक्ष स्वयं कामदेव स्वरूप है समस्त कामनाओं को पूर्ण करता है-
त्रयोदशमुखः कामः सर्व्वकामफलप्रदः ॥
14 मुखी रुद्राक्ष श्रीकांत स्वरूप है वह वंशवृद्धि करता है--
चतुर्द्दशास्यः
श्रीकण्ठो वंशोद्धारकरः स्मृतः ।
प्रतिष्ठा विधि--
रुद्राक्ष को पंचगव्य से स्नान कराकर उसकी प्रतिष्ठा के लिए शिव पंचाक्षर मंत्र का जप करें अथवा त्र्यंबक मंत्र का जप या अघोर मंत्र का जप भी कर सकते हैं-
रुद्राक्षस्य प्रतिष्ठायां मन्त्रं पञ्चाक्षरं तथा । त्र्यम्बकादिकमन्त्रञ्च तथा
। प्रतिष्ठां विधिवत् कुर्य्यात् ततोऽधिकफलं लभेत् ॥
प्रतिष्ठा के बाद मुख्य के अनुसार निम्न मंत्रों का जप करके रुद्राक्ष को धारण करें--
ततो यथा स्वमन्त्रेण धारयेद्भक्तिसंयुतः ॥ एकादिचतुर्द्दशवक्त्राणां संस्कारे प्रत्येकं क्रमेण मन्त्रा यथा ।
ॐ ॐ भृशं नमः । १ । ॐ ॐनमः । २ । ॐ ॐ
नमः । ३ । ॐ ॐ ह्रीं नमः । ४ । ॐ हूं नमः । ५ । ॐ हूं नमः । ६ । ॐॐ हूं हूं नमः । ७ । ॐ नमः । ८ । ओं हूं नमः । ९ । ॐ हूं नमः । १० । ॐ ह्रीं नमः । ११ । ॐह्रीं नमः । १२ । ॐ क्षां क्षौं नमः। १३ । ॐ नमो नमः । १४ ।
27 रुद्राक्ष की माला धारण करके किए गए कार्य कोटि गुणा
फलदायक होते हैं-
सप्तविंशतिरुद्राक्षमालया देहसंस्थया |यः करोति नरः पुण्यं सर्व्वं कोटिगुणं भवेत्।।
रुद्राक्ष पहने हुए यदि कुत्ता भी मर जाता तो वह भी रुद्रपद प्राप्त करता है ।
ऐसा रुद्राक्ष का महत्व है-
रुद्राक्षे देहसंस्थे तु कुक्कुरो म्रियते यदि |सोऽपि रुद्रपदं याति किं
पुनर्मानवा गुह ।।
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1994 के आस पास की बात है अरविंद त्रिवेदी जी(रावण का अभिनय करने वाले)अयोध्या हनुमान गढ़ी पर संकट मोचन के दर्शन करने आए थे. उस समय रेवती बाबा प्रमुख पुजारी थे. वे अकड़ गये,अडिग हो गये की मै इनको किसी भी कीमत पर दर्शन नही करने दुँगा क्योंकि ये हनुमान जी को बार बार मरकट और श्री राम
2…को वन वन भटकता वनवासी कह कर संबोधित करता रहा है।
प्रशासन घुटनों पर बैठ गया था पर पुजारी जी झुके नहीं, त्रिवेदी जी को निराश वापस जाना पड़ा. उधर रावण का अभिनय करने पर त्रिवेदी जी एकदम शून्य शिथिल रहने लगे।
फिर इसके बाद त्रिवेदी जी ने अपने घर के कमरों और दीवारों पर दोहे और
3…चौपाइयों लिखवाए, घर के बाहर एक बड़ा सा बोर्ड लगवाया और उस पर लिखवाया "श्री राम दरबार"। तिस पर भी मन मे यह संताप रहने लगा कि मैंने बार बार प्रभु श्री राम को भले ही सीरियल में सही परन्तु अपमानजनक शब्द कहे हैं तो उन्होने हर साल रामायण का पाठ करवाना शुरू कर दिया इसके प्रायश्चित
मजहबी समुदाय के लोग असद के एनकाउंटर पर विलाप कर रहे है अबे एक बार कभी सोचना कि वह असद कितना बड़ा दरिंदा था
उमेश पाल तो गवाह थे लेकिन उनके साथ जो दो निर्दोष गनर मारे गए उनका क्या कसूर था ??मारे गए एक सिपाही राघवेंद्र सिंह की कहानी आपको रुला देगी राघवेंद्र सिंह के दादा भी पुलिस
में थे और एनकाउंटर के दौरान शहीद हुए थे राघवेंद्र सिंह के पिताजी भी पुलिस में थे और उन्नाव में चुनावी ड्यूटी के दौरान बूथ कैप्चर करने वाले गुंडों से मुकाबला करते शहीद हुए थे राघवेंद्र पढ़ने में बहुत होशियार थे लेकिन पिता के शहीद होने के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधे पर
आई उन्हें अपनी दो बहनों की शादी करनी थी फिर उन्होंने मृतक आश्रित कोटे से पुलिस में नौकरी किया अपनी एक बहन की शादी की एक बहन की शादी अभी होनी थी और खुद राघवेंद्र की शादी इस घटना के 15 दिन के बाद होनी थी राघवेंद्र सिंह की छुट्टी मंजूर कर ली गई थी राघवेंद्र सिंह अपने विवाह के लिए 4
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उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात एक और गनर संदीप निषाद की कहानी आपको रुला देगी संदीप निषाद दलित समुदाय से थे अपने परिवार में पहले शख्स थे जिन्हें सरकारी नौकरी मिली थी पिता मजदूरी करते थेआप देख सकते हैं घर बिल्कुल साधारण है संदीप निषाद अपने छोटे भाई को लखनऊ में पढ़ा रहे थे उनका सपना
था कि उनका छोटा भाई भी अच्छी नौकरी करें संदीप निषाद को असद ने बड़ी बेरहमी से मारा संदीप निषाद जब उमेश पाल को बचाने के लिए दौड़े तब असद गाड़ी से उतरकर संदीप निषाद को 4 गोलियां मारा 4 गोलियां लगने के बावजूद जब संदीप निषाद खड़े होकर अपना इंसास राइफल निकालने की कोशिश किये तभी गुड्डू
12 बीघे उपजाऊ जमीन छीना फिर पति को गायब करवा दिया फिर बेटे पर फायरिंग,फिर घर में घुसकर कई बार पीटाअतीक अहमद से 33 साल से लड़ रहीं जयश्री कुशवाहा को जानते हैं आप ??उनका नाम सूरजकली कुशवाहा उर्फ जयश्री है।उनकी उम्र 60 साल है।उनके पति सालों से गायब हैं।कानूनन कोई 10 साल से
ज्यादा गायब रहता है तब उसे फाइलों में मृत घोषित कर दिया जाता है जय श्री कुशवाहा के पति 15 साल से गायब है बेटे पर फायरिंग हो चुकी।खुद उन पर कई बार हमला हो चुका है।फिर भी वे 33 साल से उस माफिया अतीक अहमद से लड़ रहीं हैं जो कभी उत्तर प्रदेश में खौफ का पर्याय था।यूपी के प्रयागराज
में धूमनगंज इलाके के झलवा की रहने वाली जयश्री के पति बृजमोहन कुशवाहा के पास 12 बीघा से अधिक जमीन थी।इस पर बढ़िया खेती होती थी।परिवार का पालन-पोषण हो रहा था। लेकिन एक दिन अचानक सब कुछ बदल गया।जयश्री के पति गायब हो गए।जमीन पर अतीक का कब्जा हो गया।जयश्री कहती हैं किअतीक के अब्बू