30 लाख करोड रुपए का काला धन जो भारतीयों ने स्विट्जरलैंड के बैंक में रखा हुआ था वह अब पूर्णतया से जप्त कर लिया गया है। इस बात की ऑफिशियल न्यूज़ आ गई है। जप्त तो 2008 की महामंदी के बाद ही कर लिया गया था लेकिन उस समय इस तरह के जमा धन को बाण्डस में बदल दिया गया था। और अब अदानी प्रकरण
के बाद जब अमेरिकन बैंक धड़ाधड़ डूबने लगे तो इस तरह से बाण्ड की शेप में इन्वेस्ट किया हुआ वह भारतीयों का काला धन इन बैंकों द्वारा अपने को डूबने से बचाने के लिए जप्त कर लिया गया है।
हम बचपन से ही दो बातें सुनते आए थे कि एक तो चोरी का माल मोरी में और दूसरी यह कि जो दूसरों के लिए
खड्डा खोदते हैं वह स्वयं उसमें कभी ना जरूर गिरते हैं।
चोरी का माल मोरी में
यह अमेरिका और पश्चिमी विश्व अच्छे से जानता है कि यह जो काला धन भारतीयों ने इन बैंकों में जमा कराया हुआ है उसको वापस पाने के लिए यह लोग किसी भी तरह से न्यायालयों में नहीं जाएंगे क्योंकि इनको इस तरह के
धन को अपना साबित करने के लिए जो साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे अगर यह लोग उसे प्रस्तुत करते हैं तो उनको मिलने वाले पैसों से भी 3 गुना से ज्यादा टैक्स हिंदुस्तानी गवर्नमेंट उनसे ले लेगी अतः उनका चुप रहना ही श्रेष्यस्कर है। यानी की चोरी का माल गया मोरी में ❗
जो दूसरों के लिए खड्डा
खोदते हैं वह स्वयं उसमें कभी ना कभी जरूर गिरते हैं।
जितने भी बड़े बिजनेस घराने हैं वे समय समय पर पक्ष और विपक्ष दोनों को फण्ड करते रहते हैं और इलेक्शन आने पर निश्चित तौर पर सत्ताधारी पार्टी को विपक्ष के मुकाबले में ज्यादा सहायता प्राप्त होती है। अब सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को
फंड ना मिल सके इसके लिए इन सभी विपक्षी दलों ने मिलकर सौरस और हिडेनबर्ग रिसर्च को मोटा पैसा दिया लेकिन बाजी उल्टी पड़ गई अडानी को तो कोई विशेष नुकसान नहीं हुआ जबकि इन सब कालाबाजारीओं का विदेशों में जमा इनका पूरा काला धन बर्बाद हो गया। जो बीमारी के बहाने से बाण्ड रिन्यू कराने के
लिए गुप्त विजिट अमेरिका में होती थी अब उसकी जरूरत ही शेष नहीं रही क्योंकि सारा रुपया तो जप्त हो गया यानी कि दूसरों के लिए खोदे गए गड्ढे में यह सब लोग स्वयं गिर गए❗
इस सब में मोदी की कोई कलाकारी या बहादुरी नहीं थी लेकिन मोदी के ग्रह ही ऐसे हैं कि सामने वाले की आधी से ज्यादा
राजस्थान के अशोक गहलोत सरकार ने एक बेहद खतरनाक बिल पास कर दिया है जिसे राजस्थान सरकार राइट टू हेल्थ बिल कह रही है
इसके अनुसार कोई भी मरीज किसी भी निजी हॉस्पिटल में अगर जाएगा तो हॉस्पिटल पैसे के अभाव में उसका इलाज करने से मना नहीं कर सकती मतलब हॉस्पिटल वालों को मुफ्त में मरीज का
इलाज करना पड़ेगा और यदि हॉस्पिटल किसी गांव देहात एरिया में है और मरीज को रेफर करना है तब उस निजी हॉस्पिटल की जिम्मेदारी होगी कि वह अपने निजी खर्चे से एंबुलेंस से मरीज को बड़े हॉस्पिटल में भेजें
एक हॉस्पिटल को शुरू करने में कुल 48 परमिशन लेनी पड़ती है कई करोड़ रुपए हॉस्पिटल की
बिल्डिंग बनाने में लगता है नर्स से लेकर दुनिया भर के स्टाफ होते हैं सबको सैलरी देनी पड़ती है महंगे महंगे मेडिकल इक्विपमेंट आते हैं बिजली का बिल से लेकर दूसरे कई तरह के फिक्स खर्चे होते हैं
उसके बावजूद राजस्थान सरकार इस तरह का काला कानून बना रही है बनाकर लागू भी कर दिया
मोदी जी को डेढ़ दशक से बारीकी से फ़ालो कर रहा हूँ। अब मैं किसी भी परिस्थिति में उनके द्वारा किए जा रहे कार्य, प्रतिक्रिया, क्रिया आदि को प्रश्न की दृष्टि से नहीं देखता। मैं यह जानता हूँ कि वह कर रहे हैं तो सही ही कर रहे हैं। मैं उसमें से सीखने का प्रयास करता हूँ अथवा यह समझने का
प्रयास करता हूँ कि उन्होंने जो किया उसका सकारात्मक प्रभाव किस प्रकार से आने वाला है।
तमाम लोग आते जाते रहते हैं हिंदुत्व के नाम पर जो मोदी जी को सिखाते हैं या बेवजह भोपा लेकर चिल्लाते हैं।वह सब ग़लत साबित हुए या फिर उनके मूर्खता अथवा धूर्तता का खुलासा होता गया। कभी नरसिंहानंद आए,
कभी कालीचरण,कभी संदीप देव, कभी अजीत भारती उन्हें सिखाते दिखाई दिये,कभी शंकराचार्य पीछे पड़े।विपक्षी तो पता नहीं कब से हमलावर हैं।कभी नितिन गड़करी को विकल्प बताया जाता है तो कभी किसी और को।
पर मुझे मालूम है कि मोदी केवल एकमात्र विकल्प नहीं हैं,बल्कि वह हिंदुत्व के परम संकल्प हैं।
शेयर बाजार मुनाफे की गारंटी
नहीं देता -
वाहियात हैं याचिकाएं और
गैर जरूरी है उन पर सुप्रीम कोर्ट
में सुनवाई -
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की वजह से आई शेयर बाजार में गिरावट में निवेशकों को हुए नुकसान की भरपाई की मांग करने के लिए एमएल शर्मा वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका
लगाई थी, जिस पर CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पार्डीवाला की पीठ ने केंद्र सरकार और SEBI से भविष्य में निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए ठोस नियामक तंत्र बनाने पर विचार मांगे हैं और अगली सुनवाई सोमवार को यानी 13 फरवरी को होगी -
सुप्रीम कोर्ट ने SEBI के वकील तुषार मेहता से कहा कि वे किसी को दोषी ठहराने की योजना पर काम नहीं कर रहे लेकिन विचार का मुद्दा यह है कि निवेशकों का भविष्य कैसे सुरक्षित किया जा सके ताकि ऐसे बाजार में उन्हें नुकसान न उठाना पड़े -
#गौतम अदानी .. यह संयोग नहीं हो सकता।
सुनिश्चित तौर पर भारत के विकास से घबराई अंतर्राष्ट्रीय शक्तियों की साजिश है। हिडेन बर्ग ने अदानी समूह के खिलाफ हमले का जो समय चुना है। यह ठीक उस समय हो रहा है जब बीबीसी ने अपनी डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर कीचड़
उछालने का प्रयास किया है।
कारण साफ है। भारत तेजी के साथ विकास कर रहा है। चुनौती चीन के लिए भी है तो अमेरिका के लिए भी। भारत दुनिया भर के बाजार के लिए अपने उत्पाद तैयार करने की तैयारी में है। सारी दुनिया की नजर भारत पर आ टिकी है। दुनिया की डगमगाती अर्थ व्यवस्था के बीच सभी
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी भारत की अर्थ व्यवस्था को सबसे मजबूती से बढ़ता बता रहे हैं। ऐसे में भारत विरोधी ताकतों का बौखलाना सुनिश्चित है।
अदानी समूह पर हमले के माध्यम से हमारी अर्थ व्यवस्था और बैंकिंग क्षेत्र को तबाह करने की एक साजिश है हिडेनबर्ग की रिपोर्ट। वह भी उस समय जब
चर्च ने टेरेसा को संत बनाना था, ताकि उनका प्रयोग करके कन्वर्शन किया जा सके इसके लिए सिद्ध करना था कि उन्होंने कम से कम दो चमत्कार किये हैं। और यकीन मानिये उन्होंने ये सिद्ध भी कर दिया ! वो दो चमत्कार थे।
1 . उनकी फोटो देखकर एक महिला
की पथरी गायब हो गई !
२. एक आदमी का ब्रेन tumour उनकी मूर्ति को छूते ही गायब हो गया
कमाल कि बात डॉक्टरों ने दोनों चमत्कारों के सर्टिफिकेट तक दे दिया 🙂 🙂 😉
उसके बाद ईसाइयों के धर्म गुरु पोप ने चमत्कारों को मानते हुए टेरेसा को संत की उपाधि दे दी ! आज सारे देश, सारा मीडिया
टेरेसा के आगे संत लगाता है, मतलब हर कोई मानता है टेरेसा ने ये चमत्कार किये थे !
किसी की क्या हिम्मत कि चमत्कारों पर सवाल तक उठा दे !
अब दसरी तरफ देखे आज हिन्दुओ का बड़ा वर्ग बागेश्वर धाम के खिलाफ खड़ा होने को तैयार बैठा है ! क्योंकि उसे चमत्कारों पर विश्वास नहीं ! हो सकता है