1. मेरी आपसे विनती है इस कहानी को जन जन तक पहुंचाए, क्यों की ये राजा अब देश का राजा बनने का स्वप्न देख रहा है पर इनकी असली हकीकत किसी को पता नहि है!
2. अमेरिका की खुफिया संस्था सीआईए के साल 1951 के डिक्लासिफाइड डॉक्यूमेंट में लिखा हुआ है की कैसे सीआईए को फोर्ड फाउंडेशन के माध्यम से अपने सहयोगी राजनीतिक प्रोजेक्ट तैयार करना है और साथ ही भारत और अन्य देश में कैसे साइकोलॉजिकल वॉरफेर में भी फोर्ड फाउंडेशन का साथ लेना है।
3. #विदेशी_चंदाचोर_राजा साल 2000 में एक एनजीओ बनाता है और नाम रखता है "परिवर्तन"
ये परिवर्तन एनजीओ को सपोर्ट मिलता है "ट्रांसपेरेंसी इंडिया" से जो की "फोर्ड फाउंडेशन" और "सोरोस" की "ओपन सोसाइटी फाउंडेशन" के चंदे से चलती है!
4. साल 2002 से #विदेशी_चंदाचोर_राजा के एनजीओ "सम्पूर्ण परिवर्तन" को फोर्ड फाउंडेशन सीधा चंदा देना शुरू कर देते है!
नोट: #विदेशी_चंदाचोर_राजा ने अपने एनजीओ का नाम "परिवर्तन" से बदलकर "संपूर्ण परिवर्तन" कर लिया था।
5. साल 2004 में #विदेशी_चंदाचोर_राजा को "अशोका फैलोशिप" मिलती है जिनके दम पर वो फिर पूरी दुनिया में बताता फिरता है की देखो वो कितना पढ़ा लिखा है!
पर आपको जानकर हैरानी होगी की "अशोका फैलोशिप" का चंदा भी "फोर्ड फाउंडेशन" देती है।
6. साल 2006 में #विदेशी_चंदाचोर_राजा को मैगसेसे पुरस्कार दिया जाता है और पूरी दुनिया में हो हल्ला मचाता है की देखो हमे अपने काम के लिए कितना बड़ा अवॉर्ड मिला।
पर राजा आपको ये नही बताएगा की "मैगसेसे पुरस्कार" भी फोर्ड के चंदे से ही दिया गया था!
7. राजा का एक साथी होता है उसे भी साल 2004 में उसी "मैगसेसे पुरस्कार" से नवाजित किया जाता है और बाद में जाके राजा उसे अपनी पार्टी का पहला लोकपाल बनाते है दुनिया को बेवकूफ बनाने के लिए की देखो वो कितना इमानदार है!
8. यह सीआईए के डिक्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स है।
जिसमे आपको साफ पता चल जाएगा की "मैगसेसे पुरस्कार", फोर्ड फाउंडेशन और सीआईए का सीधा सीधा प्लानिंग है।
9. अब मजे की बात देखिए #विदेशी_चंदाचोर_राजा के साथी और राजा ने अपनी छबि साफ दिखाने के लिए जिसे अपनी पार्टी का पहला लोकपाल बनाया था उसकी बेटी फोर्ड फाउंडेशन के प्रेसिडेंट की सीनियर एडवाइजर थी!
देख रहे हो ना विनोद!
10. साल 2006 में #विदेशी_चंदाचोर_राजा को अमेरिकी एनजीओ "ऐड इंडिया" उसे "एड साथी" के रूप में चुन कर उसे सीधा सीधा चंदा देती है।
यहां भी मजे की बात देखिए की "फोर्ड फाउंडेशन" ही एड इंडिया को चंदा देती है।
11. साल 2005 में #विदेशी_चंदाचोर_राजा एक और एनजीओ शुरू करता है। जिसका नाम था "कबीर"
मजे की बात देखिए "कबीर" के पंजीकरण के पहले ही "फोर्ड फाउंडेशन" उसे लाखो रुपए का चंदा दे देती है!
12. रतन टाटा साल 1994 से साल 2006 तक फोर्ड फाउंडेशन के ट्रस्टी रह चुके है और साल 2008 से कुछ सालो के लिए नारायण मूर्ति फोर्ड फाउंडेशन के ट्रस्टी रहे थे।
13. साल 2008 से लेकर अगले 5 साल तक यानी अन्ना आंदोलन तक नारायण मूर्ति और रतन टाटा हर साल 25-25 लाख हर एक के एनजीओ से #विदेशी_चंदाचोर_राजा को देते हैं!
14. इस तरह #विदेशी_चंदाचोर_राजा अपना पूरा कैरियर विदेशी जासूसी संस्था सीआईए के लिए काम कर रही फोर्ड फाउंडेशन के चंदे से बनाता है।
यही नहीं जिसके दम पर वो पूरी दुनिया में पढ़ा लिखा होने का दम भरता है वैसी "अशोका फैलोशिप" की डिग्री के पैसे भी "फोर्ड फाउंडेशन" ने दिए है!
15. अब वो #विदेशी_चंदाचोर_राजा विदेशी चंदे से मिली डिग्रिया दिखा दिखा कर देश में अपनी मेहनत से ली हुइ डिग्री को तुच्छ मान कर दूसरे लोगो को अनपढ़ कहता फिरता है!
और उनके चेले चपाटे को लगता है की उनके पापा बहोत पढ़ लिख लिए है और पूरे ब्रम्हांड में उनके जैसा पढ़ा लिखा कोई नही है!
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1. Decoding the anti-India and radical Islamist-connected and funded cartel.
In the last few years, a certain group of people are trying to create unrest in the country.
Read this thread to know who is behind it.
2. Meet Meer Faisal.
He works for Maktoob Media. He also works for the Qatar government-owned Aljazeera and Turkey government-owned TRT World.
It means he gets paid by them.
He also works for IPSMF funded The Wire and Article 14.
3. You will always find him on the ground and making one-sided selective stories. Be it Hijab propaganda, Delhi Riots, CAA Protests, and many riots-affected areas. Many times he spread fake news even.
1. This year, radical Islamists attacked the Procession of Ramnavmi in many states.
Similar has happened last year too.
But there is a cartel of people who blame Hindus and will help radicals by preparing a selective legal report.
2 Let me show you an example👇
An unregistered group called Citizens & Lawyers Initiative has prepared a report on riots during Ramnavami and Hanuman Jayanti Processions in 2022.
In this report, they blamed Hindus for riots and presented radicals as victims.
3. This report is prepared by advocate Chander Uday Singh.
This report is one-sided and full of lies. Our team has debunked this report and prepared a fact-checking report which I will post at the end of this thread.
1. In the last few years, a bunch of anti-Hindu people are spreading so much hate against Hindus.
The same people are provoking Muslims by spreading fake propaganda.
2. Be it CAA or farm laws, propaganda journalists from The Wire are very active in spreading misinformation.
UAPA accused Sharjeel Imam, who wanted to cut Assam from India was getting a huge salary the Propaganda website The Wire
3. Their propaganda journalists like Arfa Khanum, Alishan Jafri, and many others are continuously targeting Hindus to show them in a bad light and they are helping foreign NGOs to create fake narratives against India and Hindus.
As you know me and my team are fighting against a big cartel and trying to aware you on many subjects.
We also debunk anti-India and anti-Hindu fake news.
I request you to keep supporting us.
Details are given below for support 👇
Our total monthly budget for a team of 9 people is 3.5 Lakh.
We have already received 1 Lakh for the month of February. We need 2.5 Lakh more for the month of February.
1. OP Bhatt is one of the members of the six-member committee appointed by the Supreme Court on the Adani Hindenburg case.
This OP Bhatt is under CBI scanner for giving the loan to Vijay Mallya
2. CBI issued a lookout circular (LOC) against him in 2021 which restricted him to fly abroad but our famous judge Saheb of Bombay High court Shree SS Shinde has permitted him to fly abroad
3. OP Bhatt was chairman of SBI during 2006 committee.
Soon after his retirement, he joined Hindustan Unilever (a British company)
Standard Chartered London
Tata consultancy chairpersonchairpersonTata Steel
Tata Motors
1. Do you know Tata and other prominent Parsi businessmen have started their businesses by selling Drugs (Opium)?
Let me tell you some of the hidden histories and I promise you will be shocked to see this hidden history!
Let's Start👇
2. In the 18th century while many freedom fighters were fighting against the East India Company, 26 Parsee businessmen along with 26 British and 21 American merchants were working with the East India Company to smuggle opium (Drugs) into China via Hong Kong.
3. Two Prominent Parsi families involved in the trade of opium were Jamsetjee Jejeebhoy and Ratanji Dadabhoy Tata.