#हिंदू_इकोनॉमी
हमारे हॉस्पिटल के कुछ जॉब्स की वैकेंसी निकली थी. कुल 8 जॉब्स के लिए 140 एप्लीकेशन आए. हमारी एक कलीग जो उसकी शॉर्टलिस्टिंग कर रही थी उसने बताया कि उसमें सिर्फ चार के पास यूके एक्सपीरियंस था, बाकी सब बाहर से आए. पूछा, कहां कहां से आए तो उसने ब्रेक अप दिया...कराची और
लाहौर तो खाली हो गया है, सारे उठकर आ गए. नाइजीरिया और सूडान भी खाली हो गया है, नेपाल और बर्मा में भी भगदड़ मची है. इंडिया से सिर्फ दो एप्लीकेशन हैं.
जबकि आज से पंद्रह बीस साल पहले यहां के जॉब्स में इंडियंस का शेर का हिस्सा होता था. अब शायद ही कोई आता है.
यह फर्क क्यों आया है?
क्योंकि आज इंडिया में सैलरी यहां से बेहतर हो गई है. अब यूके आना इंडियंस के लिए फायदे की बात नहीं रह गई है. जो देश गरीब हैं, जिनकी हालत खराब है वहां से अभी भी लोग आ रहे हैं.
हमारे इंटेलेक्चुअल ने इतने साल ब्रेन ड्रेन के विरुद्ध भाषण दिया, कुछ नहीं हुआ. लेकिन कुछ वर्षों की आर्थिक
प्रगति और स्थिरता से बात बदल गई. सच बात है, सिद्धांतों पर भाषण देने से वह नहीं होता जो हितों के गणित से हो जाता है.
आज हम हिंदू इकोनॉमी की बातें करते हैं. बातों से बहुत से लोग प्रेरित भी होते हैं, लेकिन स्थिति नहीं बदलती. और स्थिति तबतक नहीं बदलेगी जबतक हम अपने हितों को इससे
जुड़ा हुआ नहीं देख सकेंगे. आज अगर कोई मुसलमान है तो वह नुकसान उठाकर मुसलमान नहीं है, उसमें उसका फायदा है. कोई क्रिश्चियन बन रहा है तो फायदे के लिए बन रहा है. वामपंथियों को वामपंथी बनने में फायदा दिखाई देता है इसीलिए वामपंथी हैं. हम चाहे लोगों से कितना भी आग्रह करें कि वे फायदे
नुकसान का हिसाब छोड़ कर हिंदू बनें,स्थिति नहीं बदलेगी.हिंदू बनने,हिंदू इकोनॉमी से जुड़ने को फायदे की बात बनाना होगा लोगों को इसके भौतिक फायदे.अल्पकालिक और दीर्घकालिक फायदे दिखाने होंगे.यह भविष्य में निवेश है,यह भी समझाना होगा सिर्फ सिद्धांतों केआधार पर यह लड़ाई नहीं जीती जा सकती.
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यूपी से सरकार चले जाने के बाद @yadavakhilesh ने सैफई महोत्सव क्यों नहीं मनाया ??
बसपा सरकार के जाने के बाद @Mayawati के जन्मदिन पर उन्हें हीरे,ताज,नोटों से क्यों नहीं तोला गया ??
यूपी में योगी जी के CM बनने के बाद कोई अब अतीक अहमद, आजम खान,मुख्तार अंसारी जैसा बाहुबली क्यों नहीं
है ??
मोदी के आने के बाद पी चिदंबरम जी अपने बंगले के गमलों में करोड़ों की गोभी क्यों नहीं उगा रहे हैं ??
अब सुप्रिया सुले अपनी दस एकड़ जमीन में 113 करोड़ के बैगन क्यों नहीं उगा पाती है ??
हरियाणा में कांग्रेस की सरकार चले जाने के बाद रोबर्ट वाड्रा ने वहां कोई जमीन क्यों नहीं ली ?
कांग्रेस सरकार जाने के बाद मुंबई में फिर कोई हाजी़ मस्तान, करीम लाला,दाऊद इब्राहिम पैदा क्यों नहीं हुआ ??
यस बैंक के मालिक आदित्य पुरी को ढाई करोड़ की पेंटिंग बेचने के बाद प्रियंका गांधी ने फिर कोई पेंटिंग क्यों नहीं बेची ??
ए. के. एंटनी ने अपनी पत्नी के हाथ की पेंटिंग सरकार को
"जोधा अकबर" की कहानी झूठी निकली, सैकड़ो सालों से प्रचारित झूठ का खण्डन हुआ। अकबर की शादी "हरकू बाई" से हुई थी, जो मान सिंह की दासी थी।
-- जयपुर के रिकॉर्ड।
पुरातत्व विभाग भी यही मानता है कि जोधा एक झूठ है,जिस झूठ को वामपन्थी इतिहासकारों ने और फिल्मी भाँड़ों ने रचा है।
यह ऐतिहासिक षड़यन्त्र है।
आइये, एक और ऐतिहासिक षड़यन्त्र से आप सभी को अवगत कराते हैं। अब कृपया ध्यानपूर्वक पूरा पढ़ें।
जब भी कोई राजपूत किसी मुगल की गद्दारी की बात करता है तो कुछ मुगल प्रेमियों द्वारा उसे जोधाबाई का नाम लेकर चुप कराने की कोशिश की जाती है। बताया जाता है
कि कैसे जोधा ने अकबर से विवाह किया। परन्तु अकबर के काल के किसी भी इतिहासकार ने जोधा और अकबर की प्रेमकथा का कोई वर्णन नहीं किया !
सभी इतिहासकारों ने अकबर की केवल 5 बेगमें बताई हैं। 1. सलीमा सुल्तान। 2. मरियम उद ज़मानी। 3. रज़िया बेगम। 4. कासिम बानू बेगम। 5. बीबी दौलत शाद।
अमेरिकी वेबसाइट ने सोनिया को बताया अरबों का मालिक, भारतीय मीडिया आहत,यदि चापलूसी के लिए पारितोषिक मिले तो भारत के मीडिया को पछाड़ना मुश्किल होगा | वैसे तो भारत का इंग्लिश मीडिया कितना कुख्यात है,विशेषकर यदि मामला संघ अथवा मोदी से जुड़ा हो तो मीडिया के रूख का अनुमान लगाना सरल है
और यदि कहीं राजनीति के “मन्दिर” में बैठे गांधी परिवार से जुड़ा हो तो तो और भी सरल।हुआ यूँ कि अमेरिका की बिजनेस इनसाईडर वेबसाइट ने विश्व के सबसे धनी राजनीतिज्ञों की सूची जारी की है । इस सूची में सोनिया गांधी को चौथे नंबर पर रखा गया है । उनकी कुल संपत्ति २ अरब डॉलर से लेकर १९ अरब
डॉलर की सीमा में रखी गयी है । यह अनुमान स्विट्ज़रलैंड की पत्रिका में छपे राजीव गांधी के गुप्त खाते के आधार पर निकाला गया हो सकता है । ज्ञात हो कि डॉ. सुब्रमनियन स्वामी कहते रहे हैं कि बोफोर्स से शुरू हुआ दलाली का सिलसिला लंबा चला है और सोनिया एवं उनके परिवार को हिस्सेदारी मिलती
दोस्तों
रायबरेली में प्रियंका गांधी सभा को सम्बोधित करते हुए आज कल बोलती थी की
नरेंद्र मोदी जब भाषण देते हैं तो ऐसा लगता है कि प्राइमरी पाठशाला को संबोधित कर रहे है वाह जी वाह जब राहुल गांधी गुब्बारे और टॉफी की बात करते हैं तो आपको ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के लेक्चर याद आते हैं
जब वो बताते हैं एक में दो बच्चा बीमार है तब वो आपको आर्यभट्ट नज़र आते हैं
गुजरात में ज़मीन कोडियों के भाव दी गई. अच्छा...
दामाद जी को तो दहेज़ में दे दी गयी जो प्रियंका पति से खरबपति कैसे हो गए,
कब हो गए पता ही नहीं चला ..
गुजरात में महिलाएं सुरक्षित नहीं महिलाओं की जासूसी की
जाती है राजकुमारी जी,
आम महिला की बात तो छोड़ दीजिये ..
आपकी उम्मेदवार नगमा के साथ आये दिन जो हो रहा है
वो किसी से छुपा नहीं है.
तो पहले अपने नेताओं को ही सुरक्षा प्रदान कर दीजिये अपने ही लोगों से ..
बाकी ज्ञान बाद में दीजियेगा
आपसे रिक्वेस्ट है की एक बार अपने स्मार्ट फ़ोन पर
मन्दिरो में दान देने वाले हिन्दू भाइ-बहन सुप्रीम कोर्ट की ये न्यूज़ पढ़े.आप सोचते हैं कि मन्दिरों में किया हुआ दान, पैसा/सोना इत्यादि हिन्दू धर्म के उत्थान के लिए काम आ रहाहै ओर आपको पुन्य मिल रहा है तो आप निश्चित ही बड़े भोले हैं।कर्नाटक सरकार के मन्दिर एवं पर्यटन विभाग (राजस्व)
द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार 1997 से 2002 तक पाँच साल में कर्नाटक Congress सरकार को राज्य में स्थित मन्दिरों से
“सिर्फ़ चढ़ावे में” 391 करोड़ की रकम प्राप्त हुई, जिसे निम्न मदों में खर्च किया गया-
1) मुस्लिम मदरसा उत्थान एवं हज मक्का मदिना सब्सिडी, विमान टिकट
– 180 करोड़ (यानी 46%) 2) ईसाई चर्च को अनुदान (To convert poor Hindus into Christian) – 44 करोड़ (यानी 11.2%) 3) मन्दिर खर्च एवं रखरखाव – 84 करोड़
(यानी 21.4%) 4) अन्य – 83 करोड़ (यानी 21.2%)
कुल 391 करोड!!!!!