ईमानदारी से बताइएगा अगर फ़ोन पर कस्टमर सपोर्ट लड़की बोले हेलो दिस इस लिजा स्पीकिंग. आप के दिमाग़ में स्मार्ट छवि आती है कि नहीं. प्रायः यह निक नेम होता है अगर वह लड़की अपने असली नाम से फ़ोन करे नमस्कार मैं मंगला देवी बोल रही हूँ, हम में ज़्यादातर जज कर लेंगे कि वह लोअर मिडिल
क्लास टाइप है. हमारे साथ ऐसा ही है कि जब कोई हमारी ही चीज कूल अंग्रेज़ी नामों से बताता है तो हम उसे फैशनेबल मान लेते हैं.

महामारी के समय आपने सुना हो अमेरिका में टर्मरिक लाटे काफ़ी पॉपुलर हुआ, इम्युनिटी बूस्टर के रूप में. विदेश में पॉपुलर हुआ तो हम भी जागे, टीवी मीडिया सब जगह
बात होने लगी हल्दी वाला दूध ज़रूर पियें.

इन दिनों सत्तू के साथ भी यही रेवोलुशन हो रहा है. सदियों से चल रहा यह सुपर फ़ूड हम ही भूल गये थे. शिल्पा शेट्टी ने प्रोटीन शेक के रूप में सत्तू शरबत नेशनल मीडिया पर पोस्ट किया सब वाओ करने लगे. अब तो विदेशी मीडिया में भी सुपर फ़ूड सत्तू,
वेगन प्रोटीन पॉवर पैक्ड सत्तू, ग्लूटन फ्री प्रोटीन मील सत्तू, इम्युनिटी बूस्टर टर्मरिक सत्तू जैसे फैंसी नेम से आ रहा है.

सत्तू वाक़ई सुपर मील है.

साभार
#Fit hai to hit hai

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Apr 24
🍵☕🍵
चाय सिर्फ चाय नहीं होती...

जब कोई पूछता है, "चाय पीयोगे ?" तो वो ये नहीं पूछता तुमसे, चीनी और चायपत्ती को उबालकर बनी हुई एक कप चाय के लिए।

वो पूछता है, क्या आप बांटना चाहेंगे, कुछ चीनी सी मीठी यादें, कुछ चायपत्ती सी कड़वी दुःख भरी बातें..!

वो पूछता है, क्या आप
चाहेंगे बाँटना मुझसे अपने कुछ अनुभव, मुझसे कुछ आशाएं कुछ नयी उम्मीदें...?

उस एक प्याली चाय के साथ वो बाँटना चाहता है अपनी जिंदगी के वो पल तुमसे जो अनकही है अब तक, दास्ताँ जो अनसुनी है अब तक...

वो कहना चाहता है, तुमसे तमाम किस्से जो सुना नहीं पाया अपनों को कभी...
एक प्याली चाय के साथ को अपने उन टूटे और खत्म हुए ख्वाबों को एक बार और जी लेना चाहता है।

वो उस गर्म चाय की प्याली के साथ उठते हुए धुओँ के साथ कुछ पल को अपनी सारी फ़िक्र उड़ा देना चाहता है...

इस दो कप चाय के साथ शायद इतनी बातें दो अजनबी कर लेते हैं, जितनी तो अपनों के बीच भी
Read 4 tweets
Apr 24
चाहत

   अभी तक  तुम आए नहीं,...... सोचा तब तक कोई प्यारी सी गजल सुन लूं ,कभी कभी कितने खास और दिल को छू जाते हैं न ये गाने , ये ग़ज़ल ....मानो हमारे ही लिए लिखे गए हों... सुनते सुनते गाल आरक्त से हो गए हैं ,मैं चालीस साल पहले पहुंच गईं हूं जब तुम हम , एक दूसरे की जिन्दगी में
दाखिल हुए थे..... तब मेरी कल्पनाओं और चाहतों का केंद्र तुम सिर्फ़ तुम थे, मेरा जीवन तुम्हारे सिर्फ तुम्हारे इर्द गिर्द घूमता था, तुम ही तुम मेरे ख्यालों में रहते... कुछ और दिखता ही कहां था मुझे.. सच.. सपनों से भरे दिन थे,  रंगो से भरी रातें थीं!!

   अरे... दूसरा गाना शुरु हो
गया.... " शान "याद आ गया...
मेरा बेटा मेरा लाल... जिसने मेरे मातृत्व को पूर्ण किया... जिसने एक ही पल में हमारा प्रमोशन कर दिया... हम पेरेंट्स बन गए.. कितना अजीब सा लगता था न हम इतने बड़े हो गए??
मां कहलाने की मेरी चाहत पूरी हुई!! तुम भी तो पापा बन गए!!
Read 10 tweets
Apr 23
बर्फ होती संवेदना!

सुबह नींद ठीक से खुली भी नहीं थी कि पत्नी ने तेज आवाज में कहा "विक्की के दादाजी नहीं रहे।

"अरे !कैसे हुआ ये,कल शाम ही तो मिले थे।"
"हां!सभी आश्चर्य में हैं।"

" पता है विक्की तीन दिनों के फुटबाल टूर्नामेंट में चंडीगढ़ गया है।खबर तो कर दी,फिर भी कल तक ही आ
पाएगा।"

कपड़े बदल मैं भी पड़ोस में चला गया काफी लोग जमा थे।
अंतिम संस्कार विक्की के बिना नहीं होगा, दादाजी से बहुत लगाव है उसे ,तो ये निर्णय सभी ने मान्य किया।
गर्मियों के दिन हैं,मृत शरीर को घर में नहीं रख सकते,शव गृह में रखना सही होगा,पर वहां औपचारिकताओं में बहुत समय लगता है।
बिल्डिंग में ही रह रहे एक सज्जन ने "होली फैमिली अंडर टेकर "के बारे में बताकर सभी परेशानी हल कर दीं।
करीब डेढ़ घंटे बाद ही एक फ्रीजर बॉक्स आ गया।
हमारी ही फ्लोर पर रहने वाले खन्ना अंकल "अंडर टेकर सर्विस "वालों के आगे पीछे ही घूम रहे हैं।
उनका नंबर भी ले लिया।
Read 7 tweets
Apr 23
अगली बार नही

मां चलो जल्दी से तैयार हो जाओ हम सब घूमने जा रहे है।

पर कहां बेटा?

अरे चलो तो

बेटा मेरी तबियत ठीक नहीं हैं घुटनों में दर्द है, मैं कैसे कहां घूम पाऊंगी?

अरे मेरी मां चलो तो, मैं हूं ना
हुई
अदिति तुम भी जल्दी तैयार हो जाओ और 5-6 दिन के हिसाब से सबकी पैकिंग कर दो।
जी, (अदिति और अमित ने आंखो आंखो में इशारा किया)

चलो सब कार में बैठो, बच्चा पार्टी पीछे बैठेगी दादी के साथ,  अमित ने अपने दोनो बेटो कलश और बच्चे खुशी खुशी  दादी के साथ पीछे कार में बैठ गए।

गाड़ी धुआं छोड़ते हुए आगे बढ़ती जा रही थी  और यकायक एक जगह आकर रुक गई।

क्या हुआ बेटा?
पता नही मां देखता हूं।

बाहर आकर गाड़ी देखकर अमित ने अपनी मां से कहा मां गाड़ी का इंजन खराब हो गया है, बहुत समय लगेगा इसे बनने में। आप ऐसा करो ये सामने आश्रम है वहां बैठ जाओ।

वृद्ध आश्रम देखकर सुशीला जी थोड़ा चौकी

अदिति तुम भी बच्चों और मां को
Read 24 tweets
Apr 22
"कर भला तो हो भला"

गुप्ता जी, पेशे से व्यापारी थे। कस्बे से दुकान की दूरी महज़ 9 किलोमीटर थी।
एकदम वीराने में थी उनकी दुकान

कस्बे से वहाँ तक पहुंचने का साधन यदा कदा ही मिलता था, तो अक्सर लिफ्ट मांग कर ही काम चलाना पड़ता था और न मिले तो प्रभु के दिये दो पैर, भला किस दिन काम
आएंगे।

"कैसे उजड्ड वीराने में दुकान खोल धरा है पता नहि किसकी सलाह थी इससे भला तो चुंगी पर परचून की दुकान खोल लो।"
लिफ्ट मांगते, साधन तलाशते गुप्ता जी रोज यही सोचा करते।

धीरे धीरे कुछ जमापूंजी इकठ्ठा कर, उन्होंने एक स्कूटर ले लिया।

बिलकुल नया चमचमाता स्कूटर।
स्कूटर लेने के साथ ही उन्होंने एक प्रण लिया कि वो कभी किसी को लिफ्ट के लिए मना न करेंगें।।
आखिर वो जानते थे जब कोई लिफ्ट को मना करे तो कितनी शर्मिंदगी महसूस होती है।

अब गुप्ता जी रोज अपने चमचमाते स्कूटर से दुकान जाते, और रोज कोई न कोई उनके साथ
Read 12 tweets
Apr 21
फोटो भिजवा दिजियेगा

आ गए जी ,थक गए होगे ,हाथ मुंह धो लो ,पानी लाती हूँ पीने को ! पुष्पा जी अपने पति जगवीर जी से बोली !
हाथ मुंह धो जगवीरजी कुरसी पर आकर बैठ गए !
लो पानी पी लो ! तुम इतने उदास क्यूँ लग रहे हो जी ,,बात फिर नहीं बनी क्या ??
क्या बताऊँ पुष्पा ,सीए लड़के का
रेट 60 लाख चल रहा है ,बैंक और बड़े अधिकारी लड़कों का भी 40 से कम नहीं ! अब बचे फौजी ,पुलिस सिपाही ,क्लर्क इनकी भी मांग 30 से कम नहीं ! एक बेटी का बाप जायें तो कहाँ जायें !
तुमसे किसने कहा ये सब ,तुम्हारे तो जानने वालों में हैँ ना वो
सीए लड़का ! तुम तो कह रहे थे बहुत अच्छे लोग
हैँ कोई मांग नहीं करेंगे ??
हाँ तो ,पहली बार तो मैं बस ऐसे ही औपचारिक मुलाकात के लिए गया था ! बहुत अच्छा स्वागत किया ,कोई घमंड नहीं दिखा उनमें ! पर अबकी बार तो वो मुझे ऊपर से नीचे तक देखते रहे फिर बोले ! भाईसाहब ,आपको देखकर लगता नहीं ,आप हमारे यहाँ शादी कर पायेंगे ! अपनी बराबरी
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