#सुनो #छागल
इस पीढ़ी में बहुत कम लोग होंगे जो इस मोटे कपड़े की थैली से परिचित होंगे इसे #छागल कहा जाता है
ये नाम सुनकर कई लोग चौंक पड़ेंगे कि #पानी कपड़े की थैली में ???
ये उन दिनों की बात है जब न बाजार में बोतल बंद पानी मिलता था ना #पानी_का_व्यापार होता था न कोई कैम्प थे न 5/1
#Milton की बोतलें थी
गर्मी में पानी पिलाना #धर्म और खुद का पानी घर से लेकर निकलना अच्छा #कर्म माना जाता था,
गर्मी के दिनो मे उपयोग आने वाली ये #छागल एक मोटे कपड़े(कैनवास)का थैला होता था,जिसका सिरा एक और बोतल के मुंह जैसा होता था
और वह एक लकड़ी के गुट्टे से बंद होता था
आप में
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से किसने इसका उपयोग किया है ??? #छागल में पानी भरकर लोग,यात्रा पर जब जाते थे,कई लोग ट्रेन के बाहर खिड़की पर उसे टांग देते थे,बाहर की हवा उस कपड़े के थैले के छिद्र से अंदर जाकर पानी को ठंडा करती थी #वो_प्राकृतिक_ठंडक_बेमिसाल_थी
गर्मी में जीप में अंदर अफसर बैठे है उनकी छाग़ल
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बाहर जीप पर लटकी रहती थी
किसान बैलगाड़ी के खल्ले पर छागल लटकाए मंडी की तरफ जाते देखे गए।
ये हमारे पूर्वज की पानी व्यवस्था थी #और_सबसे_बड़ी_बात रास्ते में किसी राहगीर ने अगर छागल का #ठंडा_पानी देखकर उसे मांग लिया तो कोई मना भी नहीं करता था
क्यों कि ये ईश्वर की आज्ञा थी
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याद कीजिए–यौन शौषण के खिलाफ हमारे पदकवीर पहलवानों के पहले धरने के दिन ही मैंने लिखा था कि इतनेसे काम नहीं चलेगा। दबाव के लिए फिर धरना देना होगा।
बीजेपी बृजभूषण सिंह के आरोपों के साथ खड़ी है और रहेगी।बेटी बचाओ का जुमला ऐसे ही लोगों के लिए था।
अब बीजेपी ने धरने के दूसरे एपिसोड को
देश की इज्ज़त का मुद्दा क्या बनाया, लोगों को पता चल रहा है कि हमारे भगवान, नामी खिलाड़ियों ने पोस्ट रिटायरमेंट मलाई चाटने के लिए अपनी रीढ़ ही निकलवा ली है।
ये अमृतकाल में कोई नई बात नहीं है। सत्ता बड़ी चीज़ है। इसके लिए लीवर, किडनी और दिल भी न्योछावर है।
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फिर तो यह देश की इज्ज़त का मामला है। पीटी ऊषा और आमिर खान तक इसके लिए अपनी इज़्ज़त को दांव पर लगाने को बुरा नहीं मान रहे।
आज देखते हैं सुप्रीम कोर्ट किसे अहम मानता है–अपनी या देश की इज़्ज़त?
3 @soumitraroy ✍️
Good Morning
जानवरों ने शिक्षा का महत्व समझ लिया,और स्कूल खोल दिया। मिलजुलकर सिलेबस तय हुआ।समानता लायी जाएगी,सबको सब कुछ सिखाया जायेगा।
तो सबको सब कुछ सिखाया गया,एग्जाम हुए।
रिजल्ट आया।
मछली तैरने में फुल मार्क्स,उड़ने दौड़ने में फेल हो गयी। पक्षी उड़ने में पास हुए,
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मगर तमाम कोचिंग ट्यूशन के बावजूद तैर न सके। कोयल गायन में फर्स्ट क्लास रही, और कुत्ते फेल हो गए।
अब कुत्तों में बड़ा असंतोष फैला।वे अगले सत्र में भौकने को सिलेबस में रखने की मांग करने लगे। सबको बताया-भौंकना मौलिक अधिकार है।हमारी स्वतंत्रता है।बिन भौकन सब सून..
आंदोलन फैल गया,
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बड़ा समर्थन मिला।भौकना आसान होता है।न कोई सुर,न ताल,न राग,न द्वेष।याने ऐसा बताया गया,और जो साथ न दे उस पर कुत्तों ने हमला कर दिया।
कुत्ता टाइम्स,कुत्ता न्यूज पर बैठे कुत्तन-कुत्तनियाँ दिन रात भौकने की महिमा का गान करते,और बुलाकर हर जानवर से पूछते की वह भौकने के खिलाफ क्यूँ है।
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असफल देश(Failure state)और असफल सरकार का अंतर समझने के लिए पड़ोसी देश की गतिविधियों का अध्ययन करे फिर अपने गिरेबान मे झाँके।
सत्ता की हवस और सिर्फ चुनाव जीतने की ललक किसी काका ईदी अमीन को युगांडा के विनाश का कैसे जिम्मेदार बना सकता है।
पहला चुनाव अन्ना के फर्जीवाड़े से जीता गया
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और उससे पहले पशे पर्दा ताकतों से समझौते किये,उनकी तमाम शर्ते मानी विश्व बैंक के आगे घुटने टेके लेकिन पत्थर अक्ल असफल ही रहा।
अगली बार फिर वायदा किया, मुल्क बेचा, अलिफ़दानि के माध्यम से ट्रांसफर किया लेकिन किसी का भी भला नही कर सका क्योकि समर्थक भी इनके जैसे थे और संस्थाओ मे भी
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अपने जैसे भर दिए
ब्रिटेन में हमारे हाई कमीशन से हमारा तिरंगा उतारा गया,सरकार ने औपचारिक पत्र भेज कर फेक फोटो लगा दी जिसमे तिरंगे को बैनर की तरह दिखाया गया है
देश का झंडा लगानेका एक स्टेण्डर्ड प्रोटोकॉल होता है उसका होर्डिंग् नहीं बनाया जाता लेकिन जेहल का निचोड़ है
ये वाला प्रचारक/मीमर,जवानी में अमरीश पुरी के डायलॉग लिखता था
आखरी में राक्षसी अट्टहास की कमी लगी,इसलिए मैंने हाहाहा जोड़ दिया है।
कुछ और सुझाव इस प्रकार हैं-
★तुम मुझे वोट दो अंजली,ये हो नही सकता। लेकिन मेरी सरकार न बने,मैं ये होने नही दूंगा
★अल्लाह की बनाई हर नायाब कुर्सी
पर सिर्फ,और सिर्फ मोदी-योगी का हक है।
★अपना उसूल कहता है,हर गलती की सजा, बुलडोजर है।
★कभी कभी देश जीतने के लिए कुछ प्रदेश हारने पड़ते है।और हारकर जीतने वाले को मोदी-योगी कहते हैं।
★इस म्यूट संसद की गूंज सुनी तुमने??अब इस गूंज की गूंज,तुम सबको सुनाई देगी।
★कि जो बिक गया,
समझो हमारे साथ टिक गया।थूsss
★जिन लोगो ने हमारी किसी भी बात से इनकार किया था ,उनमे से कोई ईडी की पकड़ के बाहर नही रहा
★सारा प्रदेश मुझे बाबा के नाम से जानता है। और तुम्हारी हैसियत वही है,जो बाबाजी के ठुल्लू की होती है।
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कुछ छूट गया हो, तो आप बता दें।
योगेम्बो खुश होगा।