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Apr 27 5 tweets 2 min read Twitter logo Read on Twitter
1990 में मण्डल कमंडल के बाद एक तरफ धार्मिक उन्माद बढ़ा तो दूसरे तरफ जातीय उन्माद भी खूब बढ़ा।
धार्मिक उन्माद का यह असर हुआ कि एक धर्म वाला अपने धर्म को महान और दूसरे के धर्म के विरुद्ध घृणा का संचार करने लगा।नतीजा-पूजा पाठ धर्म जो कभी अंतःकरण की विषयबस्तु होकर आस्था श्रद्धा
का पात्र था, आज सब एक दूसरे के धर्मो के चरित्रहनन के काम मे पूरे मनोयोग से लगे है, यही हाल रहा तो धर्म सिर्फ अराजकता,हिसा और वोट की विषयबस्तु बनकर रह जायेगा या यूं कहें बनकर रह गया है।

दूसरी तरफ मण्डल का परिणाम यह हुआ कि- तमाम जातीय क्षत्रप जन्म लिए, अतीत में डूबकर तमाम जातीय
नायकों की खोज की गई, देवताओं की भी जातीय तय हो गयी कि कौन बामन,कौन यादव कौन ठाकुर है....जब तक यह खोज नही हुई थी तब तक जातीय नायक भी सबके थे लेकिन अब जातीय नायकों का भी कॉपीराइट हो गया है और जिनका कॉपीराइट हुआ है वो उनके नाम पर जुलूसों सहित तमाम कार्यक्रमो का आयोजन कर रहा है
तो दूसरा वाला उसकी कुंडली खोलकर बैठ जा रहा है कि वो तो ऐसा था,वैसा था....।।

कुल मिलाकर यह कहे कि 1990 के बाद गैर कांग्रेसी भाजपा समर्थित वीपी सिंह के राज में देश मे जो आमूलचूल परिवर्तन हुआ, वह परिवर्तन जातीय धार्मिक रूप से इस देश को खण्ड खण्ड करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका
निभाया....आज सब एक दूसरे के जाति धर्म को पूरे मन से गरिया रहे है, नफरते इस हद तक बढ़ चुकी है कि कोई भी चिंगारी कभी भी देश को जला दे तो कोई आश्चर्य की बात नही है....।।

#राजनीति

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Apr 27
यह बहुत साधारण-सी बात है कि जिस तरह राहुल गाँधी की आवाज बंद करने के लिए उनकी संसद सदस्यता खत्म करने के लिए पूरी रणनीति तैयार कर गुजरात में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई उससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि सचमुच में—
बोफोर्स घोटाला हुआ होता,
2G घोटाला हुआ होता,
कोयला घोटाला हुआ होता,
गाँधी परिवार के पास थोड़ी भी अवैध सम्पत्ति होती,
गाँधी परिवार ने मामूली-सा भी कोई गैर-कानूनी काम किया होता,

तो क्या आज सोनिया गाँधी और उनके पुत्र-पुत्री या दामाद इस तरह खुलेआम बाहर घूम पाते?
प्रतिशोध की आग में जलते अहंकारी मोदी इन सबको कभी का जेल भिजवा चुके होते।

नेहरू से लेकर राहुल तक पर कीचड़ उछालकर अपनी तुच्छ मानसिकता का खुलेआम बेशर्मी से प्रदर्शन करने वाले मोदी ने गाँधी परिवार को दया करके बाहर नहीं छोड़ा हुआ है।
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Apr 27
आगे.....
171 गैल्वेनोमीटर - एंड्रे मेरी एम्पियर - फ्रांस
172 डेन्टल प्लेट - ऐन्थोनी प्लेट्सन - अमेरिका
173 डिस्क ब्रेक - एफ. लेचेस्टर - ब्रिटेन
174 गैस लाइटिंग - विलियम मरडॉक - ब्रिटेन
175 गैस फायर - फिलिप लेबन - फ्रांस
176 गाइरो कम्पास - सर अल्पर स्पेरी - अमेरिका
177 गीगर काउंटर - हैन्स गीगर - जर्मनी
178 स्काच टेप - रिचर्ड ड्र - अमेरिका
179 स्वतः चालक - चार्ल्स कैटरिंग - अमेरिका
180 स्काईस्क्रेपर - विलियम जेनी - अमेरिका
181 लॉगरिथ्म - जॉन नेपियर - स्कॉटलैंड
182 नियोन लैम्प - जार्ज क्लाड - फ्रांस
183 प्लास्टिक - अलेक्जेंडर पार्कस - ब्रिटेन
184 नायलॉन - डॉ० वालेस कैरायर्स - अमेरिका
185 स्टील - हेनरी बेसेमर - ब्रिटेन
186 सुपर कंडक्विटी -एच. के. ओनेस - नीदरलैंड
187 सेलूलाइड - अलेक्जेंडर पार्क - ब्रिटेन
188 हॉरपीडो - रॉबर्ट ह्वलईटहेट - ब्रिटेन
Read 14 tweets
Apr 27
एक बार पूरा अवश्य पढ़ें
पूरी दुनिया में जितने भी उपकरण उपलब्ध है उन्हें किसी न किसी ने तो बनाया ही होगा। तो आइए, पता लगाते हैं कि *किस उपकरण को किस धर्म के किस भगवान ने,अवतार ने ,ऋषि मुनि ने कब ,कहां बनाया* और वह किस देश का निवासी था।
*उपकरण का नाम - खोज कर्ता - देश*
01 इलेक्ट्रान - एम० जे० थॉमसन - इंगलैंड
02 प्रोट्रान - गोल्डस्टीन
03 प्रोटोन - ई. रदरफोर्ड - इंग्लैंड
04 न्युट्रान - जेम्स चैडविक - इंग्लैंड
05 साइक्लोट्रान - लारेन्स - अमेरिका
06 यूरेनियम - मार्टिन क्लाप्रोथ - जर्मनी
07 नाभिक - रदरफोर्ड
08 नाभिकीय रिएक्टर - एनरिको फर्मी
09 ओजोन - क्रिश्चियन शोनबीन - जर्मनी
10 साइकिल - जॉन के. मैकमिलन - स्कॉटलैण्ड
11 साइकिल टायर - जॉन डनलप - ब्रिटेन
12 मोटरसाइकिल - जी डैमलर - जर्मनी
13 स्कूटर - जी. ब्राडशा - ब्रिटेन
Read 32 tweets
Apr 26
एक आम आदमी सुबह जागने के बाद सबसे पहले टॉयलेट जाता है,
बाहर आ कर साबुन से हाथ धोता है,

दाँत ब्रश करता है,

नहाता है,

कपड़े पहनकर तैयार होता है, अखबार पढता है,

नाश्ता करता है,

घर से काम के लिए निकल जाता है,
बाहर निकल कर रिक्शा करता है, फिर लोकल बस या ट्रेन में या अपनी सवारी से ऑफिस पहुँचता है,

वहाँ पूरा दिन काम करता है, साथियों के साथ चाय पीता है,
शाम को वापिस घर के लिए निकलता है,

घर के रास्ते में

बच्चों के लिए टॉफी, बीवी के लिए मिठाई वगैरह लेता है,
मोबाइल में रिचार्ज करवाता है, और अनेक छोटे मोटे काम निपटाते हुए घर पहुँचता है,

अब आप बताइये कि उसे दिन भर में कहीं कोई "हिन्दू" या "मुसलमान" मिला ?

क्या उसने दिन भर में किसी "हिन्दू" या "मुसलमान" पर कोई अत्याचार किया ?

उसको जो दिन भर में मिले वो थे.. अख़बार वाले भैया,
Read 7 tweets
Apr 26
रेलवे के एक थर्ड क्लास कर्मचारी की जगह हरी झंडी दिखाते प्रधानमंत्री एचटी में फ्रंट पेज पर हैं।

केरल के शिक्षा विभाग की बगावत किसी कोने में शेष तक पढ़े जाने के इंतजार में है।

भारत के इतिहास में किसी भी केंद्रीय मंत्री ने नरेंद्र मोदी जैसे सभी वंदे भारत जैसी ट्रेनों को
झंडी दिखाने की नहीं ठानी थी।

शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें भी चल रही हैं। चुपके से आती हैं, चली जाती हैं।

मोदी हर नई चीज को अपनी छवि और राजनीति से जोड़ते हैं। यह कस्बे के उस अनपढ़, रंगीले नौजवान की तरह है, जो छींट की लाल शर्ट और सफेद पैंट पहने इतराता है।
मोदी की ऐसी हरकतों पर जनता की जेब से बीसियों करोड़ खर्च होते हैं।

केरल वाले इसे समझते हैं। बंगाल में भी इस फिजूलखर्ची को लोग समझ चुके हैं।

लेकिन मोदी इन राज्यों में घुसना चाहते हैं। कहीं ट्रेन दिखाकर तो कहीं अपना अधकचरा ज्ञान झाड़कर।
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Apr 25
हालिया वक़्त में PM मोदी के मुसलमानों और 'ईसाइयों से मिलने पर मीडिया में बड़ा जलसा जैसा माहौल है..घात लगाने जैसा लगता है..ये लोग किसी के सगे नहीं है..

1. मोदी एक संघी है और संघ ने मुसलमानों और 'ईसाइयों को दुश्मन ऐ'लान किया है..
ऐसा लगता है कि किसी बड़ी वारदात की तैयारी है..बस उस वारदात से मोदी ख़ुद को अलग रखेंगे..

2. अगर आप तवज़्ज़ोह दे तो आपको मुस्तनद तौर पर पता चलेगा कि मोदी के दौर में हिंदू सबसे ज़्यादा बरबाद हुआ है..बरबादी के साथ इंटरनेशनल बदनामी भी हिन्दूओ के हिस्से में आई है..
3. इस वक़्त हिंदू क़ौम अपने सबसे बुरे दौर से गुज़र रही है..ये बात अलग है कि हिंदू क़ौम को इस बात का एहसास तक नहीं है कि वो बरबाद हुए है..हिंदुओं को मुसलमानों की तबाही में ख़ुद की तरक़्क़ी नज़र आती है..
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