1990 में मण्डल कमंडल के बाद एक तरफ धार्मिक उन्माद बढ़ा तो दूसरे तरफ जातीय उन्माद भी खूब बढ़ा।
धार्मिक उन्माद का यह असर हुआ कि एक धर्म वाला अपने धर्म को महान और दूसरे के धर्म के विरुद्ध घृणा का संचार करने लगा।नतीजा-पूजा पाठ धर्म जो कभी अंतःकरण की विषयबस्तु होकर आस्था श्रद्धा
का पात्र था, आज सब एक दूसरे के धर्मो के चरित्रहनन के काम मे पूरे मनोयोग से लगे है, यही हाल रहा तो धर्म सिर्फ अराजकता,हिसा और वोट की विषयबस्तु बनकर रह जायेगा या यूं कहें बनकर रह गया है।
दूसरी तरफ मण्डल का परिणाम यह हुआ कि- तमाम जातीय क्षत्रप जन्म लिए, अतीत में डूबकर तमाम जातीय
नायकों की खोज की गई, देवताओं की भी जातीय तय हो गयी कि कौन बामन,कौन यादव कौन ठाकुर है....जब तक यह खोज नही हुई थी तब तक जातीय नायक भी सबके थे लेकिन अब जातीय नायकों का भी कॉपीराइट हो गया है और जिनका कॉपीराइट हुआ है वो उनके नाम पर जुलूसों सहित तमाम कार्यक्रमो का आयोजन कर रहा है
तो दूसरा वाला उसकी कुंडली खोलकर बैठ जा रहा है कि वो तो ऐसा था,वैसा था....।।
कुल मिलाकर यह कहे कि 1990 के बाद गैर कांग्रेसी भाजपा समर्थित वीपी सिंह के राज में देश मे जो आमूलचूल परिवर्तन हुआ, वह परिवर्तन जातीय धार्मिक रूप से इस देश को खण्ड खण्ड करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका
निभाया....आज सब एक दूसरे के जाति धर्म को पूरे मन से गरिया रहे है, नफरते इस हद तक बढ़ चुकी है कि कोई भी चिंगारी कभी भी देश को जला दे तो कोई आश्चर्य की बात नही है....।।
यह बहुत साधारण-सी बात है कि जिस तरह राहुल गाँधी की आवाज बंद करने के लिए उनकी संसद सदस्यता खत्म करने के लिए पूरी रणनीति तैयार कर गुजरात में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई उससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि सचमुच में—
बोफोर्स घोटाला हुआ होता,
2G घोटाला हुआ होता,
कोयला घोटाला हुआ होता,
गाँधी परिवार के पास थोड़ी भी अवैध सम्पत्ति होती,
गाँधी परिवार ने मामूली-सा भी कोई गैर-कानूनी काम किया होता,
तो क्या आज सोनिया गाँधी और उनके पुत्र-पुत्री या दामाद इस तरह खुलेआम बाहर घूम पाते?
प्रतिशोध की आग में जलते अहंकारी मोदी इन सबको कभी का जेल भिजवा चुके होते।
नेहरू से लेकर राहुल तक पर कीचड़ उछालकर अपनी तुच्छ मानसिकता का खुलेआम बेशर्मी से प्रदर्शन करने वाले मोदी ने गाँधी परिवार को दया करके बाहर नहीं छोड़ा हुआ है।
एक बार पूरा अवश्य पढ़ें
पूरी दुनिया में जितने भी उपकरण उपलब्ध है उन्हें किसी न किसी ने तो बनाया ही होगा। तो आइए, पता लगाते हैं कि *किस उपकरण को किस धर्म के किस भगवान ने,अवतार ने ,ऋषि मुनि ने कब ,कहां बनाया* और वह किस देश का निवासी था।
*उपकरण का नाम - खोज कर्ता - देश*
01 इलेक्ट्रान - एम० जे० थॉमसन - इंगलैंड
02 प्रोट्रान - गोल्डस्टीन
03 प्रोटोन - ई. रदरफोर्ड - इंग्लैंड
04 न्युट्रान - जेम्स चैडविक - इंग्लैंड
05 साइक्लोट्रान - लारेन्स - अमेरिका
06 यूरेनियम - मार्टिन क्लाप्रोथ - जर्मनी
07 नाभिक - रदरफोर्ड
08 नाभिकीय रिएक्टर - एनरिको फर्मी
09 ओजोन - क्रिश्चियन शोनबीन - जर्मनी
10 साइकिल - जॉन के. मैकमिलन - स्कॉटलैण्ड
11 साइकिल टायर - जॉन डनलप - ब्रिटेन
12 मोटरसाइकिल - जी डैमलर - जर्मनी
13 स्कूटर - जी. ब्राडशा - ब्रिटेन
हालिया वक़्त में PM मोदी के मुसलमानों और 'ईसाइयों से मिलने पर मीडिया में बड़ा जलसा जैसा माहौल है..घात लगाने जैसा लगता है..ये लोग किसी के सगे नहीं है..
1. मोदी एक संघी है और संघ ने मुसलमानों और 'ईसाइयों को दुश्मन ऐ'लान किया है..
ऐसा लगता है कि किसी बड़ी वारदात की तैयारी है..बस उस वारदात से मोदी ख़ुद को अलग रखेंगे..
2. अगर आप तवज़्ज़ोह दे तो आपको मुस्तनद तौर पर पता चलेगा कि मोदी के दौर में हिंदू सबसे ज़्यादा बरबाद हुआ है..बरबादी के साथ इंटरनेशनल बदनामी भी हिन्दूओ के हिस्से में आई है..
3. इस वक़्त हिंदू क़ौम अपने सबसे बुरे दौर से गुज़र रही है..ये बात अलग है कि हिंदू क़ौम को इस बात का एहसास तक नहीं है कि वो बरबाद हुए है..हिंदुओं को मुसलमानों की तबाही में ख़ुद की तरक़्क़ी नज़र आती है..