subhash sharma, Profile picture
Apr 28 17 tweets 5 min read Twitter logo Read on Twitter
महिला पहलवानों के प्रकरण में, इंडियन ओलंपिक असोशियेशन की अध्यक्ष, पीटी ऊषा की भूमिका निंदनीय
पीटी ऊषा ने धरने पर बैठी हुई महिला पहलवानों के बारे में कहा है कि, उन्हे इंडियन ओलंपिक एसोसियेशन से अपनी समस्याओं के लिए कहना चाहिए था न कि, धरना देने के लिए जंतर मंतर पर बैठना चाहिए।
पीटी ऊषा खुद एक नामचीन खिलाड़ी रही हैं और फिलहाल भारतीय ओलंपिक संघ IOA की अध्यक्ष है। उन्होंने यह भी कहा है कि, इस तरह के धरने प्रदर्शन से देश की छवि धूमिल होती है। उनके इस बयान की आलोचना भी की जा रही है।
पर जिन समस्याओं को लेकर महिला पहलवान धरने पर बैठी हैं, वे समस्याएं, खेल या किसी प्रतियोगिता से जुड़ी नहीं हैं, बल्कि वे समस्याएं IOA से संबंधित, एक खेल संगठन, कुश्ती महासंघ के प्रमुख पर यौन शौषण के आरोपों से जुड़ी हैं। IOA को, ऐसे आपराधिक मामले का निदान करने का अधिकार और
शक्ति नहीं है। यह आरोप आपराधिक कृत्य के हैं जो आईपीसी में, गंभीर और दंडनीय अपराध हैं। इनके बारे में कोई भी कार्यवाही करने का अधिकार और शक्ति पुलिस और न्यायालय को है।

जंतर मंतर पर, पहलवानों का यह दूसरा धरना है, और पहलवानों ने, इस संबंध में पुलिस में मुकदमा दर्ज करने की मांग
को लेकर, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की है,जिसकी सुनवाई चल रही है। इसके पहले जो धरना हुआ था, वह सरकार के आश्वासन पर, कि, सरकार एक कमेटी का गठन कर, इन सब कदाचारों की जांच कराएगी,खत्म कर दिया गया था। जांच के लिए कमेटी गठित भी हुई। पर जांच का निष्कर्ष क्या निकला यह पता नहीं
हो सकता है कमेटी की जांच रिपोर्ट से, महिला पहलवान संतुष्ट न हो पाई हों, और वे दुबारा धरने पर बैठ गई हों।

यदि महिला पहलवानों के आरोपों को देखें तो इनके आरोप बिल्कुल साफ हैं और उनका निराकरण या जांच केवल पुलिस की तफ्तीश से ही संभव है, जिसके लिए पुलिस को, उनकी शिकायत पर,
एक एफआईआर दर्ज करनी पड़ेगी और फिर इसकी विधिवत विवेचना भी होगी। जो भी सुबूत मिले, उसी के अनुसार कार्यवाही होगी। इस कानूनी प्रक्रिया में, IOA की कोई भूमिका नहीं है। यह राज्य और पुलिस से जुड़ा मामला है न कि, खेल मंत्रालय और इंडियन ओलंपिक एसोसियेशन से।
IOA की अध्यक्ष पीटी ऊषा को, महिला पहलवानों की इस व्यथा और आरोपों पर खुद ही संज्ञान लेकर धरना स्थल पर जाना चाहिए था और उनसे इस बारे में बात करना चाहिए था। इन महिला पहलवानों की उपलब्धियों पर पूरा देश गौरवान्वित होता है, प्रधानमंत्री और अन्य सरकार के मंत्री आदि,
उनके साथ सेल्फी लेते हैं, और इसे गर्व का अवसर बताते नहीं थकते हैं। पर जब यही महिला पहलवान अपने शोषण के प्रति मुखर हैं तो उन्हे एक एफआईआर दर्ज कराने के लिए धरने पर बैठना पड़ रहा है!

पीटी ऊषा को, आईओए के अध्यक्ष होने के नाते, अपने अधिकार का प्रयोग कर, खेल मंत्रालय से,
महिला पहलवानों की शिकायत पर, कानूनी कार्यवाही करने के लिए बात करना चाहिए था। यदि यह महिला पहलवान, अपनी शिकायतें लेकर IOA और पीटी ऊषा के पास गई भी होती तो पीटी ऊषा सिवाय एक आश्वासन, सहानुभूति और समझाने बुझाने के अलावा क्या कर सकती थीं? मामला खेल से जुड़ा तो नहीं है।
मामला तो एक अपराध से है। वे बहुत करती, आईओए की तरफ से भी इन आरोपों की जांच के लिए इन पीड़ित महिला पहलवानों के पक्ष में खड़ी रहती। पर उन्होंने यह नहीं किया।

आज बड़े बड़े सेलेब्रिटी, जो अपने अपने खेलों के भगवान कहे जाते हैं, इस गंभीर मामले पर चुप हैं, और उन्हे लगता है कि,
उनकी इस चुप्पी से, देश की छवि दुनिया में अच्छी बनेगी। एक बात यह भी, कही जा रही है कि, यह धरना गुटबाजी का परिणाम और हरियाणा राज्य के अन्य राज्यों पर दबदबे का है। ऐसी गुटबाजियां, खेल संघों में होती रहती है। पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, यदि वे उन्ही गुटबाजियों के कारण ही लगाए जा
रहे हैं तो, क्या उन आरोपों की जांच नहीं की जानी चाहिए? गुटबाजी के कारण यदि यह धरना है तब तो IOA को तुरंत दखल देना चाहिए था। आईओए, भारत सरकार का खेल मंत्रालय दखल दे, और गुटबाजी को खत्म करने के उपाय ढूंढे। पर यौन शौषण, जैसे गंभीर आरोप जो, कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पर लगाए जा रहे है
, जिनमे POSCO जैसे गंभीर आरोप भी है, तब इन अरोपो को, अनदेखा नही किया जाना चाहिए।

आज सुप्रीम कोर्ट में एफआईआर दर्ज करने की प्रार्थना वाली महिला पहलवानों की याचिका पर सुनवाई है, देखिए क्या निर्णय आता है। पर एक एफआईआर दर्ज कराने के लिए ओलंपिक में पदक विजेता महिला पहलवानों को
सार्वजनिक रूप से जंतर मंतर पर धरने पर बैठना पड़े, यह दुखद तो है ही, साथ ही, पुलिस के खिलाफ सबसे आम शिकायत, जिससे हम पूरी नौकरी सुनते आए हैं, कि, थानों पर मुकदमा दर्ज नही होता है, की पुष्टि भी करता है। देश की छवि, अपनी जायज मांगों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने से
नहीं खराब होती है, बल्कि देश की छवि खराब होती है, ऐसे गंभीर आरोपों पर सरकार की चुप्पी और निष्क्रियता से। पीटी ऊषा के इस बयान से, उनकी और IOA की छवि पर जरूर असर पड़ा है।

(विजय शंकर सिंह)

#महिलापहलवान #कुश्तीमहासंघ #जंतरमंतर #IOA #vss
Image

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with subhash sharma,

subhash sharma, Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @sharmass27

Apr 30
1. ख़बर : SEBI ने अडानी की जांच के लिए 6 महीने का वक़्त मांगा..

2. मेरा प्रस्ताव/तज्वीज़ : मुझे 7 दिनों का समय दे कर SEBI ऑथोराइज़ कर दे..मैं 7 दिनों में जांच पूरी कर दूंगा..

3. मैं 7 दिनों में कैसे करूँगा :
~ हिंडनबर्ग ने 2 सालों तक एक एक दस्तावेज़ की जांच कर रिपोर्ट बनाई है..हिंडनबर्ग ने हर डेटा अडानी की बैलेंसशीट से लिया है..110% काम किया जा चुका है..
~ तो मुझे 2 सालों या 6 महीने तक जांच करने की कोई ज़रूरत नहीं है..मैंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट का एक एक पन्ना पढा है..मुझे तो याद हो चुका है..

~ मैं केवल हिंडनबर्ग के डेटा को अडानी की बैलेंसशीट से तुलना/तशबीह करूँगा..सारे डेटा अडानी के ही है..
Read 5 tweets
Apr 30
सत्यम शिवम सुंदरम

आस्था से हटकर भी इन तीन शब्दों मे सभी धर्मो का सार देखा जा सकता है ।

शिव का अर्थ होता है कल्याण करने वाला उन्ही का शंकर स्वरूप होता है दमन करने वाला ( शम + कर ) और जो भला करता है वो शिव है जिसका साक्षात दर्शन मां मे कर सकते है
क्योकि मां से ज्यादा किसी का भला सोचने वाला कोई दूसरा हो ही नहीं सकता ।

दूसरा कल्याण ईश्वर धरती मां के रूप में करता है जिसमे कुदरत ने अपनी सभी नैमते मिला दी है । धरा के रूप में सबसे सुंदर जगह इंसान की अपनी जमीन ( गाँव, बस्ती और देश ) होता है
बेशक दुनियां घूम लो मगर सकून अपने घर पर ही मिलता है
इस प्रकार प्रसाधन श्रेष्ट ने स्वीकार किया है कि वो शिव अर्थात जो सत्य है अर्थात जो सुंदर है उसके "गले में लिपटे साँप है"
मेरी धरती मां, मेरा देश सबसे सुन्दर,सबसे सत्य शिव स्वरूप जो मेरा कल्याण करता है उसके गले में लिपटा साँप ?
Read 4 tweets
Apr 30
एक सीक्रेट बता रहा हूँ : PM मोदी कम 'अक़्ल और बेहद कमज़ोर ज़हनीयत वाली शख़्सियत हैं..राहुल गांधी के नाम से तो PM मोदी "आउट ऑफ कंट्रोल" वाले दिमाग़ी हालात में पहुंच जाते है..
आपको केवल एक काम करना है : पहले बीजेपी को कर्नाटक में हराना है और बा'द में 2024 के लोकसभा चुनावों में उखाड़ फेंकना है..

इसका नतीजा ये होगा कि अभी PM मोदी जितनी गंदी गालियां देतें हैं उससे दुगनी गालियां बकेंगे..
सारी "हीरोपन्ती" काफ़ूर हो जाएगी और PM मोदी अपना दिमाग़ी बैलेंस खो कर अभी से ज़्यादा उटपटांग हरकतें करने लगेंगे..

मितरों, जिस इंसान को एक बैलट से ज़ीरो बनाया जा सकता है उसे गाली मत दीजिए..PM मोदी नाही आपकी गाली लाइक़ है और नाही PM की कुर्सी लाइक़ है..
Read 4 tweets
Apr 30
@Yaksh_Prashna जी की फ़ेसबुक पोस्ट
इतने ही अच्छे फेडरेशन होते तो किसी एथलीट / बॉक्सर / पहलवान को ट्रेनिंग के लिए विदेश नही जाना पड़ता | नीरज चोपड़ा को इंडिया में बैठा दीजिए , और तमाशा देख लीजिए | अभिनव बिंद्रा का भी कोच विदेशी था , विदेश में ही ट्रेनिंग करता था .....
ये ही दो ओलंपिक में इंडिया के व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता है |

बात इससे याद आयी कि , यह तर्क दिया जा रहा है कि BBS के कारण कुश्ती में पदक मिलने लगे , अगर यही सच है तो अपने इलाके में तो इन्होंने काफी व्यवस्था की है , गोंडा फैजाबाद , श्रावस्ती , बलरामपुर बाराबंकी
बस्ती लखनऊ से कितने पहलवान निकाले इन्होंने ......
इंडिया इस मुआमले में अलग है कि यह न चीन बन सका जहां खेलों को संस्थागत और सरकारी सपोर्ट है , वहां के खिलाड़ी अपनी सरकार के बदौलत है और न ही अमेरिका बन सका जहां खिलाड़ी कारपोरेट की patronge की वजह से
Read 7 tweets
Apr 30
यह कैंडी, श्रीलंका का एक मुख्य सड़क मार्ग है, जहाँ सड़क का निर्माण करते समय पहले से स्थित बड़े- छोटे एक सीध में स्थित वृक्षों को काटने की बजाय उन्हें सड़क मार्ग के डिवाइडर के रुप में संरक्षित कर दिया गया है! इस प्रकार सड़क भी चौडी बन गयी और वृक्ष भी कटने से बच गये !
उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में पड़ाव से मुगलसराय तक सड़क मार्ग ( जी. टी. रोड- उत्तर पथ) को 6- लेन मार्ग बनाया जा रहा है, जिसके तहत सड़क किनारे के सभी वृक्षों को काटा जाना है!
जब श्री लंका वृक्षों को काटने की बजाय इस प्रकार से संरक्षित कर हर्बल मार्ग बना सकता है,
तो फिर पहले से हर्बल मार्ग के रूप में घोषित जी. टी. रोड (उत्तर पथ) ( पड़ाव से मुगलसराय) के किनारे लगे वृक्षों को डिवाईडर के रूप में संरक्षित करते हुए हर्बल मार्ग की बहार को हम पुनः वापस ला सकते हैं!
यही तो है, हर्बल गलियारा,
सुंदर सलोना और प्यारा !!
Read 5 tweets
Apr 30
अगर भगत सिंह ने भी यही सोचा होता कि अंग्रेज इतने ताकतवर हैं इन्हे कैसे हराया जा सकता है। तो यकीन मानिए आज भी हम गुलाम ही होते।

सोचिए ओलंपिक मेडल जीतकर आए खिलाड़ियों को सड़क पर बैठकर रोना पड़ रहा है तो जिस दिन हमारी बहनों और बेटियों के साथ कुछ बुरा होगा तब क्या होगा।
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों बच्चियों का क्या होगा? ईट भट्ठे पर काम करनेवाले मजदूरों का क्या होगा। खेतों में काम करने वाली महिलाओं के क्या होगा?

यह लड़ाई किसी कांग्रेस भाजपा अपना दल सपना दल महान दल उत्थान दल अवसान दल शमशान दल के खिलाफ नहीं है।
बल्कि यह लड़ाई ताकत का दुरुपयोग करने वाले रावणवादी ताकतों से है। वही ताकतें जो कुर्सी दर कुर्सी विराजमान हैं और नीचे बैठे लोगों का खून चूसने के लिए अपने चोंच पैने कर रहे हैं।

जरूरी नहीं है कि आप झंडा लेकर सड़क पर आ जाएं। आप जो कर सकते हो करें।
Read 11 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Don't want to be a Premium member but still want to support us?

Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal

Or Donate anonymously using crypto!

Ethereum

0xfe58350B80634f60Fa6Dc149a72b4DFbc17D341E copy

Bitcoin

3ATGMxNzCUFzxpMCHL5sWSt4DVtS8UqXpi copy

Thank you for your support!

Follow Us on Twitter!

:(