एक द्रौपदी का जमाना था।जहां चीरहरण ने महाभारत का रूप ले लिया था और आज ये हालत हो गई है कि इन औरतों को कोई महिला नहीं मिल रही साड़ी पहनाने को। पुरूषों से साड़ी पहनवा रही है वो भी गैर हिन्दू 🐖 से
आजकल शादी में साड़ी_ब्लाउज इत्यादि पहनाने वालों को बुलाया जाने लगा है या इन औरतों👇
को ही सेंटरों पर बुलाया जाने लगा है ! अब किसी भी अवसर पर महिलाओं को #साड़ी पहनाने से लेकर, मेहंदी, सैलून, टेलर, टैटू सब काम पुरुष कर रहे हैं , वे भी गैर हिन्दू!
ये कथित #आधुनिकता#हिन्दू समाज को कहाँ तक ले जाएगी……? 🤔🤔
मेहंदी के बाद अब महिलाओं को साड़ी पहनना भी सेंटरों पर
पुरुष सिखा रहे हैं! एक गैर पुरूष द्वारा साड़ी खींचने पर जिस देश में महाभारत हो गई थी उस भारत में स्त्री खुद साड़ी उतारने खड़ी है ! हां आज औरतें स्वयं ही परपुरुष से न केवल जिम में अपने निजी अंगों का स्पर्श सुख भोग रही है बल्कि साड़ी भी उतार पहन रही हैं।।
ये प्रगति नहीं है ...👇
संस्कारों का पतन ही हमारी मृत्यु है ??
पंडित जी तो महिलाओं को तिलक भी स्वयं नहीं लगाते।
सभी मित्रों को जय श्री राम
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*गांव के पान की दुकान पर खड़े एक 35 वर्षीय निठल्ले बेरोजगार युवक से मेंने पूछा=कुछ कमाते धमाते क्यों नहीं? दिन भर शराब पिए रहते हो, और राजश्री खाकर थूकते रहते हो ?
वह बोला :--मेरी मर्जी*
मैं बोला :--शादी हो गई* ...?
वह बोला :-- *हो गई*👇
मैं बोला :-- *कैसे किये...??*
वह बोला :- *श्रम कार्ड से मुख्यमंत्री आदर्श विवाह योजना से 30,000 और अंतर्जातीय कन्यादान योजना से...250,000 मिलता है।,,
मैं बोला :-- *फिर बाल बच्चे भी होंगे उसके लिये कमाओ...?*
वह बोला :-- *जननी सुरक्षा से डिलेवरी फ्री और साथ में 1500 रू का चेक और
*श्रम कार्ड में भगिनी प्रसूति योजना से 20,000 मिलता है*
मैंने बोला :-- *तो बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिये कमाओ..?*
वह फिर :-- *गुटका पिचक कर कहा*
*उनके लिये तो पढ़ाई, यूनिफार्म,किताबें और भोजन सब सरकार की तरफ़ से फ्री...!*
और
*श्रम कार्ड से मुख्यमंत्री नौनिहाल और मेधावी
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कुछ पहलवानों ने यौन-शोषण के आरोप लगाये थे जिसके बाद खेलजगत में भूचाल-सा आ गया।
सरकार ने मेरी कॉम,योगेश्वर दत्त और पी.टी.उषा जैसे नामी एवं भारत के लिए ओलंपिक में पदक विजेता खिलाड़ियों की एक👇
जांच समिति बना दी जिसने अपनी जांच में लगे आरोपों को पूरी तरह निराधार पाया।
लेकिन आरोप और आरोपी के साथ खड़े पहलवान अपने धरना,प्रदर्शन और बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे।
अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिये गये संज्ञान और निर्देश के आधार पर जब अभियुक्त के खिलाफ प्राथमिकी
भी दर्ज हो गई है तब भी पहलवानों के इस झुंड का, जिसमें हरियाणा के ही पहलवान सम्मिलित हैं,जंतर-मंतर पर धरना देने का भला क्या औचित्य है ?
आरोप लगाने वाली पहलवानों के परस्परविरोधी वक्तव्यों एवं तथ्यों से भरे आरोपों तथा इसमें केजरीवाल,प्रियंका,हुड्डा आदि के कूद जाने से और हरियाणा को
भगवान सदाशिव
केवल पत्र पुष्प से ही प्रसन्न होते हैं।
पुष्प भी आक के
पत्र भी बिल्व के
तथा सर्वत्र उपलब्ध जड़ी बूटियाँ जैसे भांग धतूरा आदि ही उनकी पूजा की सामग्री है।
वैष्णव मंदिरों में
जहाँ किसी अन्त्यज का प्रवेश वर्जित रहता है तथा केवल पुजारी ही उनकी पूजा कर सकता है अन्य को👇
स्पर्श भी नहीं करने दिया जाता।
वहीं भगवान् सदाशिव की पूजा सभी स्त्री पुरुष बिना किसी जातीय व वर्ण भेद के स्वयं अपने हाथ से पूजा व अभिषेक कर सकते हैं।
वैष्णव मंदिरों में
जैसा भेदभाव देखा जाता है
वैसा शिव मंदिरों में नहीं देखा जाता।
इसी कारण शैव मत आज भी जनमानस में अपना स्थान
बनाये हुए है।
पृथ्वी पर
शिवलिंग पूजा का विधान आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व हुआ था।
इससे पूर्व भी लोग संख्या वृद्वि के लिए लिंग पूजा किया करते थे किन्तु बाद में इसकी भिन्न व्याख्या कर दी गई।
यह पूजा जैन मत के बाद आई।
वैदिक युग में
इन देवी देवताओं की मूर्तियाँ बना कर पूजने की प्रथा
विपक्ष और मीडिया की संवेदनहीन चुप्पी ****जय श्री राम, भारत माता की जय और बीच-बीच में मोदी जिंदाबाद के नारों से आकाश कई बार गूंजा। सर्वप्रथम दिल्ली में और फिर मुंबई में। भारत की धरती पर पैर रखते ही प्रवासी भारतीयों ने सरकार को धन्यवाद दिया और प्रधानमंत्री के प्रति कृतज्ञता 👇
व्यक्त की।
ये है सूडान से लौटे प्रवासी, जिन्हें मोदी के प्रयासों ने मौत के मुंह से बाहर निकाला और वहां फंसे अन्य कई हजार को शीघ्र से शीघ्र भारत लाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। वो सफल भी हुए, मोदी हैं तो सभी मुमकिन।
कुछ पीछे चलें
सूडान गृह युद्ध की भयंकरता से उभरी मौत
की छाया तले जिंदगी को तरसते लगभग साढ़े तीन हजार भारतीय। स्पष्ट नहीं था बचेंगे भी या नहीं ? क्या कोई बचाएगा, बचाने आएगा, कोई चमत्कार, ईश्वरीय कृपा या कोई फरिश्ता ?
फिर एक किरण फूटी उम्मीद की, उन्हें सुरक्षित वहां से निकाल कर स्वदेश लाने के संकल्प के साथ आए मोदी !
** ऑपरेशन कावेरी
लेडी डॉन : आखिर कब तक ? **** दो बेगमें ! मृतक अतीक की शाइस्ता परवेज और गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की अफशां अंसारी।फिलहाल दोनों फरार,दोनों पर पचास पचास हजार का इनामएक डेढ़ महीने से पुलिस को छका रही है और अफशां पिछले एक साल से,जिस पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई
मजहबी उन्मादियों और👇
हिंदू वोट भिक्षुकों की नजर में दोनों ही विशेष आदर की पात्र, सर्वाधिक शाइस्ता परवेज़।
इन चापलूस दलालों की बेहूदी सोच और लचर कुतर्कों के आधार पर शाइस्ता परवीन होनी भी चाहिए आदरणीय; क्योंकि वह उस अतीक की गैरकानूनी सल्तनत की वारिस है, जो मारे जाने के बाद दूध से धुला एक फरिश्ता और
अनेक की नजर में मसीहा हो गया है।गरीब गुरबों का संरक्षक, पांच बार का विधायक और पूर्व सांसद भी।
उसके गुनाहों पर परदा डालते हुए ओवैसी ने उसे मुस्लिम एमपी के तौर पर नवाजा, अखिलेश के हमदर्दी आंसू रुक ही नहीं पा रहे और चचा रामगोपाल उसकी वकालत में दुबले हुए जा रहे हैं। इसी बीच लालू पुत
भारत ने वीटो पर एक बहुत बड़ा खेल कर दिया है। बहुत ही शांति और चुपचाप तरीके से भारत ने इस वीटो के इस खेल में अफ़्रीका महाद्वीप और लैटिन अमेरिका के देशों को घसीट लिया है। भारत द्वारा यू एन एस सी में बवेल्ला मचाते हुए यह बात कह दी है कि दुनिया के यह अमीर देश अफ्रीका और लैटिन👇
अमेरिका के गरीब देशों पर अपना प्रभुत्व कायम रखना चाहते हैं और अफ़्रीका या लैटिन अमेरिका के किसी भी देश को परमानेंट सीट देने के बावजूद वीटो से वंचित रखना चाहते हैं। चीन भारत को स्थाई सदस्यता बिना वीटो के देने के लिए राजी हो गया था लेकिन अब वह चीन भारत के इस अफ्रीका और लैटिन
अमेरिका वाले पैंतरे का क्या जवाब देगा क्योंकि अगर चीन वीटो की पावर को नए बनने वाले परमानेंट सदस्यों के लिए मना करता है तो अफ्रीका के यह देश चीन के खिलाफ हो जाएंगे। जहां पर चीन के मालों की एक बहुत बड़ी मार्केट है और अगर चीन वीटो पावर देने के लिए हां करता है तो अफ्रीका और लैटिन