'द केरला स्टोरी' के ट्रेलर में एक हिंदू लड़की से पूछा जाता है कि कैसा है तुम्हारा गॉड शिवा जो पत्नी के मर जाने पर आम इंसानों की तरह रोता है?
लगभग ऐसा ही सवाल कुछ महीने पहले मुझसे भी एक लड़की ने पूछा था जब विकास दिव्यकीर्ति के प्रभु
राम पर दिए बयान वाला प्रकरण चल रहा था।
मैंने उससे कहा था कि क्या कभी तुमने ये सोचा है कि तुम हिंदू क्यों हो या तुमको हिंदू ही क्यों रहना चाहिए? क्या तुम्हारा हिंदुत्व ऐसी बातों पर अवलंबित है जिसको कुछ तार्किक आधार पर कमजोर किया जा सकता है या फिर तुम्हारा हिंदुत्व उन मूल्यों पर
है जो नैसर्गिक और शाश्वत हैं?
उसे मेरा सवाल समझ नहीं आया।
मैंने कहा, मान लो वाल्मिकी रामायण के उत्तर कांड में वर्णित सीता परित्याग का विषय या शंबूक वध का प्रसंग या शिव जी का सती के लिए विरह में रोने का प्रसंग या शिव जी का गणेश जी को नहीं पहचान पाना जैसे प्रसंग या फिर कृष्ण जी
की रासलीलाओं का प्रसंग या फ़िर महाभारत से कुछ प्रसंग हैं, जिनपर तर्क किसी आस्थावान को तो कनविंस कर सकता है पर तार्किक मस्तिष्क को हो सकता है कि उन बातों पर सहमत होना मुश्किल लगे; क्योंकि उन घटनाओं को उस समय या परिस्थिति के आधार पर न देखकर हम वर्तमान परिस्थिति में देखेंगे तो ऐसे
में जब कोई जाकिर नाइक या कोई विकास दिव्यकीर्ति जैसा प्रभावी और तार्किक वक्ता ठान ले तो दो मिनट में तुम्हारी आस्था को हिला देगा क्योंकि इन बातों को तार्किक और मानवीय समता या लैंगिक समानता के आधार पर डिफेंड करना तो मुश्किल है। वैसे भी औसत लड़कियां उतनी प्रखर नहीं हो सकतीं कि वो
इनके कुतर्क को काउंटर कर सके।
अब थोड़ा आगे बढ़ो, मान लो कोई नारीवादी आगे आकर कहे कि चूंकि राम ने अपनी गर्भवती पत्नी को घर से निकाल कर अन्याय किया था तो ऐसे हिंदू धर्म में मैं नहीं रहूंगी। तो उसके इस स्टैंड पर तुम क्या कहोगी?
उसने कहा- क्या कहूंगी अगर उसे राम जी के द्वारा सीता
परित्याग का लॉजिकल एंड कनविंसिंग आंसर नहीं मिलता तो उसे हिंदू धर्म तो विलेन लगेगा ही।
मैंने उससे कहा :- मैं अगर तुम्हारी जगह होता तो उस फेमिनिस्ट से कहता कि मैं हिंदू हूं या ईश्वर ने मुझे हिंदू बनाया है तो रामायण या महाभारत की किसी घटना को जस्टिफाई करने के लिए नहीं बनाया है न
ही वो मुझे जज बनाकर किसी घटित घटना पर वो मेरी राय मांगेगा। हो सकता है कि हिंदू समाज के सुदीर्घ इतिहास में घटित कोई घटना गलत तरीके से डॉक्यूमेंट हुई हो या उसे बदल दिया गया हो या उस घटना का context मुझे नहीं पता, तब की परिस्थिति का मुझे नहीं पता तो इसके लिए मेरा हिंदू धर्म कैसे
विलेन हो गया और मैं क्यूं इससे अपनी हिंदू आइडेंटिटी को हेट करूं? क्यूं उन बातों को लेकर कुढ़ता रहूं या अपराधबोध महसूस करूं जिससे मेरा कोई प्रयोजन नहीं है? मैं तो बल्कि अपने हिंदू आइडेंटिटी को सेलिब्रेट करता हूं कि इस आइडेंटिटी की वजह से मुझे दुनिया के एयरपोर्ट पर मेरे साथ
अशोभनीय व्यवहार नहीं होता, मुझे वीजा या नागरिकता देते हुए कोई देश शंकित नहीं होता, दुनिया मेरी ओर देखकर ये कामना करती है कि काश इसके पासंग की बौद्धिक स्वतंत्रता मुझे मिलती, इसके तरह की "फ्रीडम ऑफ वर्शिप" मिलती, इसके तरह की पारिवारिक व्यवस्था मिलती जो पति और पत्नी के संबंधों की
पवित्रता को इतना मान देती है, जो संयुक्त परिवार के मूल्यों में बिलीव करती है, जो नेचर में ईश्वर का दर्शन करती है, जिसे कण- कण में ईश्वर देखने की उदारमाना दृष्टि मिली है, जो नास्तिक होना चाहे तो उसे उसकी भी फ्रीडम है और हजारों लाखों देवताओं को पूजना चाहे तो उसकी भी छूट है।
इसलिए
मैं उससे कहता कि मेरे हिंदू होना ऐसा नहीं है कि किसी एक या कुछ आस्था, अवतार या किताब के सहारे है जो कभी दरक जाए तो मैं "एक्स हिंदू" हो जाऊंगा। मेरा हिंदू होना मेरी "आईडेंटिटी कार्ड" है और मैं इसे बड़े गर्व से own करता हूं।
अपने बच्चियों की परवरिश हिंदुत्व के इन "एसेंस" को समझाकर
करिए। उसे समझाइए कि अवतारवाद, मूर्तिपूजा, बहुदेववाद, प्रकृति पूजन इन बातों का अर्थ क्या है। उसे बताइए कि उसका हिंदू होना प्रकृति के लिए, सृष्टि के लिए, मानव जाति के लिए, जलचर -थलचर और नभचर के लिए कितना आवश्यक है। उससे कहिए कि अगर तुमने अपना हिंदुत्व छोड़ दिया तो तो तुम अपनी चेतना
खो दोगी, अपना बौद्धिक स्वातंत्र्य खो दोगी, अपना स्वतंत्र अस्तित्व खो दोगी, अपनी आइडेंटिटी खो दोगी, पूछने और जानने का अधिकार खो दोगी और बचोगी तो केवल एक रोबोट जो प्रोग्रामिंग की भाषा से नियंत्रित होती है।
ये करेंगे तो कोई भी उसे बहला नहीं सकेगा। समय रहते उसके मन में ये बीज डाल
दीजिए तो ही कुछ बचेगा।
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#TheKeralaStory#tks फिल्म में एक दृश्य है,
एक हिंदू लड़की, जिसके कम्यूनिस्ट पिता को उसके इस्लाम में कन्वर्ट होने का पता चलता है तो हार्टअटैक हो जाता है, वह अस्पताल में बिस्तर पर बेसुध है, उसकी कन्वर्ट लड़की अपने पिता के सिर पर थूकती है। ये एक शानदार दृश्य है और मुझे यह पसंद है।
क्यों.. इसके दो कारण है - 1. यह एक ऐसा दृश्य है जो सिनेमाई रूप से इतना गहरा संदेश देता है, जिसे दूसरी तरह से व्यक्त करना बहुत मुश्किल था। बात ये है कि एक बार जब कोई ब्यक्ति इब्राहीमी मजहबो को अपनाता है, फिर उसके काfir करीबी रिश्तेदार कौन है इससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। यहां तक
कि अगर कोई गैर इल्हमिक उस व्यक्ति के आसपास रहता है तो उसे अपनी हर सांस के हर पल उसे कोसना होता है। यह किताब का आदेश है और इस फिल्म के निर्देशक ने इसे बखूबी संप्रेषित किया है। 2. मुझे यह दृश्य इसलिए भी पसंद है क्योंकि मुझे लगता है कि ऐसी लड़की के माता-पिता इसके हकदार हैं। लड़की के
वो :- तुम्हारा शिवा, तुम्हारा राम अपनी पत्नी के लिए रोता है, कैसा ईश्वर है रे वो?
जाग्रत बच्ची :- हां ! मेरा गॉड अपनी पत्नी के लिए लिए रोता है; क्योंकि उसे पाने के लिए उसने शिव जी का धनुष तोड़ने जैसा असंभव काम किया था, उसके पैरों में जब कांटे चुभते थे तो जमीन पर बैठकर अपने हाथों
से वो उन कांटो को हटाता था, उसके बालों में अपने हाथों से फूल लगाता था, उसके कहने पर केवल उसकी खुशी के लिए वो स्वर्ण मृग जैसी तृष्णा के पीछे चला गया था, वो पत्नी उसके लिए ऐसी आदरणीया थी जिसे वो अयोध्या जैसे महान साम्राज्य के राजसिंहासन पर अपने बगल में बिठाकर मान देता था, उसके लिए
उसने समुद्र पर सेतु बांध दिया था।
हां! वो अपनी पत्नी के लिए रोता था, लेकिन पत्नी को रुलाने वाले रावण को उसके सारे वंश के साथ खत्म कर दिया। वो उसके लिए न रोता तो उसकी जगह दूसरी, तीसरी या चौथी भी ले आता पर उसने उसके सिवा किसी दूसरी स्त्री पर कभी स्वप्न में भी दृष्टि नहीं डाली।
चोर की दाढ़ी में तिनका? #AgustaWestLand
पीएम मोदी- हेलीकाप्टर में चोरी करने वालों को कानूनी रूप से सजा होनी चाहिए कि नहीं? चाहे वह कितना ही बड़ा क्यों न हो, सजा होनी चाहिए कि नहीं?
कांग्रेसी आनंद शर्मा: पीएम ने यह बोल कर अपने पद की गरिमा गिराई है!
सवाल है कि मोदी ने किसी का
नाम तो लिया नहीं तो आनंद शर्मा को मिर्ची क्यों लगी?
दूसरा सवाल यह कि कानूनी रूप से चोरों पर सजा वाले बयान को आनंद शर्मा गरिमापूर्ण बयान क्यों नहीं मान रहे हैं? क्या घोटाला कर माल हड़प लेना ही कांग्रेस के लिए गरिमापूर्ण आचरण है? क्या माल हड़पना कांग्रेसी खून में है? आखिर
घोटालेबाजों पर कानूनी कार्रवाई की बात पर ये लोग संसद से सड़क तक चीख क्यों रहे हैं?
क्या कांग्रेस खुद चीख-चीख कर अपने व अपनी महारानी के चोर होने का सबूत नहीं दे रही है?
अब देखिए, लोकसभा में रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर ने जब कहा कि सब जानते हैं कि घोटाले की गंगा कहां से निकलती है?
The Kerala Story
मूवी मे एक लाइन बोली गई हर हिंदू को इस पर विचार करना चाहिए जब लड़की अपने पिता से कहती है “पापा आपने मुझे अपने धर्म के बारे में क्यों नही बताया? हमारा हिंदू धर्म बहुत शानदार है दुनिया का एकमात्र ऐसा धर्म है जो पूरी तरह विज्ञान पर आधारित है हमने इस दुनिया को
कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिरऔरअजंता और एलोरा के विशाल शिव मंदिर दिए जो आज की टेक्नोलॉजी भी नहीं बना सकती है हजारों साल पहले की सभ्यता यानी सिंधु घाटी की सभ्यता हड़प्पा मोहनजोदड़ो की सभ्यता तक्षशिला जिस पर इन सब चीजों पर आज पाकिस्तान गर्व करता है वह हमारे पूर्वजों पूर्वजों की देन है
पाकिस्तान के एक विद्वान हसन निगार ने जब एक चैनल पर कहा कि हमारे पूर्वजों की ऐसी क्या विरासत है जिस पर हम गर्व कर सकते हैं तब समूचे हाल में सन्नाटा पसर गया और उन्होंने कहा कि आज जो पूरे दुनिया के पाकिस्तानी दूतावास में हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की बड़ी सी पेंटिंग तस्वीर लगी होती है