अब समय आ गया है अपने बच्चों को अपनी सनातन संस्कृति का ज्ञान देने का,ताकि कल को कोई अब्दुल्ली आपकी लड़कियों को ये कहकर धर्म परिवर्तन न करवा दे,
तुम्हारे "गॉड"की पत्नी को तो रावण उठा ले गया था और वो वानरों से मदद मांग रहा था, #शिवपुराण के अनुसार त्रेतायुग में भगवान श्रीराम की
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सहायता करने और दुष्टों का नाश करने के लिए भगवान शिव ने वानर जाति में हनुमान के रूप में अवतार लिया था। हनुमान को भगवान शिव का श्रेष्ठ अवतार कहा जाता है। जब भी श्रीराम-लक्ष्मण पर कोई संकट आया,हनुमानजी ने उसे अपनी बुद्धि व पराक्रम से दूर कर दिया।
वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड में
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स्वयं भगवान श्रीराम ने अगस्त्य मुनि से कहा है कि हनुमान के पराक्रम से ही उन्होंने रावण पर विजय प्राप्त की है।आज हम आपको हनुमानजी द्वारा किए गए कुछ ऐसे ही कामों के बारे में बता रहे हैं,जिन्हें करना किसी और के वश में नहीं था- 1. समुद्र लांघना
माता सीता की खोज करते समय जब हनुमान,
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अंगद, जामवंत आदि वीर समुद्र तट पर पहुंचे तो 100 योजन विशाल समुद्र को देखकर उनका उत्साह कम हो गया। तब अंगद ने वहां उपस्थित सभी पराक्रमी वानरों से उनके छलांग लगाने की क्षमता के बारे में पूछा। तब किसी वानर ने कहा कि वह 30 योजन तक छलांग लगा सकता है, तो किसी ने कहा कि वह 50 योजन
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तक छलांग लगा सकता है।
ऋक्षराज जामवंत ने कहा कि वे 90 योजन तक छलांग लगा सकते हैं। सभी की बात सुनकर अंगद ने कहा कि- मैं 100 योजन तक छलांग लगाकर समुद्र पार तो कर लूंग, लेकिन लौट पाऊंगा कि नहीं, इसमें संशय है। तब जामवंत ने हनुमानजी को उनके बल व पराक्रम का स्मरण करवाया और हनुमानजी
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ने 100 योजन विशाल समुद्र को एक छलांग में ही पार कर लिया।
2. माता सीता की खोज
समुद्र लांघने के बाद हनुमान जब लंका पहुंचे तो लंका के द्वार पर ही लंकिनी नामक राक्षसी से उन्हें रोक लिया। हनुमानजी ने उसे परास्त कर लंका में प्रवेश किया। हनुमानजी ने माता सीता को बहुत खोजा, लेकिन वह
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कहीं भी दिखाई नहीं दी। फिर भी हनुमानजी के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। मां सीता के न मिलने पर हनुमानजी ने सोचा कहीं रावण ने उनका वध तो नहीं कर दिया, यह सोचकर हनुमानजी को बहुत दु:ख हुआ,लेकिन उनके मन में पुन: उत्साह का संचार हुआ और वे लंका के अन्य स्थानों पर माता सीता की खोज करने
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लगे। अशोक वाटिका में जब हनुमानजी ने माता सीता को देखा तो वे अति प्रसन्न हुए। इस प्रकार हनुमानजी ने यह कठिन काम भी बहुत ही सहजता से कर दिया। 3. अक्षयकुमार का वध व लंका दहन
माता सीता की खोज करने के बाद हनुमानजी ने उन्हें भगवान श्रीराम का संदेश सुनाया। इसके बाद हनुमानजी ने अशोक
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वाटिका को तहस-नहस कर दिया। ऐसा हनुमानजी ने इसलिए किया क्योंकि वे शत्रु की शक्ति का अंदाजा लगा सकें। जब रावण के सैनिक हनुमानजी को पकडऩे आए तो उन्होंने उनका भी वध कर दिया।
इस बात की जानकारी जब रावण को लगी तो उसने सबसे पहले जंबुमाली नामक राक्षस को हनुमानजी को पकडऩे के लिए भेजा,
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हनुमानजी ने उसका वध कर दिया। तब रावण ने अपने पराक्रमी पुत्र अक्षयकुमार को भेजा, हनुमानजी ने उसका वध भी कर दिया। इसके बाद हनुमानजी ने अपना पराक्रम दिखाते हुए लंका में आग लगा दी। पराक्रमी राक्षसों से भरी लंका नगरी में जाकर माता सीता को खोज करना व अनेक राक्षसों का वध करके लंका
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को जलाने का साहस हनुमानजी ने बड़ी ही सहजता से कर दिया। 4. विभीषण को अपने पक्ष में करना
श्रीरामचरित मानस के अनुसार जब हनुमानजी लंका में माता सीता की खोज कर रहे थे, तभी उन्होंने किसी के मुख से भगवान श्रीराम का नाम सुना। तब हनुमानजी ने ब्राह्मण का रूप धारण किया और विभीषण के पास
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जाकर उनका परिचय पूछा। अपना परिचय देने के बाद विभीषण ने हनुमानजी से उनका परिचय पूछा। तब हनुमानजी ने उन्हें सारी बात सच-सच बता दी।
रामभक्त हनुमान को देखकर विभीषण बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने पूछा कि क्या राक्षस जाति का होने के बाद भी श्रीराम मुझे अपनी शरण में लेंगे। तब हनुमानजी
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ने कहा कि भगवान श्रीराम अपने सभी सेवकों से प्रेम करते हैं। जब विभीषण रावण को छोड़कर श्रीराम की शरण में आए तो सुग्रीव, जामवंत आदि ने कहा कि ये रावण का भाई है। इसलिए इस पर भरोसा नहीं करना चाहिए। उस स्थिति में हनुमानजी ने ही विभीषण का समर्थन किया था। अंत में, विभीषण के परामर्श से
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ही भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया।
5. राम-लक्ष्मण के लिए पहाड़ लेकर आना
वाल्मीकि रामायण के अनुसार युद्ध के दौरान रावण के पराक्रमी पुत्र इंद्रजीत ने ब्रह्मास्त्र चलाकर कई करोड़ वानरों का वध कर दिया। ब्रह्मास्त्र के प्रभाव से ही भगवान लक्ष्मण बेहोश हो गए। तब ऋक्षराज जामवंत ने
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हनुमानजी से कहा कि तुम शीघ्र ही हिमालय पर्वत जाओ, वहां तुम्हें ऋषभ तथा कैलाश शिखर का दर्शन होगा।
इन दोनों के बीच में एक औषधियों का पर्वत दिखाई देगा। तुम उसे ले आओ। उन औषधियों की सुगंध से ही -लक्ष्मण व अन्य सभी घायल वानर पुन: स्वस्थ हो जाएंगे। जामवंतजी के कहने पर हनुमानजी तुरंत
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उस पर्वत को लेने उड़ चले। रास्ते में कई तरह की मुसीबतें आईं, लेकिन अपनी बुद्धि और पराक्रम के बल पर हनुमान उस औषधियों का वह पर्वत समय रहते उठा ले आए। उस पर्वत की औषधियों की सुगंध से ही लक्ष्मण व करोड़ों घायल वानर पुन: स्वस्थ हो गए। 6. अनेक राक्षसों का वध
युद्ध में हनुमानजी ने
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अनेक पराक्रमी राक्षसों का वध किया, इनमें धूम्राक्ष, अकंपन, देवांतक, त्रिशिरा, निकुंभ आदि प्रमुख थे। हनुमानजी और रावण में भी भयंकर युद्ध हुआ था। रामायण के अनुसार हनुमानजी का थप्पड़ खाकर रावण उसी तरह कांप उठा था, जैसे भूकंप आने पर पर्वत हिलने लगते हैं।
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हनुमानजी के इस पराक्रम को देखकर वहां उपस्थित सभी वानरों में हर्ष छा गया था,
केरला फाइल्स आ गई,लोग लिखने लगे।
तुम्हारा भगवान रोता है।पापा अपने कभी हमें हमारी संस्कृति और संस्कार को नहीं सिखाया।
अब एक फिल्म ऐसी भी बनाओ।पटकथा हम लिखे देते हैं। #घरवापसी
सलमा को गोपाल से प्यार हो जाता है।दोनों लाख विरोध के बाद भी भाग कर विवाह कर लेते हैं।
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सलमा ससुराल आती है। पहली थाली गाय को सलमा से दिलबाते है।
मंदिरों में जाना होता है पूजा होती है। परछन खिचरी होती है आदि आदि।
एक दिन सलमा गोपाल से लिपट जाती है। जानू भगवान का लाख लाख शुक्र कि तुम मिले।
गोपाल आंसू पौंछ कर पूछता है।
सलमा बताती है।हमारे यहां तो शादी में बकरा हलाल
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होता है। तरह तरह के मीट मटन बनते हैं।तलाक की तलवार हमेशा लटकती रहती है। मैंने अब्बी को देखा है हमेशा डर बना रहता था।ना जाने कब सौतन छाती पर लाकर बिठा दी जाये।
फिर हलाला बुर्का और भी ना जाने क्या क्या कुरितियां।उफ़ कितनी बंदिश रहती है। दम घुटता सा लगता है। हम नमाज के लिए मजजित
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श्री दस महाविद्या स्तोत्र
श्री दस महाविद्या स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य को पौरुष व बल, प्रसिद्धि,धन, लाभ, समृद्धि, कीर्ति, विजय, यश, आदि की प्राप्ति होती हैं ! और साथ ही साथ कुण्डलिनी जागरण, प्राणश्चेतना, ज्ञानश्चेतना, समाधि, ब्रह्मज्ञान, सम्मोहन, मोक्ष और पूर्णता की भी
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प्राप्ति होती है ।
नमस्ते चण्डिके चण्डि चण्डमुण्डविनाशिनी।
नमस्ते कालमहाभय विनाशिनी।।
अर्थ: हे चण्डिके! तुम प्रचण्ड संदर्भिणी हो। कर्चुएशन ही चण्ड-मुण्ड का विनाश करता है। सीमित अवधि का नाश करने वाली हो। आपको नमस्कार है।
इधर अवनी के दिमाग में हजारों सवाल थे, अवनी अमर को बेपनाह टूट कर चाहती थी, थी का मतलब तो आप सभी जानते ही होंगे ना?????
मोहब्बत आप किसी से कितनी भी करते हो ये आप नहीं हालत तय करते हैं,
प्रिंस का अमर से सच छुपाना, गंदे बाजार से जिंदगी
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दांव पर लगाकर अवनी को खूबसूरत जिंदगी देना, साथ रहकर भी अपनी मर्जी से अवनी ना छूना अमर की बेहपनाह मोहब्बत पर प्रिंस भारी पड़ चुकी थी,
अमर ने हसती खेलती जिंदगी को और खुशी देने की कोशिश की थी
और प्रिंस ने अवनी को उस वक्त जिंदगी दी जब अवनी ने सोच लिया था की जिंदगी अब खत्म हो
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चुकी है
जो लड़की हर समय अमर का साथ चाहती थी
जो लड़की हर समय अमर के आलिंगन में रहना चाहती थी आज वो अमर के स्पर्स करने पर भी डर सी जाती है
मगर अवनी इस बात से ज्यादा परेशान थी की अगर वो मोहब्बत नहीं करता था तो मुझे बचाया क्यों
अगर मोहब्बत थी तो मंजिल के करीब पहुंच कर उसने एक
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पाकिस्तान की आवाम के पास विकल्प नहीं हैं.... मर्दों के पेट खाली..... जेब खाली...
औरतों के लिबास में जेब नहीं..... पेट जरूर फुला रहता है...
इमरान न मामा से काणा मामा अच्छा है उनके लिए..... लेकिन फ़ौज को वो जमता नहीं.... वजह उसमें लाख कमी हो आवाम को पसंद है...
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तो क्या होगा..... लोग सड़कों पर हैं फ़ौज चुप बैठी तो सिंध,बलोच, फाटा..... सब टुकड़े टुकड़े
और फ़ौज ने जोर दिखाया आवाम को तो गृहयुद्ध..... फिर भी टुकड़े टुकड़े....
आसान विकल्प फ़ौज के पास है कश्मीर में भारत से दो दो हाथ करना.....
पता है हार जायेंगे पर तब पाकिस्तान टूटने का
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ठीकरा भारत के सर होगा और लम्बे समय दुनियाँ भर के मुज़ाहिद्दीन का रुख भारत की तरफ हो लेगा....
सायद 10-20 साल भारत को जहादी हमले झेलने पड़ें ऐसे में कश्मीर सहित भारत के कई इलाके भीषण रक्तपात झेलें.....
वैसे पाकिस्तानी फ़ौज में हज़ार कमी गिना दें पर एक माद्दा है वे बिना तनख्वाह
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शोषण तो इस अबला नारी का भी हूवा है, परन्तु दुश्मन देश के हीरो से और क्या उम्मीद कर सकते है,?
शोएब ने पहली वाली को छोड़कर सानिया से निकाह किया अपनी औकात से बेहतर और काबिल लडकी मिलने के बावजूद कौम की जन्मजात आदत गई नहीं और भाईजान तीसरी हसीना के चक्कर में पड़ गए अब वह दो दो
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औरतों के साथ दगा करके भी उनकी कौम के हीरो बने रहेंगे और तीसरी के साथ मज़े से भरोसा तो नही है जिंदगी भी काटेंगे दूसरी तरफ अपना सब निचोड़वाकर सानिया को खाली हाथ अपने मुल्क लौटना पड़ रहा है तलाकशुदा के टैग के साथ ये उनकी कौम में इतनी बड़ी हस्ती की हैसियत है बाकी की महिलाआओ का
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हाल तो आप सोच सकते हैं सानिया से कोई हमदर्दी नहीं क्योंकि उसने दुश्मन मुल्क से रिश्ता जोड़ा खैर मोमिन का प्यारा मुल्क है जबकि हिंदुस्तान में ही उस पे मरने वाले लाखो युवा थे काबिल थे मुसलमान भी थे लेकिन उन सभी को ठुकरा कर स्वार्थी बनकर वह उस मुल्क को भी भूल गई थी जिसने उसे
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लड़कियाँ इस्लाम इसलिए नहीं क़ुबूल करतीं कि वे अपने धर्म की जानकारी नहीं रखतीं,वे इस्लाम इसलिए क़ुबूल करती हैं कि उनकी इस्लाम के बारे में जानकारी सिफ़र होती है।
जिस जन्नत के लिए इतना खून खराबा सदियों से चल रहा है उस जन्नत में अल्लाह ने लड़कियों के लिए कोई भी वादा नहीं किया है,
न वहाँ उनके लिए शौहर मिलने का कोई वादा है न शराब।जबकि मर्दों को वहाँ खूबसूरत और हमेशा जवान रहने वाली हूरों का बंदोबस्त है।तरह तरह की शराबें और शरबत उनकी ख़िदमत में पेश किए जायेंगे।औरतों को लुभाने के लिए भी कोई वादा नहीं किया गया है बल्कि औरतों का जन्नत में कहीं कोई ज़िक्र ही
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नहीं किया गया है।पाकिस्तानी पत्रकार आरज़ू काज़मी @Arzookazmi30 के यूट्यूब चैनल पर मौलाना रशीदी का इंटरव्यू सुनिए कभी।
इस दुनिया में भी उनकी ज़िंदगी पूरी तरह शौहर के रहमो करम पर है।जवानी से लेकर घोर वृद्धावस्था में भी शौहर दो मिनट में तलाक़ देकर घर से बाहर कर सकता है वह भी
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