🤓 मैं मानता हूँ कांग्रेस में कुछ कमियां थी।
🤓 ये सच है कि 24 लाख करोड़ के घोटाले हुए।
🤓 ये सच है कि हिन्दुओ की नही सुनी जाती थी।
🤓 ठीक है मानता हूं कि महँगाई बढ़ते बढ़ते 12% से ऊपर चली गई थी।
🤓 मैं मानता हूं कि आतंकवादी मजबूत थे।
🤓 मैं मानता हूं कि पाकिस्तान और चीन
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हमारे उपर हावी थे।
🤓 मैं मानता हूं कि अलगाववादियों की चलती थी।
🤓 मैं ये भी मानता हूँ कि विकास दर एक बार को 4% से भी नीचे आ गई थी।
🤓 भगवा आतंकवाद को झूठा प्रचार मिला था।
🤓 चलो ये भी मानता हूं कि विदेशों से परमाणु और सैन्य सौदों में दिक्कत थी।
🤓 10 साल तक कोई बड़े हथियार
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नही खरीदे गए थे।
🤓 मानता हूं कि कालाधन की एक पैरेलेल व्यवस्था से प्रोपर्टी डीलर खुश थे
🤓माना कि चीन कभी कभार हमारे यहां घुस आता था।
🤓सेना का मनोबल कम था, मानता हूं सेना को OROP नही दे पाए थे।
🤓माना कि 18,000 गावो में बिजली नही थी।
🤓मानता हूं कि लोग खुले में शौच जाते थे।
मोदी मेरी जात बिरादरी के नहीं हैं,मोदी मेरे गृहक्षेत्र के भी नहीं हैं।
मोदी राज में मैं ठेकेदारी भी नहीं कर रहा हूँ,उनके राज में मुझे यश भारती, पद्मश्री या भारत रत्न भी नहीं मिलेगा इतना तय है...
उल्टा कल को कोई सरकार मुझे गाली फक्कड़ देने
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या किसी मिंयालॉर्ड़ के contempt में उठा के अंदर कर दे तो मुझे बिल्कुल आश्चर्य नहीं होगा..
कल को पुलिस मुझे उल्टा टांग दे तो मोदी या अमित शाह मुझे कतई बचाने नहीं आएंगे...
सो कहने का मतलब ये कि मैं किसी लालच में या किसी एजेंडा के तहत मोदी भक्त नहीं हूँ...
मेरा मानना है कि ये
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आदमी देशभक्त है, पूरी तरह ईमानदार है, राजनैतिक कारणों से (चुनाव जीतने के लिए) कुछ राजनैतिक वैचारिक कठोर बात कर सकता है
पर राष्ट्र को धोखा नहीं देगा... देश बेच के नहीं खायेगा... चुनाव जीतेगा तो सत्ता सुख भोगने के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्र की सेवा के लिए…ऐसा मेरा विश्वास है..
*कुछ तो करना ही होगा"*
मतदाता गलत,
देश की संसद गलत,
प्रधानमंत्री गलत,
मंत्रिमंडल गलत,
लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनी गई पूरी सरकार गलत,
कृषि कानून गलत,
370 का हटना गलत,
G S T गलत,
मेक इन इंडिया गलत,
आत्मनिर्भर भारत गलत,
राम मंदिर गलत,
घुसपैठियों को हटाने के लिये कानून गलत
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राफेल गलत,
सर्जिकल स्ट्राइक गलत,
एयर स्ट्राइक गलत,
सर्वोच्च न्यायालय गलत,
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति गलत,
समिति के सदस्य गलत,
जीयो गलत,
जीयो का टॉवर गलत,
पतंजली गलत,
रामदेव गलत,
मीडिया गलत,
वैक्सीन गलत,
*भारत देश ही गलत,*
*बस सही है तो..*
सारे रास्तों पर डेरा जमाये
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*आंदोलनकारी,*
लोगों का रास्ता रोके आंदोलनकारी,
ऐश करते आंदोलनकारी,
राकेश टिकैत,
वामपंथी,
शाहीन बाग,
परिवारवादी पार्टियाँ,
चीन,
पाकिस्तान,
घुसपैठिये,
खालिस्तानी,
विघटनकारी,
टुकड़े-टुकड़े गैंग,
दंगाई,
लुटियन्स गैंग,
आतंकवादी,
*विदेशी फण्डिंग पर पल रहे देशद्रोही,*
"चिदम्बरम"- 10 साल तक, "मंत्री" रहते, -"जिस घर" में रहते थे ?
वह "बंगला" उन्होंने -"अपनी पत्नी" के नाम लिया था l
दोनों उसी में रहते थे l
लेकिन,"भारत सरकार" से- "पत्नी को मकान मालिक" दिखाकर;- "20 लाख रू हर महीना किराया लेते थे"।*
*💪"दूसरा नया संसद भवन" बन रहा है ...l
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यानि :- "विस्टा",,,,👇*
*🧐👉"भारत सरकार" के 30-40 मंत्रालय, -"किराये की बिल्डिंग" में चलते हैं..l
एक मंत्रालय का "किराया"- "एक साल का 20-25 करोड़" हैं l
और
सारे मंत्रालय के -"मकान मालिक",-" केवल कांग्रेसी व बामपंथी" हैं l 🤔🧐इसीलिए - "नया संसद" बनने का -"विरोध" कर रहे
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हैं
🧐 क्योंकि ;- "नये संसद" में -"सारे मंत्रालय शिफ्ट" हो जायेगे ...? तो - "कांगेसियो व बामपंथियों" को "किराया" मिलना बंद हो जायेगा...l 🧐 नये "संसद भवन" के "निर्माण" में :- "कुल 975 करोड़ का खर्चा आएगा"...l 😊 जबकि ;- "आज 30-40 मंत्रालय का किराया" ही, पूरे एक साल का,-
अपनी मृत्यु और अपनों की मृत्यु डरावनी लगती है
बाकी तो मौत का आनन्द ही लेता है इंसान
अंत तक पूरा पढ़ना
✍️ मौत के स्वाद का चटखारे लेता मनुष्य
थोड़ा कड़वा लिखा है पर मन का लिखा है
मौत से प्यार नहीं , मौत तो हमारा स्वाद है
बकरे का,
गाय का,
भेंस का,
ऊँट का,
सुअर,
हिरण का,
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पाए का,
तीतर का,
मुर्गे का,
हलाल का,
बिना हलाल का,
ताजा बकरे का,
भुना हुआ,
छोटी मछली,
बड़ी मछली,
हल्की आंच पर सिका हुआ ।
न जाने कितने बल्कि अनगिनत स्वाद हैं मौत के ।
क्योंकि मौत किसी और की, और स्वाद हमारा
स्वाद से व्यवसाय बन गई मौत ।
मुर्गी पालन,
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मछली पालन, बकरी पालन, पोल्ट्री फार्म्स । नाम #पालन और उद्देश्य #हत्या !
"स्लाटर हाउस" तक खोल दिए, वह भी आधिकारिक ! गली गली में खुले नान वेज रेस्टॉरेंट, मौत का व्यवसाय नहीं तो और क्या हैं ?
मौत से प्यार और उसका व्यवसाय इसलिए क्योंकि मौत हमारी नही है