Surendra Chaudhary Profile picture
May 12 18 tweets 5 min read Twitter logo Read on Twitter
#यादों_के_झरोखे_सेः #जब_नेहरू_ने_खरबपति #डालमिया_को_मिट्टी_में_मिला_दिया

#टाटा_बिड़ला_और_डालमिया ये तीन नाम बचपन से सुनते आए है मगर डालमिया घराना न कही व्यापार में नजर आया और न ही कहि ओर ,
डालमिया घराने के बारे में जानने की बहुत इच्छा थी Image
लीजिए आप भी पढ़िए की नेहरू के जमाने में खरब पति डालमिया को साजिशो में फंसा के नेहरू ने कैसे बर्बाद कर दिया
राष्ट्रवादी खरबपति सेठ रामकृष्ण डालमिया को नेहरू ने झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल भेज दिया तथा कौड़ी-कौड़ी का मोहताज़ बना दिया ।
दरअसल डालमिया जी ने स्वामी करपात्री जी महाराज के साथ मिलकर गौहत्या एवम हिंदू कोड बिल पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर नेहरू से कड़ी टक्कर ले ली थी । लेकिन नेहरू ने हिन्दू भावनाओं का दमन करते हुए गौहत्या पर प्रतिबंध भी नही लगाया तथा हिन्दू कोड बिल भी पास कर दिया
और प्रतिशोध स्वरूप हिंदूवादी सेठ डालमिया को जेल में भी डाल दिया तथा उनके उद्योग धंधों को बर्बाद कर दिया

इतिहास इस बात का साक्षी है कि जिस व्यक्ति ने नेहरू के सामने सिर उठाया उसी को नेहरू ने मिट्टी में मिला दिया.
देशवासी प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद और सुभाष बाबू के साथ उनके निर्मम व्यवहार के बारे में वाकिफ होंगे मगर इस बात को बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होंने अपनी ज़िद के कारण देश के उस समय के सबसे बड़े उद्योगपति सेठ रामकृष्ण डालमिया को बड़ी बेरहमी से मुकदमों
में फंसाकर न केवल कई वर्षों तक जेल में सड़ा दिया बल्कि उन्हें कौड़ी-कौड़ी का मोहताज कर दिया.

जहां तक रामकृष्ण डालमिया का संबंध है, वे राजस्थान के एक कस्बा चिड़ावा में एक गरीब अग्रवाल घर में पैदा हुए थे और मामूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने मामा के पास कोलकाता चले गए थे.
वहां पर बुलियन मार्केट में एक salesman के रूप में उन्होंने अपने व्यापारिक जीवन का शुरुआत किया था. भाग्य ने डटकर डालमिया का साथ दिया और कुछ ही वर्षों के बाद वे देश के सबसे बड़े उद्योगपति बन गए.

उनका औद्योगिक साम्राज्य देशभर में फैला हुआ था जिसमें समाचारपत्र, बैंक,
बीमा कम्पनियां, विमान सेवाएं, सीमेंट, वस्त्र उद्योग, खाद्य पदार्थ आदि सैकड़ों उद्योग शामिल थे.

डालमिया सेठ के दोस्ताना रिश्ते देश के सभी बड़े-बड़े नेताओं से थी और वे उनकी खुले हाथ से आर्थिक सहायता किया करते थे.

इसके बाद एक घटना ने नेहरू को डालमिया का जानी दुश्मन बना दिया.
कहा जाता है कि डालमिया एक कट्टर सनातनी हिन्दू थे और उनके विख्यात हिन्दू संत स्वामी करपात्री जी महाराज से घनिष्ट संबंध थे.

करपात्री जी महाराज ने 1948 में एक राजनीतिक पार्टी राम राज्य परिषद स्थापित की थी. 1952 के चुनाव में यह पार्टी लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी
और उसने 18 सीटों पर विजय प्राप्त की.

हिन्दू कोड बिल और गोवध पर प्रतिबंध लगाने के प्रश्न पर डालमिया से नेहरू की ठन गई. दरअसल नेहरु जी अपनी पुत्री इंदिरा गांधी को उनके पति फिरोज़ गांधी से तलाक दिलाने के लिए हिन्दू कोड बिल पारित करवाना चाहते थे
जबकि स्वामी करपात्री जी महाराज और डालमिया सेठ इसके खिलाफ थे.

हिन्दू कोड बिल और गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए स्वामी करपात्रीजी महाराज ने देशव्यापी आंदोलन चलाया जिसे डालमिया जी ने डटकर आर्थिक सहायता दी।

नेहरू के दबाव पर लोकसभा में हिन्दू कोड बिल पारित हुआ
जिसमें हिन्दू महिलाओं के लिए तलाक की व्यवस्था की गई थी. कहा जाता है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद हिन्दू कोड बिल के सख्त खिलाफ थे इसलिए उन्होंने इसे स्वीकृति देने से इनकार कर दिया.

ज़िद्दी नेहरू ने इसे अपना अपमान समझा और इस विधेयक को संसद के दोनों सदनों से पुनः
पारित करवाकर राष्ट्रपति के पास भिजवाया. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार राष्ट्रपति को इसकी स्वीकृति देनी पड़ी.

इस घटना ने नेहरू को डालमिया का जानी दुश्मन बना दिया. कहा जाता है कि नेहरू ने अपने विरोधी सेठ राम कृष्ण डालमिया को निपटाने की एक योजना बनाई.
नेहरू के इशारे पर डालमिया के खिलाफ कंपनियों में घोटाले के आरोपों को लोकसभा में जोरदार ढंग से उछाला गया. इन आरोपों के जांच के लिए एक विविन आयोग बना. बाद में यह मामला स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिसमेंट को जांच के लिए सौंप दिया गया.
नेहरू ने अपनी पूरी सरकार को डालमिया के खिलाफ लगा दिया. उन्हें हर सरकारी विभाग में प्रधानमंत्री के इशारे पर परेशान और प्रताड़ित करना शुरू किया. उन्हें अनेक बेबुनियाद मामलों में फंसाया गया.

नेहरू की कोप दृष्टि ने खरबपति डालमिया को दिवालिया बनाकर रख दिया.
उन्हें टाइम्स ऑफ़ इंडिया और अनेक उद्योगों को औने-पौने दामों पर बेचना पड़ा. अदालत में मुकदमा चला और डालमिया को तीन साल कैद की सज़ा सुनाई गई.

तबाह हाल और अपने समय के सबसे धनवान व्यक्ति डालमिया को नेहरू की वक्र दृष्टि के कारण जेल की कालकोठरी में दिन गुज़ारने पड़े.
पुत्ररत्न को प्राप्त करने के लिए उन्होंने छह विवाह किए मगर लाख अनुष्ठान के बावजूद वे पुत्ररत्न से वंचित रहे,उनके घर केवल लडकियां ही पैदा हुईं।

डालमिया बेहद धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे. उन्होंने अच्छे दिनों में करोड़ों रुपये धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए दान में दिये.
इसके अतिरिक्त उन्होंने यह संकल्प भी लिया था कि जबतक इस देश में गौवध पर कानूनन प्रतिबंध नहीं लगेगा वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगे. उन्होंने इस संकल्प को अंतिम सांस तक निभाया. गौवंश हत्या विरोध में 1978 में 85 की आयु में दिल्ली में उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए।

#sp

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with Surendra Chaudhary

Surendra Chaudhary Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @surendrapalsin3

May 14
सूर्यकुमार यादव को वानखेड़े स्टेडियम में IPL का पहला शतक लगाता देखने के लिए पूरा परिवार मौजूद था। वही परिवार, जिसने सूर्यकुमार यादव को 10 साल तक अंधेरों में घुटते हुए देखा। नाउम्मीदी ऐसी की दुनिया का सबसे बड़ा T-20 बल्लेबाज क्रिकेट छोड़ देना चाहता था। Image
सूर्या ने गुजरात के खिलाफ 49 गेंदों पर 11 चौकों और 6 छक्कों की मदद से ताबड़तोड़ 103* रन बना दिया। अपने धमाकेदार प्रदर्शन से मुंबई को 27 रनों से मुकाबला जिता दिया। वह खिलाड़ी जो अगर 10 साल पहले टीम इंडिया में चुन लिया गया होता तो बात ही कुछ और होती।
12 साल पहले 20 वर्ष की उम्र में 2010 में रणजी क्रिकेट में डेब्यू के बाद रोहित शर्मा के साथ 73 रनों की मैच विनिंग पारी और मैन ऑफ द मैच का खिताब। 2011-12 के सत्र में मुंबई की तरफ से ताबड़तोड़ 754 रन। फिर लगातार घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में जलवा लेकिन टीम इंडिया में सिलेक्शन नहीं।
Read 15 tweets
May 14
मेघालय: दुल्हन की नहीं बल्कि दूल्हे की विदाई होती है
*************
मेघालय ऐसा राज्य हैं जहां पर दुल्हन की नहीं बल्कि दूल्हे की विदाई होती है. बता दें कि मेघालय की तीनों जनजातियों- गारो, खासी एवं जयंतियां में विवाह के पश्चात दुल्हन की जगह दूल्हे की विदाई होती है. Image
रिवाज के अनुसार लड़का विवाह के पश्चात लड़की के घर जाकर रहता है. यहां के लोग कहते है कि ये प्रथा पूर्वजों के समय से निभाई जा रही हैं.

पुत्री के जन्म लेते ही मनाया जाता हैं जश्न खासी समुदाय में यदि किसी घर में पुत्री जन्म लेती है तो काफी धूमधाम से खुशियां मनाई जाती है.
यहां लड़की के नाम पर ही वंश चलता है. इस समुदाय में माता-पिता की जायदाद पर पहला हक बेटी का होता है. रिवाज के मुताबिक, परिवार की सबसे छोटी पुत्री को सम्पति मिलती है. हालांकि यदि वो चाहे तो वो अपनी इच्छा से जायदाद में अपने भाइयों को भी भाग दे सकती हैं.
Read 4 tweets
May 13
एक चतुर नार: अनेक गीतों से प्रेरणा लेकर पड़ोसन का बहुचर्चित क्लासिक बना.
इस गाने को बनाने के पीछे की कहानी काफी मजेदार है।

हर कृति के पीछे उसकी एक अंतर्कथा उपलब्ध है। अपने देश के क्लासिक्स यूं ही नहीं बनते, उनके पीछे ढेर सारा परिश्रम और थोड़ी प्रेरणा अवश्य रहती है। Image
अब बॉलीवुड को अक्सर ही हम “कॉपीवुड” कहते हैं, क्योंकि या तो वह विदेशी गीतों से ट्यून उठाता है या अपने ही किसी क्लासिक गीत का अस्थि पंजर कर देता है। परंतु अगर कोई विभिन्न स्त्रोतों से प्रेरणा लेकर एक अद्भुत रत्न उत्पन्न करें, तो?
इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे पड़ोसन के सबसे अद्भुत गीतों में से एक को तीन विभिन्न गीतों से प्रेरित होकर पिरोया गया था।
जिसने “पड़ोसन” नहीं देखी,वह भारतीय सिनेमा का जानकार होने का दावा बिल्कुल नहीं कर सकता। 1968 में प्रदर्शित इस ब्लॉकबस्टर में सुनील दत्त और सायरा बानू
Read 10 tweets
May 13
भगवान शिव क्यों रोये थे?

हमने ऐसे किसी भी शक्तिपुंज को अपना देवता नहीं माना जो हमें भयभीत करता हो। किसी का देवत्व उसकी क्रूरता से सिद्ध नहीं होता, देवत्व करुणा से सिद्ध होता है।
भगवान शिव जब पत्नी का शव उठाये बिलख रहे होते हैं, तभी उनकी करुणा उभर कर आती है, Image
और दिखता है कि संसार का सबसे शक्तिशाली पुरुष अंदर से कितना कोमल है। उनके भीतर की यही कोमलता सामान्य मनुष्य के अंदर यह विश्वास जगाती है कि वे कृपालु हैं, करुनानिधान हैं, और इसी कारण हम मानते हैं कि वे पूजे जाने योग्य हैं।
ऐसा केवल महाशिव के साथ नहीं है।
अयोध्या की प्रजा राजकुमार भरत के साथ वन में उस महान योद्धा को वापस लाने गयी थी जिन्होंने ताड़का और सुबाहु जैसे राक्षसों का वध किया था। पर जब उन्होंने भरत से लिपट कर बिलखते राम को देखा, तो जैसे तृप्त हो गए। राम की करुणा उनके रोम रोम में बस गयी। वे राजा लाने गए थे,
Read 10 tweets
May 12
●शीला रमानी
. स्टारडम ऐसा कि सड़क पर चलना हो जाता था मुश्किल और जब फिल्में छोड़ी तो मिली गुमनामी की मौत
देव आनंद के साथ 'फंटूश' और 'टैक्सी ड्राइवर' जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम कर चुकीं 50 के दशक की अभिनेत्री ,
. Image
शीला रमानी ने देव आनंद के साथ 'फंटूश' और 'टैक्सी ड्राइवर' जैसी फिल्मों में काम किया। टैक्सी ड्राइवर के बाद शीला रातों रात स्टार बन गईं। उनका स्टारडम कुछ ऐसे वक्त से साथ बढ़ता चला गया कि सड़क पर चलना मुश्किल हो गया। वो जहां जातीं फैंस की भीड़ उन्हें घेर लेती थी।
शीला रमानी की 1953 से 1962 तक मां बेटा (1962),रिटर्न ऑफ मिस्टर सुपरमैन (1960), जंगल किंग (1959), अंजलि (1957),सुल्ताना डाकू (1956), गुलाम बेगम बादशाह (1956), गुरु घंटाल (1956) जैसी फिल्मों के साथ विशेष संकलित सूची , टैक्सी ड्राइवर (1954), मीनार (1954), कलाकर (1954) नौकरी (1953)
Read 7 tweets
May 12
बुद्ध एक कल्पना है बुद्ध एक कल्पना है। या
☺️ जिसे कनिष्क ने अपने समय स्थापित किया । असल में महावीर जैन ही बुद्ध है 😌
#एक_सवाल
बुद्ध का प्रमाण सिर्फ पत्थरों के स्तम्भ और बौद्ध ग्रंथो में ही मिलते है जो सिर्फ एक पत्थर पर कल्पना होनें के प्रमाण है नाकि बुद्ध के वास्तविक होने के!
बुद्ध का पूरा का पूरा Concept महावीर स्वामी से चुरा लिया गया है एवं जीवनी हिन्दू और जैन ग्रंथों से चुराया,
महावीर स्वामी का जन्म बुद्ध से पहले का है,आप भी देखे कैसे काल्पनिक बुद्ध को पैदा करवाया गया।
🤔1-महावीर स्वामी के पिता का नाम सिद्धार्थ था तो बुद्ध का नाम भी सिद्धार्थ था।
🤔2-महावीर स्वामी इक्षवाकु वंश में पैदा हुए तो
बुद्ध को भी इक्षवाकु वंश में पैदा करवा दिया।

🤔3-महावीर स्वामी ने शादी के बाद राज,मोह,पत्नी, पुत्र त्याग करके संन्यास लिया तो
बुध्द ने भी शादी के बाद राज,मोह, पत्नी, पुत्र त्याग करके संन्यास लिया,न।
Read 15 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Don't want to be a Premium member but still want to support us?

Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal

Or Donate anonymously using crypto!

Ethereum

0xfe58350B80634f60Fa6Dc149a72b4DFbc17D341E copy

Bitcoin

3ATGMxNzCUFzxpMCHL5sWSt4DVtS8UqXpi copy

Thank you for your support!

Follow Us on Twitter!

:(