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और हकीकत में उनका सपना कैसे सच हुआ, ये तमाम बातें बेहद दिलचस्प हैं,
40 साल पहले अपनी शानदार कॉमेडी से संजीव ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया था. इस फिल्म में दीप्ति नवल अरुणा ईरानी, देवेन वर्मा जैसे कलाकार भी थे. ‘अंगूर’ फिल्म शेक्सपियर के नाटक ‘द कॉमेडी ऑफ एरर्स’ से प्रेरित है. इसे गुलजार की बेस्ट फिल्मों में से एक माना जाता है.


स्पीकर मीरा कुमार ने Approval दिया था और जिस पर कांग्रेस सरकार काम नहीं कर सकी लेकिन मोदी ने उस परिकल्पना को पूर्ण किया और यही विपक्ष को रास नहीं आ रहा -
हमारे देश में शिक्षा नहीं थी लेकिन 1897 में शिवकर बापूजी तलपडे ने हवाई जहाज बनाकर उड़ाया था मुंबई में जिसको देखने के लिए उस टाइम के हाई कोर्ट के जज महा गोविंद रानाडे और मुंबई के एक राजा महाराज गायकवाड के साथ-साथ हजारों लोग मौजूद थे जहाज देखने के लिए।
बिमल रॉय ने वो प्रिंट में धर्मेंद्र की अदाकारी देख कर धर्मेंद्र को उनकी अपनी फिल्म बंदिनी में अभिनेय करने का मौका दिया और बंदिनी धर्मेंद्र के लिए मील का पत्थर साबित हुई और लगातार उनको फिल्मे मिलने लगी जिससे वो एक बड़े स्टार बन गए।
उन्होंने फिल्म की शूटिंग छह महीने के लिए टाल दी।
यश ने राजेश खन्ना से जब अपनी फिल्म में काम करने को कहा तो उन्होंने फिल्म में काम करने के लिए हामी भी भरी और ये भी कहा कि उन्हें मेहनताना तब दें जब उन्हें फाइनेंसर मिल जाए
हालांकि राजेंद्रकुमार शादीशुदा और दो बच्चों के बाप भी थे.सायरा हर हाल में राजेंद्रकुमार को जीवनभर के लिए अपना हमसफर बना लेना चाहती थीं.
पेट का दर्द असहनीय होता है। और मानसिक तनाव इतना की सामान्य दिनों में सिर्फ सोच कर ही सिहरन पैदा हो जाती है।
वहां एक ईसाई,जो कि वेशभूषा से कोई फादर टाईप ही लग रहा था, मेरे गले मे जनेऊ देख समझ गया कि,मैं एक हिन्दू हूँ! इसीलिये उसने मुझे भी ईसाई बनाने और शीशे में उतारने के लिए कहा कि...
वहाँ के किसी दोस्त ने कभी उन्हें अपने घर चाय के लिए तक नहीं बुलाया था...?
जहाँ वो एक ढाबे में वेटर का काम करने लगा, उसे वहां 12 रुपए महीने मिले थे। जब 16 साल का हुआ तो टाटा कंपनी की एक कैंटीन में वेटर का काम मिल गया, टाटा कंपनी में बॉक्सिंग मैच भी होते थे। मुत्थू को बॉक्सिंग मैच देख के उत्सुकता पैदा होती थी।उसका शरीर भी बॉक्सर जैसे था।
1907 में उड़ीसा के छतसलि में जन्में ,22 वर्ष की आयु से आज़ादी के संग्राम में अंग्रेज़ों से लोहा लेने लगे,उड़ीसा में सुभाष चन्द्र बोस जी के साथ भी कई महतव्पूर्ण रैली और सम्मेलन में साथ रहे,जेल में बहुत यातनाएं सही पर हर बार बाहर आकर दुगुने जोश के साथ वतन की आज़ादी के लिए लड़े
सूर्या ने गुजरात के खिलाफ 49 गेंदों पर 11 चौकों और 6 छक्कों की मदद से ताबड़तोड़ 103* रन बना दिया। अपने धमाकेदार प्रदर्शन से मुंबई को 27 रनों से मुकाबला जिता दिया। वह खिलाड़ी जो अगर 10 साल पहले टीम इंडिया में चुन लिया गया होता तो बात ही कुछ और होती।
रिवाज के अनुसार लड़का विवाह के पश्चात लड़की के घर जाकर रहता है. यहां के लोग कहते है कि ये प्रथा पूर्वजों के समय से निभाई जा रही हैं.
अब बॉलीवुड को अक्सर ही हम “कॉपीवुड” कहते हैं, क्योंकि या तो वह विदेशी गीतों से ट्यून उठाता है या अपने ही किसी क्लासिक गीत का अस्थि पंजर कर देता है। परंतु अगर कोई विभिन्न स्त्रोतों से प्रेरणा लेकर एक अद्भुत रत्न उत्पन्न करें, तो?
और दिखता है कि संसार का सबसे शक्तिशाली पुरुष अंदर से कितना कोमल है। उनके भीतर की यही कोमलता सामान्य मनुष्य के अंदर यह विश्वास जगाती है कि वे कृपालु हैं, करुनानिधान हैं, और इसी कारण हम मानते हैं कि वे पूजे जाने योग्य हैं।
शीला रमानी ने देव आनंद के साथ 'फंटूश' और 'टैक्सी ड्राइवर' जैसी फिल्मों में काम किया। टैक्सी ड्राइवर के बाद शीला रातों रात स्टार बन गईं। उनका स्टारडम कुछ ऐसे वक्त से साथ बढ़ता चला गया कि सड़क पर चलना मुश्किल हो गया। वो जहां जातीं फैंस की भीड़ उन्हें घेर लेती थी।
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