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पूरा मत पढ़ना वर्ना आपके अंदर का शेखूलर मर जाएगा
दीदी पढ़ाई-लिखाई में खूब होशियार थी।
दीदी को कई किताबें मुँहजुबानी याद थी।
दीदी ने खूब सारा इतिहास पढ़ रखा था।
दीदी की नसों में खून नहीं *Secularism* बहता था।
दीदी को सभी धर्म एक ही लगते थे। Image
दीदी को अपने भगवानों पर भरोसा नहीं था।
दीदी भी सोचती थी कि भगवान ने तो सबको इंसान बनाया है, फिर ये हिन्दू-मुस्लिम किसने किया?
दीदी हर जगह topper थी इसलिये उन्हें लगता था कि उन्होंने सब कुछ जान लिया है।
फिर जब दीदी IAS की परीक्षा में भी top मार गयी तब दीदी *अपुन ही ब्रह्म* वाली अवस्था प्राप्त कर गयी। दीदी का Secularism उबाल मारने लगा। दीदी को भी मुस्लिम समाज वर्षों से उत्पीड़ित और राजनीति का शिकार लगता था।
*सच्चा मुसलमान कभी भरोसा नहीं तोड़ सकता* दीदी भी यही सोचती थी।
फिर दीदी ने खूब बड़े समारोह का आयोजन करके एक मुस्लिम IAS अधिकारी *'अतहर'* से निकाह कर लिया।
निकाह के बाद दीदी ने अपने नाम के साथ गर्व से *'खान'* जोड़ लिया।
दीदी का मन तृप्त नहीं हुआ अतः दीदी ने अपने biodata में *'कश्मीरी मुस्लिम'* जोड़ दिया।
निकाह के बाद दीदी को कुछ awkward सा feel हुआ जब उनके आगे *बीफ बिरयानी* (गाय का माँस) परोस दी गयी।
दीदी चौंक गयी जब ससुरालवालों ने कहा कि - _ये आईएएस वाईएएस रखो अपनी पिछली जेब में, बुर्का पहनना शुरू करो।_
दीदी का *Feminism* दहाड़ें मार-मारकर रोने लगा - मैं UPSC topper हूँ...बुर्का कैसे पहनूँगी?
अचानक दीदी को पता चलता है कि उनके शौहर का अब्बू भी उन्हें गलत नज़रों से घूरता है।
दीदी शौहर से इस बारे में बात करती है तो शौहर कहता है-*मेरे अब्बू को खुश रखना तुम्हारी ज़िम्मेदारी है।*
एक दिन दीदी अपनी सास को बताती है तो सास कहती है - *घर का माल घर में ही use होना चाहिये।*
सुबह का वक्त था, दीदी को भजन सुनने का बहुत मन कर रहा था। दीदी ने भजन चला दिया। भजन की आवाज सुनकर शौहर की नींद खुल गयी। शौहर ने दीदी के हाथ से मोबाइल छीनकर पटक दिया।
अब दीदी तो ठहरी IAS वअधिकारी, इतनी जल्दी बच्चे थोड़े ही करेगी। पर शौहर ने कह दिया - *हमें तो कम से कम 10 बच्चे चईय्ये। बच्चे तो अल्लाह की रहमत हैं।*
दीदी ने कहा - अपनी नौकरी के साथ-साथ मैं इतने बच्चों की देखभाल कैसे करूँगी???
तो ससुर ने कहा - नौकरी छोड़ दो।
दीदी के गुप्तचरों ने खबर दी कि उनके शौहर किसी दूसरी लड़की से निकाह करने की बात कर रहे हैं।
दीदी के दिमाग में *तेरे तो उड़ गये तोते* वाला गाना गूँजने लगा।
दीदी भागी-भागी गयी शौहर से पूछने तो उसने कहा-*दो क्या मैं तो चार-चार बार निकाह कर सकता हूँ।हमारी आसमानी किताब में लिखा है।*
अब दीदी को कुछ-कुछ समझ आने लग गया कि ये Secularism केवल तब तक जीवित था जब तक उसके नाम के पीछे कोई हिन्दू पहचान थी। जैसे ही *'खान'* जुड़ा #Secularism कब्रिस्तान पहुँच गया।
फिर दीदी *'ठुकरा के मेरा प्यार, मेरा इंतकाम देखेगा'* वाले mode में आ गयी।
SDM के दफ्तर में हवन करवा डाला।
Instagram पर शौहर को Unfollow कर दिया। तलाक का notice भेज दिया।
इतना सब होने के बाद दीदी को फिर से हनुमानजी याद आये और दीदी ने post किया कि *'तुम रक्षक काहू को डरना'*।🙏🏻

दीदी भोत cute है।
दीदी भोत innocent है।
दीदी अब फिर से हिन्दू बन गयी है।🙏🏻

ये है टीना डाबी, SDM जैसलमेर
अब टीना डाबी का तलाक हो चुका है और उनके भूतपूर्व खाविंद का दूसरा निकाह हो चुका है एक डॉक्टरनी से।

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May 18
भारत का पहला मुस्लिम गृहमंत्री बना वीपी सिंह सरकार में मुफ़्ती मोहम्मदसईद दिसंबर1989को और फिर शुरू हुए नाटकीय घटनाक्रम और देश की बर्बादी की दास्तान।शुरू हुए खास तथाकथित अपहरणकांड और आतंकवादियों की रिहाई के सिलसिले।लिखे गए हिन्दुओ पर ऐतिहासिक अत्याचार के काले पन्ने।
आपसे निवेदन है आप तारीखों पर और घटनाक्रम पर अवश्य ध्यान देवे

दरअसल दो दिसंबर 1989 को राष्ट्रीय मोर्चे की सरकार के गठन के पांच दिन के बाद ही कड़ी सुरक्षा में घर बैठी बैठी देश के गृहमंत्री की पुत्री रूबिया सईद का अपहरण करवा दिया गया।
तब रूबिया सईद की रिहाई के बदले 5 खतरनाक आतंकियों को छोड़ना पड़ा ये वो दुर्दांत आतंकी थे जिन्होंने हजारो नागरिको का कत्ल किया और भारतीय सेना ने इन्हें पकड़ने में अपने 107 बहादुरों को खोया। और इसी ड्रामेबाजी में 13 दिसंबर 89 को रुबिया सकुशल घर आ पहुची।
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May 18
* ( यह समस्तज्ञान- कॉपी पेस्ट जरूरहै पर है मेरे दिल की बात) मात्र 10 वर्ष पहले मैं भी एक सामान्य व्यक्ति था, मुझे भी औरो की तरह नेहरू, गांधी, गांधी परिवार तथा हिन्दू मुस्लिम भाई भाई जैसे नारे अच्छे लगते थे।*

_मगर ..... मगर ...._
इन 10 वर्षों में विभिन्न माध्यमों से मुझे कुछ ऐसे सत्य पता चले जो हैरान करने वाले थे।
1. सोशल मीडिया से मुझे यह पता चला कि "पत्रकार" निष्पक्ष नही होते। वे भी किसी मकसद/व्यक्तिगत स्वार्थ से जुड़े होते हैं।
2. लेखक, साहित्यकार भी निष्पक्ष नही होते। वे भी किसी खास विचारधारा से जुडे होते है।

3. साहित्य अकादमी, बुकर, मैग्ससे पुरस्कार प्राप्त बुद्धिजीवी भी निष्पक्ष नही होते।

4. फिल्मों के नाम पर एक खास विचारधारा को बढ़ावा दिया जाता है। बालीबुड का सच पता चला।
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May 16
एक 5 साल पुरानी पोस्ट:
आपके पूर्वजों ने जो पाप किये हैं वो आपको ही भोगने हैं।
कांग्रेसी जार जार रोते हैं, छाती पीटते हैं कि अमित शाह की तो दादागिरी है जी।मेघालय,मणिपुर और गोआ में जबरदस्ती सरकार बना ली।पप्पू पनौती उर्फ राहुल गांधी को मोतीलाल वोरा से अपनी दादी के किस्से सुनने चाहिए
उनको जानना चाहिए कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने अपने जमाने मे क्या क्या कुकर्म किये थे।

किस्सा 1982 का है ......... हरियाणा में चुनाव हुए । कांग्रेस की हालत पतली थी ।
कांग्रेस का नेतृत्व भजन लाल कर रहे थे ।
उनके मुकाबले में लोकदल ने भाजपा के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया था।
Cong को 35 सीट और लोकदल भाजपा गठबंधन को 37 सीट (31 लोकदल और 6 भाजपा)। चौधरी देवी लाल ने 6 निर्दलीय,3 कांग्रेस(J),और1 जनतादल के विधायक का समर्थन जुटा लिया था और अपने विधायकों को ले के परवाणू के शिवालिक होटल में जा छिपे। अकाली लीडर प्रकाश सिंह बादल साब देवीलाल के पक्के दोस्त थे ...
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May 16
जलकुंभी एक ऐसा पौधा होता है जो पहले किसी तालाब पोखर मे दिखाई देता है।

फिर धीरे धीरे कुछ हफ्तों में तालाब के सब कोनों में एक-दो पौधे तैरते दिखाई देने लगते हैं,बड़े ही सुंदर दिखते है।

फिर अचानक कुछ महीने या सालों में पानी दिखाई देना बंद हो जाता है... Image
सारे तालाब के ऊपर सिर्फ हरा हरा ही दिखाई देता है....

पानी की आक्सीजन खत्म होने लगती है.... अंदर का जीवन, मछलियां मरने लगती हैं।

धीरे धीरे पानी सड़ने लगता है । सड़ांध किलोमीटर दूर से महसूस होनी शुरू हो जाती है। और बाकी प्राणियों का जीवन मुस्किल होना शुरू हो जाता है।
जिस जिस तालाब में ये जलकुंभी पहुंचती है सब खत्म कर देती है।

इलाज

अगर शुरू में ही एक दो पौधों को बाहर निकाल कर फेंक दिया जाए तो वो धूप से सूख जाएंगे।

अगर पूरा तालाब भर गया हो तो सारी जलकुंभी को बाहर निकाल कर सुखाया जाता है।

और सूखने के बाद आग लगा कर बीज तक नाश कर दिया जाता है
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May 12
अखलाक का गुड़ और गांव का बछड़ा
(लघुकथा)

ये कहानी एक गांव की है जिसमें 4-5 मुस्लिम परिवार रहते थे । उनके इर्द गिर्द और आसपास राजपूतों के 40-50 परिवार थे । 20 25 घर पासवान 10 घर यादव 5 घर ब्राह्मण 2 घर बनिया बड़े ही भाईचारे के साथ रहा करते थे ... Image
गांव में सामाजिक समरसता का पूरा माहौल था । गांव में कुछ हिंदू लड़के ऐसे भी थे जिनके परिवार में मांस-मछली-चिकन-मटन सब पूरी तरह से प्रतिबंधित थे । चिकन मटन के ऐसे शौकीन लड़कों की पड़ोस में रहने वाले कलीम मियां के बेटों से बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी ।
कलीम मियां के यहां के चिकन की आदत इन नवयुवकों की स्वादग्रंथियों को लग चुकी थी । खैर इसी तरह धीरे-धीरे पूरे इलाके में एक जबरदस्त धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता का माहौल बना हुआ था ।

भारत में आने वाले तमाम मुस्लिम यात्रियों ने ये लिखा हुआ है... खास तौर पर इतिहासकार
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May 12
जानते है!
जब " टाईटेनिक " समुन्द्र मे डूब रहा था, तो उसके आस पास तीन ऐसे जहाज़ मौजूद थे, जो टाईटेनिक के मुसाफिरों को बचा सकते थे!

सबसे करीब जो जहाज़ मौजूद था उसका नाम "SAMSON " था और वो हादसे के वक्त टाईटेनिक से सिर्फ 7 मील की दुरी पर था ! Image
सैमसन के कैप्टन ने न सिर्फ टाईटेनिक की ओर से फायर किए गए सफेद शोले (जो कि इन्तेहाई खतरे की हालत मे हवा मे फायर किया जाता है) देखे थे, बल्कि टाईटेनिक के मुसाफिरो के चिल्लाने के आवाज़ को भी सुना भी था, लेकिन सैमसन के लोग गैर कानूनी तौर पर बहुत कीमती समुन्द्री जीव का शिकार कर रहे
थे और नही चाहते थे कि पकडे जाए, लिहाजा वो टाईटेनिक की हालात को देखते हुए भी मदद न करके, अपनी जहाज़ को दूसरे तरफ़ मोड़ कर चले गए!
"ये जहाज़ हम मे से उनलोगों की तरह है, जो अपनी गुनाहों भरी जिन्दगी मे इतने मग़न हो जाते हैं कि उनके अंदर से इन्सानियत का एहसास खत्म हो जाता है और फिर वो
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