subhash sharma, Profile picture
May 26 7 tweets 6 min read Twitter logo Read on Twitter
दुनिया कितनी भी बदल जाये, लेकिन ये लोग अपनी संस्कृति नहीं बदलने वाले
कुछ दिन पहले जब पूरा देश मुंबई एल्फिंस्टन ब्रिज हादसे में मारे गये 23 लोगों का शोक मना रहा था वहीं कुछ लोग #आपदा_में_अवसर तलाश करके मृतको का सामान और लाशों से गहने चुरा रहे थे !
पुलिस ने cctv की फुटेज के आधार पर मृत महिलाओ के शरीर से गहने चुराते एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसका नाम अजीत दुबे था ।

आपको क्या लगता है ये किस गैंग का सदस्य होगा ?
इस देश में इतनी गिरी हुई हरकत कौन कर सकता है ?
अच्छा थोड़ासा हिंट ले लीजिए-
ये उसी गैंग का था, जो उत्तराखंड आपदा के वक़्त लाशों से गहने चुरा रहे थे घायलों को लूट रहे थे !
थोड़ा और, ये उसी गैंग का था, जो मुम्बई और चेन्नई में आयी बाढ़ के वक़्त भी गहनों के लिए लाशों को नोचते पकड़े गए थे !
हाँ तो... लाशों से गहने चुराने का आरोपी अजीत दुबे भी #मोदी_भक्त और #संघ_का_सदस्य निकला था !

और अब कल फिर से गुजरात देश के अहमदाबाद प्रदेश में दो लोगो को गिरफ्तार किया गया है जो PPE किट पहनकर अस्पताल में दाखिल होते और कोरोना से मरने वाले मरीजो कि लाशों से गहने और उनके मोबाईल
लेकर गायब हो जाते, गिरफ्तार किए गये दोनो लोगो का नाम है - #अमित_शर्मा और #राज_पटेल
कल तक का इंतजार कीजिए, ये भी राष्ट्रवादी पार्टी के कोर सदस्य निकलेंगे, और निक्करधारी गैंग के सदस्य तो खैर हई है।

ऐसा कौन सा काम बचा है जो इस गैंग के लोगों ने नहीं किया है ?
करें,और पाप छुपाने के लिए, जैसे पहले डाकू जय भवानी का उद्घोष करते थे, ठीक वैसे हि इनका उद्घोष है
भा० मा० की० जै ...... गौ० मा० की० जै०
@GirrajVed tdty 2020

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with subhash sharma,

subhash sharma, Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @sharmass27

May 28
यह बॉलीवुड का माधवन नहीं है, आईआईटी बॉम्बे का "शरजील इमाम" है.

Name : Sharjeel Imam
City : Jahanabad State : Bihar Country : India

10th : St.Xavier,Patna
12th : DPS,Vasanthkunj,Delhi
Grad : B.Tech(Computer Sc.) ,IIT Mumbai
Master : M.Tech (Computer Sc.) , IIT Mumbai

Job :
1). Copenhagen Univ. - Software Programmer
2). IIT Powai,Mumbai - Assistant Professor
3). Jupitor Networks - Software Engineer

- Master in Moder History from JNU,Delhi
- Master of Philosophy from JNU,Delhi
- Doctorate of Philosophy from JNU,Delhi.

पागल थे तुम जो IIT से B.Tech,M.Tech करने के बाद Europe के सबसे सम्पन्न देश Denmark से 10,650 USD(अमेरिका डॉलर) प्रति माह यानी तकरीबन 8,00,000 INR (भारतीय रुपए) प्रति माह की
Read 5 tweets
May 28
ट्रोल दो तरह के होते हैं।

एक तो वो, दिहाड़ी मजदूर, दो रुपये वाले। इनका काम बस इतना होता है कि आपकी पोस्ट पर आना और हग कर चले जाना। इनका काम बस हगना ही होता है, और कुछ नहीं।

एक बार हगे, दो रुपये पक्के। फिर ये आगे बढ़ कर किसी और एकाउंट में हगने चले जाते हैं।
आप सोचो कि इनसे बहस कर लो, गाली दे दो, पर तब तक तो ये आगे बढ़ लेते हैं। इनको सीधे इग्नोर मारना होता है, और बिल्कुल ही चिढ़ मचे तो ब्लॉक। दूसरा कोई रास्ता नहीं।

दूसरे टाइप के ट्रोल ज़्यादा मज़ेदार होते हैं। ये आई टी सेल नहीं, बल्कि व्हाट्सअप की पैदाइश होते हैं।
फ्री सेवा वाले। राष्ट्र और धर्म रक्षा का पूरा भार इन्हीं के कंधों पर है, ऐसा इन्हें लगता है। और मज़ा ये कि ये अपने आपको ट्रोल बिल्कुल नहीं मानते हैं। बल्कि कोई दूसरा इन्हें ट्रोल कहे तो इन्हें बड़ी मिर्ची लग जाती है। पर साथ साथ इन्हें
Read 8 tweets
May 27
260 एकड़ जमीन को कवर करती एक बाउंड्री , उस बाउंड्री के अंदर व्यापार के लिए मालगोदाम, व्यापारियों के लिए मकान बनाए गए। उसी बाउंड्री के अंदर एक लगभग 120 फुट लंबी, दो मंजिला इमारत थी जिसके दो हिस्से थे। यह दो मंजिला इमारत भी उसी बाउंड्री के अंदर ही स्थित थी। उस पूरी 260 एकड़
जमीन का नाम था फोर्ट विलियम। तथा 120 फुट लंबी, दो मंजिला जो इमारत थी , उस इमारत का नाम था "फोर्ट विलियम कॉलेज"। सन् 1785 के आसपास बनाई गई थी वह इमारत।

उस इमारत में ब्रिटेन से, पूरे यूरोप से कुछ विद्वान आने लगे, "Royal Asiatic Society of Orientalists" मजबूत हो रही थी।
उनमें से एक विद्वान का नाम था John Gilchrist.
John Gilchrist चार साल तक घूमा , बनारस तक गया। उसके जासूस मेरठ, लाहौर, मुल्तान,अलवर, जोधपुर, भोपाल, अहमदाबाद, इंदौर, जबलपुर तक घूम आए।

आज हम बहुत सी बातों को चाहे ना समझें, लेकिन John Gilchrist उन दिनों बहुत कुछ प्लान कर रहा था।
Read 12 tweets
May 27
बदमाश और चपरासी..

यही कहते है हिंदी में crook and flail को। लेकिन हिंदी में मत जाइये। ये मामला इजिप्शियन है।

तो मम्मी जी के हाथ मे दो चीजें है। एक है क्रूक, और दूसरा फ्लैल। ध्यान से देखिए, एक हाथ मे लम्बे हुक जैसी सोने की छड़ी है। ये अपर इजिप्ट है।
दूसरे हाथ मे भी एक सोने की छड़ी है। जिसके एक तरफ लम्बा रूमाल जैसा कपड़ा बंधा है, वो लोवर इजिप्ट है।

असल मे पहले इजिप्ट में दो राज्य थे। दोनो के अपने अपने सिंबल थे। याने एक तरफ का राजा, अपने हाथ मे हुक जैसा सोने का राजदण्ड लेकर घूमता था।
और दूसरे तरफ का राजा राजदण्ड में कपड़ा बांधकर घूमता था। फिर एक राजा, शायद रामजस तृतीय ने दोनो राज्य जीते। और एक एक हाथ मे एक एक छड़ी लेकर घूमने लगा।

यह इजिप्ट का एकक्षत्र फेराओ होने का संकेत था।
तब से उनके वंशज जब मरकर ममी बन जाते, तो उनके हाथ इसी तरह मोड़कर छाती के पास
Read 4 tweets
May 27
पुराने जमाने की बात। एक था राजा।वैसा ही था अमूमन जैसे राजा होते हैं।भगवान का अवतार। तानाशाह,कान का कच्चा ,आवेगी ,लोकप्रिय और व्यवहार कुशल। हमारी कहानी के राजा का एक जिगरी दोस्त भी था। नगर सेठ था वो। खानदानी दोस्ती थी सो एक दूसरे के घर आना जाना,संग साथ उठना बैठना,खाना पीना भी था।
राजा का दोस्त होने की वजह से बनिए की धाक भी थी और व्यापार खूब फल फूल भी रहा था। पर सब दिन एक से नही रहते। एक दफा बनिये की कुंडली मे भी शनि की साढ़ेसाती आई और वो संकट मे पड़ा।

हुआ ये कि एक दिन सेठ टहलते हुए राजा के महल पहुंचा। रास्ते मे राजा के जमादार ने दुआ सलाम की उसने
और दो बोतल शराब की फ़रमाइश की। अब सेठ ठहरा राजा का दोस्त। हेठी लगी उसे यह बात। सो उसने चार बाते सुनाई जमादार को। और आगे बढ़ गया।

जमादार ने दिल पर ले ली ये बात। अगले दिन सुबह ,जब राजा टॉयलेट मे था तो उसके पास झाडू लगाते हुए उसने तेज आवाज मे बयान जारी किया। अरे ये राजा तो बुद्धू।
Read 10 tweets
May 27
संघी रिसर्च....

नागपुर के संघ में संघी मेंढ़कों के व्यवहार का गहन अध्ययन कर रहे थे ।

वह अपनी प्रयोगशाला में एक मेंढ़क पकड़कर लाये, उसे फर्श पर रखा और बोला – ”चलो कूदो !”

मेंढ़क उछला और कमरे के दूसरे कोने में ख़ुदकर पहुंच गया।
संघियो ने दूरी नापकर अपनी नोटबुक में लिखा – ”मेंढ़क चार टांगों के साथ दस फीट तक उछलता है।”

फिर उसने मेंढ़क की अगली दो टांगें काट दी और बोला – ”चलो कूदो, चलो !”

मेंढ़क अपने स्थान से उचटकर थोड़ी दूर पर जा गिरा।
संघियो ने अपनी नोटबुक में लिखा – ”मेंढ़क दो टांगों के साथ चार फीट तक उछलता है।”

इसके बाद संघियो ने मेंढ़क की पीछे की भी दोनों टांगे काट दीं और मेंढ़क से बोला – ”चलो अब कूदो!”

मेंढ़क अपनी जगह पड़ा था।

संघियो ने फिर कहा – ”कूदो! कूदो! चलो कूदो!”
Read 5 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Don't want to be a Premium member but still want to support us?

Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal

Or Donate anonymously using crypto!

Ethereum

0xfe58350B80634f60Fa6Dc149a72b4DFbc17D341E copy

Bitcoin

3ATGMxNzCUFzxpMCHL5sWSt4DVtS8UqXpi copy

Thank you for your support!

Follow Us on Twitter!

:(