1. मेडल तो बहुत छोटी सी बात है..ये पहलवान अगर ख़ुद को भी गंगा में बहा दें तो किसी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता..
2. कोई "गंगा सभा" है जो कह रही है कि गंगा पाक है, पवित्र है..गंगा पर सियासत नहीं करने देंगे..ये गंगा सभा वाले किधर थे जब गंगा किनारे लाखों लाशें सड़ रही थी..
3. रहा सवाल यौन शोषण का तो सावरकर, आडवाणी, मोदी, प्रमोद महाजन जैसे बीजेपी के सबसे बड़े लीडरान पर ये इल्ज़ाम लगें हैं..ये सारे देशभक्त बन गए..
4. बिलक़ीस बानो का गैंगरेप, उनके मुज़रिमों को छोड़ा जाना, उत्तराखंड की अंकिता को वेश्यावृत्ति में धकेला जाना और उसका क़त्ल,
आए दिन बीजेपी/आरएसएस के लोगों का सेक्स रैकेट में नाम आना : कुछ हुआ? आप हिंदु बन गए!!
5. ये पहलवान भी तो आजतक बीजेपी से जुड़े हुए हैं..मोदी के ख़िलाफ़ एक लफ़्ज़ नहीं बोला..जब लड़ाई ही अधूरी है, सोच में ही खोट है तो उसका नतीजा सिफ़र ही रहेगा..
🚩 हम सब रेप के साथ है : सच को क़ुबूल कीजिए.. #कृष्णनअय्यर कृष्णन अय्यर काँग्रेस पेज
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ताजमहल को देखकर रविन्द्रनाथ टैगोर ने यही कहा था। लेकिन ताजमहल, मुगलिया तवारीख के गले का हार है, एक चमकता मोती है। और जब ताजमहल की बात होती है, तो शाहेजहां की भी होती है।
शाहजहां का दौर अदभुत निर्माण के लिए जाना जाता है। जिस लाल किले पर चढ़कर हिंदुस्तान के वजीरेआजम तकरीर करते है, वो लालकिला शाहेजहां ने बनवाया।
उसके पास ही लाल सफेद पत्थरों से निर्मित खूबसूरत जामा मस्जिद है, वह भी शाहजहां ने बनवाई। पाकिस्तान मे पड़ने वाले थट्टा मे एक
शानदार मस्जिद की तामीर शाहजहां के खाते मे हैं।
आगरे के भीतर मोती मस्जिद, और दूसरे कुछ खूबसूरत मैजेस्टिक हिस्से भी शाहजहां के नाम है। इसके अलावे छोटे मोटे निर्माण अनगिनत हैं।
मगर ताजमहल, ताजमहल है। ये स्वर्ग के इस्लामी वर्णन की तामीर है। जन्नत मे जिस तरह के बाग होते है,
ये जो बाजार में अजबगजब चीजें देख रहे हैं न आपको बहुत फायदेमंद दिख रही है आप खुश भी हो रहे होगें।
यह सब चीजें हमारे देश को बर्बाद कर रही है ....आप सोच में पड़ गए होगें🤔 एसे कैसे???
यह सब चाइना का माल है और हां इसमें चाइना का बहुत गहरा दिमाग है ....
वैसे तो चाइना हमें कुछ नहीं समझता है आजादी के समय चीन हमारे बराबर था और आज हम उसके आगे कुछ भी नहीं है ...हम तो बस हर चीज में लूले लंगड़े अपाहिज पाकिस्तान को दिखाकर इतिश्री कर लेते हैं की देखो हम पाकिस्तान से कितने आगे हैं ....महगांई का रोना जनता रोए तो पाकिस्तान की
महगांई दिखा देते हैं और डालर की बात करे तो पाकिस्तान के रूपये की कीमत बता देते हैं ...डिफेंस की बात हो तै पाकिस्तान की डिफेंस दिखा देते हैं....जबकि वह हमारे आगे एक घंटा भी न टिके उसे तो हमने 1971 में अपाहिज बना दिया जो आजतक इलाज न करा सका...हमारा मुकाबला चीन से है उसका कोई जिक्र
चिखुरी चिचियाने - ६
आज इतवार है , अवकाश का दिन । कहने को फ़ुरसत का दिन है , लेकिन आज बहुत काम होता है , बस चिखुरी की बैठकी नहीं हो पाती , क्यों कि इतवार के दिन चिखुरी दोपहरी तक ररा नाऊ के साथ रहते हैं । “ चूल मरम्मती “ ( बाल काटने को चूल मरम्मती कहते हैं चिखुरी , गलती
से कोई बाल बोल दे , तो यह चिखुरी को बरदास नहीं होता । बाल बोलते ही चिखुरी का मुँह सुखंडी आम की तरह सिकुड़ जाता है , सारी झुर्रियाँ खिंच कर , मूँछों के नीचे सिकुड़े होठों के पास आ जाती हैं , पूरी भाव भंगिमा वितिष्णा तक जा पहुँचाता है । चिखुरी बाल बोलनेवाले को यथोचित गाली देंगे ,
निरबिघ्न , बेलौस - बाल का मतलब बूझता है , तेरी माँ की ? हियाँ बोल दिये तो बोल दिये , कलकत्ते में कभी भूल के मत बोलना ,गंवार कहीं के ! चूल बोलने में ( कोई असंसदीय जुमला ) सुनना पड़ेगा ) ।
गाँव में एक ही घर नाई का है और रघुबर उर्फ़ ररा अकेले “ काम के “ हैं बाक़ी बच्चे तो
वैली पर अब एक तरह से गैर आदिवासी आबादी काबिज हो गयी है.
अब वे पर्वतीय क्षेत्र में भी बढ़ना चाहते हैं, लेकिन आदिवासी इलाकों में उनके बसने पर अब तक पाबंदी है. तो, सारी मशक्कत इसी बात को लेकर है कि उन्हें आदिवासी इलाकों यानि पर्वतीय क्षेत्र में भी बढ़ने फैलने का मौका दिया जाये
और इसके लिए जरूरी है आदिवासी होने का दर्जा. हालांकि उनका तर्क यह है कि वे आदिवासी दर्जा पूर्वजों से हासिल अपनी जमीन, संस्कृति, भाषा और परंपरा को बचाने के लिए चाहते हैं.मतलब यह हुआ कि जिस समुदाय को भी अपनी भाषा,संस्कृति,परंपरा और संसाधन बचाना हो,उन्हें ‘आदिवासी’ कवच की जरूरत है!
आदिवासी समूहों को इस बात की गंभीर आशंका है कि एक बार मेताइ समुदाय, आदिवासी का दर्जा प्राप्त कर लेंगे तो साधन संपन्न होने की वजह से वे पर्वतीय क्षेत्रों में जमीन खरीदने में सक्षम हो जायेंगे, शिक्षा आदि के क्षेत्र में आगे होने की वजह से वे नौकरियों में आदिवासियों को मिलने
• पहला व्यक्ति विनोद राय ने 1.76 लाख करोड़ के स्पेक्ट्रम घोटाले की अफवाह फैलाई थी
• दूसरे व्यक्ति अन्ना हजारे ने "इस घोटाले" का किया विरोध
• तीसरे व्यक्ति किरण बेदी ने इस विरोध प्रदर्शन में सक्रिय रूप से भाग लिया।
• चौथे व्यक्ति अरविंद केजरीवाल ने इस विरोध को हाईजैक किया।
• पांचवे व्यक्ति रामदेव ने काले धन का एंगल जोड़ा और इस विरोध को और बड़ा बनाया।
• छठे व्यक्ति सुब्रमण्यम स्वामी ने इस विरोध को सर्वोच्च न्यायालय में ले गया।
• सातवें व्यक्ति नरेंद्र मोदी इसी विरोध प्रदर्शन के आधार पर बने माहौल का फायदा उठा देश में सत्ता हासिल कर लिया।
2017 में देश के सर्वोच्च अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कोई घोटाला नहीं हुआ और सभी को बरी किया जाता है।