14 साल का चमत्कारी गायक, जिसे शायद मर्करी देकर मार दिया गया!
संगीत की दुनिया में वह बालक चमत्कार था.भारतीय घरों में उसकी चर्चाएं आम थी.आज भी उसे भारतीय इतिहास की सबसे नामवर बाल हस्तियों में गिना जाता है. #मैथिलीशरण_गुप्त की ‘भारत भारती’ किताब में उसकी प्रतिभा का खास जिक्र है.हजार
कयास इस बात पर लगाए गए कि अगर वह जवानी की उम्र तक भी जिंदा रहता तो क्या मुकाम हासिल करता.वो बालक था मदन, जो बचपन में ही अविश्वसनीय गायकी की वजह से ‘मास्टर’ कहलाने लगा था.
मास्टर मदन पर यह लेख देवांशु झा के की-बोर्ड से निकला है.
भला उस उम्र में कोई वैसा भी गा सकता है क्यादलीलों की
दाल नहीं गलती.कोई मिसाल नहीं मिलती.
आठ साल की उम्र में वे जैसा गाते थे,वैसा गायन लोग परिपक्व होने पर भी नहीं कर पाते.उनकी गाई हुई कुल आठ गजलें ही बची हैं. आठ में भी एक-दो नहीं मिलतीं.दो-तीन बेहद प्रचलित गजलें आसानी से मिल जाती हैं.और मैं तो ये मानता हूं कि एक ठुमरी और दो गजलें ही
सुन लीजिए, कुछ और सुनने की जरूरत ही नहीं है. ये तीन छोटी-छोटी टुकड़ियां आपकी रूह में तीर ए नीमकश की तरह अटक कर रह जाएंगी. आप उन्हें भूल नहीं पाएंगे.
● पहली ग़ज़ल, यूं न रह-रह कर हमें तरसाइये
● और दूसरी गजल है, हैरत से तक रहा है जहान-ए-वफा मुझे.
इन्हें सुनने के बाद आप तय कीजिए,
क्या आठ साल के कंठ को कभी इस तरह से खुलते सुना है आपने ? मास्टर मदन का गानगेह भव्य है,आप देहरी से लेकर छत तक घूम आइये,हर जगह तराशे हुए सुरों का स्थापत्य मिलेगा.
मुझे याद है भलीभांति कि नब्बे के दशक के आखिरी सालों में HMV ने शास्त्रीय संगीतज्ञों के साथ श्रेष्ठ गजल गायकों की सीरीज
निकाली थी. उस सीरीज में बीसवीं सदी के बड़े गजल गायकों के बीच मास्टर मदन पूरी धज के साथ मौजूद थे.
सिर्फ साढ़े चौदह साल जीने वाले उस कलाकार की तान,टीस की एक टेर है. एक कोमल,बाल्यसुलभ स्वर जिसमें हर पहर की पीड़ा है. उफ! कैसा आलाप! कैसे सुर! कैसा अदभुत नियंत्रण!
एक-एक शब्द की गेयता
को गुन लेने की काबलियत! बच्चा साक्षात शारदा पुत्र है!
मास्टर मदन का जन्म 26 दिसंबर 1927 को #जालंधर के एक सिख परिवार में हुआ था.तीन साल की उम्र में जब बोलियों की कोपलें फूटती हैं तब उनकी तान फूट गई थी.बच्चा बस दिखने में बच्चा था,उनकी आवाज अपनी प्रकृति में कच्ची थी लेकिन प्रस्तुति
में प्रौढ़,नैसर्गिक प्रभा से प्रदीप्त.पांच साल की उम्र में एक बार उन्होंने #गुरु_तेग_बहादुर का शबद गाया था,चेतना है तो चेत ले, विडंबना देखिए कि सुनने वाले अपनी सुध-बुध खो बैठे.तब उनकी दीदी ने कहा था कि मास्टर #गुरु_नानक की छवि सदैव अपने साथ लिए चलते थे.
साढ़े तीन साल की उम्र में
जब उन्होंने ध्रुपद शैली का गायन किया तो श्रोता उनकी लय,तान और सुरों को सुनकर स्तब्ध रह गए.लोगों ने मान लिया कि गायन का एक नया सूरज उदय हो रहा है.मास्टर मदन अपने घर वालों के लिए पुरस्कार बन कर आए.जहां गाते वहीं तोहफों की बारिश होने लगती.
उनका पहला प्रदर्शन अखबारों की खबर बना था और
रातों-रात मास्टर मदन गायकी की नई सुबह बन कर सबकी आंखों में उतर आए. #शिमला में पहला प्रदर्शन होने के बाद वे वहीं रहने लगे थे.कई बार उनके बड़े भैया #मास्टर_मोहन और महान #कुंदन_लाल_सहगल के साथ उनका गायन-वादन होता था.
◆ एक कहानी विख्यात है.1940 में एक बार #गॉंधी जी शिमला गए थे लेकिन
उनकी बैठक में बहुत कम लोग आए,बाद में पता चला कि ज्यादातर लोग मास्टर मदन का गाना सुनने चले गए थे.
तेरह साल की उम्र तक आते-आते वे मशहूर हो चुके थे और इस प्रसिद्धि में चुपके से उन्हें एक बीमारी घेर रही थी.समृद्ध होते सुरों को सन्नाटे में संभालने वाला शरीर खाली हो रहा था.किसी ने इस
बात पर ध्यान नहीं दिया कि उन्हें थकान रहने लगी थी और हल्का बुखार घेरे रहता था.बाद में नीम-हकीम और वैद्य अस्पताल कुछ काम नहीं आया.
उनकी असमय मौत शक के घेरे में है.बहुत लोगों का कहना है कि मास्टर को ईर्ष्या में ज़हर दिया गया.कहते हैं, कलकत्ता में एक मंत्रमुग्ध कर देने वाली ठुमरी,
बिनती सुनो मेरी, सुनने के बाद उऩ्हें किसी ने धीमा जहर दे दिया. ऑल इंडिया रेडियो की कैंटीन से लेकर मास्टर मदन दूध पिया करते थे. सुगबुगाहटें रहीं कि एक दूसरे गायक ने उन्हें दूध में मर्करी मिलाकर दे दिया.
दैव का खेल देखिए कि इस प्रदर्शन के बाद उनका स्वर जाता रहा. जिस मास्टर मदन को
बचपन में लोगों ने उनकी बोली से नहीं बल्कि श्रुतियों से सुनकर जाना. वही मास्टर लोकश्रुत होते-होते शांत हो गए.वे फिर गा नहीं सके.उनके सुरों के अनगिनत चाहने वालों के बीच उनसे ईर्ष्या करने वालों की आह शायद अनल जैसी थी.तभी तो इस दैवीय गायक को सिर्फ साढ़े चौदह साल की उम्र में धरती छोड़
ईश्वर में दरबार में गाना पड़ा.
साढे चौदह वर्ष के अल्पकालिक जीवनकाल में प्रसिद्धि प्राप्त करने वाले, अद्भुत प्रतिभाशाली ग़ज़ल और गीत #गायक#मास्टर_मदन जी को उनकी पुण्यतिथि पर हार्दिक श्रद्धांजलि ! #प्रेरणादायी_व्यक्तित्व
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*और झूठा भाईचारा दिखाया हिन्दू भाईयों को *चारा*बनाने के लिए*
*कृपया सजक रहें,सचेत रहें,दूरी बनाएं,*
*ख़ुद जाग्रत हों, औरों को भी जगाऐं।*
*सभी हिंदू भाई और बहनों से गुजारिश है कि
अपने परिवार में एक मीटिंग करके माता पिता बच्चो को समझाये कि ये ज़रूर करे...* 01. नेता *हिन्दू* चुनिए 02. वकील *हिन्दू* चुनिए 03. इंजीनियर *हिन्दू* चुनिए 04. सी.ए. *हिन्दू* चुनिए 05. सब्जी वाला *हिन्दू* चुनिए 06. मोबाइल रिचार्ज *हिन्दू* चुनिए 07. मेडिकल स्टोर *हिन्दू* चुनिए
Hazrat Imam Hussain (Ali),who was martyred in the field of Karbala, is considered a symbol of Islamic valor,Islamic struggle and Islamic sacrifice Idol or photo worship is haram in Islam That's why instead of worshiping any photo or idol,only the image of this 5-fingered hand
is worshiped as the top mark Congress made this symbol of Islamism its election symbol 99% Hindus were not aware of this While all the Muslims knew this thing from the beginning But no one used to openly accept it out of fear that the Hindus would stop voting for Congress.
The Muslims remained attached to the Congress, owing allegiance to the religious mark of the Muslims while the Hindus remained attached to the Congress due to lack of information and long term association with the Congress as "freedom fighters"of Bharat This is Indian Politics
चलती ट्रेन मे एक अपाहिज औरत के साथ दुष्कर्म हुवा जनता ने देखा,जनता ने सुना पर जवाबदेही सरकार की
किसान ने भरी सभा मे आत्महत्या किया
जनता ने देखा,जनता ने सुना पर जवाबदेही सरकार की
शिक्षण संस्थान मे 'भारत तेरे टुकड़े होगे' नारे लगे
जनता ने देखा,जनता ने सुना पर जवाबदेही सरकार की
सरेआम कांग्रेस द्वारा गाय काटी गयी और खाया गया -
जनता ने देखा , जनता ने सुना पर जवाबदेही सरकार की
१२ लड़कों ने मिलकर एक लड़की को छेड़ा
जनता ने देखा,जनता ने सुना पर जवाबदेही सरकार की
कशमीरियो ने आंतकी की सुरक्षा की,आतंकियों ने सैनिकों को मारा-
जनता ने देखा,जनता ने सुना पर
जवाबदेही सरकार की
कांग्रेसी नेता भारत को बर्बाद करने की क़सम पाकिस्तान मे खाकर आये
जनता ने देखा,जनता ने सुना पर जवाबदेही सरकार की
भगवान को गाली दी और मूर्ति के साथ तोड़फोड़
जनता ने देखा,जनता ने सुना पर जवाबदेही सरकार की
यह जनता सब देखती है और सुनती है पर कार्यवाही की उम्मीद
मंगल पांडे को फाँसी
तात्या टोपे को फाँसी
रानी लक्ष्मीबाई को अंग्रेज सेना ने घेर कर मारा
भगत सिंह को फाँसी
सुखदेव को फाँसी
राजगुरु को फाँसी
चंद्रशेखर आजाद का एनकाउंटर अंग्रेज पुलिस द्वारा
सुभाषचन्द्र बोस को गायब करा दिया गया
भगवती चरण वोहरा बम विस्फोट में मृत्यु
रामप्रसाद बिस्मिल को फाँसी
अशफाकउल्लाह खान को फाँसी
रोशन सिंह को फाँसी
लाला लाजपत राय की लाठीचार्ज में मृत्यु
वीर सावरकर को कालापानी की सजा
चाफेकर बंधू (३ भाई) को फाँसी
मास्टर सूर्यसेन को फाँसी
ये तो कुछ ही नाम है जिन्होंने स्वतन्त्रता संग्राम और इस देश की आजादी में अपना
सर्वोच्च बलिदान दिया
कई वीर ऐसे है हम और आप जिनका नाम तक नहीं जानते
एक बात समझ में आज तक नहीआई कि भगवान ने गांधी और नेहरु को ऐसे कौन से कवच-कुण्डंल दिये थे जिसकी वजह से अग्रेंजो ने इन दोनो को फाँसी तो दूर,कभी एक लाठी तक नही मारी
उपर से यह दोनों भारत के बापू और चाचा बन गए और इनकी
विश्व के 25 सबसे शक्तिशाली देशों की सूची घोषित!!
भारत नंबर 3 पर आ गया,*
अमेरिका, रूस हमसे आगे है, ये मोदी युग है!!
दूसरी उपलब्धि* GST का मासिक कर वसूली 1.4-1.5 लाख करोड़ के पार, ये है चाय वाले का अर्थशास्त्र
तीसरी उपलब्धि* नए सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना में अमेरिका और जापान को
पीछे छोड़ दूसरे स्थान पर पहुंचा भारत
चौथी उपलब्धि2017-18 में सौर्य ऊर्जा का उत्पादन हुआ दोगुना, चीन और अमेरिका भी दंग
पांचवी उपलब्धि भारत की गगनचुंबी GDP,भारत की GDP 8.2%चीन की 6.7%, और अमेरिका की 4.2% देख कर फिर भी कहेंगे कि भारत का मोदी विदेश क्यों जाता है!!
छठी उपलब्धि जल,
जमीन और आसमान तीनों क्षेत्रों से सुपरसोनिक मिसाइलें छोड़ने वाला भारत विश्व का पहला देश बना, ये है मोदी युग,
*सातवीं उपलब्धि* 70 साल में कभी पाकिस्तान को गरीब नहीं देखा, लेकिन मोदीजी के आते ही पाकिस्तान गरीब हो गया। वास्तव में पाकिस्तान की कमाई का स्रोत भारतीय नकली नोटों का
गजब के नीच होते हैं यह पाकिस्तानी
सोचिए आप किसी के घर जाएं और वहां तमाम मेहमानों के बीच उसको बताएं कि आप उसके लिए क्या-क्या लेकर आए है यानी यह कितनी बड़ी बेशर्मी भरी बात है
एरडोगन तुर्की के राष्ट्रपति पद के शपथ में सिर्फ 4 देशों के राष्ट्रपति को शामिल होने का न्योता भेजा जो
उनके पड़ोसी थे और शाहबाज शरीफ बिना आमंत्रण के ही इस समारोह में पहुंच गए और वहां चिल्ला चिल्ला कर बता रहे हैं कि मैं आपके लिए बहुत मीठे आम लाया हूं कुल 10 पेटी लाया हूं पांच पेटी आपके लिए पांच पेटी आपकी बेगम के लिए और वह आम की साइज बता रहे हैं
एरडोगन की बॉडी लैंग्वेज देखिए यह ठीक
ऐसा ही होता है जब कोई भिखारीआपसे ट्रैफिक सिग्नल पर आपको भीख मांगे और आप ग्रीन सिगनल होने का इंतजार करें
शहबाज शरीफ गले मिलने की कोशिश करते हैं लेकिन एरडोगन सिर्फ कंधा हिला कर कह देता है अरे यार छुट्टानहीं है आगे जाओ
और उससे बड़ी घनघोर बेइज्जती देखिए शाहबाज शरीफ को तीसरी लाइन में