अज्ञात लोग (अध्वर्यु माध्यन्दिन वाजसनेय) Profile picture
भीखमखेड़ा शिवपालगंज से मिला हुआ एक गाँव है, जो ‘यूनानो–मिस्र–रोमाँ’ की तरह जहान से नहीं मिटा है। शिवपालगंजवाले बेवकूफ़ी के मारे उसे मिटा हुआ समझते हैं। #संस्कृत
Pia2072 Profile picture 1 subscribed
May 27, 2021 6 tweets 2 min read
लक्षद्वीप:
1970 के उत्तरार्ध की बात है। लक्षद्वीप के कवरत्ती से हिंसा की खबर आई। केरल राजभवन में सुरक्षा बलों की एक कम्पनी तैनात थी जिसके कम्पनी कमांडर गढ़वाल के रावत साहब थे। रात को 10 बजे कम्पनी को मूव करने का आदेश आया। जो जिस हालत में था लाठी और राइफल लेकर तैयार हुआ। राजभवन से बसों में सवार होकर रात के 12 बजे मूवमेंट शुरू हुआ। 4 बजे सभी कोचीन बन्दरगाह पर पहुंचे। भारतीय नौसेना का जहाज कृष्णा खड़ा था। वहां पर पूरे कम्पनी का फ्रेश पर्टिकुलर्स तैयार किया गया। राशन की लोडिंग हुई और 2 बजे जहाज चल पड़ा। अगले दिन कम्पनी कवरत्ती पहुंची।
Sep 16, 2020 4 tweets 2 min read
ऋषि: - शङ्खो यामायनः
देवता - पितरः
छन्द: - विराट्त्रिष्टुप्
स्वर: - धैवतः

आहम्पि॒तॄन्सु॑वि॒दत्राँ॑ अवित्सि॒ नपा॑तं च वि॒क्रम॑णं च॒ विष्णोः॑।
ब॑र्हि॒षदो॒ ये स्व॒धया॑ सु॒तस्य॒ भज॑न्त पि॒त्वस्त इ॒हाग॑मिष्ठाः॥
(#ऋग्वेद १०.१५.०३)
#पितृपक्ष उत्तम ज्ञान से युक्त पितरों को तथा अपान पात् और विष्णु के विक्रमण को, मैंने अपने अनुकूल बना लिया है । कुशासन पर बैठने के अधिकारी पितर प्रसन्नापूर्वक आकर अपनी इच्छा के अनुसार हमारे-द्वारा अर्पित हवि और सोमरस ग्रहण करें।
Jun 21, 2020 12 tweets 3 min read
बिहार रेजीमेंट के जवानों की शौर्यगाथा, कर्नल बी. संतोष बाबू के शहीद होने के बाद तोड़ी 18 चीनी सैनिकों की गर्दन:

पिछले दिनों गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने एक सोची-समझी साजिश के तहत भारतीय जवानों पर हमला किया। हालांकि चीन की पीएलए ऑर्मी की तरफ से अचानक हुए इस हमले में पहले भारत को बड़ा नुकसान हुआ, लेकिन उसके बाद जिस तरह से बिहार रेजीमेंट के जवानों ने मोर्चा संभाला, उसके बाद चीनी सैनिक भाग खड़े हुए।

उस रात बिहार रेजीमेंट के जवानों ने बहादुरी की कहानी,
Jun 16, 2020 22 tweets 5 min read
1983 में तत्कालीन बिहार सरकार को हिलाने वाले बहुचर्चित श्वेतनिशा उर्फ बॉबी हत्याकांड और उसके बाद हुए हलचल पर सुजीत जी ने दैनिक भास्कर ने एक शृंखला लिखी थी। यशस्वी आचार्य श्री किशोर कुणाल उस समय पटना एसएसपी थे। सीबीआई की भूमिका पर सवाल खड़े हुए थे। पूरी शृंखला सूत्रवत है:
भाग 1 भाग 2
Jun 9, 2020 31 tweets 6 min read
बीते 5 जून को 1985-88 के बीच दिल्ली पुलिस के कमिश्नर रहे वेद प्रकाश मारवाह का 87 वर्ष की आयु में गोवा में निधन हो गया है। वेद मारवाह हमेशा देश के बेहतरीन पुलिस अधिकारियों में गिने जाएंगे। उनके जीवन के कुछ प्रसंगों की रेहान भाई चर्चा करते हैं। अप्रैल 1985 में दिल्ली के पुलिस कमिश्नर का पद संभालने के कुछ महीनों के अंदर ही उन्होंने गृह सचिव सी.जी. सोमैया से मिलने का समय माँगा।
सोमैया से मिलने पर उन्होंने शिकायत की कि वो गृह मंत्री बूटा सिंह से परेशान हैं।
Apr 29, 2020 4 tweets 2 min read
यह हमारी प्राचीन परम्परा है, वैसे तो हमारी हर बात प्राचीन परम्परा है, कि लोग बाहर जाते हैं और ज़रा–ज़रा–सी बात पर शादी कर बैठते हैं। अर्जुन के साथ चित्रांगदा आदि को लेकर यही हुआ था। यही भारतवर्ष के प्रवर्त्तक भरत के पिता दुष्यन्त के साथ हुआ था,
#रागदरबारी यही ट्रिनिडाड और टोबैगो, बरमा और बैंकाक जानेवालों के साथ होता था, यही अमरीका और यूरोप जानेवालों के साथ हो रहा है और यही पण्डित राधेलाल के साथ हुआ। अर्थात् अपने मुहल्ले में रहते हुए जो बिरादरी के एक इंच भी बाहर जाकर शादी करने की कल्पना–मात्र से बेहोश हो जाते हैं…
Apr 26, 2020 29 tweets 5 min read
अकाल के बाद मनुष्यता की दूसरी सबसे बड़ी दुश्मन थी महामारी और संक्रामक बीमारियाँ। सौदागरों, सरकारी कर्मचारियों और तीर्थयात्रियों के अन्तहीन ताँते से जुड़े हलचल भरे नगर एक साथ मानव सभ्यता की आधारशिला और रोगाणुओं का घर हुआ करते थे। नतीजतन, प्राचीन एथेंस या मध्ययुगीन फ़्लोरेंस में लोग इस अहसास के साथ अपना जीवन जिया करते थे कि वे बीमार पड़कर अगले हफ़्ते मर सकते हैं, या अचानक कोई महामारी फैलकर एक झटके में उनके पूरे परिवार को ख़त्म कर सकती है।
Apr 19, 2020 4 tweets 1 min read
अक्षौहिणी सेनामें कितने पैदल, घोड़े, रथ और हाथी होते हैं?
एक रथ, एक हाथी, पाँच पैदल सैनिक और तीन घोड़े—बस, इन्हींको सेनाके मर्मज्ञ विद्वानोंने ‘पत्ति’ कहा है। इसी पत्तिकी तिगुनी संख्याको विद्वान् पुरुष ‘सेनामुख’ कहते हैं। तीन ‘सेनामुखों’ को एक ‘गुल्म’ कहा जाता है। तीन गुल्मका एक ‘गण’ होता है, तीन गणकी एक ‘वाहिनी’ होती है। और तीन वाहिनियोंको सेनाका रहस्य जाननेवाले विद्वानोंने ‘पृतना’ कहा है। तीन पृतनाकी एक ‘चमू’, तीन चमूकी एक ‘अनीकिनी’ और दस अनीकिनीकी एक ‘अक्षौहिणी’ होती है। यह विद्वानोंका कथन है।
Apr 9, 2020 8 tweets 2 min read
रोगनिवारण-सूक्त (अथर्ववेद से)
छन्द - अनुष्टुप
ऋषि - शंताति
देवता - चन्द्रमा एवं विश्वेदेवा

यह सूक्त ऋग्वेद में भी है। मान्यता है कि इसके जप-पाठ से रोग नष्ट हो जाते हैं। आइए इस सूक्त के सभी ऋचाओं को देखते हैं। उत देवा अवहितम् देवा उन्न्यथा पुनः।
उतागश्च्कृषम् देवा देवा जीवयथा पुनः॥१॥

हे देवों ! हे देवों ! आप नीचे गिरे हुए को फिर निश्चयपूर्वक ऊपर उठायें. हे देवों ! हे देवों ! और पाप करनेवाले को भी फिर जीवित करें, जीवित करें।
Jul 19, 2019 92 tweets 18 min read
एक प्रोबेशनर डीएसपी और बोरे में भरी टिकुली बिंदी) की कहानी ।

(इस कहानी में सच का मुझे कभी पता नहीं चला। अनुभव और ज्ञान की कमी के कारण मैं भ्रमित हुआ-ऐसा भी हो सकता है। पर अनुरोध है कि पूरी कहानी जरूर पढें।)

पहली किश्त - हजारीबाग में ट्रेनिंग के बाद प्रोबेशन
के लिए सहरसा जिला भेजा गया। पीडब्ल्यूडी के गेस्टहाऊस के एक कमरे में रहने का जुगाड़ हो गया था। खाना खुद बना लेता था। एक दिन एक पत्रकार मेरे पास आये। उन्होंने बातचीत के क्रम में चुनौती भरे लहजे में कहा कि
Mar 26, 2019 25 tweets 6 min read
★पुलिस अधिकारी और 'मंगल'७ राज ⚔

बिहार के एक भूतपूर्व DGP जो लालू-राबड़ी के कार्यकाल में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके थे उनके अनुसार लालू यादव सीधे थानेदारों को फोन लगाकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दरकिनार कर हतोत्साहित करना शुरू किए। एक CM का इसतरह निचले क्रम से जुड़ना एक मायने में अच्छा कहा जा सकता है कि ग्राउंड लेवेल की बातें तथ्यात्मक रूप से पहुंचे। पर जब यह पुलिस की कार्यशैली को गलत तरीके से प्रभावित करने के लिए किया जाए तो इसका असर विधि व्यवस्था पर बहुत ही प्रतिकूल तरीके से पड़ता है। जब एक थानेदार सीधे मुख्यमंत्री से जुड़ जाए तो पदानुक्रम भंग हो
Dec 13, 2018 5 tweets 2 min read
विष्णु बाबा के TL से साभार:

चुनाव के बाद मोदी के अहं की बात चल पड़ी है। लोग कह रहे हैं कि मोदी ने रैली में गालियाँ दी। किसी के मरे हुए पुरखों को कोसा।
आज अचानक एक चित्र का ध्यान आया। बिहार में एक रेलवे स्टेशन है, समस्तीपुर। उसके प्लेटफॉर्म संख्या 3 पर एक गड्ढे में छोटा सा स्मारक बना है। महीन अक्षरों में उसपर जो विवरण लिखा है वह आपको इस चित्र में नही दिखेगा।
अघोरी आपको एक कथा सुनाता है। 50 वर्ष होने को आए, एक रेल मंत्री थे ललित नारायण मिश्र ; आज के डिजिटल विद्वान जिनका नाम नहीं जानते होंगे।