Ashok Kumar Pandey अशोक اشوک Profile picture
Author: Kashmirnama,Kashmir & Kashmiri Pandits,Why They Killed Gandhi, Savarakar Kala Pani aur Uske Baad: ॥https://t.co/TOQU8njmrB॥ YouTube: https://t.co/cXk7eUznTQ
Jan 6, 2023 4 tweets 2 min read
हल्द्वानी पर दर्द और जम्मू पर चुप्पी?

जम्मू में एक इलाक़ा है RS पुरा। वह भी पूरी तरह रेलवे की ज़मीन पर बसा है। क़िस्सा रोचक है, थ्रेड पढ़िए।

•1897 में वहाँ पहली रेल लाइन बनी। जम्मू से सियालकोट 43 किलोमीटर।

विभाजन हुआ तो रूट आधा भारत में आधा पाकिस्तान में चला गया।
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पाकिस्तान की तरफ़ तो ट्रैक चालू रखा गया। लेकिन भारत की तरफ़ इस स्टेशन का प्रयोग ख़त्म हो गया।

पुँछ से रिफ़्यूजी आये तो आर एस पुरा में रेलवे की ज़मीन पर बस गये। तबसे आज तक बसे हुए हैं। लोगों को ज़मीन एलॉट हुई, लेकिन रेलवे का क़ब्ज़ा फिर भी नहीं छोड़ा।

[बेकार पड़ा स्टेशन] +
Jul 6, 2022 4 tweets 1 min read
मुखर्जी और कश्मीर

जब संविधान सभा में 370 (तब 306-ए) पास हुई तो श्यामाप्रसाद मुखर्जी मंत्रिमंडल में थे। विरोध बस मौलाना हसरत मोहानी ने किया, मुखर्जी कुछ नहीं बोले। पटेल भी नहीं। पटेल के ख़ास आयंगर साहब ने मौलाना से कहा कि 370 तोड़ने वाली नहीं जोड़ने वाली धारा है।

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जब पाकिस्तान से सीज़ फ़ायर हुआ और सीज़ फ़ायर रेखा बनी (यही शिमला समझौते के बाद नियंत्रण रेखा कहलाई) तो भी मुखर्जी और पटेल मंत्रिमंडल में थे। किसी ने विरोध नहीं किया। पटेल उसके ठीक पहले अयंगर को पत्र में लिख रहे थे कि युद्ध का ख़र्च उठाना मुश्किल हो रहा है। ख़ज़ाना ख़ाली हो रहा।
Feb 9, 2022 7 tweets 2 min read
#अगरकाँग्रेसनहींहोतीतो -1

**सावरकर के छोटे भाई माफी के बावजूद न मिल रही बड़े भाइयों की रिहाई के लिए मदद मांगने किसके पास जाते? #अगरकाँग्रेसनहींहोतीतो -2

**अंग्रेज़ों भारत छोड़ो का नारा कौन देता?
Jan 27, 2022 5 tweets 1 min read
इतना याद रखिए, देवता कोई नहीं होता। न नेहरू न सुभाष न कोई और।

द्वितीय विश्वयुद्ध में हिटलर के साथ जाना सही निर्णय तो नहीं ही था। रेकर्ड्स बताते हैं कि हिटलर कभी भारत की आज़ादी के पक्ष में नहीं रहा। जो योरप के देशों को ग़ुलाम बना रहा था, वह भारत को क्या आज़ाद कराता?

+ कांग्रेस अध्यक्ष रहते बिना साथियों को भरोसे में लिए नेताजी की जर्मनी और जापान के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात एक राजनैतिक चूक थी।

पर्ल हार्बर जैसी घटनाएँ हों या दूसरी जगहों पर जापान का व्यवहार, भरोसा करना मुश्किल है कि जापान या जर्मनी हमारे मुक्तिदाता होते।

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Mar 19, 2021 9 tweets 2 min read
अक्सर कहा जाता है कि जहाँ मुस्लिम बहुसंख्य हैं वहाँ लोकतंत्र नहीं। इस थ्रेड में कुछ उदाहरण पढ़िए

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*अजरबैजान की कुल आबादी में 8,6,75,000 (92.2%) मुस्लिम है। अजरबैजान एक धर्मनिरपेक्ष (Secular State) देश है। संदर्भ के लिए उनके संविधान के अनुच्छेद 48 को देखें। *अल्बानिया की कुल आबादी में 2,5,22,000 (79.9%) मुस्लिम हैं और वह आज एक सेक्युलर देश है। लोग अपने धार्मिक विश्वास करने या ना करने और अपने धार्मिक विश्वास को बदलने के लिए स्वतंत्र हैं।

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Sep 16, 2020 4 tweets 1 min read
लोकमान्य के पुत्र श्रीधर तिलक जातिवाद के ख़िलाफ़ लिखते रहे। ज्योतिबा फुले की तारीफ़ की और अम्बेडकर के साथ उनके मित्रतापूर्ण सम्बन्ध थे। डॉ अम्बेडकर ने कहा था - असली लोकमान्य तो श्रीधर हैं। हालत यह कि तिलकपंथियों ने केसरी में उनके लिखने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। 1/n 8 अप्रैल 1921 को जब उन्होंने ‘समता संघ’ की स्थापना की तो मुख्य अतिथि थे अम्बेडकर। इसमें सहभोजन का कार्यक्रम किया गया। उन्होंने सहभोजन उत्सव ‘अस्पृश्य मेला’ आयोजित किया। इसमें विघ्न पहुँचाए गए। मारपीट की नौबत आई लेकिन वह झुके नहीं। 2/n
Jan 27, 2020 6 tweets 2 min read
किस्सा नेहरू का
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मोतीलाल नेहरू का परिवार मूलतः कश्मीर घाटी से था। अठारहवीं सदी के आरम्भ में पंडित राज कौल ने अपनी मेधा से मुग़ल बादशाह फ़र्रुख़सियर का ध्यान आकर्षित किया और वह उन्हें दिल्ली ले आये जहाँ कुछ गाँव जागीर के रूप में मिले।

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किस्सा नेहरू का 2/n
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हालाँकि फ़र्रुख़सियर की हत्या के बाद जागीर का अधिकार घटता गया लेकिन यह परिवार दिल्ली में ही रहा और उनके पौत्रों मंशाराम कौल और साहेबराम तक ज़मींदारी अधिकार रहे। मंशाराम कौल के पुत्र लक्ष्मीनारायण दिल्ली के मुग़ल दरबार मे ईस्ट इंडिया कंपनी के पहले वकील हुए।