भारतीय रसोई के #चूल्हे की राख में ऐसा क्या था कि, वह पुराने जमाने का Hand Sanitizer थी ...?
उस समय Hand Sanitizer नहीं हुआ करते थे, तथा साबुन भी दुर्लभ वस्तुओं की श्रेणी आता था। उस समय हाथ धोने के लिए जो सर्वसुलभ वस्तु थी, वह थी चूल्हे की राख। जो बनती थी
लकड़ी तथा गोबर के कण्डों के जलाये जाने से। चूल्हे की राख का रासायनिक संगठन है ही कुछ ऐसा ।
आइये चूल्हे की राख का वैज्ञानिक विश्लेषण करें। इस राख में वो सभी तत्व पाए जाते हैं, वे पौधों में भी उपलब्ध होते हैं। इसके सभी Major तथा Minor Elements पौधे या तो मिट्टी से ग्रहण करते
Nov 12, 2022 • 7 tweets • 2 min read
#भक्त_कागभुषंडी_जी
कौवे के रूप मे दिखने वाले कागभुषंडी प्रभु श्रीराम के बहुत बडे भक्त थे और इन्हे ये वरदान प्राप्त था कि वो समय के बाहर जा सकते थे यानि कि पूर्व मे क्या घटित हुआ और भविष्य मे क्या घटित होगा वो सब देख सकते थे वो समय के बनने बिगडने की प्रक्रिया को देख सकते थे ।
इसलिए उन्होंने महाभारत ११ बार और रामायण १६ बार देखा था वो भी बाल्मिकि जी द्वारा रामायण और वेदव्यास जी द्वारा महाभारत लिखे जाने से पहले क्योकि ये अपने पूर्व जन्म मे कौवा थे और सबसे पहले राम कथा भगवान शंकर ने माता पार्वती जी को सुनाया था तो इन्होने भी सुन लिया था और मरने के बाद