नमस्ते शारदे देवि काश्मीरपुरवासिनि।
त्वामहं प्रार्थये नित्यं विद्यादानं देहि।।
I shall return to my motherland even if it takes a thousand lifetimes....
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Dec 13, 2022 • 14 tweets • 3 min read
पूरा मत पढ़ना वर्ना आपके अंदर का शेखूलर मर जाएगा
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दीदी पढ़ाई-लिखाई में खूब होशियार थी।
दीदी को कई किताबें मुँहजुबानी याद थी।
दीदी ने खूब सारा इतिहास पढ़ रखा था।
दीदी की नसों में खून नहीं *Secularism* बहता था।
दीदी को सभी धर्म एक ही लगते थे।
दीदी को अपने भगवानों पर भरोसा नहीं था।
दीदी भी सोचती थी कि भगवान ने तो सबको इंसान बनाया है, फिर ये हिन्दू-मुस्लिम किसने किया?