जब साक्षी ने गोल्ड मैडल जीता तब खुशी के मारे कोच सर ने साक्षी को गले से लगा लिया
एक पिता की भांति उसे अपनी बच्चे की तरह कंधे पर उठा लिया
देश के लिए गौरव पूर्ण इन क्षणों मे वह कोच भावुक हो ही जायेगा जिसका सिखाया हुआ बच्चा उसका और देश का नाम पूरे विश्व मे
रोशन कर दे
क्या इस प्रकार एक पिता तुल्य कोच का अपने पुत्र या पुत्री सरीखी खिलाड़ी को गोद मे उठा लेना उन विजयी क्षणों में, कंधे में बिठा लेना या प्यार से माथा चूम लेना शोषण की श्रेणी में आता है ?
मेरे हिसाब से तो यह शुद्ध प्रेम और भावुकता की निशानी है उस पिता तुल्य कोच की जिसके
अभी पंजाब की सबसे बड़ी समस्या है अनाज को रखने की जगह की कमी. जगह की कमी के कारण किसानों को अपनी फसल खुले में फेंकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है....वहीं मौसम की मार है.
इसीलिए किसान सड़को और श्मशान घाट जैसी जगहों पर अपनी फ़सल फेंकने को मजबूर होना 1/9
पड़ रहा है.. सरकार भी अनाज खरीद कर उसे उठाने में अक्षम है..इसलिए खरीदा गया गेहूं मंडियों में पड़ा हुआ है, जबकि राज्य के अपने साइलो और गोदाम कम उपयोग में हैं।
पहली तस्वीर में रमनदीप सिंह मान का ट्वीट है.... ये बहुत परेशान हैं, कि किसानों का अनाज रखने की व्यवस्था 2/9