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किसी राज्य में सभी लोग एकादशी का व्रत करते थे।
एक बार आसोटा नामक स्थान पर एक जाट खेत जोत रहा था तभी उसके हल की नोक किसी कठोर चीज से टकराई। उसे निकाल कर देखा तो एक पत्थर था।
पितरों को खुश रखने के लिए पितृ पक्ष में कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए:-
फूल मालाएं बेचकर जो कुछ धन आता उसमे साधू संत, गौ सेवा करता और बचे हुए धन से अपने परिवार का पालन पोषण करता था। कुछ समय बाद मणिदास के स्त्री-पुत्र एक भयंकर रोग की चपेट में आ गए और एक-एक करके सबका परलोक वास हो गया।
लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंज़ूर था। आधे रास्ते में समुद्र में तूफ़ान आ गया और उसकी नाव तहस-नहस हो गई। वह किसी तरह अपनी जान बचाकर, तैरता हुआ एक निर्जन टापू पर पहुँच गया।
उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने उनको दर्शन दिए और वर मांगने को कहा। तब भृंगी ने उनसे वर माँगा कि वे जब भी चाहें उन्हें महादेव का सानिध्य प्राप्त हो सके।
मंगलवार को व्रत करने से अमंगल का नाश होता है. मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए ये व्रत बहुत लाभकारी माना गया है।
शनि एक राशि में ढाई वर्ष होता है, इस प्रकार 3 राशियों में शनि के कुल निवास को साढ़ेसाती कहते हैं। जब कुंडली में जन्म राशि अर्थात चंद्र राशि से 12वें स्थान पर शनि का गोचर प्रारंभ होता है तो इसी समय से उस राशि पर साढ़ेसाती शुरू होती है।
नंदी को शिव का प्रिय गण माना जाता है, जो सदैव उनकी सेवा में तत्पर रहते हैं।
इस घाट को महाश्मशान भी कहा जाता है, क्योंकि यहां कभी चिता की अग्नि शांत नहीं होती है।
लक्ष्मी धन की अधिष्ठात्री देवी हैं। लक्ष्मी के बारे में कहा जाता है यह चंचला हैं और किसी एक जगह ज्यादा समय तक स्थिर नहीं रहती।
महाभारत में कहा गया है कि उनकी कुल 16108 पत्नियाँ थीं। इनमें 16,100 को नरकासुर से बचाया गया था, जहाँ उन्हें जबरन रखा गया था।
नवरात्रि में अखंड ज्योति और कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि के खत्म होने के बाद यह सवाल कई लोगों के मन में होता है कि कलश के ऊपर रखे नारियल का आखिर क्या करना चाहिए.
माता कात्यायनी का स्वरूप:-
🌿 धार्मिक, आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक तीनों ही दृष्टि में तुलसी के पौधे को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। तुलसी से जुड़े उपाय भी बेहद सार्थक माने जाते हैं।
1. मंदिर में प्रवेश नंगे पैर ही करना पड़ता है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि मंदिर की फर्शों का निर्माण इस प्रकार किया जाता है कि ये इलेक्ट्रिक और मैग्नैटिक तरंगों का सबसे बड़ा स्त्रोत होती हैं।
1. अणिमा : 'अणिमा' का अर्थ होता है अपने शरीर को अणु से भी छोटा कर लेना।
1. सूर्य, गणेश, माँ दुर्गा, शिव और श्री विष्णु, ये पंचदेव कहलाते हैं, इनकी पूजा सभी कार्यों में अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए।
श्रीमंदिर में खेचुड़ी या खिचड़ी सबसे खास है. कई बार श्रद्धालुओं को इसका विशेष प्रसाद भी दिया जाता है.