"#हुंकार_की_कलंगी" #मेवाड़ की एक प्रमुख जागीर #कोशीथल ठिकाने की #क्षत्राणीवीरांगना_मां की मातृभूमि के प्रति समर्पण की गौरव गाथा है।जो अपने पुत्र के स्थान पर #मर्दानापौशाक में सेना का नेतृत्व किया व शत्रु सेना के छक्के छुड़ा दिए।जिनकी वीरता को देखकर राणा भी अचरज में पड़ गये 1/19
राणा राजसिंह जी के पत्र में लिखा था कि सभी सरदारों को अपनी अपनी सेना लेकर मेवाड़ कूच करने का आदेश दिया जाता है।ऐसा नहीं करने वालों की जागीर जब्त कर ली जाएगी।(जागीर जब्त करने का आदेश इसलिए था क्योंकि यह युद्ध मराठों के विरुद्ध लड़ना था और कई राजपूत यह सोचकर युद्ध में नहीं आते 2/19