उम्मीदों का दामन थाम रहे हो तो हौसला कायम रखना
क्योकि जब नाकामियां चरम पर हो तो,कामयाबी बेहद करीब होती है
Jul 19, 2021 • 18 tweets • 3 min read
देव शयनी एकादशी...
देव शयनी एकादशी से देव शयन अवस्था मे होते है,अर्थात भारतीय संस्कृति की साकार उपासना परंपरा मानती है कि देव भी सोते है,
शास्त्रों के अनुसार देवों के शयनकाल के दौरान शुभ कार्य वर्जित होते है,
देव शयनी एकादशी के दिन का अपना एक विशेष महत्व है,यह एकादशी इस मायने में भी अनूठी है कि इस दिन का पुण्यफल दान किया जा सकता है,
इस वर्ष देव शयनी एकादशी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 20 जुलाई मंगलवार को आ रही,इस दिन से पवित्र चातुर्मास का भी आरंभ होगा।
Jul 9, 2021 • 21 tweets • 3 min read
संस्कृत ही विश्व की सर्वश्रेष्ठ भाषा है,संस्कृत भाषा को समस्त भाषाओं की जननी भी कहा जाता है,
इससे सुंदर दूसरी भाषा नही कोशिश कर संस्कृत भाषा को अवश्य सीखें,
संस्कृत भाषा की सुदंरता के अप्रतिम उदाहरण स्वरूप प्रतिदिन स्मरण योग्य शुभ सुंदर मंत्र संग्रह निम्न श्रृंखला में...
श्लोक-:
🔹 प्रात: कर-दर्शनम्🔹
कराग्रे वसते लक्ष्मी
करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविन्दः
प्रभाते करदर्शनम्॥
🔸पृथ्वी क्षमा प्रार्थना🔸
समुद्र वसने देवी
पर्वत स्तन मंडिते।
विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं
पाद स्पर्शं क्षमश्वमेव॥
Oct 18, 2020 • 7 tweets • 2 min read
नवदुर्गा के 9 रूप बताते हैं स्त्री का संपूर्ण जीवन -:
एक स्त्री के पूरे जीवन चक्र को मां अंबे के 9 रूपों से समझा जा सकता है,नवदुर्गा के नौ स्वरूपों के माध्यम से एक स्त्री का संपूर्ण जीवन प्रतिबिंबित होता है.....जानिये कैसे -------
समनस सुंदरि माधवी चंद्रसहोदरीहेममये
मुनिगणवंदित मोक्षप्रदायनि मंजुलभाषिणी वेदनुते
पंकजवासिनि देवसुपुजित सद्गगुणवर्षिणीशान्तियुते
जय जय हे मधुसूदनकामिनी आदिलक्ष्मी परिपालय माम् ||1||
May 19, 2020 • 21 tweets • 3 min read
महाराजा विक्रमादित्य और उनके दरबार के नवरत्नों की जानकारी-:
हमारे देश के देवतुल्य महाराजा विक्रमादित्य के दरबार में नवरत्न हुआ करते थे,और प्रत्येक रत्न अपने विषय का प्रकांड विद्वान व अपने विषय मे कुशल पारंगत था,अफसोस कि हमारे पाठ्यक्रम में इस बाबत बहुत कम जानकारी दी जाती है,
राजा विक्रमादित्य के दरबार के नवरत्नो।के विषय मे कम लोग जानते हैं कि आखिर ये नवरत्न थे
कौन-कौन,
राजा विक्रमादित्य के दरबार मे मौजूद नवरत्नों मे उच्च कोटि के कवि,विद्वान,गायक और गणितज्ञ शामिल थे,जिनकी योग्यता का डंका देश-विदेश में बजता था,आइये जानते हैं कौन थे,
ये हैं नवरत्न –👇
Apr 23, 2020 • 49 tweets • 10 min read
भारत के गुफा मंदिरों का रोचक व अद्भुत तथा विलक्षण संसार.…...!!!
संपूर्ण विश्व मे भारत स्थित गुफा मंदिर स्थापत्य कला,वास्तुकला व उत्कृष्टम अभियांत्रिकी के सर्वोकृष्ट व सर्वोत्तम उदाहरण है,
भारत मे चट्टानों को काटकर व तराशकर बनाई गयी गुफाओं (रॉक कट स्थापत्य) का इतिहास बहुत प्राचीन है,वैसे तो संपूर्ण विश्व मे चट्टानों को काटकर व तराशकर बनाई गुफाओं की कमी नही,
Apr 14, 2020 • 22 tweets • 4 min read
रामायण का एक सत्य जिसकी जानकारी शायद कम लोगो को हो.....
======================
केवल लक्ष्मण ही मेघनाद का वध कर सकते थे..
क्यों व क्या कारण था....?👇
हनुमानजी की रामभक्ति की गाथा संसार में भर में गाई जाती है किन्तु लक्ष्मणजी की भक्ति भी अद्भुत थी,लक्ष्मणजी की कथा के बिना श्री रामकथा पूर्ण नहीं है लंका विजय पश्चात एक बार अगस्त्य मुनि अयोध्या आए और लंका युद्ध का प्रसंग छिड़ गया,
Mar 17, 2020 • 16 tweets • 3 min read
महामृत्युंजय मंत्र-: शिवजी को महाँकाल भी कहा जाता है,शिव का प्रिय मंत्र है महामृत्युंजय मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र को शास्त्रों में महामंत्र का दर्जा प्राप्त है,इस मंत्र के प्रत्येक शब्द में असीमित ऊर्जा व प्राणवायु संचित है,अकाल मृत्यु से रक्षा व दीर्घायु हेतु उक्त मंत्र वरदान है
महामृत्युंजय मंत्र अर्थात
"ॐ त्र्यंबकम् मंत्र" के 33 अक्षर हैं
जो महर्षि वशिष्ठ के अनुसार 33 देवताओ के घोतक हैं,
उन तैंतीस देवताओं में 8 वसु 11 रुद्र और 12 आदित्यठ 1 प्रजापति तथा 1 षटकार हैं,
Feb 21, 2020 • 6 tweets • 1 min read
श्लोक -:
त्वमर्कस्त्वं सोमस्त्वमसि पवनस्त्वं हुतवहः।
त्वमापस्त्वं व्योम त्वमु धरणिरात्मा त्वमिति च।।
परिच्छिन्नामेवं त्वयि परिणता बिभ्रति गिरं।
न विद्मस्तत्तत्त्वं वयमिह तु यत् त्वं न भवसि।।
श्लोक भावार्थ-::
आप ही सूर्य, चन्द्र, धरती, आकाश, अग्नि, जल एवं वायु हैं।
आप ही आत्मा भी हैं। हे देव !
मुझे ऐसा कुछ भी ज्ञात नहीं जो आप न हों।
Feb 20, 2020 • 53 tweets • 8 min read
ॐ नमः शिवाय,
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर जानिये देवो के देव भगवान महादेव के बारे में कुछ रोमांचकारी व रहस्यमयीं बाते...!!!
" जय महाँकाल "
भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है,
1. आदिनाथ शिव : - सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है,आदि' का अर्थ प्रारंभ
आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम 'आदिश' भी है,
Feb 8, 2020 • 22 tweets • 4 min read
महाराणा प्रताप -:
शायद देश के बहुसंख्यक लोगो को ये पता भी नही व इतिहास में शायद वे पढ़ाया भी नही गया
हल्दीघाटी के बाद अगले १० साल में मेवाड़ में क्या हुआ,कहीं सुनियोजित तरीके से इतिहास से ये पन्ने हटा तो नही दिये,हल्दीघाटी युद्ध के बाद का समय हिन्दुओं के शौर्य के प्रतीक हैं.
इतिहास में शायद ये भी नहीं पढ़ाया गया है कि हल्दीघाटी युद्ध में जब महाराणा प्रताप ने कुंवर मानसिंह के हाथी पर जब प्रहार किया तो शाही फ़ौज डर के पांच छह कोस दूर तक भाग गई थी और अकबर के आने की अफवाह से पुनः युद्ध में सम्मिलित हुई
ये वाकया अबुल फज़ल की पुस्तक अकबरनामा में दर्ज है.
Jan 29, 2020 • 14 tweets • 3 min read
" वसन्त पंचमी का शौर्य "🚩
🚩" भारतीय इतिहास की गौरवगाथा.."🚩
मत चुको चौहान...!
" चार बांस, चौबीस गज, अंगुल अष्ठ प्रमाण!
ता उपर सुल्तान है, मत चूको चौहान!! "
वसंत पंचमी का दिन हमें...
" हिन्दशिरोमणि पृथ्वीराज चौहान " की भी याद दिलाता है,उन्होंने विदेशी मुगल आक्रमणकारी मोहम्मद गौरी को 16 बार पराजित किया और उदारता दिखाते हुए हर बार जीवित छोड़ दिया...
Jan 22, 2020 • 13 tweets • 4 min read
कुतुबुद्दीन घोड़े से गिर कर मरा,
यह तो सब जानते हैं,
लेकिन कैसे?
ये हमें इतिहास में नहीं बताया गया...क्यों
जानिये....
वो वीर महाराणा प्रताप जी का 'चेतक' घोड़ा सबको याद है,
लेकिन 'शुभ्रक' नहीं!
तो जानिये कौन था 'शुभ्रक' घोड़ा की......,
कायर कुतुबुद्दीन ऐबक ने धोखे से हमला कर राजपूताना में जम कर कहर बरपाया,
और
उदयपुर के 'राजकुंवर कर्णसिंह' को बंदी बनाकर लाहौर ले गया,
कुंवर का 'शुभ्रक' नामक एक स्वामिभक्त घोड़ा था,
जो कुतुबुद्दीन को पसंद आ गया और वो उसे भी साथ ले गया,
Jan 13, 2020 • 18 tweets • 3 min read
मंदिर में जाने से पहले क्यों बजाते हैं घंटा या घंटी..?
मंदिर के द्वार पर और विशेष स्थानों पर घंटी या घंटे लगाने का प्रचलन प्राचीन काल से ही रहा है,लेकिन इस घंटे या घंटी लगाने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व क्या है?
कभी आपने सोचा कि यह किस कारण से लगाई जाती है?
Dec 4, 2019 • 12 tweets • 3 min read
अमर सिंह राठौड़,
भरे दरबार मे शाहजहाँ के साले सलावत खान ने अमर सिंह राठौड़(नागौर राजा)को काफ़िर कह कर गालियाँ बकनी शुरू की और सभी मुगल दरबारी उन गालियों को सुनकर हँस रहे थे,
अगले ही पल सैनिकों और शाहजहाँ के सामने वहीं पर दरबार में अमर सिंह राठौड़ ने सलावत खान का सर काट फेंका,
शाहजहाँ कि सांस थम गयी। इस 'शेर' के इस कारनामे को देख कर मौजूद सैनिक वहाँ से भागने लगे.अफरा तफरी मच गयी, किसी की हिम्मत नहीं हुई कि अमर सिंह को रोके या उनसे कुछ कहे. शाहजहां के दरबारी जान लेकर इधर-उधर भागने लगे.अमर सिंह अपने घोड़े को किले से कुदाकर घर (नागौर) लौट आये.
Nov 22, 2019 • 24 tweets • 4 min read
हिंदुओं के चार धामों में से प्रमुख बद्रीनाथ धाम की सम्पूर्ण कथा!!!!!!!
बद्रीनाथ मंदिर,जिसे बद्रीनारायण मंदिर भी कहते हैं,अलकनंदा नदी के किनारे उत्तराखंड राज्य में स्थित है,यह मंदिर भगवान विष्णु के रूप बद्रीनाथ को समर्पित है,यह हिन्दुओं के चार धाम में से एक धाम भी है,ऋषिकेश से यह २९४ किलोमीटर की दूरी पर उत्तर दिशा में स्थित है।
Nov 9, 2019 • 29 tweets • 5 min read
मंत्र या माला जप में -१०८ का रहस्य...?
॥ ॐ॥ का जप करते समय १०८ प्रकार की विशेष भेदक ध्वनी तरंगे उत्पन्न होती है जो किसी भी प्रकार के शारीरिक व मानसिक घातक रोगो के कारण का समूल विनाश व शारीरिक व मानसिक विकास का मूल कारण है,बौद्धिक विकास व स्मरण शक्ति के विकास में अत्यन्त प्रबल कारण है,
Nov 4, 2019 • 22 tweets • 4 min read
देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह क्यो?
इसे जानने के लिये ये जानना जरूरी है कि तुलसी कौन थी व इसकी उत्पत्ति कैसे हुई,
तुलसी कौन थी?
पौराणिक कथानुसार``तुलसी(पौधा) पूर्व जन्म मे एक लड़की थी जिस का नाम वृंदा था,राक्षस कुल में उसका जन्म हुआ था बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्त थी.बड़े ही प्रेम से भगवान की सेवा,पूजा किया करती थी.जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल में दानव राज जलंधर से हो गया,
Nov 2, 2019 • 29 tweets • 6 min read
भारत के बाहर थाईलेंड में आज भी संवैधानिक रूप में राम राज्य है,
वहां भगवान राम के छोटे पुत्र कुश के वंशज सम्राट....भूमिबल अतुल्य तेज राज्य कर रहे हैं
जिन्हें नौवां राम कहा जाता है,
भगवान श्रीराम का संक्षिप्त इतिहास
वाल्मीकि रामायण एक धार्मिक ग्रन्थ होने के साथ एक ऐतिहासिक ग्रन्थ भी है,
क्योंकि महर्षि वाल्मीकि राम के समकालीन थे,!
रामायण के बालकाण्ड के सर्ग,70 / 71 और 73 में श्री राम और उनके तीनों भाइयों के विवाह का वर्णन है,
●गोवा राज्य👉 सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद्
दुःखभाग्भवेत्।
●भारतीय जीवन बीमा निगम👉 योगक्षेमं वहाम्यहम्
●डाक तार विभाग👉 अहर्निशं सेवामहे
●श्रम मंत्रालय👉 श्रम एव जयते
●भारतीय सांख्यिकी संस्थान👉 भिन्नेष्वेकस्य दर्शनम्
Oct 1, 2019 • 81 tweets • 13 min read
1.सरस्वती नदी का इतिहास-:
सरस्वती एक पौराणिक नदी जिसकी चर्चा वेदों में भी है,ऋग्वेद (२ ४१ १६-१८) में सरस्वती का अन्नवती तथा उदकवती के रूप में वर्णन आया है,यह नदी सर्वदा जल से भरी रहती थी और इसके किनारे अन्न की प्रचुर उत्पत्ति होती थी,
कहते हैं,यह नदी पंजाब में सिरमूर राज्य के पर्वतीय भाग से निकलकर अंबाला तथा कुरुक्षेत्र होती हुई कर्नाल जिला और पटियाला राज्य में प्रविष्ट होकर सिरसा जिले की दृशद्वती (कांगार) नदी में मिल गई थी,प्राचीन काल में इस सम्मिलित नदी ने राजपूताना के अनेक स्थलों को जलसिक्त कर दिया था,