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अध्यात्म में इसके लिए क्या मार्ग बताये गए हैं...
रखना होता है जैसे कि, हाथी की धातु का बना है, किस रंग का है, उसका सूंड किस दिशा में और हाथी की मूर्ति कैसी है? तो, चलिए जानते हैं...
ऐसे में कल के दिन के स्वामी भगवान गणेशजी रहेंगे जबकि कल के दिन चंद्रमा का गोचर वृषभ उपरांत मिथुन राशि में होने जा रहा है ऐसे में कल गुरु से द्वादश भाव में स्थित होकर चंद्रमा सुनफा योग बनाएंगे जबकि कल दिन के पहले भाग में वृष राशि मे बैठकर चंद्रमा गौरी योग भी बना रहे होंगे।
कुबेर की मूर्ति को घर में रखना तभी शुभ फलदायक होता है जब दिशा, शुद्धता और उद्देश्य ठीक हों. अगर इन चीजों का सही तरीके से ध्यान ना रखा जाए तो इस मूर्ति के फायदे कम और नुकसान ज्यादा दिखने लग जाते हैं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में हर वस्तु की एक सही जगह और दिशा होती है, और अगर वह गलत दिशा में रखी जाती है तो नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकती है. जूते-चप्पल भी उनमें से एक हैं.
उनके जन्म की कथा अत्यंत रहस्यमयी और प्रतीकात्मक है, जो रामायण के उत्तरकांड और पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है। यह कथा केवल जन्म की नहीं, बल्कि आध्यात्मिक रूपांतरण, देवताओं की लीला और प्रकृति के चमत्कारों की भी है।
पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व है। यह एकादशी संतान प्राप्ति की कामना रखने वाले दंपतियों के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है। इसके साथ ही, इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने
भगवान् शिव के अर्धनारीश्वर स्वरूप में उनका आधा हिस्सा शिव का और आधा हिस्सा माता पार्वती का है। उनके इस स्वरूप को समर्पित हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित काठगढ़ में एक अद्भुत मंदिर हैं,
साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह पूजा ग्रह दोषों से भी छुटकारा दिलाती है। आइए जानें इस दिन की पूजा विधि, आवश्यक सामग्री, शुभ मुहूर्त और मंत्र के बारे में। नाग पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त
आपकी कार्यस्थल की परेशानियां और तनाव आपके निजी जीवन को भी कई हद तक प्रभावित करती है.
त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही, यह भी मान्यता है कि बेलपत्र चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि आती है, कष्ट दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
चातुर्मास के दौरान उसका दुष्प्रभाव और भी गंभीर हो सकता है। इसी कारण से ऐसा माना जाता है कि चातुर्मास में ज्यादा से ज्यादा पाठ-पूजा करनी चाहिए, हवन-अनुष्ठान करने चाहिए ताकि इन चार महीनों में सुख-समृद्धि एवं शुभता बनी रहे।
पर बैठना। शास्त्रों के अनुसार, गरुड़ भगवान विष्णु के परम भक्त और उनके वाहन हैं। भगवान विष्णु के कृष्ण अवतार और श्री कृष्ण के जगन्नाथ स्वरूप में गरुड़ देव कई प्रकार से उनकी लीला में सहायक रहे हैं।
भगवान विष्णु के नाम और उनके अर्थ मंत्र सहित
है कि सब इसे नहीं कर पाते। हां, कुछ लोग कुंडली एक्टिवेट जरूर कर लेते हैं लेकिन वो इसे कुण्डलिनी जागृत करना समझ लेते हैं। उनका ये भ्रम उनके आध्यात्मिक उद्देश्य को पूरा होने नहीं देता। इसलिए, ये समझना जरूरी है कि दोनों के बीच क्या महत्वपूर्ण अंतर हैं। तो, चलिए समझते हैं...
व्यक्ति को पूजा का पूर्ण फल भी प्राप्त नहीं होता है। हिंदू धर्म में सुबह और शाम के वक्त की पूजा के दौरान दीपक जलाने का खास महत्व होता है। ऐसा करने से घर से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
कर्ण की वजह से नाराज हुए युधिष्ठिर :
कर्क राशि (Kark Zodiac) :
इन राशियों को इस गोचर के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कहीं आपकी राशि भी तो इसी सूची में नहीं है।
हमारे ब्रह्मांड के नौ ग्रह अपनी किरणों से गर्भ में पल रहे बच्चे को विकसित करते हैं। हर ग्रह अपने स्वभाव के अनुसार बच्चे के शरीर के विभिन्न अंगों और गुणों को आकार देता है।
तो उसकी भव्यता देख कर चकित रह जाते हैं। लंका का द्वार अमूल्य स्पटिकों से जड़ा था और अनेक गज उसके द्वार पर खड़े रहते थे। उस नगरी की रक्षा के लिए बड़े-बड़े सर्प आते जाते रहते थे। लंका के द्वार पर नीलम के चबूतरे बने हुए थे।